कामुक कहानी दोस्त के दोस्त को चोदने की

दौड़ के हम दोनो लिफ्ट के अंदर आ गये. बाहर बारिश हो रही थी, और हम काफ़ी भीग भी गये थे. रात के दो बाज गये थे. लिफ्ट टॉप फ्लोर पर चली गयी, क्यूंकी वही मेरा कमरा था.

उपर जाने से पहले ही लाइट चली गयी, और टॉप और सेकेंड टॉप फ्लोर के बीच में लिफ्ट रुक गयी. हम दोनो अकेले लिफ्ट में बंद हो गये. हमने काफ़ी वेट की, पर लाइट नही आई. दर्र के मारे मैने असीम का हाथ पकड़ लिया. असीम एक हटता-कटता, रोज़ जिम जाने वाला और एक हॉट बंदा था.

पहले दिन से ही मैं उसपे मरता था, और उसको ये बात पता थी. मौके के फ़ायदा उठाते हुए असीम ने मुझे गले लगा लिया और कहा-

असीम: दर्र मत डार्लिंग, मैं हू ना.

ऐसा बोल के उसने मेरे सर पर हाथ घुमाया और कस्स कर मुझे गले लगाया. हम काफ़ी भीग चुके थे, और इसलिए ठंड के कारण मैं काँप रहा था. गले लगते ही असीम का लंड पंत के उपर से ही मुझे नीचे महसूस हुआ.

उसका लंड काफ़ी बड़ा लग रहा था, और मुझे चू रहा था. ये सब होते ही मेरा लंड भी तंन गया. और असीम को भी मेरा लंड महसूस हुआ, तो उसने मौके का फ़ायदा उठाया.

असीम: ठंड लग रही है क्या?

मैं: हा.

असीम: शर्ट उतार दे. छाती पर गीली त-शर्ट ज़्यादा देर तक मत रख.

मैं शर्मा गया. मेरी शरम डोर करने के लिए उसने अपनी त-शर्ट उतार दी.

असीम: शर्मा मत. ले मैने अपनी त-शर्ट उतार दी. तुझे ठंड लग जाएगी.

इतना कहते ही उसने मेरी त-शर्ट पर हाथ रखा, और उसे उतारने लगा. मैं उसको माना नही कर पाया. अब हम दोनो उपर से कुछ नही पहने हुए थे. फिर असीम मेरे करीब आया. मैं पीछे जाने लगा. वो और कारेब आया. ऐसा करके लिफ्ट के कोने में मैं खड़ा हो गया.

मैं: ये क्या कर रहे हो असीम?

असीम: तुझपे प्यार आ रहा है.

इतना कहते ही उसने मेरे गले को आयेज से पकड़ कर पीछे लिफ्ट पर दबाया, और मेरे होंठ चूसने लगा. पहले मेरा सर लिफ्ट से टकराया, और उसकी पकड़ से मेरा गला दर्द करने लगा. पर उसने जैसे ही मेरे होंठो को चूसना शुरू किया, मैं सब भूल गया. और यहा नीचे मेरा लंड खड़ा हो गया था.

उसने एक हाथ से मेरे निपल्स को दबाया, और बड़ी बेरेहमी से मुझे मसालने लगा. मुझे अब दर्द हो रहा था, तो मेरे मूह से चीख निकल गयी. उसने मेरे गले हो किस करना शुरू किया. झट से मुझे उल्टा करके मेरा मूह लिफ्ट के कॉर्नर पर दबाया, और नीचे से मेरी पीठ पर किस करने लगा और अपने नाखूनओ से खरोंछने लगा.

उसने पीछे से मेरी पंत का बेल्ट खोला, और फिर मेरी पंत का बटन खोला. फिर पंत पकड़ कर ज़िप को इतने ज़ोर से खींचा, की ज़िप टूट गयी. असीम ने फिर एक हाथ के दो उंगलियाँ मेरे मूह में डाली और दूसरा हाथ झट से मेरी चड्डी के अंदर डाल दिया.

उसका हाथ मेरे खड़े लंड को छूटा हुआ मेरे टॅटू पर चला गया. उसने अपनी उंगलियों से मेरे मूह को छोड़ना शुरू किया, और यहा नीचे एक हाथ से मेरी दोनो बॉल्स को कस्स कर दबाया. मेरी तो जान ही निकल गयी थी. मैं चीख नही पा रहा था, पर मेरी आँखों से पानी निकल गया. फिर असीम ने अपनी पकड़ ढीली की, और मेरी तरफ देखा.

असीम: तू तो अभी से रो दिया. तुझे तो खूब पेलुँगा. रात भर नंगा करके छोड़ूँगा.

असीम की बातें सुन के मुझे पता नही क्यूँ बहुत अछा लगने लगा. असीम की तारक उससे ये सब बुलवा रही थी. उसने फिर मेरी पंत को नीचे खिसकाया, और कहा-

असीम: उतार इसको भद्वे.

वैसे तो मुझे गालियाँ पसंद नही, पर असीम के मूह से मेरे लिए गालियाँ सुन के मुझे बहुत सुकून मिलता है. मैने अपनी पंत उतरी, इतने में असीम ने खुद की भी उतार दी. उसकी चड्डी के अंदर से उसका लंड सॉफ तन्ना हुआ दिख रहा था.

लिफ्ट के अंदर तोड़ा अंधेरा था, इसलिए सॉफ-सॉफ नही देख पा रहा था. उसने मेरी चड्डी के एक कोने को पकड़ा, और एक झटके में खींच के नीचे निकाल दिया और मैने अपने पैरों से चड्डी को उतार फेंका.

अब मैं असीम के सामने बिल्कुल नंगा था. मेरा लंड उसके सामने खड़ा हो गया. उसने कस्स के मेरे लंड को पकड़ा, और उसकी तरफ मुझे खींचा. मुझे लंड के खींचने से दर्द हुआ, पर मुझे क्या पता था की ये सिर्फ़ ट्रेलर था, और फिल्म अभी बाकी थी. फिर उसने मुझे कहा-

असीम: आजा मेरी रानी, तुझे लंड का स्वाद दिलाता हू.

मैने माना किया तो कस्स कर मेरे मूह पर एक तमाचा पड़ा.

असीम: आज तेरी कुछ नही चलने वाली. चल चूस मेरा लंड रंडी साली.

मैं नीचे बैठ गया, और उसकी चड्डी को उपर से नीचे खींचा. उसका लंड 8.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. मैं तो देखता ही रह गया. उसने अपने लंड से मेरे मूह पे दो-चार थप्पड़ मारे, और मेरे लिप्स पर उसको घिसने लगा.

मैने जैसे ही मूह खोला, उसने अपना पूरा लंड एक ही झटके में ही मेरे मूह के अंदर डाल दिया. पहले ही शॉट मेरे गले को चू गया.

असीम: गान्डू, समझा क्या कितना अंदर लेना है? चल अब चूसना शुरू कर. और मैं जब तक ना बोलू निकालना मत.

मैने अपने दोनो हाथ उसकी सॉफ्ट-सॉफ्ट गांद पर रखे, और उसका लंड पूरा गले तक चूसना शुरू किया. मैं चूस्ट-चूस्टे तक गया तो मैं रुक गया. पर मेरा चूसना असीम की हवस को कम नही कर पाया.

उसने मेरे बाल पकड़े, और खुद मेरा मूह छोड़ना शुरू किया. एक के बाद एक मेरे मूह में उसका लंड शॉट दे रहा था. फिर कुछ ही देर बाद उसने कहा-

असीम: सुन चमन, जूस पिएगा?

मैने हा में सर हिलाया.

असीम: अगर एक भी बूँद गिराई, तो आज तेरी खैर नही. चल सेयेल पी ले मेरी रंडी.

ये कहते ही उसकी स्पीड बढ़ गयी. उसने मेरे मूह को कस्स के पकड़ा, और अपना सारा कम मेरे मूह में निकाला. आधा कम उसने मेरे गले में निकाला, क्यूंकी उसका लंड मेरे गले तक सत्ता हुआ था. धीरे से उसने अपना लंड आधा बाहर निकाला.

फिर भी उसके लंड से कम निकल ही रहा था. मैने आख़िरकार सारा कम पी लिया, और एक बूँद भी वेस्ट नही होने दी. फिर मैने अपने हाथो से उसका लंड पकड़ा, और मूह में लेके उसका लंड चाट-चाट कर सॉफ कर दिया. मैने ऐसे किया तो असीम बहुत खुश हुआ. उसने कहा-

असीम: रुक जेया भोंसड़ी के, आज तो तेरी गांद भी मारूँगा. कल चल भी नही पाएगा तू.

मैं अब तक अपने मूह में असीम का लंड महसूस कर पा रहा था, और इतना मोटा लंड मेरी गांद की क्या हालत करेगा वो सोच कर मेरी तो फाटती जेया रही थी. फिर कुछ ही देर में लाइट आ गयी. लाइट आते ही हमने कपड़े पहन लिए, और लिफ्ट से बाहर आ गये. हम फिर अपने रूम में चले गये. अंदर जाते ही असीम ने कहा-

असीम: चल मदारचोड़, खोल के रख अपनी, मैं मूट के आया.

इतना कह कर वो बातरूम में चला गया. और मैने एक-एक करके अपने कपड़े फिर निकाल दिए, और बेड पे नंगा सो गया. फिर मैं अपने दोनो पैरों को फैला कर असीम का वेट करने लगा. असीम ने बाहर आके मुझे देखा और कहा-

असीम: हरामी है बे तू. सच में मेरे लिए खोल के बैठा है.

मैं: मैं तेरी बात कैसे ताल सकता हू?

असीम: ठीक है जानेमन, आज जन्नत की सैर करवाता हू तुझे. चल मदारचोड़, आज दिखा देता हू तुझे अपने लंड की ताक़त.

असीम ने सारे कपड़े उतार दिए, और नंगा हो गया. उसने तेल की शीशी ली, और उसको मेरी गांद पर अपने हाथो से लगाया. 10-15 मिनिट तक उसकी उंगलियाँ मेरी गांद पर घूमता रहा. फिर उसने अपना लंड मेरी गांद पर लगाया.

मैं बोल पड़ा: असीम प्लीज़ धीरे करना. फटत जाएगी मेरी. तेरा बहुत बड़ा है.

असीम: सेयेल रंडी है तू मेरी. तुझे मेरा लेना आज से सीखना पड़ेगा.

ये कह के उसने 3-4 झटकों में अपना लंड मेरी गांद में डाल दिया. फिर मेरी गांद 25-30 मिनिट तक मारी. कुछ देर बाद वो मेरे उपर नंगा ही सो गया. सुबा के 5 बाज चुके थे, और अचानक हमारी नींद खुल गयी.

उसने मुझे डॉगी बनाया और फिर एक बार उसने अपना लंड मेरी गांद में डाला. आधे घंटे तक मैं उससे चूड्ता रहा. फिर मैं और डॉगी नही बन पा रहा था. मैं वही गिर गया. फिर भी असीम मेरे उपर चढ़ गया.

अब वो मेरे पैर फैला के पीछे से मेरी गांद में लंड डाल के मेरी गांद मारने लगा. कुछ देर बाद मेरी गांद के उपर वो झाड़ गया.

असीम: बहनचोड़ आज से तू मेरी परिवते रंडी है. ऐसे छोड़ूँगा जैसे तूने सपने में नही सोचा होगा.

मैं: तेरे लंड का ख़याल मैं रखूँगा. मेरी गांद आज से तेरी हुई. जब और जितनी चाहे मार ले.

फिर मैं बातरूम जाने के लिए उठा, और दो कदम चलते ही गिर गया. मैने असीम को देखा और असीम ने मुझे कहा-

असीम: मैने कहा था ना तुझे ऐसे ही पेलुँगा साली रंडी.

फिर उसने मुझे बाथरूम में ले जेया कर नहलाया और फिर हम नंगे सो गये.

सुबा नाश्ते के बाद फिर मुझे असीम का जूस यानी कम पीना पड़ा. ऐसे ही काई बार मेरी गांद चुदाई हुई. अगर आपको पसंद आई कहानी तो मुझे यहा मैल करे

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