करवा चौथ पर गरम हुई विधवा मौसी की चुदाई

हेलो दोस्तो, कैसे हो आप सब? आप सभी को मेरे खड़े लंड का नमस्कार. मेरी सेक्सी रियल स्टोरी पढ़ के आप खूब मज़े ले रहे हो. मुझे आपके मेल्स से पता चलता है. प्लीज़ ऐसे ही अपना प्यार बनाए रखना. मुझे अपना गुड फीडबॅक देते रहना.

आज मैं फिरसे आपके लिए एक और न्यू रियल सेक्स स्टोरी लेके आया हू. ये स्टोरी भी मेरी बाकी स्टोरीस जैसे रियल है. कुछ भी झूठ नही है.

आप मुझे तो जानते हो. जो न्यू रीडर्स है, उन्हे मैं बता डू. मेरा नामे रोहित कॉल बॉय है. मेरी आगे 27 है. मैं राजस्थान से हू. लंड का साइज़ 7 इंच है. मैने अब तक अपनी कॉल बॉय और नॉर्मल लाइफ में, 65 लॅडीस, भाभिस, आंटीस, आंड गर्ल्स को छोड़ा है.

अब मैं स्टोरी पर आता हू. इस स्टोरी में मैने अपनी विधवा मौसी को छोड़ा है. आपको पहले मैं उनके बारे में बता डू. मौसी का नामे रेखा है. उनकी आगे 38 है. मेरी मा से छ्होटी है. वो 5 साल पहले ही विधवा हुई थी. उनका एक बेटा है.

तो दोस्तों ये बात करवा चौथ की है. मेरी मौसी करवा चौथ से 1 दिन पहले मेरी घर आई थी. मेरी मौसी का रंग हल्का सावला है. उनका बदन बहुत ही सेक्सी है. एक-दूं तारक मेहता की माधवी भाभी जैसा है.

वो अपने बेटे के साथ घर पर आई थी. हम बहुत खुश थे. क्यूंकी काफ़ी टाइम बाद मौसी हमारे घर आई थी. हज़्बेंड के जाने बाद से बहुत ही दुखी रहती थी. इसलिए मा ने उन्हे कुछ दिन के लिए बुला लिया.

उस टाइम मौसी को लेके मेरे मॅन में कोई ग़लत विचार नही थे. वो सिर्फ़ नॉर्मल सारी ही पहनती थी.

अब नेक्स्ट दे करवा चौथ का दिन था. तो पापा भी घर थे, और मा ने व्रत रखा था. उस दिन रात को मा ने पूजा करके खाना खाया. हम सब ने खाना खा के कुछ बातें की. फिर रात 11 बजे मा पापा अपने रूम में चले गये.

मैं और मौसी मेरे वाले रूम में सोते थे. तो हम वाहा आ गये. वही उनका बेटा भी सोता था हमारे साथ. मेरी घर में सिर्फ़ 2 रूम्स, और 1 किचन है. दोनो रूम आपस में जुड़े हुए है.

मौसी मेरे बेड पर ही सोती थी. हम साथ में सोते थे. क्यूंकी मेरा मौसी के लिए कोई ग़लत विचार नही था. लेकिन मुझे रोज़ रात को लंड हिलने की आदत थी. तो मौसी के सोने बाद मैं लंड हिलता था.

लेकिन उस दिन 12 बजे के बाद, मा-पापा बगल के अपने रूम में करवा चौथ वाली चुदाई कर रहे थे. मुझे भी नींद नही आ रही थी. शायद मौसी भी सो नही रही थी. बस लेती हुई थी. मुझे यार पता नही था.

मा पापा की चुदाई की आवाज़ सुन कर मेरा भी लंड खड़ा होने लगा था. मैं रज़ाई में अपनी पंत खोल कर अपना 7 इंच का लंड हिलने लगा. मेरे हिलने से रज़ाई भी हिलती थी. जिससे मौसी की तरफ से रज़ाई मेरी तरफ खिच जाती.

मौसी मुझे शायद नींद में बोलती-

मौसी: रोहित सीधा होके सो ना.

मैं चुप-छाप उनकी बात सुने बिना लंड हिलता गया. बगल के रूम से मा की आह उहह की आवाज़ आ रही थी. मौसी भी जागी हुई थी. वो भी उस आवाज़ को सुन के अपना हाथ सारी में डाल के छूट मसल रही थी.

लेकिन हम दोनो एक-दूसरे से बिना बोले अपने काम में लगे हुए थे. मौसी को अब मेरी तरफ से रज़ाई हिलने से पता चल गया, की मैं अपना लंड हिला रहा था. क्यूंकी रज़ाई मेरी कमर के नीचे से ज़्यादा हिलती थी.

मौसी बस चुप रही. वो बस मा की आवाज़ सुन कर अपनी छूट मसल रही थी. मुझे भी ये पता चल गया था. क्यूंकी उनकी भी हल्की-हल्की उम्म उम्म की आवाज़ आ रही थी.

उनका बेटा हमारे बीच में सोया हुआ था. वो गहरी नींद में था. मैं अब उनकी और देख कर अंधेरे में लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा. मौसी अब मुझे बोली-

मौसी: बेटा, ये तू क्या कर रहा है? तुझे शरम नही आ रही है?

मैं: मौसी आप जाग रही हो क्या? सॉरी, मुझे रोज़ की आदत है. प्लीज़ आप मा को मत बताना.

बगल वाले रूम से मा पापा की चुदाई की आवाज़ भी मुझे और शायद मौसी को भी गरम कर रही थी. इसलिए मौसी नॉर्मल होके बोली-

मौसी: दीदी जीजू की आवाज़ सुन कर तो तू ये सब नही कर रहा ना?

मैं: हा मौसी.

मौसी: बेटा, तेरी कोई गफ़ नही है क्या?

मैं: ब्रेकप हो गया.

मौसी मुझसे फ्रेंड्ली बातें करने लगी.

मौसी: तू ये काम रोज़ करता है क्या?

मैं: हा, मुझे रोज़ की आदत है. बिना हिलाए नींद नही आती है. मौसी, आप भी तो कुछ कर रही थी अभी.

मौसी शरमाते हुए बोली: हा, रोहित. वो मैं बस ऐसे ही.

मैं: कोई बात नही. आप मुझे खुल के बोल सकती हो.

मा पापा की सेक्स की आवाज़ से वो भी गरम हो रही थी. मैं अब भी अपना एक हाथ लंड पर रख कर हिला रहा था. मौसी सब देख रही थी. वो भी अपनी छूट मसल कर बोली-

मौसी: क्या करू पागल. मैं भी तो औरत हू. जैसे तू हिला रहा है, मुझे भी ठंडक चाहिए ना. दीदी और जीजू की ये आवाज़े सोने नही दे रही है.

मैने अब धीरे से अपना एक हाथ मौसी की छूट के उपर रख दिया. मौसी ने अपनी सारी उपर की हुई थी. उनकी बालों वाली छूट पर मैने हाथ रख दिया. जैसे ही मैने हल्का सा छूट को अपने हाथ से सहलाया, तो मौसी की गरम सिसकी निकल गयी.

मौसी: श रोहित, यार क्या कर रहा है? मैं तेरी मा समान हू. ये सब ग़लत है.

मई: क्यूँ मौसी, आपको अछा नही लग रहा है क्या?

मौसी: अछा लग रहा है. लेकिन ये सब ग़लत है. तू बेटे जैसा है.

मैं: तो क्या हुआ? आपकी भी ज़रूरत है ना. वैसे भी मैं किसे बता रहा हू. आप बस एंजाय करो. हम दोनो के बारे में किसी को पता नही चलेगा.

मैं धीरे-धीरे छूट के दाने को मसल रहा था. छूट गीली होने लगी थी. मौसी की छूट पर बहुत बाल थे. मैने कहा-

मैं: मौसी क्या आप बाल नही सॉफ करते?

मौसी: किसके लिए करती पागल? मैं तो अब अकेली हू ना.

मैं: आपने मौसा जी के बाद किसी के साथ नही किया?

मौसी: नही, मुझे ये सब ठीक नही लगा. और फॅमिली की इज़्ज़त चली जाती.

मैने कहा: मौसी मैं तो अपने बाल सॉफ रखता हू. देखो हाथ लगा के.

मैने मौसी का हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख दिया. मौसी ने जैसे ही मेरे गरम लंड को पकड़ा, वो रज़ाई के अंदर लंड के आस-पास हाथ घूमने लगी. तो उसे पता चला की लंड क्लीन शेव्ड था.

वो बोली: हा, तू तो सॉफ-सफाई का पूरा ध्यान रखता है. और तेरा यार बहुत बड़ा है. कैसे संभलता है?

अब मौसी भी मूड में आ रही थी. उसने हाथ नही हटाया था. वो बस अपनी सॉफ्ट उंगली से लंड पर सहला रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मौसी अब लंड को धीरे से अपने हाथ में भर लिया, और धीरे-धीरे हिलने लगी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैने उनसे पूछा-

मैं: मौसी कैसा लग रहा है आपको?

मौसी: हा बेटा. बहुत बड़ा लग रहा है तेरा. हाथ में गरम लग रहा है.

मौसी ने मेरा हाथ छूट में दबा दिया. मैं उसे मसालने लगा. उनके मूह से हल्की सिसकियाँ आ रही थी. छूट अपना रस्स निकाल रही थी. मौसी की झांतो वाली छूट बहुत टाइट थी. मैने उसमे एक उंगली डाली, तो मौसी की सिसकी निकल गयी.

मौसी: आह उफ़फ्फ़ बेटा, धीरे कर.

मुझसे अब रहा नही जेया रहा था. तो मैने उनसे कहा-

मैं: अपने बेटे का कुछ करो ना. मुझसे अब रहा नही रहा है.

मौसी: हा, एक काम कर, तू इसे नीचे गद्दा लगा के सुला दे.

मैने वैसे ही किया. फिर मैने उनके बेटे को नीचे सुला दिया. मैं फिर बेड पर आ गया. मौसी भी मेरी पास आ गयी. मैने डाइरेक्ट उनके होंठो को अपने होंठो से पकड़ लिया, और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा. वो भी मुझे चूमने में साथ दे रही थी.

मौसी की 4 साल की गर्मी बाहर आने लगी. वो मेरे सर को सहला के मेरे होंठो को चूसने में साथ दे रही थी. मैं उनके ब्लाउस के उपर से ही बूब्स दबाने लगा. उनकी गरम सिसकियाँ आने लगी.

मौसी: ष्ह आह हा हा बेटा. करता रह मेरे रोहित. कितना अछा प्यार करता है तू.

मैं: सारी रात आपको प्यार करूँगा मेरी जान.

मौसी हेस्ट हुए बोली: वाह बेटा. मौसी से सीधा मेरी जान पर आ गया.

मैं: हा मेरी जान. आज आपको अपनी बीवी बना कर प्यार करूँगा.

मौसी: ठीक है रोहित. मैं भी तुझे आज अपना पति बना लेती हू. आजा कर ले जो करना है.

नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए मौसी की डुमदार चुदाई.

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थॅंक्स ड्के.

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