कुवारि काली को पटाने की हॉट आंड सेक्सी कहानी

सभी रीडर्स को सागर का नमस्कार. मैं इस साइट का डेली रीडर हू. इसलिए मैने सोचा क्यू ना मैं भी अपना एक्सपीरियेन्स शेर करू. ये मेरी पहली कहानी है जो रोमॅन्स और सेक्स से भरपूर है. इसलिए अगर कोई ग़लती हो तो माफ़ कर देना.

मैं सागर {32 यियर्ज़} उ.प. के देवरिया ज़िले का रहने वाला हू, और मॅरीड हू. मेरे बच्चा भी है. आप लोगों को बोर ना करते हुए सीधा कहानी पे आते है.

तो बात है पिछले साल 7 फेब की. मैने ऐसे ही एक रॉंग नो पे 7 फेब को मेसेज किया. शाम को उसका रिप्लाइ आया. थोड़ी इधर-उधर की बातें हुई, और फिर कॉल काट गयी.

उसका नाम तो कुछ और है, पर मैं उसको {च्चामो} ही बुलाता हू. हमारी छत होती रही, और नॉर्मली बातें चलती रही. 3 दिन बाद फिर मैने उसको प्रपोज़ किया, और उसने आक्सेप्ट भी कर लिया. फिर तो हमारी कॉल पे बात-चीत होने लगी. लेकिन अब तक हम दोनो ने एक-दूसरे को देखा नही था.

एक दिन मैने उसकी पिक माँगी तो उसने पहले मुझसे मेरी पिक माँगी, जो मैने दे दी. फिर उसने अपनी पिक भेजी. मैं तो देखते ही दीवाना हो गया. 20 साल की क्यूट सी लड़की और सेक्सी फिगर, मेरा तो देखते ही लंड खड़ा हो गया. और मैने उसी दिन सोच लिया की इस कक़ची काली को जाम के छोड़ना है.

पर वो थोड़ी बाकचोड़ी थी. बहुत तेल लगवती थी हर बात के लिए. पर मुझे तो उसकी जवानी चाहिए थी, तो मैं उसकी बकवास झेलता रहा. फिर धीरे-धीरे मैं उसको लाइन पे ले आया, और सेक्स छत और सेक्सी बातें होने लगी कॉल पे भी.

उसका ब.आ 2न्ड एअर का एग्ज़ॅम था, फिर भी हम लोग 2 बजे रात तक सेक्सी बातें करते थे.

फिर हमने पहली बार मिलने का प्रोग्राम बनाया. उसका लास्ट पेपर 28 मार्च को था, तो मैने भी अपनी कंपनी से लीव ली और उससे मिलने गोरखपुर गया.

दोस्तों वो लड़क गोरखपुर से ही थी, तो मैं सुबा वाहा पहुच गया, और उसकी वेट करने लगा पेपर ख़तम होने तक. उसका पेपर 2 बजे ख़तम हुआ, और मैने उसको पहली बार देखा सामने से. मेरा तो वही खड़ा हो गया, पर मैने खुद को कंट्रोल करके रखा उसकी नज़रों में शरीफ बनने के लिए.

फिर वो मेरे पास आई, और मेरी बिके पे बैठ गयी. ज़्यादा टाइम तो था नही, और ये पहली बार था तो मैं उसको एक पार्क में ले गया. वो मेरा हाथ पकड़ के चल रही थी.

फिर मैने कोल्ड ड्रिंक और चिप्स लिए, जो उसको पसंद थे, और हम एक पेड़ के पीछे बैठ गये, जो झाड़ियों में था.

हमने कोल्ड ड्रिंक पी, और चिप्स खाए. फिर बातें होती रही. उसके बाद मैने उसको अपनी गोद में आने को कहा, तो वो भी गोद में आ गयी. फिर मैने उसको एक हल्का किस किया गालों पे तो घबरा गयी. तो मैने भी सोचा पहली बार है तो ज़्यादा उतावलापन्न ठीक नही. इसलिए मैने फिर ट्राइ नही किया, तो वो खुश हो गयी.

दोस्तों एक बार लड़की का भरोसा अगर आपने जीत लिया, तो वो आपके लिए कुछ भी कर सकती है. फिर उसके जाने का वक़्त हो गया तो वो मुझे ज़ोर से हग करके रोने लगी, और जाते-जाते एक किस देकर गयी गालों पे. मैं भी वापस जॉब पे आ गया. रात को उसने मेसेज किया-

शी: ही, कैसे हो?

मे: ठीक नही हू, तुम बताओ?

शी: मैं भी ठीक नही हू. जबसे आई हू आपसे मिल कर, कुछ अछा नही लग रहा.

मे: तो गयी ही क्यू थी जब अछा नही लग रहा तो?

शी: मजबूरी थी, नही तो मॅन किसका था आपके पास से आने का.

मे: अछा तुम्हे बुरा लगा क्या मैने किस किया तो?

शी: नही, पहली बार था तो कुछ समझ नही आ रहा था. वैसे आप बड़े डब्बू हो.

मे: वो क्यू?

शी: फिर आपने किस नही किया.

मे: मुझे मेरी जान की मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करना. जब तुम्हे अछा लगेगा तब करेंगे.

शी: आप बहुत आचे है. आप मेरी कितनी केर करते है. मैं आपको दिल से अपना पति मान चुकी हू.

दोस्तों मैं उसको अपने बारे में एक फेक स्टोरी बता रखी थी. उसको लगता था की मैं सिंगल हू. लेकिन उसको क्या पता की मैं उसको कितना छोड़ने वाला था. फिर वो गुड नाइट बोल के चली गयी सोने, और मैं भी सो गया लंड को पकड़ के, जो उसकी बर के सपने देख के खड़ा हो गया था.

ऐसे ही हमारी बात होती रही. व्सी पे वो अपने दूध और बर दिखती, और मैं उसको अपना लंड दिखता. हम दोनो की प्यास एक दूसरे के लिए बढ़ती जेया रही थी, पर मिलना मुश्किल था. क्यूंकी उसका कॉलेज बंद हो गया था, और उसको घर से बाहर निकलना अलोड नही था अकेले. क्यूंकी वो 4 भाइयो को एक-लौटी लाडली बेहन थी.

हम दोनो ऐसे ही छत पे एक-दूसरे की प्यास बुझाते रहते थे.

एक रात को बात करते-करते मैने बोला: अपनी बर में एक उंगली डालो.

तो वो बोली: मैं अपने हाथ से नही करूँगी. पहली बार मेरी बर में कुछ होगा, तो वो आपका होगा. आप चाहे उंगली डाले या लंड आपकी मर्ज़ी.

मैने बहुत कसमे दी, तब जाके वो राज़ी हुई उंगली डालने को. फिर मैने उसको व्सी पे आने को कहा.

मे: मिस योउ रानी.

शी: मिस योउ डार्लिंग.

मे: पैर फैलाओ.

शी: इससे ज़्यादा नही फैल सकते.

मे: बर में थूक लगाओ.

फिर वो तोड़ा सा थूक लेके बर पे लगती है.

शी: लग गया, अब?

मे: अपनी एक उंगली को बर के च्छेद पे रखो.

शी: रख ली अब?

मे: उसको धीरे से तोड़ा अंदर डालो च्छेद के.

उसने तोड़ा ज़ोर लगते हुए उंगली को 1 इंच अंदर डाला, और रोने लगी. उसको बहुत दर्द हो रहा था, क्यूंकी उसकी सील अभी टूटी नही थी. मैं तो सोच के खुश हो गया, की चलो एक और सील पॅक्ड बर को खोलने का मौका मिलने वाला था. मैने उसको चुप करवाया, और हिम्मत देते हुए बोला-

मे: डार्लिंग मेरी आँखों में देखो.

वो मेरी आँखों में देखते हुए बोली-

शी: बहुत जलन हो रही है जान.

मे: मुझे महसूस करो और एक हाथ से अपने दूध को दब्ाओ और उंगली को उतना ही अंदर रहने दो.

ठीक है बोल कर वो अपने लेफ्ट हॅंड से एक दूध को पकड़ कर धीरे-धीरे सहलाने लगी, और बोली-

शी: जानू कुछ हो रहा है.

मैं समझ गया की लड़की गरम हो रही थी. फिर भी अंजान बनते हुए पूछा-

मे: क्या हो रहा है मेरी जान को?

शी: कुछ अजीब सा महसूस हो रहा है.

कहानी जारी रहेगी. अगले पार्ट में बतौँगा की मैने उसको कैसे छोड़ा, और किस-किस पोज़ में छोड़ा. दोस्तों अपने कॉमेंट्स देना ना भूले.

और किसी भी गर्ल या भाभी को मुझसे छुड़वाना हो गोरखपुर, देवरिया में, तो वो मुझसे कॉंटॅक्ट कर सकती है. मेरी एमाइल ईद है

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