मेरा नामे अक्षय है. मेरी उमर 25 साल है, और मैं जॉब करता हू. इस कारण से मुझे घर से डोर जाना पड़ता है, तो मैं मामा के घर पे रहता था.
मेरे मामा की जॉब सरकारी थी, तो ज़्यादातर वो घर के बाहर ही रहते थे. घर पे मैं, मामी, आंड मेरे मामा की लड़की सिया ही रहते थे. सिया अभी 1स्ट्रीट एअर में थी. उसके एग्ज़ॅम्स नज़दीक थे. मैं पढ़ने में तोड़ा सा अछा था, तो मामी ने बोला था उसको पढ़ने को.
सिया के बारे में बता डू. वो अभी 19 एअर की हुई थी. उसका फिगर तो जैसे कातिल था. एक बार में ही किसी का भी खड़ा कर दे. उसके बूब्स 32″ के थे. उसकी कमर 25″ की थी, और उसकी गांद 34″ की थी. एक-दूं गोरा चितता बदन था, मॅन करता था खा ही जौ.
तो बात है तब की, जब मैं उसे पढ़ा रहा था. उसकी बुक में से एक काग़ज़ गिरा, जो की एक लोवे लेटर था. वो ये देख कर ही दर्र गयी, और मुझसे लेटर छीनने की कोशिश करने लगी. लेकिन चीन नही पाई.
मैने लेटर पढ़ लिया. तब तक उसकी आँखों में आँसू आ गये थे. मैने गुस्सा होके बोला-
मैं: ये सब करने कॉलेज जाती हो. पढ़ाई होती है या सिर्फ़ इश्क़-बाज़ी ही करती रहती हो?
वो रोते-रोते बोली: भैया मैं ये सब नही करती. मैं सिर्फ़ पढ़ती हू.
मैने बोला: तो ये क्या है? रुक मैं अभी तेरी मम्मी को बताता हू.
ये सुन कर वो और ज़ोर से रोने लगी और बोली: प्लीज़ भैया, मम्मी को मत बताना प्लीज़.
ऐसे करके थोड़ी देर और मुझसे ऐसे कहते-कहते बोली: आप जो कहोगे वो करूँगी. लेकिन प्लीज़ मम्मी को मत बताना.
ये सुन के मेरा मॅन मचल गया. मेरी काफ़ी दीनो से उसपे नज़र थी. वो नीचे बैठ के मुझसे माफी माँग रही थी. मैने उसे उठाया, और बेड पे बिताया.
फिर मैं उसको बोला: कुछ भी करोगी?
तो उसने बोला: हा कुछ भी करूँगी. लेकिन प्लीज़ आप मम्मी को मत बताना.
मैं ये सुन कर उसके करीब जाने लगा. फिर मैं उसके गालों पे हाथ फेरने लगा. वो थोड़ी अनकंफर्टबल फील कर रही थी, लेकिन मैने गालों को सहलाना चालू रखा. थोड़ी देर में मैं और पास गया, और उसके होंठो को चूसने लगा. उसने मुझे धक्का देके पीछे कर दिया.
फिर वो बोली: ये क्या कर रहे हो भैया? आप मेरे भाई हो.
तो मैने बोला: तुमने ही तो बोला है कुछ भी करोगी. तो करोगी या मम्मी को बता डू?
ये सुन कर वो अपना सिर झुका कर बैठी रही. माने इसमे उसकी हामी समझी, और उसके पास जाके अब ज़ोर से उसके होंठ चूमने लगा. अब धीरे-धीरे से वो भी मेरा साथ देने लगी थी. मेरे हाथ अब उसकी कोमल सी चूचियों पर थे. मैं उसे ज़ोर से रग़ाद रहा था. वो भी मस्त सिसकियाँ भर रही थी.
अब मैने उसकी त-शर्ट निकाल दी, और उसके रसीले बूब्स को उसकी रेड ब्रा के उपर से ही चूसने लगा. वो थोड़ी शरमाई, और फिर सिसकियाँ भरना चालू कर दिया. मैने अब उसकी पंत भी उतार दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लॅक पनटी और रेड ब्रा में थी.
मेरा लंड अब टवर की तरह खड़ा हो गया था. मैने उसकी ब्रा खींच के उतार दी. अब मेरे सामने उसके रसीले बूब्स थे. मैं उसपे टूट पड़ा.
वो बोल रही थी: भैया दर्द हो रहा है आहह. धीरे भैया आह, धीरे आह आ.
पर मैने एक ना सुनी, और उसके बूब्स को काटने लगा. अब मैं नीचे गया, और उसकी पनटी उतार दी. अब मेरे सामने एक हरी-भारी, जवान और कुवारि छूट थी. मैं पागलों की तरह उसको चाटने लगा. तभी मेरी बेहन बोली-
सिया: चाट, चाट इस साली को चाट आह.
मैं ये सुन के हैरान रह गया और पूछा: तूने ये सब कहा से सीखा?
तो उसने बताया: मम्मी (यानी की मेरी मामी) वो पड़ोस वाले अंकल के साथ मिल के ऐसा ही करती है, और जब अंकल ऐसा कर रहे हो तो मम्मी भी ऐसा ही बोलती है.
मैं ये सुन कर और गरम हो गया, और मामी की भी लेने के बारे में सोचने लगा. और फिर मैने सिया की छूट में एक उंगली घुसा दी. वो ज़ोर से चिल्ला उठी. मैने उसे शांत किया, और फिर धीरे से आयेज-पीछे करने लगा. अब उसे भी मज़ा आ रहा था. मैने अब अपना लंड उसकी छूट पे सेट किया, और वो बोली-
सिया: छोड़ मुझे भाई, छोड़. आज फाड़ दे इस छूट को, और बना दे इसका भोंसड़ा.
मैं ये सुन के जोश में आ गया, और एक ज़ोर का झटका लगाया, और लंड का टॉप अंदर चला गया. सिया ज़ोर से चिल्लाई और बोली-
सिया: बाहर निकालो इसे. मुझे बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज़ मत करो, मुझे दर्द हो रहा है.
मैने बोला: साली रंडी, अभी तो बहुत उछाल रही थी. अभी नही छुड़वाना है तुझे.
ऐसा कह के मैने उसके मूह पे हाथ रख के एक और ज़ोर का झटका मारा और आधा लंड अंदर चला गया. अब उसकी छूट में से खून निकल रहा था, और उसकी आँखों में से आँसू. मैने एक और झटका मारा. अब मेरा पूरा लंड उसकी छूट में था. वो और झटपताई.
मैं थोड़ी देर रुका, और फिर झटके लगाने लगा. उसे अभी भी दर्द हो रहा था, पर मैं रुका नही. मैने अब उसके मूह से हाथ हटाया और वो बोली-
सिया: बहनचोड़ धीरे कर ना. इतनी ज़ोर से कों करता है?
और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. फिर मैने तेज़ी से झटके मारने स्टार्ट कर दिए.
वो बोली: मुझे कुछ फील हो रहा है. कुछ बाहर निकल रहा है.
मैने और तेज़ी से झटके लगाए, और वो झाड़ गयी. अब उसकी छूट में से पानी निकला, और लंड की ज़ोर-ज़ोर से ठुकाई से कमरे में पच-पच की आवाज़े आ रही थी. करीब 15 मिनिट के बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैने ज़ोर-ज़ोर से छोड़ना स्टार्ट कर दिया.
वो बोल रही थी: बहनचोड़ धीरे आ आ आ दर्द हो रहा है अहह.
फिर मैं बोला: रंडी, आज तेरी गांद भी मारूँगा.
ये कह के मैने लंड बाहर निकाला, और सीधा उसके मूह में डाल दिया. फिर मैं उसके मूह में झाड़ गया, और उसको रस्स पीने को बोला. मैने लंड उसके मूह में ही रखा और उसको चूसने को बोला.
आयेज की कहानी के लिए बने रहिए और जानिए कैसे मैने मेरी बेहन की गांद मारी, और फिर मैने मामी को भी रंडी बना के छोड़ा.