पड़ोस की कुंवारी लड़की चुदना चाहती थी

उसकी बड़ी गांड को देख कर तो मेरा लंड कड़ा हो गया, मैं खुद को रोक ही नहीं सका।

थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उसके ऊपर रखा.. उसने कुछ नहीं कहा.. फिर मैंने उसके मम्मों पर हाथ रखा.. उन्हें प्रेस किया.. तो लगा मानो स्वर्ग की सैर कर रहा हूँ।

फिर मैंने उसकी सलवार में हाथ डाला.. चूत को टच किया तो वो भी मस्ती में आ गई।
तब मैंने अपना लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया.. उसने ज़ोर से पकड़ लिया।
मैंने आहिस्ता-आहिस्ता उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए।
अब वो मुझसे चुदने के लिए तैयार थी।

मैंने उसके होंठों को खूब चूसा और मम्मों को तो जैसे मैं उखाड़ ही देना चाहता हूँ.. इस कदर भंभोड़ा।

फिर मैंने काफी देर तक उसकी फुद्दी पर अपनी जीभ फिराता रहा। जब वो मस्त हो गई तो मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाला और वो बड़े मजे से लंड की चुसाई करती रही।

मैंने रूबल से कहा- रूबल मेरा लंड रुक नहीं रहा है.. तुम्हारी रसीली बुर में घुसना चाहता है।
उसने कहा- समर.. तो सोच क्या रहे हो.. मैं तो इस दिन का कब से इंतजार कर रही हूँ। मैं और मेरा पूरा बदन तुम्हारा है.. जो जी में आए.. वो करो।

यह कह कर उसने अपनी टाँगों को फैला दिया और मैं अपना लंड उसकी सफाचट चूत में धीरे-धीरे डालने लगा।

मैंने जैसे ही उसकी चूत के होंठों पर लंड रखा.. वो तड़प उठी, वो अब तक वर्जिन थी।
मैंने धीरे से एक धक्का मारा और मेरा लंड का थोड़ा सा हिस्सा उसकी चूत में घुस गया।
वो चीख पड़ी- प्लीज़ समर बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ इसे निकाल लो।

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पर मैंने उसकी एक ना सुनी और एक ज़ोरदार धक्का मार दिया। अब मेरा लंड उसकी चूत में लगभग तीन चौथाई तक अन्दर जा चुका था और उसकी चूत में से खून निकलने लगा.. वो चीखने लगी।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके चूचों को दबाने लगा।
जब दर्द थोड़ा कम हुआ.. तो वो कहने लगी- प्लीज़ इसे बाहर निकाल लो.. बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने उसको समझाया कि थोड़ा दर्द तो होगा ही.. पर बाद में मज़ा भी आएगा।

अब मैंने उसको दोबारा चोदना शुरू किया। तभी उसके कंठ से एक जोर की आवाज आई।

मैंने कहा- रूबल लगता है चूत तो फट गई.. मेरी साली रंडी.. चुदवा ले अब इसके बाद तेरी गांड मारने की बारी है।

सील फटने से पहले तो उसको दर्द हुआ.. बाद में खूब मज़ा आने लगा। अब वो मेरा साथ दे रही थी।

वो कहने लगी- समर और ज़ोर से.. फाड़ दो मेरी चूत को.. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती.. आह्ह.. चोद दो मुझे..

मैं उसके मज़े लूटता रहा और रूबल ‘आआआई.. आहहह..’ करती रही।

मैंने चुदाई की मूव्मेंट और तेज़ कर दी। मैं अपने लौड़े को धीरे से चूत से बाहर निकालता.. और चूत में दुबारा जोर से घुसा देता।

वो मजे से झूम उठती।
वो कहने लगी- समर आआह..क्या बात है.. आआह.. ऐसे ही हाआआं.. ऐसे ही और जोर से.. आहह.. चोदो।

कुछ देर चूत पेलने के बाद मैंने रूबल की गांड में अपना लंड घुसा दिया और उसको पूरी तरह से चोदा।

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रंडी को खूब मजा आया.. काफी देर तक चुदाई चली। फिर मेरा रस निकलने वाला था तो मैंने कहा- रूबल कहाँ इस पानी को डालूँ?
वो बोली- मेरे मुँह में..

तो मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया और मैं ठंडा हो गया।

हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर यूं ही पड़े रहे। फिर उसने अपने कपड़े पहन लिए।

यह थी मेरी सेक्स कहानी.. प्लीज़ रिप्लाई मी मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा।

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