जेठ से ठुकाई करवा कर प्रेग्नेंट हुई लड़की

मेरा नाम सुरेखा है, और मेरी उमर 24 साल है. मेरी शादी 19 साल की उमर में हो गयी थी. मेरे पति की उमर उस वक़्त 25 थी. वो मुझसे 6 साल बड़े थे. शादी की पहली रात ही मैने अपने पति के साथ सुहग्रात मनाई. कुछ महीने बाद ही हमने बच्चे के लिए ट्राइ किया, पर कुछ नही हुआ.

देखते-देखते वक़्त गुज़र गया. सब लोग बच्चा ना होने के लिए मुझे ही कोसते थे. फिर एक दिन हम बड़े हॉस्पिटल गये, जहा पता चला की मेरे पति कभी पिता नही बन सकते. जब ये बात घर में पता चली, तो सब शॉक हो गये. अब अगर ये बात बाहर पता चल जाती, तो बेइज़्ज़ती होती, इसीलिए सब ने ये बात च्छुपाई.

एक रात मेरी सास मेरे पास आई, और उन्होने कहा, “देखो बहू, बचा तो तुम पैदा कर सकती हो ना. तो क्यूँ ना तुम अपने जेठ के ज़रिए उसे इस दुनिया में लाओ. बाकी बच्चा तो तुम्हारा और तुम्हारे पति का ही रहेगा ना. घर की बात घर में ही सुलझ जाए तो अछा है”.

ये सब कोई नयी बात नही थी. गाओं में घर के अंदर ऐसा सब होता ही था. तो मैने भी हा कर दी. पर मुझे बहुत दर्र लग रहा था. मेरे जेठ जी मुझसे 10 साल बड़े थे. वो 34 के थे, और मैं 24 की. और आज तक मैने उन्हे उस नज़र से नही देखा था.

मैं एक रात उनके कमरे में गयी. तो उन्होने मुझे अपने पास बुलाया. उन्होने मेरे पीछे से दरवाज़ा बंद किया और मेरे पास आए. मेरा हाथ पकड़ा और कहा, “चिंता मत करो, मैं उतना की करूँगा जितना तुम ले पावगी. बाकी तोड़ा ज़्यादा ज़ोर लग जाए तो से लेना”. ये सब सुन के मैं काँपने लगी.

उन्होने मेरा दर्र भाँप लिया. पर वो भी मेरे दर्र का मज़ा ले रहे थे. वो बेड पर बैठे, और मुझे उनकी जाँघ पर बैठने को कहा. मैं भी झिझकते हुए बैठ गयी. उन्होने कहा, “झिझक क्यूँ रही हो? अभी तुम्हारी सारी शरम और लाज उतारता हू”.

ऐसा कह के उन्होने मेरी सारी का पल्लू मेरे सिर से और कंधे से नीचे खिसकाया. फिर पीछे से एक हाथ से एक झटके में मेरा ब्लाउस का हुक निकाल दिया. उन्होने फिर ब्लाउस को निकाला, और मुझे ब्रा में देखने लगे. फिर मेरा चेहरा अपनी और करके मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए.

उन्होने गहरा चुंबन लेना शुरू किया. ज़रा ज़ोर से उन्होने मेरे उपर और नीचे के होंठो को चूसा और रस्स पीना शुरू किया. उनका एक हाथ मेरे पेट से होते हुए मेरी चुचियों पर गया, और ब्रा के उपर से वो बड़े ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे. मेरे पति ये सब बड़े प्यार से करते थे, और कभी जब वो बहुत हॉर्नी होते थे, तभी वो ज़ोर से करते थे.

पर जेठ जी तो फुल फॉर्म में मेरी लेने में लगे थे. उन्होने कुछ वक़्त बाद मुझे खड़ा किया, और मेरी सारी उतरी, और पेटिकोट का नाडा खोला, और नीचे सरकया. अब मैं उनके सामने ब्रा और पनटी में थी. वो भी मेरे सामने आए, और अपना कुर्ता और पंत उतार दी. सिर्फ़ चड्डी में वो अब मेरे सामने खड़े थे.

जेठ जी का लंड खड़ा था, और वो चड्डी के उपर से उभर कर दिख रहा था. उन्होने मुझे नीचे बैठ कर चूसने का इशारा किया. मैं घुटनो के बाल उनके सामने बैठी. उन्होने अपनी चड्डी उतरी और उनका 9 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा लंड मेरे सामने खड़ा था.

इतना बड़ा लंड मेरे पति का नही था. मैं चौंक गयी और दर्र गयी. वो बोले, “क्या हुआ? कभी देखा नही क्या इतना बड़ा लंड? पता है मेरे छ्होटे भाई का लंड छ्होटा है. तुम्हारे नसीब में शायद मेरा लंड था, तो तुम यहा हो मेरे सामने. चलो अब लेलो इसे”.

मैने अपने दोनो हाथो से उसे पकड़ा और हिलाया. और फिर मूह में लेने लगी. पर मैं सिर्फ़ आधा ही लंड ले पाई. लेकिन जेठ जी संत्ुस्त नही थे. उन्होने कहा की पूरा लो. पर जब मुझसे नही हुआ तो उन्होने मेरा सिर पकड़ा और खुद ही अपने लंड को मेरे मूह में पेलने लगे. उनका बड़ा सा लंड मेरे मूह में अंदर गले तक झटके देने लगा. मेरे मूह से और आँखों से पानी निकल गया. करीब 20-25 मिनिट उन्होने मेरे मूह को पेला.

फिर उन्होने मुझे बेड पर पटका, और मेरे उपर चढ़ गये. वो तो नंगे थे ही. पर उन्होने मेरी ब्रा को फाड़ दिया, और किसी जानवर की तरह मेरे बूब्स दबाने लगे. फिर वो मेरे निपल्स को काटने लगे. कुछ देर बाद उन्होने मेरी कमर से मेरी पनटी उतार के फेंक दी. मैं नंगी लेती हुई थी. उन्होने मेरे पैर फैलाए और मेरी छूट के पास आए.

छूट देखते ही उन्होने कहा, “लगता है मेरे भाई ने बहुत छोड़ा है तुम्हे. छूट की खाई बना कर छोड़ा है उसने तुम्हे”. ये कह के वो मेरी छूट चाटने लगे. कुछ ही देर में मैं भी हवस का शिकार हो गयी. मैं भी अपनी छूट उपर उठा कर उनके मूह में घुसेध रही थी. मेरा साथ पा कर जेठ जी को अब और ज़्यादा मज़ा आने लगा था.

उन्होने अपनी उंगलियों से मुझे छोड़ा. फिर उन्होने मेरे पैरों को अपने कंधो पर रख कर अपना जंबो लंड मेरी छूट पर रखा, और झटके देने लगे. उनका लंड इतना बड़ा था, की मैं चिल्ला उठी, और चीख रही थी. फिर भी उन्होने मुझे कमर से पकड़ा, और अपना पूरा लंड मेरी छूट में डाल दिया.

मैं तो रोने ही लग गयी. पर उन्होने मेरी चुदाई शुरू कर दी. पहले धीरे, पर बाद में ज़ोर-ज़ोर से वो मेरी छूट छोड़ने लगे. पहले दर्द हुआ, पर बाद में मुझे भी मज़ा आने लगा. ऐसा मज़ा तो मेरे पति ने भी नही दिया था. तो मैं भी अपनी गांद उठा के उनसे चूड़ने लगे.

वो बोले, “क्यूँ बेहन की लोदी. ऐसा छोड़ता है क्या तेरा पति”? मैं पहली बार कुछ बोली, “नही जेठ जी, ऐसा इतना बड़ा लंड नही है उनका. ह आह, और छोड़िए ना जेठ जी, ज़ोर से छोड़ो जेठ जी”. वो बोले, “श, अभी मज़ा आने लगा है तुझे. बिकल गयी सारी शरम. अब कैसे मेरे लंड का दीवानी बन गयी. ले तेरी मर्ज़ी”.

ये बोल के उन्होने अपनी स्पीड बधाई. 15-20 मिनिट की लगातार चुदाई के बाद उन्होने अपना कम मेरे पेट पर निकाला. और बोले, “ले अब ये तेरी छूट में नही गया. अब तू कुछ वक़्त और मेरे साथ वक़्त बिता सकती है. अभी इतनी जल्दी तुझे मैं प्रेग्नेंट नही करूँगा. अभी तो हमारी चुदाई का खेल शुरू हुआ है”.

उसके बाद जेठ जी ने बच्चे के बहाने मुझे काई बार छोड़ा. और 5-6 महीने चुदाई के बाद जब घर वालो ने सवाल उठाए, तो जेठ जी ने अपना कम मेरी छूट में छोड़ा, और मुझे प्रेग्नेंट किया. अभी मैं 3 महीने प्रेग्नेंट हू. पर आज भी जेठ जी मुझे छोड़ते है, और हम ये बात घर वालो से च्छूपाते है. उनके लंड ने मेरी छूट का भोंसड़ा बना दिया है.

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