जेठ के साथ रोमॅन्स पति के सामने

नमस्ते सभी को. मैं अंकिता आशा करती हू आप सब कुशल-मंगल होंगे. मेरी उमर 41 साल की है, और मैं अपने पति के साथ मुंबई में रहती हू.

मेरी बेटी 5 साल की है, और अब स्कूल जाने लगी है. मेरे पति का बिज़्नेस और भी बड़ा हो गया है. हम सब खुश है और मेरे जेठ जी आज भी कानपुर में ही रहते है. उनके साथ फोन सेक्स होता रहता है. अब मैं आपको 6 महीने पहले जो हुआ वो बताती हू.

मेरे जेठ जी और जेठानी मुंबई आने वाले थे हमे मिलने के लिए. पर कुछ कारण वश जेठानी को उनका प्लान कॅन्सल करना पड़ा. इसलिए सिर्फ़ जेठ जी ही आए. रात में जेठ जी मुंबई पहुँचे. हम सब ने उन्हे स्टेशन से रिसीव्ड किया, और इशारे-इशारे में हम दोनो एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराए. अब हम घर आए. रात काफ़ी हो गयी थी. मेरे पति ने जेठ जी से कहा-

पति: खाना खा कर आप आराम कीजिए.

जेठ जी: एक हफ्ते के लिए आया हू. मुझे आराम ही तो करना है. मुझे कों सा काम है यहा.

पति: ठीक है, पर अब सो जाइए. रात काफ़ी हो गयी है.

और पति ने मुझे देख कर कहा: भैया को खाना दे दो.

हम सब ने खाना खाया, और सब सोने चले गये. अगले दिन सुबा मेरे पति ऑफीस जल्दी चले गये, और जेठ जी सो रहे थे. मैं उनके पास गयी, और उनके बेड पर बैठ गयी, और उनके पाजामे के उपर से ही उनके लंड को सहलाने लगी. तभी उनकी नींद टूटी. वो मुझे देख कर मुस्कुराए और बोले-
जेठ जी: क्या बात है, कितनी अची तरीके से जगा रही हो. ज़रा आचे से करो.

और उन्होने अपना पाजामा नीचे कर दिया, और लंड बाहर निकाल दिया. मैं उनके लंड को पकड़ कर उनके और पास गयी, और उनके किस करने लगी. काफ़ी देर तक हम ऐसा कर रहे थे. तभी मेरी बेटी जाग गयी, और मुझे बुलाने लगी. मैने तुरंत किस तोड़ी, और उसके पास चली गयी. जेठ जी भी मेरे पीछे-पीछे आ गये.

मैने फिर मेरी बेटी को नहलाया, और स्कूल के लिए तैयार करने लगी. थोड़ी देर में स्कूल बस आई, और उसे स्कूल भेज दिया. अब मैं और जेठ जी ही घर पर थे. हम बेडरूम में गये, और किस करने लगे. किस करने के बाद जेठ जी ने कहा-

जेठ जी: चलो साथ में नहाते है.

मैं: अछा ठीक है.

फिर हम बातरूम में गये, और एक-एक करके कपड़े उतारने लगे, और एक-दूसरे को नहलाने लगे. वो मेरे स्टान्नो पर साबुन माल रहे थे, और मैं उनके लंड को बहुत अछा लग रहा था. हम किस करते कभी हम एक-दूसरे को चिपक जाते.

जेठ जी: आज भी वैसी ही खूबसूरत हो.

मैं: जो भी हू आपकी और आपके भाई की हू.

जेठ जी: हा वो तो है.

फिर हम बातरूम से बाहर आए, और नंगे ही बेड पर बैठ कर बातें करने लगे.

जेठ जी: योगेश प्यार तो करता है ना?

मैं: हा वो बहुत प्यार करते है.

जेठ जी: और चुदाई होती है?

मैं: हा होती है, पर आपके साथ चुदाई करने में ज़्यादा मज़ा आता है.

जेठ जी: तो आज दूँगा तुम्हे मज़ा.

फिर हमने कपड़े पहने और मैने ब्रा नही पहनी ताकि जेठ जी जब चाहे मेरे स्टान्नो का मज़ा ले सके. अब जेठ के साथ दिन रोमॅन्स करते बीट रहा था और शाम हो गयी. मेरे पति के आने का टाइम हो गया था. मेरी बेटी को वो ही स्कूल से लाने वाले थे.

शाम को पति और बेटी घर आ गये. हम सब ने शाम की छाई पी और बातें करने लगे. शाम बीती और हम रात का खाना खा कर सोने जेया रहे थे.

तभी जेठ जी बातरूम में गिरने का नाटक किए. मैं और मेरे पति उनको संभाल कर उठाए और बेड पर लिटा दिए. मेरे पति ने मुझसे कहा-

पति: मैं आज भैया के साथ ही सो जाता हू. रात में कुछ ज़रूरत होगी तो मैं मदद कर दूँगा.

मैं: मैं भी यही सो जाती हू. कुछ मदद मैं भी कर दूँगी.

सब मान गये और हमने बिस्तर बिछाया, और जेठ जी को आराम से लिटा दिया. पर जेठ जी जान-बूझ कर बीच में लेट गये. अब मैं जेठ जी की एक साइड लेट गयी, और पति दूसरी तरफ.

मैने ब्लॅक रंग की लूस निघट्य पहनी थी, जो मेरे पैरों तक सारा बदन कवर करे हुए थी. नीचे मैने सिर्फ़ ब्रा और पनटी पहनी थी. निघट्य लूस थी, तो वो आराम से उपर तक उठाई जेया सकती थी.

कुछ देर तक तो हम तीनो बातें करते रहे. फिर बातें करते हुए मेरे पति कब सो गये पता ही नही चला. जब मेरे पति के सोए हुए होने का पता चला, तो जेठ जी ने उनको नाम से पुकार कर चेक किए. फिर जब ये कन्फर्म हो गया की वो गहरी नींद सोए हुए थे, तो जेठ जी ने मेरे कान में कहा-

जेठ जी: ये तो सो गया. अब हम मज़ा कर सकते है.

मैं कुछ नही बोली, और बस एक स्माइल डेडी. मैं सीधी लेती हुई थी, तो जेठ ने मेरे पेट पर हाथ रख लिया, और उसको सहलाने लग गये. फिर वो अपना हाथ पेट से रगड़ते हुए मेरे सेक्सी बूब्स पर ले गये.

उन्होने ब्रा के उपर से ही मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया, जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उनका हाथ रेंगता हुआ मेरी गर्दन पर आया, और फिर मेरे गाल पर आ गया. उन्होने मेरे गाल पर हाथ रख कर मेरे फेस को अपनी तरफ बढ़ाया.

हम दोनो की नज़रें मिली, और हमारे खून का बहाव तेज़ हो गया. फिर हमारे होंठ धीरे-धीरे करीब आए, और आपस में जुड़ गये. अब हम दोनो एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. होंठ चूस्टे हुए वो मेरी पीठ सहला रहे थे.

बड़ा मज़ा आ रहा था दोस्तों. जब आपका पति साइड में सोया हो, और आप किसी दूसरे मर्द के साथ चुम्मा-छाती कर रहे हो, तो मज़ा अलग ही होता है. धीरे-धीरे जेठ जी के हाथ मेरी पीठ से रहगते हुए नीचे जाने लगे. अब उनके हाथ मेरी सेक्सी गांद पर थे, और वो मेरे चूतड़ दबा रहे थे.

उन्होने गांद पर से ही मेरी निघट्य को भींचा, और उसको उपर उठाने लग गये. धीरे-धीरे वो मेरी निघट्य को मेरी गांद तक ले आए.

इसके आयेज क्या हुआ, आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. यहा तक की कह आप सब को कैसी लगी, कॉमेंट करके ज़रूर बताईएएगा. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.

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