हेलो दोस्तों, सबसे पहले आप सभी का शुक्रिया जिन्होने मेरी स्टोरी को अप्रीशियेट किया, और मुझे मैल लिखा. बिना डेले किए आपको स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट में ले जाती हू.
रश्मि दीदी ने जिस तरह रोशनी की छूट से पानी निकाला, वो देख कर मेरी छूट काफ़ी गीली हो चुकी थी. मैने मौके का फ़ायदा उठाया, और छूट को रगड़ने लगी. ये सब देख रश्मि दीदी मेरे बेड पे आ गयी.
रश्मि: ह्म, तो मज़ा आ रहा है तुम्हे.
मे: कभी किया नही है लड़की के साथ, तो तोड़ा अजीब लगा.
रश्मि (मेरी छूट में उंगली लगते हुए): अजीब लगता तो इतनी गीली तो नही होती तेरी छूट.
मे: सच बोलू, तो देख कर मज़ा बहुत आया.
रश्मि दीदी ने मुस्कुराते हुए मेरी छूट में उंगली डाल दी. मेरी आँखें बंद होने लगी. इतने में रश्मि का लीप मेरे लीप से टच हो गया, और इस तरह मैने पहली बार किसी लड़की को किस किया.
रश्मि दीदी मेरी छूट को ज़ोर-ज़ोर रगड़ने लगी, और मेरे मूह में अपनी टंग घुसने लगी. जैसे-जैसे मेरे मूह में रश्मि दीदी की टंग जाती, वैसे-वैसे ही उनकी दो उंगलिया मेरे छूट को की खुदाई कर रही थी.
कुछ देर ऐसे ही फिंगरिंग और किस्सिंग के बाद मुझे एहसास हुआ, की कोई मेरा रिघ्त निपल चूस रहा था. मैने सोचा की रश्मि दीदी तो मेरे लिप्स को किस कर रही थी, तो ये रोशनी ही होगी जो मेरे निपल को चूस रही थी.
मेरी छूट से पानी आने वाला था, और मेरी गांद अपने आप उठने लगी. ये सब देख रश्मि दीदी ने मुझे किस करना बंद किया, और अपना पूरा फोकस फिंगरिंग की स्पीड में रखा.
रोशनी ने एक हाथ से मेरे लेफ्ट बूब्स को कस्स कर दबा रखा था, और अपने दांतो से बड़े प्यार से मेरे रिघ्त निपल से खेल रही थी.
छूट से पानी जैसे ही निकला, मैं पूरी तरह बेसूध हो गयी. मेरा पूरा बेड मेरी छूट के पानी से भीग गया था. रश्मि दीदी ने मेरी छूट से उंगली निकली, और मेरे दोनो बूब्स में पोंछ दी.
अब दोनो ने एक-एक बूब को चाटना शुरू कर दिया. छूट का रस्स और रश्मि और रोशनी के मूह का रस्स दोनो ही मेरे बूब्स को और भी गीला कर रहे थे.
कुछ देर बाद रोशनी मेरे दोनो बूब्स के बीच से अपनी जीभ को रगड़ते हुए नीचे ले गयी. और बड़े प्यार से छूट के आस-पास छूट के पानी को जीभ से सॉफ करने लगी.
ये सब देख के रश्मि दीदी ने मेरे कानो में बोला: अब तुम्हारी बारी.
मैं सोच में पद गयी की आयेज क्या करना था. इतने में रश्मि दीदी मेरे कंधे के उपर बैठ गयी, जिससे की मेरा हाथ फ़ासस जाए.
रश्मि दीदी की छूट मेरे मूह से सिर्फ़ 2 सीयेम की दूरी में थी. उनकी छूट का पानी छूट के बाहर टपकने को तैयार था.
रश्मि दीदी: चलो अपना मूह खोलो, और जीभ को बाहर निकालो.
मे: नही दीदी, प्लीज़ मत कारवओ. गंदा लग रहा है.
रश्मि दीदी ने मेरी एक ना सुनी, और मेरे मूह खोलने का इंतेज़ार किए बिना ही अपनी छूट मेरे मूह से मेरे नाक तक ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी.
उनकी छूट के पानी का स्वाद काफ़ी नमकीन सा था, जो की मेरे मूह और नाक लग चुका था. रश्मि दीदी इतने ज़ोर से छूट रग़ाद रही थी, की मुझे साँस लेने के लिए हाथ पैर मारने पड़े.
रश्मि दीदी थोड़ी देर रुकी, और मेरा बाल पकड़े और बोली: छूट चातेगी या फिर ऐसे ही तेरे मूह में मूट डू?
मुझे समझ आ गया था, की अब मुझे चाटनी ही पड़ेगी. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और जीभ थोड़ी सी मूह के बाहर निकली. तो रश्मि दीदी ने अपने हाथ से जीभ को खींचा, और पूरा बाहर निकाल दिया.
रश्मि दीदी ने अपनी दोनो उंगलियों से छूट को फैलाया, और मेरी जीभ के उपर रख दी. छूट काफ़ी गीली थी, जिस वजह से मेरी जीभ उनकी छूट के अंदर समा गयी. उनका पूरा रस्स मेरी जीभ से होते हुए मेरे गले तक जेया रहा था.
रश्मि दीदी ने जो आज सुख मुझे दिया था, उसका हिसाब बराबर करने का समय आ चुका था. मैने उनकी छूट को जीभ से छोड़ना शुरू किया. अब मेरी जीभ उनकी छूट के अंदर घुस कर चारो तरफ रग़ाद रही थी.
मैने इससे पहले कभी छूट नही छाती थी, पर उस दिन ना-जाने कैसे मैं एक लेज़्बीयन बन चुकी थी, जिसको छूट चाटने में बड़ा मज़ा आता है. रश्मि दीदी अपनी आँखें बंद करके मेरी जीभ को छूट में घूमते हुए महसूस करने लगी.
करीब 15 मिनिट बाद रश्मि दीदी अपनी छूट को मेरे मूह में घुसने लगी, जिससे मेरी जीभ उनकी छूट को चीरते हुए और भी गहराई में जाए. इसका मतलब सॉफ था की दीदी गरम हो चुकी थी. बस फिर क्या था. मैने ज़ोर-ज़ोर से जीभ से उनकी छूट को छोड़ने लगी.
5 मिनिट बाद उन्होने मेरे मूह से छूट हटाई, और अपने हाथ से छूट रगड़ने लगी. मैने अपने आप को तोड़ा नीचे किया, और उनकी गांद के च्छेद को जीभ से कुरेदने लगी.
रश्मि दीदी इतनी गरम हो गयी थी, की 2 मिनिट में ही फिरसे अपनी छूट मेरे मूह में रख दी. मुझे लगा हो सकता है की उनको गांद के च्छेद में मेरी जीभ पसंद नही आई.
ये ही सोच रही थी, की रश्मि दीदी की छूट ढेर सारा कम निकालने लगी. कम का स्वाद बहुत नमकीन था, तो मैने अपना मूह हटाने की कोशिश की. पर दीदी ने अपनी छूट को बहुत ही आचे से मूह में रखा था. मेरे पास और कोई चारा नही था, और दीदी का कम मुझे पीना पड़ा.
रश्मि दीदी की छूट सॉफ करने के बाद वो मेरे उपर से उठी, और गांद के छेड़ को मेरी जीभ से सॉफ करवाने लगी. मेरी जीभ जैसे-जैसे उनकी गांद के च्छेद को टच करती, वो थोड़ी-थोड़ी खुलने लगती. मैने उनके च्छेद को अपनी जीभ से टटोला तो समझ आ गया था की रश्मि दीदी पक्का गांद मरवा चुकी थी.
रश्मि दीदी ने 5 मिनिट तक मुझसे अपनी गांद चटवाई, और फिर मेरे मूह के उपर से उठ गयी और बेड पे लेट गयी. मेरा पूरा शरीर अकड़ गया था.
कुछ देर बाद रोशनी जो की हमारी चुदाई अपने बेड में बैठ के देख रही थी, वो भी मेरे बगल में आ गयी. वो मेरे बूब्स दबाते हुए बोली.
रोशनी: तो दीदी आज फाइनली आस्था को भी आज आपने रंडी बना ही लिया. तो प्लीज़ मुझे क्लब में ले जाओगे.
मे: कों सा क्लब रोशनी?
रश्मि: इस शहर का सबसे बड़ा क्लब, जहा सिर्फ़ प्राइवेट मेंबर्ज़ होते है, और एक रात का 5 लॅक तक कमा सकते हो.
रोशनी: अर्रे दीदी, प्लीज़ मुझे लेके चलो ना. मैने अपना वादा भी पूरा किया है.
रश्मि: वादा तो पूरा किया है, पर वाहा के लिए तुम्हे और आस्था को और ट्रैनिंग देना बाकी है.
रोशनी: दीदी किस चीज़ की ट्रैनिंग बाकी है. हर दिन छूट चत्वाते हो, छूट में गाजर मूली से लेकर डिल्डो भी डाल दिए. हर रात अपना मूट भी पाइलेट हो, और तो और अपने ब्फ से मेरी गांद भी मरवा ली है मैने. और क्या बच गया दीदी?
रश्मि: ये सब तो कुछ भी नही है. वाहा तो दो-दो लंड से, और कभी-कभी 5 लंड भी लेने पड़ते है. 1 लंड में तुम रो देती हो.
मे: हाहहाहा सच में दीदी? रोशनी तुम एक लंड में रो देती हो? तो भी तो इसकी चूची और गांद दोनो ही फ्लॅट है.
रोशनी: ऐसी बात नही है. तुमने रश्मि दीदी के ब्फ का लंड नही देखा. मैने तो फिर भी गांद मरवाई है. तुम तो उसका लंड भी मूह में नही ले पावगी.
ये सब सुन के रश्मि दीदी बेड से उठी, और बोली: क्या तुम्हे भी उससे चूड़ना है?
मे: पर दीदी वो तो आपका ब्फ है ना.
रश्मि: ब्फ जैसा है. उसका लंड ही 7 इंच का है. मोटा, कला उसके लंड की वजह से ही मुझे क्लब में ज़्यादा परेशानी नही हुई.
मे: दीदी आप पहली बार क्लब में कैसे गये और क्या-क्या हुआ?
इसके आयेज क्या हुआ, ये नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. और हम तीनो ने क्या-क्या कांड किए, ये भी आयेज के स्टोरी में आपको सुनती रहूंगी. फॉर सजेशन्स फील फ्री तो मैल मे अट