लड़के ने अंजान भाभी को चोदा

निशा ने मुझे कहा: मेरा घर सेफ है बाहर से. क्यूंकी बाहर कही मेरे घर या कोई मेरे ससुराल वालो ने तुम्हारे साथ देख लिया, तो प्राब्लम खड़ी हो जाएगी.

तब मैने उससे कहा: तुम्हारे घर तो तुम्हारे सास-ससुर है. तो उनके होते हुए मैं कैसे तुम्हारे घर अवँगा?

तब उसने कहा: तुम उसके लिए बेफिकर रहो. क्यूंकी मेरे सास-ससुर चेन्नई जाने वाले है 2 दिन के अंदर ही. क्यूंकी मेरी सास के हार्ट का इलाज करवाना है, और उन्हे आने में मंत भर का टाइम लग सकता है. और मुझे यहा रहना है, वो भी अकेले. अगर मैं चाहु तो मैं अपने माइके भी रह सकती हू. पर शायद तुम्हारे साथ रात गुज़रना मुझे ज़्यादा अछा लगेगा.

मैं ये सुन कर काफ़ी खुश था, और मैं निशा के साथ खुद को फील करने लगा, की इतनी सेक्सी माल जो मुझे बगैर मेहनत किए मिल रही थी. ज़रूर मैने किसी लड़की का दिल खुश किया होगा, जिस कारण मुझे ऐसी सेलेब्रिटी जैसी आइटम को खाने को मिल रहा था.

उसके दो दिन तक हम लोग व्हातसपप में एक-दूसरे के साथ छत पर बात करते रहे. फिर 2 दीनो में जब निशा भाभी के सास-ससुर चेन्नई के लिए निकल गये, तब भाभी मुझे फोन करके रात के लिए रेडी रहने का बोल देती है. वो मुझे मेरी दुकान को बंद करने के बाद सीधे अपने घर में आने का बोल देती है.

फिर मैं भी 10 बजे रात में उसके घर चला जाता हू, और डोरबेल बजता हू. और फिर निशा भाभी डोर ओपन करके मुझे अंदर आने बोलती है. मैं अंदर चला जाता हू.

अंदर जाते ही मैं निशा भाभी को देखते ही बौखलने लगता हू. क्यूंकी वो बहुत ही हॉट दिख रही थी. वो स्काइ ब्लू गाउन पहनी हुई होती है. उपर से खुद को मेरे लिए तैयार करके रखी हुई थी, जिससे वो और भी ज़्यादा हॉट और सेक्सी दिख रही थी.

वो मुझे गाल पर किस करती है, और मुझे डिन्नर के लिए बोलती है. फिर 10 मिनिट में ही हम लोग डिन्नर करके क्लियर हो जाते है. उसके बाद वो मुझे अपने बेडरूम में लेकर चली जाती है, जहा मैं पलंग पर बैठ जाता हू. फिर भाभी सब खिड़की के पर्दे गिरा कर मेरे पास आ कर बैठ जाती है.

मैं तो उसको देख कर काफ़ी एग्ज़ाइटेड था, और इसी एग्ज़ाइट्मेंट में मैं उसको पकड़ कर किस करने लगा. मैं उसके लिप्स को अपने लिप्स से सता कर फ्रेंच किस कर रहा था, और वो मेरे किस का पूरा जवाब दे रही थी.

कुछ देर में वो मुझे अपने बिस्तर पर लिटा देती है, और मेरे उपर चढ़ कर मुझे किस करने लगती है. मेरा लंड एक-दूं टाइट हो गया था, जो उसकी छूट में चुभ रहा था. और वो उसको जान-बूझ कर अपनी छूट पर टच कर रही थी.

उसके बाद उसने मेरे कपड़े खोलने शुरू कर दिए, और देखते ही देखते उसने मेरे सारे कपड़े खोल कर मुझे बस अंडरवेर में छ्चोढ़ दिया. फिर वो मेरे सीने में दाँत काटने लगी.

मुझे बहुत अछा फील हो रहा था, और मेरा जोश भी बढ़ रहा था, जिससे मेरा लंड एक-दूं टाइट हो गया था, मानो कोई रॉकेट खड़ा हो.

ये देख कर निशा मेरे लंड को कपड़े के उपर से ही हाथ में लेकर रगड़ने लगी, जिससे मेरे पुर बदन में आग लग रही थी.

फिर मैं उसको उसके बिस्तर पर पटक कर उस पर चढ़ कर उसके गले पर किस करने लगा, और वाहा अपने दाँत से रगड़ने लगा. निशा भाभी के मूह से आहह अफ की आवाज़े निकल रही थी, और मैं ऐसा करते-करते एक-एक करके उसके सारे कपड़े खोलने लगा.

जब सारे कपड़े खुल गये, तो वो और भी ज़बरदस्त लग रही थी. और मैं उस पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. मैं उसके दोनो बूब्स को मसालने लगा, और एक-एक करके दोनो बूब्स को पीने लगा. वो आहह आहह की मस्ती भारी आवाज़े निकाल रही थी.

तब उसने मुझे कहा: विकी, आज मुझे तुम तब तक प्यार दो, जब तक मैं हार ना जौ. मेरा जिस्म तुम्हारा है, और इसको मॅन भर कर प्यार दो. क्यूंकी पिछले 7 महीने से मैं प्यासी हू, और इस प्यास को तुम आज बुझा दो.

भाभी: इस जिस्म को मेरे हज़्बेंड ने एक बार भी सेक्स का मौका नही दिया, और वो बाहर चले गये. अब तुम आचे से समझ जाओ की मेरा ये 21 साल का जिस्म क्यूँ इतना बेताब है.

मैं तो ये सब सुन कर ही भाभी के पेट पर किस करने लगा. फिर वाहा से किस करते-करते उसकी छूट पर अपना मूह लगा कर उसको चूसने लगा. पहले तो वो एक-दूं चुप थी, पर जब मैने निशा के दोनो पावं को खोल कर उसकी छूट में अपना ज़ुबान डाली, तो वो सेक्सी आवाज़े निकालने लगी.

फिर 10 मिनिट के बाद निशा का गरम-गरम रस्स मेरे मूह में आ गया. मैं उसकी छूट को चाट रहा था, और वो मेरे सर को सहला रही थी. उसके बाद मैने निशा को ज़मीन पर खड़ा किया, और दीवार की साइड उसको सत्ता दिया, और उसके दूध को चूसने लगा.

फिर मैने अपने अंडरवेर को उतरा, तो मेरा लंड देख कर वो खुश हो गयी.

उसके बाद मैने उसकी एक लेग को अपने हाथ में लेकर तोड़ा उपर उठाया, और उसको मेरे लंड को अपनी छूट के च्छेद पर सेट करने को कहा.

वो मेरे लंड को अपने सॉफ्ट हाथ से पकड़ कर अपनी छूट के च्छेद में पहले तोड़ा सहलाती है, और फिर उसको अपने च्छेद में फ़ससा कर पकड़ के रखती है. फिर मैं अपने लंड को आहिस्ते-आहिस्ते उसकी छूट के अंदर पुश करने लगा.

उसकी छूट एक-दूं टाइट थी. जिस वजह से बार-बार लंड उसकी छूट के च्छेद से फिसल जेया रहा था. तब निशा ने टाइट से पकड़ कर मेरे लंड को अपनी छूट के च्छेद पे सेट करके रखा. उसके बाद मैने ज़ोर से धकेलते हुए अपने लंड की नोक को उसकी छूट के अंदर डाल दिया.

इससे वो झटपटाने लगी और बोली: इसको जल्दी से अंदर डालो, चाहे मैं चिल्लाने ही क्यूँ ना लागू.

मैने ये सुन कर एक ज़ोरदार झटका दिया, और फिर एक झटका और मार कर मैने निशा की छूट के बिल्कुल अंदर तक अपना लंड डाल दिया. अब मेरा पूरा लंड उसकी खूबसूरत सी छूट के अंदर जेया चुका था. पर उसको दर्द हो रहा था.

वो अपने दाँत को दाँत से चंप कर थी, और उसने आँखें बंद कर ली थी. मैं उसको देख ही रहा था की उसने कहा-

भाभी: तुम रूको मत विकी.

और मैने अपना काम शुरू करते हुए उसको नीचे से उपर की तरफ झटके देने शुरू कर दिए. वो भी कुछ देर में मेरे कंधे पर सर रख कर मुझसे चूड़ने लगी. कुछ देर वैसे ही छोड़ने के बाद

मैने उसकी छूट से अपना लंड बाहर किया. मेरा लंड इतना गीला हो गया था की उसकी छूट का पानी मेरे लंड से ज़मीन पर कटरा-कटरा गिर रहा था. उसके बाद मैं उसके बिस्तर पर सीधा लेट गया, और और उसको मेरे लंड को अपनी छूट के अंदर डाल कर बैठने को बोला.

वो सीधा मेरे सामने खड़ी हुई, और लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी छूट के अंदर सेट किया. फिर आहिस्ते-आहिस्ते वो लंड अपने अंदर लेने लगी. मुझसे रहा नही गया, और मैने उसकी कमर को पकड़ कर अपने लंड की तरफ खींचा, जिससे सतत से आवाज़ होते हुए मेरा लंड उसकी छूट की जड़ तक चला गया.

निशा को बहुत अछा लगा, और वो मुझ पर जंप करने लगी. उसका जंप बहुत मस्त लग रहा था. उसके बूब्स भी उछाल रहे थे, और मैं उसके बूब्स को दोनो हाथ से मसल रहा था.

ऐसी पोज़िशन में कुछ देर चुदाई करते रहने से निशा ने दो बार अपनी छूट से गरम-गरम पानी निकाला, जिससे मेरे पेट का निचला हिस्सा उसकी छूट की पानी से लास-लास करने लगा.

उसके बाद वो अपनी छूट से लंड निकाल कर मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, और कुछ देर के बाद वो अपना सारा रस्स मेरे लंड से चाट गयी.

और फिर मैं उसको पलंग पर लिटा कर उसके दोनो पावं को फैला कर उसकी छूट के अंदर अपना लंड डालने लगा. फिर जैसे ही मेरा लंड उसकी छूट में गया, वो काँप गयी.

मैं उसको झटके दे-दे कर उसकी छूट की प्यास को बुझाने लगा. मेरा झटका इतना ज़ोरदार था की उसके मूह से आहह आहह आहह आहह की ज़ोर-ज़ोर की आवाज़े निकल रही थी, और मैं उसकी छूट की गहराई तक अपने लंड को डाल रहा था.

मानो मैं उसको कोई सज़ा दे रहा था. मेरा लंड उसकी बच्चे-दानी तक जाता हुआ मुझे फील हो रहा था. उसी बीच वो काई बार अपने गरम-गरम पानी से मेरे लंड को नहला चुकी थी.

अब बारी मेरी थी. मैं उसको दाना दान हिट कर रहा था. तभी मुझे भी फील होने लगा की मैं भी जल्द ही गिर जौंगा. तब मैने निशा से पूछा-

मैं: मेरा अब गिरने वाला है. क्या करू? अंदर या बाहर निकालु?

तो निशा भाभी मेरे कमर को पकड़ कर झेंपटे हुए बोली: अंदर ही गिरा दो जान, मैं डॉवा ले लूँगी.

उसके बाद मैने आँख बंद करके अपनी स्पीड बढ़ते हुए मिनिट भर में अंदर अपना लावा गिरना शुरू कर दिया. इससे मुझे सुकून मिल गया. वो मुझे ज़ोर से पकड़े हुई थी. कुछ देर के बाद मेरा नशा हल्का हुआ तो फील हुआ की वो मेरी पीठ को सहला रही थी.

उसके बाद मैने अपना लंड भाभी की छूट से निकाला, तो भाभी ने मुझे थॅंक्स विकी बोल कर मेरे लिप्स को किस की, और मुझसे रोज़ रात को ऐसे ही छोड़ने का वादा करवाया.

उसके बाद मैने भाभी को एक बार और रात में छोड़ा, और फिर निशा भाभी की छूट में ही लंड डाले हुए 2 घंटे तक सोया.

अब मैं नेक्स्ट कहानी अगले पार्ट में सुनौँगा. तब तक आप लोग इस कहानी के बारे में कॉमेंट्स करते रहे. या फिर मेरी एमाइल पर बताना ना भूले की कहानी कैसी थी मेरी

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