शुगर डॅडी की रखेल बनी

हे गाइस, जैसा की आपने अभी तक पढ़ा के कैसे मैने एक शुगर डॅडी पकड़ लिया था और वो मेरे सभी खर्चे उठा रहे थे. मेरे घरवालो ने मुझे नहिकाल दिया था. तो अब या तो मई हॉस्टिल मे रहती थी या फिर डॅडी के फार्म हाउस पर.

अब आयेज..

मुझे गर्ल हॉस्टिल मे शिफ्ट कार्डिया गया था. मई अकेली अपने रूम मे रहती थी फिर सौम्या मेरे साथ ही आकेर रहने लगी. सौम्या अब कॉलेज सिर्फ़ हफ्ते मे 2-3 दिन ही आती थी वरना वो बाहर ही रहती थी.

ये उसने मुझे भी नही ब्टाया था के उसका ब्फ कों है कैसा है. मई उसको फोर्स भी नही करती थी. एक साल हो गया था मुझे हॉर्मोन्स लेते हुए तो मेरे चुचे काफ़ी बाहर आ गये थे. मेरी कमर तो थी ही पतली और गांद मरवाई इटनही थी के वो बाहर नहिकल गयी थी.

बाल मैने लंबे कर लिए थे और फिर डॅडी का पैसा मेरे उपर सिर चढ़कर बोल रहा था. मई महनगा मेक उप ख़रीदती थी और बोहोट महनगी ड्रेसस. सुनने मे तोड़ा ऑड लगे लेकिन लड़को की नज़रे अब मेरी तरफ ही रहती थी.

यहा तक की टीचर्स भी मुझे घूर घुरकर देखते रहते थे. कॉलेज मे मई काफ़ी टाइट क्लोद्स पहनती थी. रिवीलिंग तो नही होते थे लेकिन लड़को के लंड टाइट करने के लिए काफ़ी होते थे.

फिर एक दिन डॅडी ने एक पार्टी रखी थी फार्म हाउस पर ही. उसमे उन्होने अपने दोस्तो को और बिज़्नेस पार्ट्नर्स को बुलाया था. मुझे उन सबको खुश करना था. मई थोड़ी दर्र भी रही थी क्यूकी वो 8-10 लोग थे.

लेकिन फिर मैने सोचा के मेरा तो काम ही यही है. तो मई रेडी हो गयी फार्म हाउस के लिए. मैने अपने कपड़े भी ले लिए साथ मे और फिर पहले पार्लर आई वाहा से तय्यार होकर फार्म हाउस पोुंच गयी.

वो तो बोहोट शानदार पार्टी थी. बोहोट सारे लोग आए हुए थे. वेटर्स और वेट्रेसस उनको सर्व कर रहे थे. मई सीधा अंदर चली आई और वाहा पर जो वेटर थे उनसे पूछा के ये क्या हो रहा है.

तो उसने मुझे ब्टाया के “मित्तल साहब को बिज़्नेस मे बोहोट फयडा हुआ है इसलिए उन्होने ये पार्टी दी है और ये ख़तम होने के बाद तुम्हारा प्रोग्राम शुरू होगा. तो आराम से अभी खाओ पीओ मज़े लो.”

मैने भी पार्टी एंजाय करना स्टार्ट कार्डिया और मई बाहर आकेर पेग मारने लगी. तभी मुझे सौम्या जैसी लड़की दिखी. तो मैने एक बार इग्नोर कार्डिया लेकिन फिर मैने ध्यान से देखा तो सौम्या ही थी और वो वेट्रेस बनही हुई थी.

तो मैने उसको देखा और फिर जैसे ही उसने मुझे देखा तो वो भागने लगी तभी मैने उसको पकड़ लिया और फिर उससे पूछा..

मई :- क्या हुआ ये तो बता??

सौम्या :- रहने दे यर्र.

मई :- बता सॅकी सॅकी तू जानती है जब तक तू नही ब्ताएगी मई यहा से जौंगी नही और तुझे भी छ्चोड़ूँगी नही.

सौम्या :- तो सुन… मेरा कोई ब्फ नही है मई ऐसे ही बड़ी बड़ी पार्टीस मे वेट्रेस का काम करती हू और पैसे कमति हू. क्यूकी मेरे पास पैसे नही होते.

मई :- तेरे पास पैसे है तो..

सौम्या :- इतने तो नही है जीतने तेरे पास है.

मई :- तुझे टा है ना मेरे पास पैसे कैसे आए.

सौम्या :- तो मुझे भी ऐसा कोई पैसे वाला मर्द पटवा दे ना यर्र.

मई :- तू पागल हो गयी है क्या??

सौम्या :- मई सच बोल रही हू यार. मेरे घरवाले मेरेको पैसे नही देते है.

मई :- चल ठीक है मई बात करती हू मित्तल साहब से. एक काम कारिओ पार्टी के बाद यही रुक जआइओ और मेरा बाग अंदर रखा हुआ है उसके अंदर से सेक्सी सी ड्रेस पहनकर आजना जब मई बूलौऊ.

सौम्या :- ठीक है.

मई पार्टी एंजाय करने लगी और सौम्या आस यूषुयल अपना काम करने लगी. फिर पार्टी ख़तम हुई और मैने उसको अंदर घुसा दिया रूम मे और उसने अपने कपड़े चेंज करलिय.

फिर मित्तल साहब और उनके साथी आए और वही सोफे पर बैठ गये. तो मित्तल साहब ने उनसे पूछा..

डॅडी :- अरे भाई किसिको यहा पर थाइलॅंड का मज़ा लेना है?

उनमे से एक बोला “हन यर्र अब दिखा भी दो अपना सर्प्राइज़”.

तो फिर उन्होने मुझे बुला लिया बाहर. मैने क्रॉप टॉप और मीनाह्ी स्कर्ट पहनाःी हुई थी. वो मुझे देखते ही रह गये और मुझे उपर से नह्िछे तक स्कॅन करने लगे. फिर मित्तल साहब ने मुझे एक एक करके सबसे मिलवाया.

तभी मई मित्तल साहब को साइड मे लेकर आई और उनसे पूछा …

मई :- डॅडी मेरी एक दोस्त है वो भी जाय्न करना चाहती है.

डॅडी :- कहा है.. तेरे जैसी ही है क्या??

मई :- नही वो तो फीमेल ही है लेकिन बोहोट खूबसूरत है.. मुझसे भी ज़्यादा.

डॅडी :- वैसी तो मुझे बोहोट मिल जाती है.

मई :- डॅडी वो वर्जिन है.

डॅडी :- अक्चा सच बता?

मई :- हन सच बता रही हू.. वो वर्जिन है.

डॅडी :- ठीक है बुला ले उसको भी.

मई :- ठीक है.

तो मैने सौम्या को बुला लिया. उसने वन पीस ड्रेस पहनाःी हुई थी. और मेक उप करके तो कमाल ही लग रही थी. डॅडी ने जैसे ही उसको देखा उसको वापस कमरे मे जाने को बोल दिया और मुझे गेस्ट अटेंड करने को.

मई उनके गेस्ट अटेंड करने लगी. उनको मई ड्रिंक्स और नाश्ता वग़ैरा देने लगी. तभी अंदर से आहह आहह की आवाज़े आने लगी. मई समझ गयी के सौम्या की भी सील टूट चुकी है.

फिर एक आदमी बोला के “हमे मसाज नही डोगी क्या? ” तो मई उस आदमी को दूसरे कमरे मे ले आई और उसके सारे कपड़े नहिकाल दिए. वो लगभग 50 साल का आदमी था, तोड़ा पेट नहिकला हुआ और लंड भी बस आवरेज ही था.

मैने उनको फिर टेबल पर लिटा दिया और मसाज देने लगी तभी वो बोले “तुम भी तो उतारो अपने कपड़े.”

तो मई भी फिर नंगी हो गयी. मई खड़ी खड़ी ही मसाज दे रही थी वो लेते लेते अपने हाथ से कभी मेरे चुचे दबाते तो कभी मेरी लुल्ली पकड़ते.

मई उनकी टाँगो की तरफ जाती आयिल लगाने तो वो मेरी गांद पर छाते मारते रहते. फिर उन्होने मुझसे बोला के मई उनके उपर चढ़कर उनको मसाज डू.

तो मैने भी देरी ना करते हुए अपनाही बॉडी पर तेल लगा लिया और फिर उनकी च्चती पर अपने चुचे रगड़ने लगी. वो एकद्ूम पागल जैसे हो गये और उन्होने मुझे कमर से पकड़ लिया और मेरी गांद मे अपना लंड घुसा दिया.

उनका लंड एक बार मे ही पूरा अंदर चला गया. एक तो तेल लगा हुआ था और दूसरे मई रंडी भी तो बोहोट बड़ी वाली थी. हज़ारो लंड ले चुकी थी.

तो उन्होने फिर मेरी गांद मे तेज़ तेज़ झततक्े मारने शुरू कारडीए. मुझे भी मज़ा आने लगा था लेकिन तभी फिर वो मेरी गांद मे ही झाड़ गये. फिर मैने उनको नहलाया और अपने आपको भी सॉफ किया और फिर कपड़े पह्न कर बाहर आ गये.

फिर सभी लोग थे वाहा पर और फिर जब वो वाहा पर जाकेर बैठे तो उन्होने मेरा रिव्यू देना स्टार्ट कार्डिया. तो फिर सबका मॅन करने लगा मुझसे मसाज लेने का. मैने सबको मसाज दिए एक एक करके.

सबके लंड आवरेज ही थे और सबके सब बोहोट जल्दी जल्दी ही झाड़ गये. एक तो मेरे मसाज देने से ही झाड़ गये. और एक का लंड मैने अपने मूह ही किया था के वो मेरे मूह मे ही झाड़ गये.

इस तरह से मैने सबको मज़े दिए. फिर मित्तल साहब भी बाहर आ गये कमरे से और वो भी उनके साथ मे बैठ गये. उन्होने फिर म्यूज़िक प्ले कार्डिया और मई एक आक्ची रंडी की तरह उनके सामने नाचने लगी.

मई फिर स्ट्रीप टीज़ करने लगी. और एक एक करके मैने सारे कपड़े नहिकाल दिए. फिर एक एक के पास जाकेर उनके लंड पर बैठ जाती तो कभी उनको किस करती. वो भी मेरे चुचे और लुल्ली के साथ खेलते.

ऐसे मैने उनको सबको मज़े दिए. फिर जब वो चले गये तो मित्तल साहब मुझे सौम्या वेल कमरे मे ले आए. और फिर उन्होने अपना लंड बाहर नहिकाल लिया. मैने देखा सौम्या सो रही है.

मैने उनका लंड चूसना स्टार्ट कार्डिया. उन्होने भी मेरा मूह छोड़ना स्टार्ट कार्डिया. फिर मुझे उठाया और मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी लुल्ली चूसने लगे. मेरी गांद के छेड़ मे तेल लगाया और अपने लंड पर भी और सीधा अंदर घुसा दिया.

वो मेरी लुल्ली पकड़ते हुए ही मुझे छोड़ने लगे. और मई झाड़ गयी फिर भी वो उसको लगातार हिलाते रहे. मई सातवे आसमान पर पोुंच गयी थी. मुझे समझ नही आ रहा था मेरे साथ क्या हो रहा है.

और मई उस ही दौरान 3 बार और झाड़ गयी. और फिर नहीधाल होकर सो गयी. मुझे नही टा के मित्तल साहब कब झाडे और कब वो बाहर गये. मेरी आँख खुली जब सौम्या ने मुझे उठाया और मुझे किस करते हुए बोली…

सौम्या :- मज़ा आ गया यर्र. मुझे भी शुगर डॅडी मिल गया अब मई भी तेरी तरह मज़े लूँगी.

मैने उसको हग करलिया और फिर 2 दिन तक मित्तल साहब ने हम दोनो को एकसाथ छोड़ा. मित्तल साहब हम दोनो की हालत खराब करदेटे थे. प्टानही क्या खाते थे वो झाड़ते ही नही थे जल्दी से.

वो मुझसे और सौम्या से अजीब अजीब हरकते करवाते थे जैसे की मुझे सौम्या से चुड़वते थे (वो स्ट्रॅप-ओं डिल्डो पहनती थी) और कभी मुझसे उसको चुड़वते थे (मई भी स्ट्रॅप-ओं डिल्डो ही बाँधती थी क्यूकी मेरी लुल्ली खड़ी नही होती थी).

कभी कभी मेरी लुल्ली को उसकी छूट से मसळवते थे हमे क्रॉस मे बैठकर और फिर कभी हम दोनो को किस करने को बोलते थे और उसके बीच मे अपना लंड लगते थे. हम दोनो के होंठ डॅडी के लंड पर होते थे.

डॅडी ने अपनाही सारी फॅंटसीस पूरी करली थी. और फिर उन्होने हम दोनो को 2 साल बाद छ्चोड़ दिया. मेरी और सौम्या की कॉलेज से प्लेसमेंट हो गयी और अब हम दोनो जॉब करते है. लेकिन अभी भी हमारी शुगर डॅडी वाली तलाश जारी है.

इस कहनही मे इतना ही था. मिलते है अगली कहनही मे. तब तक के लिए, धन्यवाद!

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