भोपाल की एक औरत को चुदाई का सुख दिया

हेलो दोस्तों, मैं सोनू शर्मा. कैसे हो आप सारे? आशा करता हू की आप सभी आचे ही होंगे, और चुदाई का भरपूर आनंद ले रहे होंगे आप अपनी ज़िंदगी में.

तोड़ा मैं अपने बारे में बता डू. मैं 23 साल का हू, और अभी देल्ही में रहता हू. मेरी हाइट 5.7 फीट है. मैं एक आत्लीट हू, इसलिए मेरी बॉडी मेंटेंड है. मेरा लंड 7 इंच का है. अभी मैं स्टडी करता हू.

मुझे चुदाई का बहुत चस्का है, और अभी तक काफ़ी बड़ी औरतों को छोड़ा हू, और उनको खुश भी किया है. अगर आपको भी सेक्स का शौंक छाईए तो मुझे मैल कर सकती हो. और मेरी अभी तक जितनी भी स्टोरीस है देसी कहानी पे, सारी की सारी रियल है.

मैं अपनी क्लाइंट के बारे में तोड़ा सा बता डू आपको. उनका नाम दिव्या(नामे चेंज्ड), आगे 44, फिगर 40-34-43, और पूरी बॉडी उनकी दूध जैसी सफेद है. दिव्या का बिहेवियर भी पोलाइट है, और वो काफ़ी आचे से बात करती है. बस मैने अपनी क्लाइंट का नाम चेंज कर रखा है, बाकी सब कुछ सच है.

चलिए स्टोरी पे आते है. बात अभी की है 2 फेब 2023 की. मुझे अपने Wहत्साप्प पे सुबा के 7 बजे एक लेडी का मेसेज आया.

दिव्या: हेलो, दिव्या तीस साइड.

मे(9 बजे): हेलो.

दिव्या(2 मिनिट बाद): ई सी युवर प्रोफाइल ओं क्शयज़ वेबसाइट आंड योउ हॅव एक्सलेंट रेटिंग ओं प्रोफाइल. ई होप योउ हॅव गुड सेक्स एक्सपीरियेन्स (सॉरी बुत मैं वेबसाइट का नाम नही बता सकता)

मे: थॅंक योउ, आंड एस, ई आम एक्सपीरियेन्स्ड. बाइ थे वे वेर अरे योउ फ्रॉम आंड युवर आगे?

दिव्या: ई आम फ्रॉम भोपाल आंड आगे इस 44. तोड़ा सा कुछ अपने बारे में बताओ मुझे?

मे: देल्ही, 23 आगे, ई आम आ स्टूडेंट. और मैं देसी कहानी पे अपनी रियल सेक्स स्टोरी भी लिखता हू. तो आप स्टोरी ज़रूर पढ़ना (मैने दिव्या को ड्के का लिंक सेंड किया)

दिव्या: तट’स गुड! मैं ज़रूर पढ़ूंगी आपकी स्टोरीस.

मे: सो, हाउ कॅन ई हेल्प योउ?

दिव्या: मेरी छूट की आग शांत करवा दो आप बस. क्या आप मुझे अपना डिक दिखा सकते हो?

मे: ठीक है (मैने अपने लंड की पिक दिव्या को सेंड की).

दिव्या: वाउ! युवर डिक सो आसम उउंमा.

मे: थॅंक योउ. इफ़ योउ डॉन’त माइंड, कॅन ई सी युवर पिक?

दिव्या: हा लेकिन बाद में, जब मुझे आपके उपर ट्रस्ट हो जाएगा तब. आप कितना चार्ज करते हो मीटिंग के.

मे: ओक, नही मैं कोई चार्जस नही लेता हू मीटिंग के. ई जस्ट दो फॉर फन. वैसे आपको कब मिलना है?

दिव्या: बढ़िया,13 फेब को मेरे घर पर कोई नही रहेगा. आप भोपाल आ सकते हो क्या?

मे: हा मुझे आने में कोई प्राब्लम नही होगी. लेकिन योउ नो ना ई आम स्टूडेंट, एक दूं से घर से नही निकल सकता. टाइम आंड पैसे को भी देखना होता है.

दिव्या: अर्रे आप पैसों की टेन्षन मत लो. मैं आपके आने-जाने का पूरा देख लूँगी. बस आप मुझे आचे से मज़ा देना.

मे: ठीक है फिर.

हम लोगों ने कुछ दिन ऐसे ही मेसेजस पे बात की, और बातों-बातों में पता चला की उसके हज़्बेंड आर्मी में थे. फिर कॉल पे बात होने लगी. कभी-कभी हम वीडियो कॉल पे भी बात करते थे. दिव्या को भी मेरे पे पूरा ट्रस्ट हो गया था, और मुझे भी. फिर 11 फेब को-

दिव्या: मेरे सास-ससुर 13 को मुंबई जेया रहे है रिलेटिव की शादी में. घर पर कोई नही होगा. आप आ सकते हो क्या 13 को भोपाल में? मैं आपकी फ्लाइट की टिकेट कर देती हू फिर.

मे(तोड़ा सा टाइम लेकर मैने दिव्या को बताया): ठीक है 13-15 फेब बस.

दिव्या: तट’स ग्रेट, तुम एक काम करो, मुझे आप अपना ई’द प्रूफ सेंड करो. मैं टिकेट करवा देती हू आपकी.

मे: ओक (मैने अपना आधार कार्ड सेंड किया).

1 घंटे बाद दिव्या ने फ्लाइट की टिकेट मुझे व्हातसपप पे सेंड की. फ्लाइट थी 13 फेब दोपहर के 2:30 बजे. कुछ दिन हमारी नॉर्मल बात हुई.

फिर मैने 13 को देल्ही से फ्लाइट ली, और भोपाल पहुँच गया. भोपाल पहुँचते ही दिव्या को कॉल किया.

दिव्या: जस्ट आ मिनिट, मैं तुम्हारे लिए कॅब बुक कर देती हू.

मे: ठीक है.(5 मिनिट बाद दिव्या ने कॅब बुक कर दी, और मुझे व्हातसपप पे मेसेज किया)

दिव्या: सोनू, आते हुआ कॉंडम भी लेकर आना.

मे: ओक.

थोड़ी देर में कॅब भी आ गयी, और मैं निकल गया दिव्या के घर की तरफ. बीच में मैने मेडिकल शॉप से 2 क्शप्ले के एक्सट्रा डॉटेड स्ट्रॉबेरी फ्लेवर के कॉंडम के पॅकेट्स ले लिए.

करीब 20 मिनिट बाद कॅब ने दिव्या के घर के सामने मुझे ड्रॉप किया. उठने में दिव्या का कॉल आया.

दिव्या: तुम्हारी रिघ्त साइड में ब्लॅक कलर का जो गाते है, उसको खोल कर अंदर आ जाओ, और गाते बंद कर देना. घर का गाते खुला ही है, इसलिए डाइरेक्ट अंदर आ जाना.

मे: ठीक है.

दिव्या मुझे एक छ्होटी सी खिड़की से देख कर कॉल पे बता रही थी. जैसे मैं घर के अंदर गया, मैने दिव्या को देखा. क्या लग रही थी दोस्तों वो टाइट ब्लॅक कलर की जीन्स, वाइट कलर की हाफ त-शर्ट में. फिर हम दोनो ने हग किया, और सोफा पर बैठ गये.

दिव्या: कोई प्राब्लम तो नही हुई ना आने में?

मे: नही बिल्कुल नही.

दिव्या: अछा, आप ड्रिंक करते हो?

मे: हा करता हू.

दिव्या: बढ़िया है फिर तो. आज काफ़ी मज़ा आएगा.

मे: जी वो तो है. वैसे आप जैसी हॉट लेडी के साथ किसको मज़ा नही आएगा?

दिव्या: ओह अछा? तुम फ्रेश हो लो, मैं तैयारी करती हू ड्रिंक्स की.

मैं बातरूम में चला गया, और 20 मिनिट बाद नहा के आया. फिर मैं हॉल में गया. दिव्या ने ड्रिंक की तैयारी कर ली थी. फिर हम वाइन पीने लगे. दिव्या ने स्पीकर पे रोमॅंटिक सॉंग्स चला दिए. वाइन पीते-पीते हम दोनो ने वेस्टर्न डॅन्स करना चालू किया.

बीच-बीच में हम दोनो लीप-किस भी कर रहे थे. मैं दिव्या की मोटी-मोटी गांद प्रेस भी कर रहा था.

डॅन्स करने के बाद हम दोनो सोफे पर बैठे, और एक-दूसरे की आँखों में हवस की नज़रों से देखने लगे.

ऐसे देखते देखते हम पास आए, और पागलों की तरह एक-दूसरे को किस करने लगे. वाइन का नशा दोनो पे चढ़ा हुआ था. इसलिए काफ़ी ज़्यादा हम वाइल्ड हो गये थे.

मैने दिव्या की जीन्स और त-शर्ट निकली, और वो अब ब्रा और पनटी में थी मेरे सामने जो की ग्रीन कलर के थे. एक-दूं हरा-भरा लग रहा था. मैने भी अपने कपड़े निकाले और अंडरवेर में आ गया. लेकिन हमारा किस करना चालू ही था.

दिव्या: चलो बेडरूम में चलते है.

मैने वाइन उठाई, और फिर हम दोनो बेडरूम में गये. मैने दिव्या को बेड पे लिटा दिया. उसकी गीली पनटी निकली, और अपनी भी अंडरवेर निकाल दी. मैं दिव्या के उपर चढ़ा, उसके मूह में अपना लंड दिया, और मैं उसकी छूट को चाटने लगा. इन शॉर्ट, हम 69 पोज़िशन में थे.

मैं छूट पे थोड़ी सी वाइन डाल कर उसको चूस रहा था. वो काफ़ी मज़ेदार एक्सपीरियेन्स था उस वक़्त मेरे लिए. उधर दिव्या भी लंड चूस्टे-चूस्टे सिसकियाँ ले रही थी.

काफ़ी देर तक ऐसे ही चलने के बाद हमने एक-दूसरे की बॉडी पे किस करना चालू किया. उसके बाद दिव्या बोली-

दिव्या: सोनू अब अपना लंड मेरी छूट में डाल कर इसको शांत करो.

मैने दिव्या के बड़े-बड़े मोटे पैरों को उठाया, और कमर के नीचे एक पिल्लो लगाया ताकि छूट खुल जाए. फिर मैने अपना लंड दिव्या की छूट पे लगाया, और एक ज़ोर का झटका मारा. मेरा पूरा लंड दिव्या की छूट में चला गया.

दिव्या भी तोड़ा सा दर्द में बोली: आराम से करो सोनू.

और वो मेरे पीठ पे अपने नाख़ून गाड़ने लगी. लेकिन मैं ज़ोर से छूट मार रहा था, और अब ब्रा भी निकाल दी. मैं उसके बूब्स को सक करते हुए छूट में झटके मारने लगा. दिव्या काफ़ी तेज़-तेज़ सिसकियाँ ले रही थी अयाया ह्म ह्म की.

काफ़ी देर ऐसे ही दिव्या को छोड़ने के बाद, मैने उनको बेड से उठाया, और टेबल पे एक पैर रखा. फिर पीछे से उसकी छूट को छोड़ने लगा.

दिव्या: ओह एस! फक मे सोनू! हार्डर! मोरे हार्डर!

मे: अभी तो खेल की शुरुआत हुई है जान. आयेज-आयेज देखो क्या होता है.

दिव्या: मेरा पानी निकालने वाला है, और ज़ोर से करो.

जैसे ही दिव्या का पानी निकालने वाला था, वैसे ही मैने अपना मूह उसकी छूट पर लगा दिया, और छूट में जीभ डाल उसको चाटने लगा. वो एक-दूं से डिसचार्ज हुई मेरे मूह पे, और मैने उसका सारा पानी पी लिया.

उसके बाद ह्मने फिरसे किस किया. दिव्या ने मुझे बेड पे लिटा दिया, और वो मेरे उपर आ कर मेरे लंड की सवारी करने लगी. उसने अपनी आँखें बंद कर ली, और सिसकियाँ लेते हुए आयेज-पीछे होने लगी.

मैं भी उसके बड़े-बड़े बूब्स दबा रहा था. काफ़ी टाइम तक मेरे लंड की सवारी की दिव्या ने. उसके बाद मेरा भी पानी निकालने वाला था. फिर दिव्या मेरे लंड से उतरी, उसने कॉंडम को निकाला, और मेरे लंड को चूसने लगी.

जैसे ही मेरे पानी निकालने वाला था तो मैने दिव्या की गर्दन दबा दी, और अपना पानी उनके मूह के अंदर निकाल दिया.

टाइम का पता ही नही चला कब 9:30 बाज गये. फिर दिव्या ने ज़ोमतो से खाना ऑर्डर किया. ऑर्डर आने तक हमने फिरसे वाइन पी. 30 मिनिट बाद हमारा खाना आ गया.

मैने अपने हाथो से दिव्या को खाना खिलाया, और साथ ही साथ प्यार भारी बातें भी की. दिव्या भी थोड़ी सी एमोशनल हो गयी थी.

दिव्या(आँखों में आँसू लिए): सोनू, तुम कितने आचे हो. कितना ध्यान रख रहे हो मेरा.

मे: थोड़े टाइम के लिए ही आपके पास हू. मेरी कोशिश यही रहेगी की आपको हर चीज़ में खुश करू. इसलिए मेरे अंदर जितना प्यार है, वो सब आप पर लूटा दूँगा कुछ दिन. इसलिए आप अभी रो मत, बस पुर तरीके से एंजाय कीजिए इन सारे मोमेंट्स को.

हम अपना खाना ख़तम करके बेडरूम में चले गये. हमने फिरसे चुदाई का खेल चालू कर दिया. डॉगी पोज़िशन करते टाइम मैने दिव्या से पूछा-

मे: गांद में लिए हो कभी?

दिव्या: हा एक बार पति ने डाला था. लेकिन बहुत ज़्यादा दर्द हुआ था, इसलिए निकलवा दिया था.

मे: अछा, लेकिन मेरा मॅन हो रहा है पीछे डालने का.

दिव्या: अब यार आपको माना भी नही कर सकती. उपर से दर्द भी बहुत ज़्यादा होगा. क्या बोलू मैं, समझ ही नही आ रहा है?

मे: एक बार मौका तो दो आप. अगर ज़्यादा दर्द हुआ तो नही करूँगा पीछे.

मैने गांद पे थूक लगाई, और तोड़ा सा कॉंडम पे भी. फिर दिव्या की गांद में डालने लगा. काफ़ी ज़्यादा टाइट गांद थी उनकी. लेकिन मैने आराम-आराम से अंदर पूरा लंड डाल ही दिया जैसे-तैसे. लेकिन दिव्या की हालत काफ़ी ज़्यादा खराब हो रही थी दर्द के कारण.

उनकी आँखों में आँसू भी आ गये थे. लेकिन थोड़ी देर बाद तोड़ा सा दिव्या नॉर्मल हुई. मैं भी काफ़ी आराम-आराम से करने लगा.

गांद का छेड़ भी खुल गया था. फिर मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और तोड़ा ज़ोर-ज़ोर गांद को छोड़ने लगा. दिव्या काफ़ी तेज़ सिसकियाँ ले रही थी.

उसके बाद तो छूट और गांद काफ़ी टाइम तक मारी. फिर मैने अपना पानी भी निकाल दिया. मुझे याद भी नही दिव्या कितनी बार डिसचार्ज हुई होगी तब.

3 दिन तक दिव्या और मैने चुदाई का भरपूर आनंद लिया, और एक-दूसरे को काफ़ी ज़्यादा प्यार भी किया. हमने काफ़ी जगह पर सेक्स किया बेडरूम, सोफा, डिन्निंग टेबल, घर के च्चत पर, बातरूम, स्टेर्स पे एट्सेटरा. मैने दिव्या की छूट और गांद छोड़-छोड़ के पूरी लाल कर दी थी.

दिव्या: सोनू तुमने मेरी उम्मीद से ज़्यादा मुझे खुश किया. मैं तुम्हारे साथ बीता हुआ वक़्त कभी नही भूल पौँगी.

मे: थॅंक योउ सो मच, वैसे मुझे भी काफ़ी अछा लगा आपके साथ.

दिव्या: सोनू नेक्स्ट टाइम कब आओगे भोपाल?

मे: देखते है जब टाइम मिले.

दिव्या: अछा ठीक है.

उसके बाद दिव्या ने मेरे जाने की फ्लाइट की टिकेट बुक कर दी, और मैं घर पर आ गया.

तो यही थी दोस्तों कहानी, की कैसे मैने अपनी क्लाइंट को चुदाई का सुख दिया. और स्पेशल थॅंक्स दिव्या जी को, की उन्होने ये कहानी आप लोगों के साथ शेर करने की पर्मिशन दी.

अगर देल्ही में किसी गर्ल, कपल्स, आंटी, भाभी को सॅटिस्फॅक्षन चाहिए, तो मुझे मैल कर सकते है. आपकी आइडेंटिटी हाइड रखी जाएगी, और सॅटिस्फॅक्षन की गॅरेंटी रहेगी.

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