कामुकता भारी चाची की चूत चुदाई कथा

नमस्ते मेरा नाम रजनी है. जैसा की आपने पिछली स्टोरी में पढ़ा होगा की कैसे मैं और मेरा भतीजा एक-दूसरे को किस करने लगे. जिसने पिछले पार्ट्स नही पढ़े, वो जाके पढ़ ले. चलिए शुरू करते है.

जब मैं और सचिन एक-दूसरे को किस कर रहे थे, तो उस मैदान में कोई नही था. इसलिए हमे टेन्षन नही थी. सचिन मेरी गांद को दबाने लग गया, और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. वो बोल रहा था-

सचिन: कितने दीनो से तडपा रही हो चाची जी. आज तो आपको जन्नत की सैर करा के रहूँगा.

मैं सिसकियाँ ले रही थी: अया अया अया मॅर गयी. बहुत मज़ा रहा था. फिर मैने उसको रोका-

रागिनी: यहा नही, घर पर. पर वो नही माना.

फिर मैने उसको मनाया, और वो मान गया. उसके बाद हम गाड़ी लेकर घर आ गये. आज पति की नाइट ड्यूटी लग गयी, तो मुझे और सचिन को तो बहुत मज़ा आ गया. सचिन ने मुझे देख के स्माइल कर दी. शाम को पति ऑफीस चले गये, और सचिन अपने रूम से नीचे आके मेरी गांद दबाने लगा.

मैने उसको माना किया की रात को करेंगे पर वो नही माना. मैने उसको मनाया, रात को अपने बेटे जल्दी सुला दिया, और 9 बजे मैं सचिन के रूम में गयी. वो बहुत एग्ज़ाइटेड था. जैसे ही मैं उसके पास गयी, उसने मुझे अपने पास खींच लिया, और किस करने लगा. फिर हम 20 मिनिट तक किसा करते रहे.

वो कभी मेरे बूब्स, तो कभी मेरी गांद दबाता. फिर मैं उठी, और रूम को लॉक कर दिया. फिर मैं कपड़े उतारने लगी, तो उसने मुझे रोक दिया. वो खुद मेरे कपड़े उतारने लगा. पहले मेरी त-शर्ट, फिर मेरा लोवर.

मैं अब उसके सामने सिर्फ़ ब्रा और पनटी में रह गयी. फिर मैने उसके कपड़े उतारे. वो सिर्फ़ चड्डी में रह गया जिसमे उसका लंड सॉफ दिख रहा था. फिर वो मुझे दोबारा किस करने लगा. कभी मेरी नेक पर, कभी मेरे लिप्स पर, कभी मेरे बूब्स पर.

फिर उसने मेरी ब्रा उतार दी, और वो मेरे बूब्स को मसालने लगा. मुझे बहुत अछा लग रहा था. फिर वो मेरे पेट पर किस करने लगा. उसके बाद वो मेरी पनटी उतारने लगा. फिर उसने मेरी टाँगो को वाइड किया, और मेरी छूट को देखने लगा. छूट देख के वो बोला-

सचिन: ये तो बहुत क्यूट है.

मैं बोली: तेरी है आज से. जल्दी से इसे खुश कर दे.

वो बोला: कर दूँगा, पहले इसे मैं देख तो लू.

फिर उसने अपनी उंगली मेरी छूट में डाली, और अंदर-बाहर करने लगा. मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी ऐसा लग रहा था. मेरे मूह से लगातार आ आहह आहह की आवाज़ आ रही थी. फिर उसने अपना मूह मेरी छूट पर रख दिया, और अपनी जीभ से मेरी छूट को चाटने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. ऐसा लग रहा था, ये पल कभी ख़तम ना हो.

रागिनी: आ आ मा मॅर गयी आ आ अया चाट ले बेटा तेरी चाची की छूट. बहुत दिन से प्यासी है, बुझा दे इसकी प्यास. 15-20 मिनिट में मैं झाड़ गयी, और वो मेरी छूट का सारा पानी पी गया.

वो बोला: इतना अछा पानी मैने आज टके नही पिया.

फिर मैने उसको लिटाया और खुद उसके लंड को देखने लगी. फिर मैने उसकी चड्डी को उतरा, और उसके लंड पर हाथ फेरने लगी. उसका लंड किसी घोड़े जैसे लग रहा था. मैने आज तक इतना मोटा और लंबा लंड नही देखा था.

फिर मैने झट से उसे अपने मूह में ले लिया, और उसकी चूसने लगी. सचिन के मूह से आ आ की आवाज़ आने लगी. 15-20 मिनिट चूसने के बाद वो बोलने लगा-

सचिन: मेरा निकालने वाला है. कहा निकालु?

मैने उसको बोला: मेरे मूह में निकाल दे.

फिर वो मेरे मूह में झाड़ गया. उसके बाद हम कुछ देर लेते रहे और फिर सचिन का लंड खड़ा हो गया. फिर सचिन ने मुझे अपने नीचे लिटाया, और मेरी कमर के नीचे एक पिल्लो लगाया. मैने उसको बोला की लंड पे कोई क्रीम लगा ले. फिर उसने क्रीम लगा ली, और मेरी छूट पर भी थोड़ी क्रीम लगा दी.

उसके बाद उसने अपना लंड मेरी छूट के मूह पर रखा, और अंदर डाल दिया. मेरी तो जान निकल गयी. मैं ज़ोर से चिल्लाई, और उसने एक-दूं से अपना लंड निकाल लिया.

वो बोला: ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या?

मैने उसको बोला: कोई एक साथ थोड़ी डालता है. आराम से डाल.

फिर उसने आराम से डाला. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मेरी आँखों से आँसू आ रहे थे. पर सचिन ने धीरे-धीरे मेरी छूट में अपना पूरा लंड डाल दिया. मुझे एक अलग ही सुकून मिल रहा था.

कुछ देर रुकने के बाद सचिन ने मेरी चुदाई चालू की. वो धीरे-धीरे करने लगा. मुझे मज़ा आने लगा, और मैं उसको तेज़ करने के लिए बोलने लगी. फिर उसने तेज़ी से छोड़ना चालू किया.

रागिनी: अया आ आ आ अया आहा मॅर गयी. फाड़ दे अपनी चाची की छूट, बना ले हमेशा के लिए अपना. बना ले अपनी रॅंड मुझे.

और मैं आ आहह आह आह करती रही. सचिन भी बोल रहा था-

सचिन: आज तक ऐसी छूट नही छोड़ी. मज़ा आ रहा है चाची.

फिर मैने उसको लिटाया और कॉवगिरल पोज़िशन में चुदाई करने लगी, जिसमे उसका लंड मेरे ज़्यादा अंदर तक जेया रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो डॉगी स्टाइल में करने लगा. कभी बूब्स को पकड़ के, कभी मेरी गांद को दबाता, कभी गांद पर मारता.

मुझे उसको इस तरह छोड़ना बहुत अछा लग रहा था. मेरी पूरी ज़िंदगी में ऐसी चुदाई नही हुई थी कभी. 1 से 1.5 घंटे तक चुदाई चली. जब तक मैं 3-4 झाड़ गयी थी.

फिर सचिन बोलने लगा: मेरा निकालने वाला है.

मैने उसको छूट में छ्चोढने के लिए कह दिया, और वो मेरी छूट में झाड़ गया. मेरी छूट में मुझे इतना गरम और इतने वीर्या का एहसास हुआ जैसे किसी ने मेरी छूट में एक ग्लास भर के वीर्या डाल दिया हो. वो फिर 5-10 मिनिट तक मेरे उपर पड़ा रहा.

फिर जैसे ही वो हटता, तो उसका वीर्या मेरी छूट से किसी लावा की तरह निकालने लगा. मुझे तो मानो आज ज़िंदगी मिल गयी. मैने सचिन को थॅंक योउ बोला जन्नत दिखाने के लिए.

फिर सचिन बोला: जन्नत तो आपने मुझे दिखाई है. मुझे आज तक इतना मज़ा किसी के साथ नही आया.

फिर सचिन उठा और मेरी छूट को देखने लगा. मैं भी उठी, और बातरूम जाके खुद को सॉफ किया

और रूम में आके शीशे के सामने अपनी छूट को देखने लगी. मेरी छूट सूज चुकी थी. सचिन उसे देख के स्माइल करने लगा.

फिर हम लेट गये और सचिन बोला: अब मैं आपको कभी भी छोड़ सकता हू.

मैं बोली: हा, कभी भी छोड़ सकते हो. मैं तुम्हारी हू हमेशा के लिए.

फिर वो बोला: ई लोवे योउ चाची जी.

मैने भी उसको ई लोवे योउ टू बोला, और वो मेरे बूब्स को दबाने लगा.

मैं बोली: क्यूँ अभी मॅन नही भरा?

तो वो बोला: अभी तो पूरी रात बाकी है.

फिर वो मुझे किस करने लगा. उस रात हमने 4-5 बार चुदाई करी.

इससे आयेज अगले पार्ट में.

आपको कैसी लगी स्टोरी मुझे ज़रूर बताए, और किसी लेडी को कोई भी हेल्प चाहिए तो मुझे मेसेज करे. मैं पूरी हेल्प करूँगी. और प्लीज़ फेक ई’द से मेसेज ना करे, जिसे रियल में हेल्प छाईए होती है उसकी हेल्प नही हो पाती थॅंक योउ.

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