Khushboo Bhabhi Ke Kamuk Badan Ki Madakta

मैंने धीरे से उसके एक स्तन पर चुम्बन किया और उसके अग्र भाग को हल्के से अपने होंठों से दबा कर खींचा.. उससे वो चिहुंक पड़ी।

वो अपने निप्पल को और अधिक मेरे मुँह में देने को आतुर सी हो उठी।
मैं भी उसको खींचते हुए चूसने लगा।

कुछ मिनट तक चूसने के बाद मैं नीचे की तरफ बढ़ने लगा, उसकी गहरी नाभि में भी जीभ डाल कर मैंने उसे किस किया।

भाभी आँखें बंद किए हुए थी और मेरे बालों में उंगलियों से सहला रही थी।
मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था।

भाभी की चूत की खुशबू
अब मैं उसे चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा और उसकी पैन्टी के पास मेरी नाक जाते ही भाभी की चूत की एक मदहोश कर देने वाली खुशबू से मेरा दिल खुश हो गया।

उसकी पैन्टी पर होंठ रखते ही मुझे पता चल गया कि उसकी पैन्टी गीली हो चुकी है। शायद वो एक बार झड़ चुकी थी।

मैं चूतरस से सराबोर भाभी की पैन्टी को ही ऊपर से चाटने लगा और उसके स्वाद से मदहोश होने लगा।

अब तक भाभी पूरी गर्म हो चुकी थी और मेरा सिर अपनी चूत की तरफ ज़ोर-ज़ोर से दबा रही थी।
लेकिन मैं उसे अभी और गर्म करना चाहता था।

अब मैं उसकी जाँघों को चूमने चाटने लगा और जाँघों से किस करते-करते उसके तलवों को भी किस किया।

भाभी अब आँखें खोल कर मुझे प्यासी नज़रों से देख रही थी और मानो कह रही थी कि अब मुझे मत तड़पाओ संजय और मुझे चोद डालो।

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मैंने उसकी पैन्टी को धीरे-धीरे खींचना शुरू किया। वैसे तो उसकी चूत पैन्टी के ऊपर से ही साफ-साफ उभरी हुई दिख रही थी।

जब मैंने उसकी को पैन्टी खींचना शुरू किया.. तो देखा कि कुछ लिसलिसा सा पदार्थ उसकी पैन्टी से लग कर पतला तार सा बनाता हुआ खिंच रहा था। मुझे लगा कि ये बताता है कि वो एक बार झड़ चुकी है।

भाभी की चिकनी चूत
अब मैंने जब उसकी पैन्टी को निकाल दिया तो उसकी चूत से नज़रें ही नहीं हट रही थीं।
मैंने ऐसा नज़ारा अपने जीवन में कभी नहीं देखा था दोस्तो… उसकी चूत पर उसका रजरस लगा हुआ होने से चमक रहा था।

मैं उसकी मादक खुश्बू से ऐसे ही मदहोश हुए जा रहा था।
उसकी बिल्कुल गुलाबी और क्लीन शेव की हुई चिकनी चूत को देख कर मैं देखता ही रह गया।

कुछ देर के बाद मैं धीरे-धीरे अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा।
मेरे चूत चाटने से भाभी तो मानो उछल पड़ी।
मैंने उसकी तरफ देखा और पूछा- क्या हुआ?

भाभी बोली तो कुछ नहीं.. बस मेरा सिर अपनी चूत की तरफ़ दबाने लगी।
मैं भी उसकी चूत को दोनों अंगूठों से खोलकर उसके अन्दर जहाँ तक हो सकता था, अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगा।

उसके पैर मेरे दोनों तरफ थे ओर मैं पैरों के बीच में चूत पर मुँह रखे हुए पड़ा था और उसकी चूत के रस का आनन्द ले रहा था।

कुछ मिनट तक चूत चूसने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और थोड़े ही पलों में वो मेरे मुँह में ही अपनी पिचकारी छोड़ने लगी।
मैं भी उसके रस को मजे से पी गया।

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अब भाभी निढाल हो कर पड़ी हुई थी, मैं उसके पास जाकर उसे फिर से किस करने लगा और थोड़ी ही देर में फिर से वो तैयार हो गई।

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