मैंने जैसे ही अपने बॉयफ्रेंड से बात करके कॉल ख़त्म की, मैंने देखा ध्रुव का लंड एक-दम दोबारा से खड़ा था। वो बेड पे लेटे हुए अपना लंड हिला रहा था, और मुझे देख रहा था। मैं सोने के लिये जा रही थी। तभी वह बेड से उठा, और मुझे मेरे हाथ को पकड़ के खींचने लगा और बोला-
ध्रुव: तुम्हें तो आज सोने नहीं दूंगा।
वह मुझे खींचे हुए बाथरूम में ले गया, और शावर ने नीचे खड़े हो कर मुझे किस करने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा। फिर से उसने मेरे बूब्स पे चबाना काटना शुरू कर दिया। दांतों के बीच में मेरे निप्पल को लेकर ज़ोर से काफ़ी दूर तक खींच दिया, जिससे मैं दर्द से आह ओह करने लगी पर मुझे काफ़ी मज़ा आया, जिससे मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी।
मुझे वो घुटनों पे बिठा के लंड चुसवाने लगा। उसका सुपाड़ा बहुत बड़ा था। मैंने पूरा सुपाड़ा मुंह में लेकर मज़े से चूसने लगी। ध्रुव की आंखें बंद थी, वह सिसकियां ले रहा था। फिर वो मेरे सर को दोनों तरफ़ से दोनों हाथों से पकड़ के मेरे मुंह को काफ़ी ज़ोर से चोदने लगा। लगभग एक मिनट तक उसने काफ़ी तेज़ और ज़ोर से मेरे मुंह को चोदा, जिससे मैं काफ़ी खांसने लगी। उसका लंड मेरे गले तक पहुंच चुका था।
फिर वो एक तरफ़ की दीवार पे मुझे ढकेल के, मेरी एक टांग उठा के, पहली मेरी चूत में उंगली करने लगा, फिर अपनी जीभ से मेरी चूत चाटने लगा। मैं झटपटा रही थी। मेरी पैरों की उंगलियां सिकुड़ने ऐंठने लगी थी। तभी ध्रुव रुक गया और उसी वक्त उसने अपना मोटा बड़ा लंड मेरी चूत में पेल दिया। वो एक टांग को अपने हाथ में पकड़ के मुझे चोदने लगा।
क़रीब दो मिनट तक चोदने के बाद वो मुझे बाथरूम की ग्लास शील्ड पे धकेल के पीछे से चूत मारने लगा। ध्रुव ने मेरी गर्दन को अपने बाजुओं में बीच में लपेट रखा था, और ग्लास शील्ड पर धकेल के बहुत तेज़ी से मेरी चुदाई कर रहा था। मेरे बूब्स एक दम से पूरे शील्ड पे चिपके हुए मसले हुए थे। उसने मुझे अपने बाजुओं से निकाला, और पागलों की तरह मेरे बूब्स पे टूट पड़ा। दोनों बूब्स को पागलों की तरह चूसने काटने लगा, और मेरे बूब्स पे तेज़ थप्पड़ मारने लगा।
मैं पागल हुए जा रही थी। वो मुझे गोद में उठा के मेरी चूत मारने लगा, जिससे उसका लंड एक-दम अंदर कोने-कोने तक जा रहा था। ऐसी चुदाई कभी मेरे बॉयफ्रेंड ने नहीं करी थी। मैंने महसूस किया उसका लंड मेरी चूत में और भी बड़ा होने लगा, और कुछ ही मिनट्स में उसने पूरा माल मेरी चूत में छोड़ दिया। उसने मुझे गोद से उतारा और शॉवर के नीचे बिठा कर अपने लौड़े को मेरे बूब्स के बीच में रखने का इशारा किया।
मैं समझ गई और अपने बड़े-बड़े बोबों के बीच में उसका लंड दबा कर बूबजॉब देने लगी। मैंने उसके लंड को मुंह में लेकर साफ़ किया। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को जैल लगा कर अच्छे से साफ़ किया और नहाया।
बाथरूम से निकलने के बाद हमने कुछ खाने को ऑर्डर किया। तब रात के 12:30 हो रहे थे। खाते-खाते एक बज गये। मैं टॉवल को लपेट के बालकनी में चली गई मैं चारों तरफ़ देख रही थी।
सामने एक होटल थी जिसकी ऊंचाई भी समान थी। ध्रुव मेरे पीछे आ कर मेरी बॉडी पे हाथ फेरने लगा। टॉवल के ऊपर से वो मेरी गांड और बूब्स दबाने लगा। मेरे बाल अभी भी गीले थे। वो मेरी गर्दन पे किस करने लगा। ध्रुव का लंड खड़ा होने लगा था। मैं हाथ पीछे करके उसके लंड को सहलाने लगी। ध्रुव ने मेरी टॉवल निकल दी। अब मैं पूरी नंगी थी। मेरे बड़े बूब्स आज़ाद थे। ठंडी हवाए चल रही थी। ध्रुव ने मुझे फिर से किस किया। हम दोनों एक दूसरे का साथ देने लगे।
ध्रुव ने मुझे ब्लोजॉब देने को बोला। वो बालकनी की रेलिंग को पकड़ के खड़ा था, और मैं उसके नीचे उसके लंड को चूस रही थी। मुझे उसका लंड का सुपाड़ा बहुत पसंद आने लगा था। मैं मज़े से चूस रही थी। वह आखें बंद करके आह आह कर रहा था। तभी ध्रुव ने बोला कि सामने होटल के बालकनी में एक अंकल उसे देख रहे थे। यह सुन के मुझे अजीब सी शॉक लगी। हमारे बालकनी में लाइट डिम थी, पर अंकल ध्रुव को देखे जा रहे थे।
तभी ध्रुव ने मेरे मुंह से अपना लंड निकाला और मुझे रेलिंग की तरफ खड़ी करके मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से घुमा कर मसलने लगा। सामने अंकल देखे जा रहे थे। ध्रुव ने मुझे झुकाया। मैं रेलिंग पकड़ के झुकी।
फिर ध्रुव ने थोड़ी थूक अपने सुपाड़े पे लगा के एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसेड़ दिया। मैंने बहुत हाॅर्नी थी कि अंकल भी देख रहे थे। और अब तक मेरी चूत ने ध्रुव ने लंड के अनुसार एडजस्ट कर लिया था।
ध्रुव मुझे चोदने की मशीन की तरह बहुत तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया। मेरे दोनों चूचे उछल रहे थे, मानों जैसे अभी निकल जाये। देखत-देखते अंकल ने अपना लौड़ा निकाल के हिलाना शुरू कर दिया था। ध्रुव ने लंड निकाला, और मेरे दोनों बूब्स को एक साथ मुंह में लेने की कोशिश करने लगा। पर मेरे बूब्स इतने भी बड़े नहीं थे कि उसके मुंह में आ जाये एक साथ।
उसने मुझे डीप किस किया। फिर ध्रुव रूम के अंदर से एक चेयर लेकर आया, और मुझे उसपे बैठने को बोला। मैं घोड़ी बन के बैठ गई। मैंने देखा ध्रुव मेरे दूसरी छेद को चाटने लगा। मैं बिलकुल डर गई, और सीधी होकर बैठ गई।
मैंने बोला: नहीं, यह नहीं कर सकती मैं।
वह मुझे मनाने की कोशिश करने लगा। मैंने दोबारा ना किया। फिर वह मेरी बात को मान गया।
दोबारा मैं कुर्सी पे घोड़ी बन के बैठ गई। ध्रुव ने अपना लंड डाला और चोदना शुरू कर दिया। अंकल अभी भी अपने लंड के साथ खेल रहे थे। थोड़ी देर चोदने के बाद ध्रुव भी चेयर के ऊपर आ गया। उसने मुझे घोड़े की तरह राइड करना शुरू कर दिया। उसके दोनों पैर कुर्सी पे थे। वह ठीक मेरी गांड के ऊपर था।
ध्रुव मेरे बालों को अपने मुट्ठी में ज़ोर से पकड़ के खींचने लगा। एक हाथ से मेरे बाल खींचता, और दूसरे से मेरी गांड पे थप्पड़ मारता। पूरे बालकनी में थप-थप की आवाज़ हो रही थी। ध्रुव की रफ़्तार अब बहुत तेज़ हो गई थी। क़रीब दो-तीन मिनिट के बाद ध्रुव ने मुझे फिर से पूरा भर दिया।
ध्रुव कुर्सी से उतर के अंकल की तरफ़ देख रहा था। मैंने अपनी चूत में उंगली डाली और देखा पूरा भर चुका था। फिर ध्रुव ने मुझे इशारा किया, और मैं उसके लंड को मुंह में लेकर साफ़ करने लगी। जैसे ही मैं ऊपर उठी, ध्रुव ने मुझे फ़्रेंच किस किया। मैं चौंक गई क्यूंकि उसका माल मेरे मुंह में था। यह मुझे बहुत ही हॉट लगा। हम दोनों ने अंकल को बाई का इशारा किया, और अंदर रूम में आ गये।
मैंने ध्रुव को बोला: अब सोते हैं, काफ़ी रात हो गई है। रात के 2:20 हो गये थे।
ध्रुव मुझे और भी राउंड के लिए मनाने लगा। मैं मान गई। फिर हम दोनों नार्मल बातें करने लगे। वह मुझसे मेरी सेक्स लाइफ मेरे बॉयफ्रेंड के साथ कैसी है पूछने लगा। मेरा बॉयफ्रेंड दो राउंड ही कर पाता था। उसका लंड भी नार्मल था। मेरे और ध्रुव की सेक्स कंपेटिबलिटी काफ़ी मैच कर रही थी।
वह बेड पी लेटा हुआ था। मैं उसके नीचे थी। मैं उसके लंड से खेलने लगी बातें करते हुए। उसने मुझसे और भी बातें पूछी जैसे मेरे और भी सेक्स संबंध के बारे में। मैंने उससे अपने एक सेक्स पार्टनर के बारे में बताया, जिसके साथ मैंने दो साल तक चुदाई की थी। वह आदमी मेरे पापा के दोस्त का छोटा भाई था। मैं उनके इंस्टिट्यूट में टीचर थी। टाइम टू टाइम वह मुझे जम के चोदता। कभी इंस्टिट्यूट के बहाने से दूसरे सिटी में लेजा कर चोदता।
मैं उसके लंड को ऊपर नीचे कर रही थी।थोड़ी देर के बाद उसका लंड दोबारा खड़ा होने लगा। मैंने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया। वह दोबारा से आह आह की सिसकियां लेने लगा। क़रीब दो मिनट के बाद वो 69 में मेरी चूत और गांड दोनों चाटने लगा, और मैं उसके लौड़े को चूसे जा रही थी। मैं झड़ने की कगार पे थी। ध्रुव रुक गया। मैं उसके ऊपर से उतर गई। वह बेड पे ही लेटा था।
वो मुझे ख़ुद से ऊपर आने को कहने लगा। यह पोजीशन मेरी फ़ेवरिट है। मैं उसके ऊपर काउगर्ल की तरह मज़े से उछलने लगी। मेरे दोनों बूब्स इधर-उधर उछल रहे थे। ध्रुव ने मेरे दोनों बूब्स पे दो-तीन चांटे भी मारे।
मैं अब आंखें बंद करके उसके ऊपर उछल रही थी। ध्रुव मेरे दोनों निप्पलों को खींचने लगा। मैं उसके ऊपर लेट गई और किस करने लगी। ध्रुव ने अब अपने घुटनों को थोड़ा बेंड किया, और मेरे कंधों को अपने सीने से जकड़ के मुझे ज़ोरो से चोदने लगा।
पूरे रूम में थप थप थप थप की आवाज़ और मेरे ज़ोर से चीखने की आवाज़ गूंज रही थी। क़रीब 10 मिनट के बाद वह रुक गया। उसने मुझे नीचे लिटाया और मुझे एक साइड करके मेरे पीछे आके मेरी एक टांग को थोड़ा उठाया। फिर लंड डाल के चोदने लगा। मेरे बूब्स को अपने हथेली में ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। यह सब देख के मुझे पता चला क्यों मेरी सहेली इससे सेक्स नहीं करती। पर मुझे ध्रुव की चुदाई की आदत लग रही थी।
अब ध्रुव ने मुझे मेरे सीने के बल लेटने को बोला। उसने मेरी चूत के नीचे एक पिल्लो रखा। मैं समझ गई कि यह कौन सी पोजीशन थी। थोड़ी सी मैंने अपनी टांगे फैलायी। ध्रुव ने मुझे प्रोन-बोन पोजीशन में चोदना शुरू किया। उसका लंड मेरी चूत के अंदर के ऊपरी हिस्सा को रगड़े जा रहा था। आज तक मुझे ऐसा फील और ऐसी चुदाई किसी ने नहीं करी थी। मैंने अपने दोनों हाथों से बेडशीट को पकड़ रखी थी, और चीख रही थी।। ध्रुव फिरसे मेरे बालों को हाथों में भर के खींचने लगा। मैं और चीखने लगी।
अचानक से ध्रुव ने अपना लंड निकाल लिया। मैं चौंक के उसे देखने लगी। तभी उसने मुझे दूसरी जगह पे बुलाया, और घोड़ी बनने को कहा। मैं घोड़ी बनी थी। मैंने देखा ठीक मेरे सामने बड़ा आईना था। मैं समझ गई कि वो मुझे चोदते हुए देखना चाहता था। मैंने आईने में देखा ध्रुव मेरे पीछे था। वह मेरे ऊपर बैठ गया, और मेरी चूत में लंड डाल के चोदने लगा।
उसके शरीर का आधा वेट मेरे ऊपर था। जिससे उसका लंड एक-दम अंदर तक जा रहा था। एक बार फिर उसने मेरे बालों को एक मुट्ठी में पकड़ लिया जैसे घोड़े की कमान पकड़ते है, और वक़्त-वक़्त पे मेरी गांड पे चांटे मारने लगा, जैसे कोई घोड़ी चढ़ता हो। मैं यह सब सामने आईने में देख रही थी, कैसे मैं ध्रुव का साथ देकर चुदने लगी हूं।
मेरे चेहरे पी चुदाई की थकान, मेरे उलझे बाल ध्रुव के हाथों में, आंखों में चुदाई का नशा, और मेरे बड़े-बड़े बोबे जो दबाए चूसे काटे खींचे जा चुके थे, आगे-पीछे दायें-बायें उछल रहे थे। यह सब देख कर मैं सेक्स से पागल हो चुकी थी। ध्रुव भी मुझे पागलों की तरह चोद रहा था। मैं थकान से वैसे ही गिर गई। ध्रुव बिना लंड निकाले मेरे ऊपर अब प्रोन-बोन पोजीशन में था।
क़रीब दो मिनट तक वो मुझे मशीन की तरह चोदता रहा। मैं ख़ुद को आईने में देखते रही। अब वह मेरे ऊपर ही लेट गया। वो मेरे गर्दन के बीच से अपने बाजुओं को ले गया। उसने अपने बाज़ुओं को टाइट किया, जिससे मेरा चेहरा डायरेक्ट आईने को देख रहा था। ध्रुव अपने दांतों को रगड़ते हुए अपनी पूरी शक्ति से मुझे चोद रहा था। मैं आह आह ओह ओह चीख रही थी। मेरी बॉडी पूरी बेड पे दबी हुई थी। मेरी चूत का भोसड़ा बन चुका था।
करीब तीन मिनट तक उसने मेरी नॉन स्टॉप तेज़ रफ़्तार में ठुकाई करी, और मेरे अंदर ही झड़ गया। एक मिनट तक हम दोनों वैसे ही पड़े रहे और आईने में देखते रहे। फिर हम दोनों ने एक प्यार भरा किस किया। मेरी चूत से उसका वीर्य बाहर आने लगा था। मैंने पहली बार ख़ुद को संतुष्ट पाया था। हम दोनों वैसे ही सो गये। हम फिर दस बजे उठे। हमारा चेकआउट टाइम 11 बजे था। चेकआउट से पहले मैंने ध्रुव को एक ब्लोजोड दिया और उसके पूरे माल को वेस्ट नहीं की।
हमने चेकआउट किया। ध्रुव ने मुझे घर से थोड़ी दूर ही ड्राप किया। पूरे रास्ते मुझे अपनी चूत में अभी भी वैसी ही ठुकाई फील
हो रही थी। घर ज़ाके मैं फ्रेश हुई, और अपने बॉयफ्रेंड से बात करी। पर मुझे सिर्फ़ ध्रुव की याद आ रही थी। ध्रुव ने मुझे टेलीग्राम पी कुछ फ़ोटोज़ एंड वीडियोस भेजे जिसमें मैं चुद रही थी। यह देख के मैं दोबारा गर्म हो गई। ख़ैर यह थी मेरी ध्रुव के साथ पहली चुदाई। किसी ने मुझे पहली बार पूरी रात चोदा। मैं फिर से चुदने का इंतज़ार कर रही थी। जल्दी मिलते है मेरे और ध्रुव की अगली स्टोरी में।