पर पतिदेव को मुझे ऐसे चिड़ाने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था और उससे भी ज्यादा खास बात यह है कि सेक्स के बाद उन्हें मेरे दूध को पिए बिना नींद नहीं आती हैं और ना ही मुझे उनको दूध पिलाये बिना।
मैं उनसे विनती करने लगी- प्लीज पी लो!
मेरी बैचेनी बढ़ती जा रही थी तो मैं फिर रोने लगी, पर मेरा ये रोना झूठा था।
तब मेरे ऊपर आये और कहा- एक बार और बोलो ना?
मैंने फिर कहा- प्लीज पी लो न… बहुत बैचेनी हो रही है।
फिर वो मेरा दूध पीने लगे और मैं उनके बालों को सहलाने लगी।
तब मुझे अचानक ध्यान आया कि इतने सारे दूध के पैकेट पतिदेव क्यों लेकर आये थे।
उनको अपने दूध पिलाते हुए मैं मेरा एक पैर उनकी कमर पर रखने की कोशिश भी कर रही थी पर दर्द की वजह से यह सम्भव नहीं हो पा रहा था।
तो पतिदेव ने दूध पीते हुए उनकी कमर पर रखा और एक चपत मेरे चूतड़ पर मारी और उसे सहलाने लगे।
अब मुझे सुकून मिल रहा था, दिन भर के बाद अब मेरा दूध जो पी रहे थे, पर पता नहीं कब मुझे नींद आ गई।
सुबह उठी, देखा तो मेरा सर पतिदेव के कन्धे पर है और उनकी टांग मेरी कमर पर और मुझे दोनों हाथों से जकड़कर सोये हुए थे।
पर नहीं वो तो मुझसे पहले ही जाग गए थे, बस मुझे बाहों में भरे हुए थे।
मेरी गांड का दर्द भी कम हो चुका था, मैंने वहाँ पर हाथ लगाया तो मुझे कुछ चिपचिपा सा लगा।
उन्होंने कोई दवाई लगाई थी जब मैं सो गई थी उसके बाद!
मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी।
जब वो उठने लगे तो मैंने कहा- नहीं, अभी थोड़ी देर और ऐसे ही पड़े रहो।
पतिदेव बोले- समय देखो, 8 बज चुके हैं।
जब मैंने घड़ी की ओर देखा तो सच में 8 बज चुके थे, मैं लड़खड़ाती हुई बाथरूम गई और ब्रश करके फ्रेश हुई।
तभी पतिदेव भी आ गए और साथ नहाने के लिए बोला तो मैंने भी शर्माकर हाँ कह दिया।
हम दोनों साथ में नहाये, मैंने उनकी टीशर्ट पहनने के लिये कहा, उन्होंने भी वही किया।
थोड़ी देर बाद वो चाय लेकर आये, और उसके बाद खाना बनाने चले गए, मैं भी थोड़ी देर बाद किचन में लड़खड़ाते हुए पहुंच गई और पूछा कि कल मुझे मुँह में झड़ने की पूछकर चेहरे पर ही क्यों झड़ गए?
तो उन्होंने कहा- गोली खाई थी इसलिए… मैं नहीं चाहता कि वो गोली खाया हुआ माल तुम्हारे मुंह में जाए! तुम्हें एक बात और बताना चाहूंगा कि कल दोपहर में मैंने तुम्हें भी दूध में गोली डालकर पिलाया था ताकि तुम्हें दर्द सहन करने की शक्ति मिले मेरी जान!
यह सुनकर मैं उनकी पीठ से लिपट गई और और तब तक लिपटी रही जब तक खाना बनाया और बात करती रही।
फिर खाना खाकर थोड़ी देर बाद जब मैं पानी के लिए किचन में आई पतिदेव भी मेरे पीछे आये।
जब फ्रिज खोला तो उसमें आज फिर दूध के 7-8 पैकेट।
मैंने उनकी तरफ देखा तो वो हंसकर मेरी तरफ देख रहे थे।
अब आप आगे समझ ही गए होंगे।
इसके बाद लगातार चार और दिन उन्होंने मेरी गांड का मुरब्बा बनाकर रख दिया।
एक हफ्ते बाद जब मेरे सास-ससुर जब कुम्भ से वापस आने वाले थे, तब उन्होंने मुझे कहा कि आज वे मुझे साड़ी पहनाएंगे!
मैंने ख़ुशी ख़ुशी हाँ कर दी।