मैंने कुछ नहीं कहा।
भाभी ने फिर कहा- तैयार तो हो जाओ.. मैं तुम्हारा रूम साफ कर देती हूँ।
मैंने कहा- जी भाभी।
भाभी को मेरे लंड का उभार पसन्द आया
मैं जैसे ही खड़ा हुआ.. मेरा तने हुए लंड का उभार मेरे शॉर्ट्स से साफ दिख रहा था। मैंने देखा भाभी मेरे लंड को ही देख रही थीं। उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई.. पर मुझे शर्म आ गई.. और मैं झट से बाथरूम में चला गया।
मैं सोचने लगा कि भाभी मेरे बारे में क्या सोच रही होंगी.. मुझे कुछ डर भी लग रहा था।
मैं फ्रेश होकर बाथरूम से आया, तो मैंने देखा भाभी स्टूल पर चढ़ कर वहीं मेरे कमरे में कुछ ऊपर दीवारों के जाले साफ कर रही थीं।
तभी वो अचानक स्टूल से गिर गईं, ‘आआ.. आउ..च..’ की आवाज निकली, मैंने भाभी को सम्भाला.. उनकी साड़ी ऊपर से हट गई।
अब ऊपर सिर्फ काले रंग का ब्लाउज था.. जिसमें उनके गोरे मम्मों की दरार साफ दिख रही थी।
नीचे साड़ी हट जाने से गहरी कामुक नाभि अपना जलवा बिखरते हुए साफ दिख रही थी। मेरा मन किया कि लंड डाल दूँ। इस वक्त भाभी कितनी प्यारी और सेक्सी लग रही थीं।
मेरा हाथ उनकी नंगी कमर पर ही था और मैंने उन्हें सहारा देकर पलंग पर लेटा दिया।
कितना नसीब वाला था मैं.. कि मुझे इतनी जल्दी भाभी कोमल की कमर छूने का मौका मिल गया.. जिससे मेरा लंड और टाईट हो गया।
मैंने भाभी से पूछा- आप ठीक तो होना लगी तो नहीं?
भाभी कराहते हुए बोलीं- ऊइइई मेरी कमर.. बहुत दर्द कर रही है।
मैंने कहा- भाभी डॉक्टर के पास चलते हैं।
भाभी- नहीं इसकी जरूरत नहीं।
प्रिया भाभी ने मुझसे बोला- निखिल.. मेरी कमर पर तुम तेल से थोड़ी मालिश कर दो.. उसी से सही हो जाएगा। क्या तुम कर दोगे निखिल प्लीज़?
यह सुनते ही लगा.. मानो जैसे भगवान ने मेरी सुन ली। मैं उन्हें कैसे मना कर सकता था.. इतना अच्छा मौका हाथ में आया हुआ था।
मैंने कहा- जी भाभी कर दूँगा।
उन्होंने कहा- मेरे कमरे से तेल ले आ.. और मालिश कर दे।
मैं तेल ले आया और देखा भाभी लेटी हुई थीं।
मैंने खड़ा था.. तो भाभी बोलीं- ऊपर आ जाओ पलंग पर और मेरी कमर की मालिश कर दो.. आह्ह.. कमर बहुत दर्द कर रही है।
मैंने हाथ में तेल लिया और भाभी की गोरी कमर मुझे दिख रही थी.. पर ब्लाउज और साड़ी होने के कारण कुछ भाग ही खुला हुआ था। इधर मेरा लंड तो बैठने का नाम नहीं ले रहा था। मैं उनके उभरे हुए चूतड़ों इतने नजदीक से देख सकता था.. क्या नजारा था।
मैंने तेल लिया और मालिश करना शुरू किया। मैं अपने हाथ धीरे-धीरे उनके चूतड़ों तक ले जा रहा था.. मेरी धड़कन बहुत तेज हो गई थीं। मैंने उनके चूतड़ों की दरार को महसूस किया और जल्दी से हाथ हटा दिया.. ताकि भाभी को शक ना हो।
भाभी ने कहा- पूरी कमर पर मालिश करो।
मैंने कहा- पर ये ब्लाउज?
यह सुनते ही भाभी ने वो किया.. जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी। भाभी ने आधा उठ कर अपना ब्लाउज खोल दिया।
मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं.. उनके गोरे मम्मे ब्लाउज की कैद से आजाद हो कर बाहर दिखने लगे। उनके मम्मे बहुत ही बड़े थे.. उन्होंने काली नेट वाली ब्रा पहन रखी थी। भाभी का ध्यान मेरी तरफ ही था, पर उन्होंने कुछ नहीं बोला।
भाभी फिर लेट गईं, मैं मालिश करने लगा.. भाभी को बहुत मजा आ रहा था। ऊपर पूरी कमर तक और बार-बार उनके हाथ नीचे ले जाकर हल्के से उनके चूतड़ों को सहलाने लगा।
जब मैं उनकी मालिश कर रहा था तो मेरा लंड बार-बार उनकी कमर और चूतड़ों को छू रहा था। मैंने शॉर्ट्स पहन रखा था.. उसके अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था।
भाभी ने बोला- ये मेरे को बार-बार क्या चुभ रहा है?
लगता है उनको पता लग गया था कि मेरा लंड उनसे टच हो रहा है।
मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी।
मेरा लंड बार-बार उनकी गांड पर.. कभी उनकी कमर पर छू रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था.. भाभी को चोदने का मेरा बहुत मन कर रहा था.. पर मुझे कन्ट्रोल करना पड़ा।
नंगी भाभी
फिर भाभी ने अचानक बोला- ये ब्रा बहुत चुभ रही है.. इसे भी उतार ही देती हूँ।
लगता है भाभी को मालिश में बहुत मजा आ रहा था।
तभी उन्होंने बोला- निखिल प्लीज़ मेरी ब्रा का हुक खोल दो ना।
लगता था उन्हें मस्ती चढ़ गई थी.. और शायद उनको मुझसे चुदवाने का मूड बन गया था।
मैंने पीछे से उनका हुक खोल दिया।
अब मैंने देखा कि उनके बड़े मम्मे मेरी आँखों के सामने नंगे थे, उनकी चूचियां गुलाबी कलर की थीं और उभारदार थीं।
मैंने सोचा इन्हें मुँह में भर लूँ.. मैं भाभी के रसीले थन देखे जा रहा था और भाभी भी मुझे ही देख रही थीं।