दोस्त की मा को उसी की सेक्स वीडियो दिखाई

तो दोस्तों मेरा नाम दिलीप है. मैने आपको इसके पहले बताया था मेरे ख़ास दोस्त सूर्या और उसकी मा के बारे में. वैसे तो कभी सोचा नही था की सूर्या की मा शांटबैई को छोड़ने का ख़याल मेरे दिल में आएगा. लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हो गये थे की मैने उन्हे छोड़ ही दिया. अगर इस बारे में जानना है तो पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.

मैं बार-बार सूर्या की मा नही कहूँगा. उनकी जगह उनके नाम का इस्तेमाल करूँगा, “शांटबैई”. आक्च्युयली जब मैने शांटबैई को उन्ही के घर पर कपड़े ढोते हुए देखा था, और उनके पके हुए मम्मो को ब्लाउस से आधे बाहर लटकते हुए देखा. तब मेरा लंड सनसानाते हुए खड़ा हो गया था. मैं उन्हे छोड़ने के लिए पागल हो गया था. इस काम में मेरी मदद की थी आरती भाभी ने, जिसे मैं अक्सर छोड़ा करता था.

तो चलिए कहानी की तरफ बढ़ते है. आरती की ज़ोरदार चुदाई करने के बाद आरती ने मुझे वो वीडियो दे दी थी, जिसमे शांटबैई और आरती लेज़्बीयन सेक्स कर रहे थे. मैने वो वीडियो अपने मोबाइल पर ले लिया, और आरती के मोबाइल से डेलीट कर दिया.

शाम को घर आते-आते यही सोच रहा था की कल सुबह कब मैं शांटबैई के पास पहुँचुँगा, और कब उनकी टाँगो को फैला कर अपने लंड को उनकी छूट में डालूँगा. वो रात बहुत मुश्किलों से कटी. नींद ही नही आ रही थी. कल के ख़यालों में खोया था, की किस तरह मैं शांटबैई की छूट का बजा बाजौंगा.

सुबह 4 के आस-पास मेरी आँख लग गयी, और जब मैं सो कर उठा, तब सुबा के 10:30 बाज रहे थे. मैं जल्दी से उठ कर नहा-धो कर तोड़ा बहुत नाश्ता करते हुए सूर्या के घर की और बढ़ चला. रास्ते में मेडिकल स्टोर पर जाते हुए मैने कॉंडम लेने का प्लान किया.

मेडिकल में जाते ही अचानक मेरे दिमाग़ में ख़याल आया, की चाँदी से चाँदी घिसने का जो मज़ा है वो कॉंडम में नही है. तो मैं बिना कॉंडम लिए ही सूर्या के घर के और चल दिया.

5 मिनिट्स बाद मैं उनके घर पहुँच गया. मुझे पता था इस वक़्त उनके घर पर कोई नही होता है. क्यूंकी सूर्या और उसका बाप सुबह 10:00 बजे निकल जाते है काम पर जो शाम को 6-7 बजे तक लौट आते है, और सूर्या की एक मौसेरी बेहन अर्चना है, वो भी कॉलेज के लिए निकल जाती है.

तो इस वक़्त उनके घर पर कोई नही होगा ये सोच कर मैने उनके घर की बेल बजा दी. दो-टीन बार बेल बजाई लेकिन किसी ने दरवाज़ा नही खोला. जैसे ही चौथी बार मैने बेल बजाने की कोशिश की, शांटबैई ने दरवाज़ा खोल दिया.

मुझे लग रहा था वो किचन में कुछ काम कर रही थी, इसलिए उनका चेहरा पूरी तरीके से पसीने में भीगा हुआ था, और सारी अस्त-व्यस्त थी. मुझे देखते ही वो भड़क गयी और मुझसे कहा-

शांटबैई: तू इधर क्यूँ आया है? तेरा क्या काम है यहा? और तुझसे मैने 10 बार कहा है की मेरे बेटे से तू डोर रहा कर.

तब मैने उनसे कहा: मैं उसी सिलसिले में आप से बात करने आया हू. आप बुरा ना मानिए, मेरी भी बात समझिए. सूर्या मेरा दोस्त है. मैं उसे छ्चोढ़ तो नही सकता. हा लेकिन कुछ काम ज़रूर कर सकता हू, जो आपके फ़ायदे का होगा.

तब उन्होने कहा: क्या फ़ायदा होगा मेरा?

मैने कहा: ये सब बातें मैं अब दरवाज़े पर तो नही कर सकता. कम से कम अंदर तो बुलाए.

तो उन्होने ना चाहते हुए भी मुझे घर के अंदर ले लिया, और मुझसे कहा: बको क्या बकना है तुम्हे.

मैने उनसे कहा: एक ग्लास पानी तो पिलाइए बहुत प्यासा हू.

तब वो मेरी तरफ एक गुस्से से भारी नज़र डालते हुए किचन की और चली गयी, और एक ग्लास पानी ला कर मुझे दे दिया.

फिर मुझसे कहा: जल्दी पियो और क्या बात है कहो, और यहा से निकल जाओ. मुझे बहुत से काम पड़े है. मैं तेरी तरह फालतू नही हू.

तब मैने उनसे कहा: मैने ऐसी कों सी फालतू-गिरी कर दी, जो आप मुझसे इतनी नाराज़ है?

तब उन्होने कहा: मुझे तेरे बारे में सब पता है. तू ज़्यादा स्मार्ट मत बन.

जब मैने देखा की वो मेरी किसी भी बात को सुनने को तैयार नही थी, तब मैने अपना खेल खेलना शुरू कर दिया.

मैने उनसे सीधे कहा: देख शांटबैई, तू क्या करती है ये मैं भी जानता हू, और तू कितनी शरीफ है इसका सबूत है मेरे पास.

जब शांटबैई ने मेरी ज़ुबान से उनका नाम सुना, तो उसने गुस्से से मेरा कोल्लेर पकड़ के कहा-

शांटबैई: सेयेल भद्वे. तू मेरा नाम कैसे ले सकता है? तू मुझे अपने दोस्त की मा कहता है, और मेरा नाम भी लेता है. तुझे शरम भी नही आती है.

तब मैने उनसे कहा: शरम हया अब कुछ देर का ही बचा है. अब मैं बताता हू आपको की मैं क्या चीज़ हू.

तब उन्होने मुझसे कहा: तू क्या बताएगा मुझे मद्रचोड़. मेरे घर से निकल जेया, वरना सूर्या के बाप को बोल कर तेरी ठुकाई करवा दूँगी.

तब मैने उनसे कहा: देख शांटबैई मेरी ठुकाई होगी या नही होगी मुझे ये पता नही. लेकिन तेरी आज मैं ठुकाई करके जौंगा.

जैसे ही मैने ये कहा, उन्होने एक कस्स कर झापड़ मेरे गाल पर मार दिया और कहा-

शांटबैई: आबे रंडी की औलाद, ये क्या कह रहा है तू? तू मेरी ठुकाई करेगा! आज सूर्या को आने दे. मैं उसे सब सच बता दूँगी की तूने मुझसे किस तरीके से बदतमीज़ी की.

मैं: जो भी बताना है बता देना. लेकिन उसके पहले मुझे कुछ दिखना है वो तो देख ले.

उसने कहा: मुझे कुछ नही देखना है. तुम यहा से चले जाओ, वरना आज तू कुत्ते की मौत मरेगा.

तब मैने बिना शरमाये बिंदास हो कर उनसे कहा: देख शांटबैई, आज तेरी ठुकाई मैं बहुत ज़बरदस्त करने वाला हू. तेरी छूट ने कभी ऐसा लंड नही लिया होगा जो, आज मैं तेरी छूट में डालने वाला हू.

और ये सब मेरे मूह से सुन कर उन्होने एक ज़ोरदार तमाचा मेरे गाल पर मारा, और मुझे धकेलते हुए कहा-

शांटबैई: निकल जेया भद्वे. आज तू सच में मरेगा.

तब मैने उनसे कहा: मुझे मारना है तो मार दो. लेकिन एक ये वीडियो तो देख ले, जो तेरे और आरती के बीच की है.

आरती का नाम सुनते ही उनके हाथ पैर मानो ठंडे पद गये, और मुझसे कहने लगी-

शांटबैई: कों आरती? मेरा क्या संबंध है आरती के साथ? तू यहा से निकल जेया.

तब मैने अपनी जेब से मोबाइल निकाला, और उनके पास आ कर खड़ा हुआ. फिर उन्हे आरती और उनकी लेज़्बीयन सेक्स वाली वीडियो दिखा दी. वो देखते ही वो दो कदम पीछे हटती और मुझसे कहा-

शांटबैई: चुप-छाप निकल जेया यहा से. मैं सूर्या या उसके बाप से कुछ नही कहूँगी. लेकिन दोबारा मेरे घर पर कभी मत आना.

मैने उनसे कहा: अब तो मैं तेरे घर रोज़ अवँगा, और तेरी छूट भी रोज़ मारूँगा.

इससे आयेज की कहानी, अगले पार्ट में. आप लोगों को ये कहानी कैसे लगी आप मुझे मैल करके बताए. मेरी मैल ईद

है

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