अंजान लड़को ने बस मे दीदी के मज़े लिए

ही दोस्तो बहोट दिन बाद आया हो उसके लिए सॉरी. आज मई आपको बताने जेया रहा हू की मई और कोमल दीदी देल्ही पेपर देने गये और वाहा हमारे साथ क्या हुआ.

मुझे कोमल दीदी ने बताया की मेरा कल पेपर है देल्ही मेी. तो मैने कहा की पापा से बात करते है उनका कोई दोस्त है वाहा शायद कुछ रहने के लिए रूम मिल जाए.

तो मैने पापा से बात की-

मई : पापा कोमल दीदी का कल पेपर है देल्ही मेी. आपका एक दोस्त है उनसे बात कर लो अगर उनके पास रात रुकने को मिल जाए तो अछा होगा.

तो फिर पापा ने अपने दोस्त पे फोन किया और उनसे बोला की मेरी बेटी और मेरा लड़का आ रहा है. उनको एक रात रुकना है तुम्हारे पास. तो उन्होने बोल दिया की कोई नही रुख़ जाएँगे.

फिर हम दोनो आज शाम ही निकल जाते है पापा, ऐसा बोला हुँने पापा को. तो फिर हम दोनो भाई बेहन जाने के लिए रेडी होने लगे. क्यूकी ह्यूम बस मेी जाना था ट्रेन मेी नही. तो मई भी रेडी हो गया. मैने जीन्स टशहिर्त पहनी और कोमल दीदी ने ब्लू कलर का पलज़ू और टॉप पहना जिसमे दीदी बहोट मस्त लग रही थी.

तो पापा हम दोनो को छ्चोड़ने के लिए बिके निकल र्हे थे. मई मम्मी के पास गया और बोला की सुमन मेरी जान अपना ख़याल रखना और अपनी छूट का भी.

फिर मैने फट अपनी मम्मी के सलवार मेी हाथ डाल दिया और चूत मेी उंगली करने लगा. तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था. अब मई बहोट तेज तेज मम्मी की छूट मेी उंगली कर रहा था. मम्मी के मूह से ऑश आहह मुऊऊ… रजत जा चला जा नही तो तेरे पापा आ जाएगे आहह श… बेटा मत कर…

मैने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और मम्मी से बोला की सुमन साली इसे तो चूस ले.. अपने बेटे के लवदे को जल्दी से मूह मे ले… तो मम्मी डरती डरती नीचे बैठ गयी और मेरे लंड मूह मेी लेकर चूसने लगी.

मई भी मम्मी के मूह को छोड़ने लगा की पापा ने मुझे आवाज़ लगाई की कहा रह गया बेटा आना नही क्या. मैने बोला आया पापा.. और मैने अपना लंड पेंट मेी डाला और मम्मी को किस कर के बाहर आ गया.

फिर हम बिके पे बेत के बस स्टॅंड पे आ गये. तो देखा की बस मेी काफ़ी भीड़ है तो पापा कहने लगे की बेटा दूसरी बस मेी चला जाना. मैने बोला ठीक है पापा अब आप घर चले जाओ हम चले जाएँगे.

इतना कह कर पापा चले गये तो मैने सोचा की क्यू ना आज दीदी का दूसरो को मज़ा दिलाया जाए.

तो मैने बोला की दीदी चलो इसी बस मेी चलते है. दीदी बोली की इसमे तो बहोट भीड़ है भाई. तो मैने कहा की दीदी भीड़ मेी ही तो मज़ा है, चलो..

फिर इतना कहते ही हम दोनो भाई बेहन बस मेी च्छाद गये. मैने दीदी को आयेज की तरफ भेज दिया और मई थोड़े पीछे रह गया. मेरे आके एक लड़का था और फिर दीदी और उसके बाद एक लड़का और खड़ा था.

तो हम ऐसे ही खड़े थे तो वो दोनो लड़के हम दोनो से बात करने ल्गे. पता चला की उनका भी पेपर है और उसी कलाज मेी है जिसमे कोमल का है.

ऐसे ही बात करते हुए जो कोमल दीदी के पीछे खड़ा था वो कोमल की गांद मेी अपना लंड टच करने लगा. जो मुझे उसके लोवर मेी बने तंबू से दिख रहा था. कोमल दीदी को भी उसका लंड अपनी गांद पे महसूस होने लगा.

तो कोमल दीदी मेरी तरफ इशारा करने लगी की ये मेरे पीछे कुछ कर रहा है. अब बस मेी कुछ अंडरा भी हो गया था क्यूकी की शाम के 6 बाज गये थे.

कोमल दीदी ने मुझे फोन से मेग किया की ये लड़का मेरी गांद मेी अपना लंड लगा रहा है. तो मैने कहा की तुम्हे कैसे लग रहा है, मज़ा आ रहा है या नही? दीदी बोली की हन तोड़ा तोड़ा तो आ रहा है.

मैने बोला की दीदी इस लिए ही तो मई तुमको बस मेी लाया हू, तुम एंजाय करो. तो दीदी मेरी तरफ हल्की सी स्माइल दे कर हासणे लगी. मैने भी दीदी की तरफ आख मार दी.

अब कोमल दीदी भी अपनी मोटी गांद उस लड़के की तरफ निकल कर अपनी गांद मेी लंड लेने लगी. मैने सोचा की क्यू ना कोमल दीदी को आयेज से भी मज़ा दिया जाए. और मेरे आयेज जो लड़का खड़ा था उसे मैने तोड़ा आयेज को किया तो वो अब कोमल दीदी से बिल्कुल चिपक गया.

कोमल दीदी को अब आयेज से भी मज़ा आने लगा. उस लड़के का भी लंड खड़ा हो गया था और अब कोमल दीदी के एक लंड गांद पे और एक छूट पे लग रहा था.

आयेज की कहानी मेी बतौँगा की आयेज बस मेी और पेपर मेी क्या हुआ. मेरी कहानी पढ़ने के बाद कॉमेंट्स ज़रूर करना और जो लड़की मेरे साथ रॉल्प्ले करना चाहती है वो भी कॉमेंट्स कर सकती है.

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