जंगल में आर्मी वाले ने की चुदाई

सेक्स कहानी का अगला पार्ट-

एक तो पहली बार हिम्मत दिखा कर किसी के साथ एंजाय करने का सोच रही थी. विक्रम ने मेरा मूड खराब कर दिया था. विक्रम भी शायद पचता रहा होगा की उसने मेरे साथ बहुत अछा चान्स मिस कर दिया.

अब मुझे अचानक से मेरी बॅक पर विक्रम का हाथ फील हुआ. वो मेरी बॅक को मिट्टी से रग़ाद रहा था. मुझे पीछे से उसका लंड फील हो रहा था. मैने देखा तब उसके शॉर्ट्स में तंबू बन गया था. मैं वो देख कर थोड़ी सहमा गयी. क्यूंकी शादी के बाद ऐसा पहली बार किसी और के साथ हो रहा था.

अब उसने मुझे गोदी में उठा कर पत्थर पर बिता दिया, और मेरी नेक और बूब्स के उपर के हिस्से पर मिट्टी लगा रहा था. वो मेरे पेट को कमर को सहला रहा था. मेरी अब सिसकारी निकल रही थी. विक्रम ने मेरे अंदर आग लगा दी थी. उसने अब मेरी ब्रा का हुक खोला, और ब्रा खींच कर निकाल दी. मैने अपने दोनो हाथो से बूब्स च्छूपा लिए.

मैं: ये आप क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा? (विक्रम समझ गया था की मैने उसको ग्रीन सिग्नल दे दिया था).

विक्रम (मुझे पीछे से हग करके): अभी तो सुबह के 5 बाज रहे है. सब लोग कल के थके हुए है. कोई जल्दी उठने वाला नही है. और सब को नहाने की जगह दूसरी तरफ है. इरफ़ान सब को वहाँ लेकर जाने वाला है.

मैं (सेडक्टिव वाय्स में): फिर भी कोई आ गया तो? मुझे बहुत दर्र लग रहे है. कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा?

विक्रम: इरफ़ान को पता है यहाँ पानी का फ्लो बहुत ज़्यादा है, तो वो यहाँ किसी को आने नही देगा.

विक्रम मेरे दोनो बूब्स पर मिट्टी मसालते हुए: नाम क्या है आपका?

मैं: क्या बात है विकार्म जी. आप तो बहुत फास्ट निकले. अभी तक मेरा नाम नही पता, और मेरे साथ ये सब करने लगे हो.

विक्रम: हम ना सोल्जर थे. हमे बस यहीं सिखाया गया था की टारगेट मिले तो थोक दो. और ऐसा सेक्सी टारगेट मिले, तो भला कों छ्चोढ़ सकता है?

मैं: श, ऐसा है क्या? मुझे भी आपकी पिस्टल देखनी है.

मैं अपना एक हाथ पीछे ला कर उसके लंड को मसालने लगी. वो भी मेरी पनटी के उपर से मेरी छूट को सहलाने लगा. गैर मर्द का हाथ छ्छूते ही मैं झाड़ गयी. अब उसने मुझे उठा कर पानी में सॉफ किया, और मेरी पनटी भी निकाल दिया. मैं अब उसके सामने पूरी नंगी थी, जिसको मैं सिर्फ़ आधे घंटे से जान रही थी.

चाँद की हल्की रोशनी में मेरा जिस्म चमक रहा था. विक्रम मुझे एक छ्होटी बच्ची की तरह उठा देता था. उसने मुझे उठा कर पत्थर पर रखा, और मेरी दोनो टाँगें फैला दी.

विकार्म (मेरी छूट पर हाथ घुमा कर): क्या मखमली छूट है. देख कर ही मूह में पानी आ गया (वो मेरी छूट को आचे से देख रहा था).

मैं: ह्म.. अब बस देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी?

विक्रम: लगता है जानेमन, तुम में बहुत आग लगी है.

मैं: हा शादी के बाद पहली बार कोई गैर मर्द के साथ ऐसा कर रही हू.

विक्रम: सॅकी ? मुझे लगा तुम बहुत बड़ी रॅंड होगी.

मैं: नही यार, मेरे बच्चो की कसम, ये मेरा पहली बार है. अब बातें ही करोगे?

विक्रम के फेस पर एक बड़ी सी स्माइल आ गयी और वो मेरी छूट को चाटने लगा. वो बहुत आचे से छूट चाट रहा था. मैं उसके बालों पर हाथ घुमा रही थी. मुझे मेरे हज़्बेंड पुनीत की बातें याद आ रही थी. वो मुझे हमेशा कहते की डिंपल जिस दिन तुम किसी और से ये सब करोगी, तुम्हे मेरे से ज़्यादा मज़ा आएगा. और वो सच ही कह रहे थे.

मुझे विक्रम के साथ ये सब करना बहुत एग्ज़ाइट कर रहा था. और एग्ज़ाइट्मेंट के साथ मैं झटके खाते हुए झाड़ गयी, और विक्रम मेरी छूट का रस्स छत गया.

विक्रम अब बिना टाइम वेस्ट किए उसका शॉर्ट्स निकाल दिया, और मेरे मूह के पास उसका लंड कर दिया. वाउ क्या लंड था उसका. वो काफ़ी लंबा और मोटा था. मैने अब मूह खोल कर लंड चूसना शुरू कर दिया.

विक्रम: श गोद, क्या लोड्‍ा चूस रही हो. मज़ा आ गया. सोचा नही था इतनी सुबह इतनी मस्त लेडी मुझे ब्लोवजोब का मज़ा देगी. ह्म… ऐसे ही चूस्टी जाओ बेबी.

मैने उसके लंड को कुछ 4-5 मिनिट तक चूसा. उसके बाद विक्रम ने मुझे पत्थर पर लिटा दिया, और मेरे उपर झुक कर लंड को छूट में गुसा दिया. पानी का फ्लो इतना ज़्यादा बढ़ रहा था, की मुझे लगा की मैं कहीं पानी में बह ना जौ. मैने विक्रम को आचे से पकड़ लिया था. विक्रम ने मुझे लिप्स किस देते हुए मेरी छूट में पूरा लंड एक बार में उतार दिया. उसका लंड पुनीत से काफ़ी लंबा और मोटा था, तो मुझे बहुत दर्द हुआ. लेकिन पति के अलावा किसी और का लंड छूट में ले लिया ये सोच कर ही मैं खुश हो रही थी.

फाइनली मैने हिम्मत दिखा दी थी. मैं जितना सोच रही थी, उतना मुश्किल नही था. मुझे लग रहा था की किसी और को अपने साथ सेक्स के लिए कैसे मनाया जाए, वो मेरे बारे क्या-क्या सोचेगा, और मुझे माना कर दिया तो. लेकिन ये तो आसान था. बस 2-4 अची बातें करो, एक नॉटी स्माइल पास करो, तोड़ा उसके साथ कंफर्टबल फील करो. मर्द जात ऐसे ही पट्ट जाती है.

अब ये देखो ना विकार्म जैसा हॅंडसम मुझे आधे घंटे की मुलाक़ात में छोड़ने लगा था. मैं अब विक्रम के साथ बहुत प्लेषर फील कर रही थी. नेचर के साथ सेक्स का मज़ा ले रही थी.

मैं: ह्म… और ज़ोर से छोड़ो बेबी. आप तो मेरे हब्बी से बेटर हो. ऐसा मज़ा तो उनके साथ भी नही आता.

विक्रम: सच में?

मैं: एस, एस, आप बहुत अची चुदाई करते है. जानू और स्पीड से छोड़ो.

अब विक्रम को लोड्‍ा फुल स्पीड में मेरी छूट में अंदर-बाहर हो रहा था. उपर से था भी वो मिलिटरी मान. उसका दिया हुआ हुआ हर एक धक्का मुझे पागल बना रहा था. मेरे बूब्स हिल जाते थे और हम दोनो की थाइस टकराने से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.

मुझे ऐसा फील हो रहा था की मेरी चुदाई किसी पोर्नस्तर से हो रही हो. अब उसने लंड बाहर निकाला, और मुझे खड़ा करके मेरा एक पैर पत्थर पर रखा, और पीछे से मेरी छूट में लंड घुसा कर डॉगी-स्टाइल में छोड़ने लगा. विक्रम का लंड लंबा होने से हर एक शॉट फील होता था. उसने पीछे से मेरे बूब्स पकड़ लिए थे, और उसको दबाते हुए मेरी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.

मैं: एस, एस, आ, श विक्रम. मुझे ऐसे ही छोड़ बेबी. मज़ा आ रहा है बेबी.

विक्रम: मुझे भी तेरे साथ बहुत मज़ा आ रहा है.

विक्रम ने अब सीधा घुमा कर लीप लॉक करके पॅशन के साथ किस कर रहा था. उसने मेरा एक पैर उठा कर लंड घुसा दिया, और खड़े-खड़े मेरी चुदाई कर रहा था. मैं पहली बार इस पोज़िशन में चुड रही थी. अब उसने मेरे दोनो हाथ पत्थर पर रखवा कर, झुका कर, मुझे घोड़ी बना दिया. फिर पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर मुझे छोड़ने लगा. मैं किसी और की स्लट बन कर चुड रही थी.

विकार्म: श मी गोद, क्या नज़ारा है. बेबी तुम्हारा फिगर ये चाँद की रोशनी में बेहद खूबसूरत लग रहा है. कभी सोचा नही था इस तरह ये जंगल में मुझे तुम मिलॉगी.

मैं: ह्म. अब ये खूबसूरत चीज़ को और खुश कर दो.

विक्रम ने मुझे लगातार तेज़ धक्को के साथ 4-5 मिनिट छोड़ा, और उसने सारा स्पर्म मेरी कमर पर निकाल दिया. मैने घुटनो पर बैठ कर लंड को चाट कर सॉफ किया. हम दोनो और 10 मिनिट तक एक-दूसरे को किस करके हुए पानी में मज़ा कर रहे थे.

मैं: विक्रम लाइफ में पहली बार पति को चीट करके सेक्स किया है. आप दोनो को देख कर मेरे अंदर खुच होने लगा था. तुम बहुत आचे हो. ई रियली एंजाय्ड इट.

विक्रम: मुझे भी आपके साथ बहुत मज़ा आया. कभी सोचा नही था ये बॅच में कोई मेरे से सेक्स करेगी.

मैं: आप इतने हॅंडसम हो, तो आपको कोई मिल नही जाती ऐसे कॅंप में?

विक्रम (मेरी कमर में हाथ डाल कर): नही बेबी. हम स्ट्रिक्ट रहते है ना, तो कोई नही आती. और हम फ्लर्ट नही कर सकते.

मैं: अछा ये बात है? तो बेबी मेरे साथ क्यूँ कर रहे हो?

विकार्म (स्माइल के साथ): क्यूंकी तुम सबसे अलग हो.

मैने स्माइल पास करते हुए विक्रम के गले में हाथ डाल कर उसको किस करने लगी. उसके बाद हम दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए. मैने उस दिन रेड त-शर्ट और डेनिम शॉर्ट्स पहना था, जो बहुत ही शॉर्ट था. मेरी दोनो थाइस सेक्सी दिख रही थी. और गांद का उभार भी मस्त लग रहा था. विक्रम ने मेरी गांद सहलाते हुए मुझे एक और बार किस किया. हम जब तक बाहर आए तब तक तोड़ा उजाला हो गया था. हम कॅंप के पास पहुँचे तो बहुत से लोग रेडी होने निकल रहे थे.

उस दिन हम वहाँ पर ही रुके, और हमने ट्रॅकिंग आक्टिविटीस की. बहुत सारे गेम्स भी खेले. पुर दिन के दौरान विक्रम से मेरी नज़र मिल रही थी, और इरफ़ान भी मेरे में बहुत इंटेरेस्ट दिखा रहा था. ग़मे के दौरान भी वो मेरे से किसी ना किसी बहाने से चिपक रहा था. और मैं भी उसको हर बार स्माइल से रिप्लाइ करती.

मैने नोटीस किया की निशा भी इरफ़ान और विक्रम से अट्रॅक्ट हो रही थी. वो उन दोनो को घूर-घूर कर देख रही थी, और मॅन ही मॅन मुस्कुरा रही थी.

रात को हम सब मिल कर खाना बना रहे थे. निशा ने हमको कहा की वो थोड़ी देर रेस्ट करना चाहती थी, तो वो हमारे टेंट में चली गयी. थोड़ी देर के बाद मैं टेंट में गयी, तो मुझे देख कर निशा दर्र गयी. उसको और मुझे समझ में नही आ रहा था की ऐसी सिचुयेशन में हम क्या करे. मैं जब अंदर गयी तब निशा अपनी छूट में उंगली कर रही थी. निशा बेचारी इतना दर्र गयी की अब वो अपनी फ्रेंड की मों के सामने ऐसी सिचुयेशन में क्या करती? अब निशा अपना शॉर्ट्स सही कर रही थी.

मैं: निशा प्लीज़ रिलॅक्स. योउ टके युवर टाइम. मैं बाद में आती हू.

निशा: आंटी रूको, और प्लीज़ किसी को बताना मत मैं ऐसा कर रही थी.

मैं: डॉन’त वरी, मैं नही बतौँगी, प्रॉमिस.

निशा: थॅंक्स आंटी.

मैं: डॉन’त कॉल में आंटी. कॉल में डिंपल.

मैने उसको स्माइल देकर रिलॅक्स किया. रिप्लाइ में उसने भी स्माइल की. मैं अब बाहर जेया रही थी, तो निशा ने मुझे रोक दिया.

निशा: डिंपल सॉरी मुझे ऐसा नही करना चाहिए था. आपको मैं कितनी गंदी लड़की लग रही होंगी.

मैं (उसके कंधे पर हाथ रख कर): बेबी इसमे कुछ ग़लत नही है. अभी इस आगे में ऐसा करने का मॅन होता है.

निशा (धीमी आवाज़ में): आप मेरी आगे की थी तो ऐसा करती थी?

मैं: नही तो, मैं तेरे आगे की थी तब मेरी शादी हो गयी थी. पुनीत मुझे बहुत प्यार देते थे.

निशा: योउ अरे सो लकी. मैं तो अभी भी वर्जिन हू.

मैं: निशा तुम ऐसा मत समझो की मैं अनु की मम्मी हू. तेरी भी बेस्ट फ्रेंड हू मैं. और ये सब हम दोनो के बीच सीक्रेट रहेगा. (उसका हाथ पकड़ कर). तुम मेरे साथ कुछ भी शेर कर सकती हो.

निशा (मुझे हग करके): थॅंक्स डिपु.

मैं: डिपु?

निशा: हा, वो प्यार से बोल दिया. आपको अछा नही लगा?

मैं: बहुत अछा लगा. पुनीत मुझे प्यार से डिपु बुलाते है.

निशा: श, क्या बात है (निशा मेरे साथ धीरे-धीरे खुल रही थी).

मैं: वैसे, तुम किसको याद करके उंगली कर रही थी?

निशा (शर्मा गयी): क्या डिंपल, आप भी! ऐसा कुछ नही है.

मैं: बड़ी शर्मा रही हो. मुझे पता है पूरा दिन तुम्हारी नज़र कहाँ टिकी हुई थी. वैसे गुड चाय्स है तुम्हारी. ऐसे मस्क्युलर हॅंडसम से ऐसा अट्रॅक्षन हो जाता है.

निशा: हा, उनको ही इमॅजिन करके कर रही थी (वो ऐसा बोल कर बहुत शर्मा गयी).

मैं: श निशा, तुम्हे बड़ी आगे वाले पसंद है?

निशा: हा आंटी. मुझे अंकल लोगों को देख कर अट्रॅक्षन होता है.

मैं: हा तुम आज-कल के जवानो को बड़ी उमर वाले पसंद है, और बड़ी उमर वालो को जवान पसंद आते है (हम दोनो एक साथ हस्स पड़ी).

मैं: वैसे निशा तुम्हे वो दोनो पसंद है, तो उनके साथ फ्लर्ट करने का ट्राइ क्यूँ नही करती? ऐसे जंगल में सेक्स करने का तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.

निशा: अर्रे मॅन तो बहुत है. पर दोनो आर्मी से है, और काफ़ी स्ट्रिक्ट भी है. और ऐसी अंजान जगह पर ऐसा करने में मुझे बहुत दर्र लग रहा है. कुछ गड़बड़ हो गयी तो?

मैं: तुम चाहो तो मैं कुछ कर सकती हू.

निशा: कैसे? (वो चूड़ने के लिए एग्ज़ाइटेड थी)

मैं: तुम बस कहो की तुम रेडी हू. बाकी सब मेरे उपर छ्चोढ़ दो. और हा, ये सीक्रेट हम दोनो के बीच रहेगा. तुम भी किसी को मत बताना.

निशा (बहुत सोचने के बाद): ठीक है डिपु, मैं रेडी हू. लेकिन होगा कैसे?

मैने अब क्या प्लॅनिंग किया वो सेक्स स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.

यह कहानी भी पड़े  मेरी चचेरी बहन सबरीना

error: Content is protected !!