होटेल में नौकर की चुदाई

दोस्तो मेरा नाम हितें है, वडोदरा में रहता हू, आगे 20, हाइट 5.6 फीट, गोरा रंग, ब्लू आइ, कर्ली ब्राउन हेर, फिट सेक्सी बॉडी, मोटी-मोटी रौंद गांद, तोड़ा शरीफ और तोड़ा नटखट लड़का हू. तोड़ा स्टोरी का बॅकग्राउंड बता देता हू.

जब मैं 3 साल का था, तब मेरे पापा का किसी लड़की के साथ चक्कर था. इसलिए वो हमे छ्चोढ़ कर चले गये थे. मेरी टाई के कोई बच्चे नही थे, इसलिए दादा दादी ने मम्मी की टॉ जी से शादी करवा दी थी. टाई भी अग्री थी इस बात से, इसलिए अब वो मेरे पापा थे.

मेरे टॉ जो अब पापा थे, वो बहुत अमीर थे. सूरत से वडोडरा तक उनका होटेल्स का बहुत अछा बिज़्नेस था. मेरे मम्मी की टॉ जी से शादी के बाद 2 बच्चे हुए, जो अभी स्कूल में है. अब आते है स्टोरी पर.

मेरे पापा (आनंद) के पास मेरी टाई जी (मधुरी) के भाई (विहान) का कॉल आया.

विहान मामा ने पापा को अपने साथ मिल कर एक हाइवे पर होटेल स्टार्ट करने को बोला, क्यूंकी उनके के पास जगह थी, बुत होटेल रेडी करने के पैसे नही थे. पहले तो वो माना ही कर रहे थे. लेकिन कुछ 2 महीने बाद पापा मान गये.

काम स्टार्ट हुआ. स्टार्टिंग में मामा और मामा के साथ एक लड़का बीच-बीच में जेया कर चेक कर लिया करता था. बाद में मामा के साथ वो लड़का और मामा का कोई दोस्त भी चला जाता था. बुत अब मामा भी बहुत बिज़ी थे, इसलिए वो जेया नही रहे थे.

एक दिन पापा मामा को कॉल पर गुस्सा कर रहे थे, की कैसे तुमने पूरा प्रॉजेक्ट अपने दोस्त के भरोसे छ्चोढ़ दिया है. कॉल कट होने के बाद-

मैं: आप गुस्सा मत हो पापा. वैसे भी अब इंटीरियर ही बचा है, और वो तो वैसे भी मैं ही देखने वाला था. इसलिए कल से मैं कॉलेज से आते टाइम रौंद लगा लूँगा.

नेक्स्ट दे मैं होटेल साइट पर गया. वहाँ देखा अब होटेल पूरा रेडी था. मामा ने सच में बहुत बढ़िया लुक दिया था. गुआर्द भाग कर मेरे पास आया, और उसने मुझे पूरा होटेल का रौंद करवाया.

गुआर्द: मलिक आपके लिए बड़े मलिक ने ये रूम बनवाया है. यहाँ से आप सब चेक कर सकते हो.

वो रूम प्लॅनिंग रूम था, और पापा ने मेरे लिए बेड, सोफा, आंड एसी जो भी मुझे चाहिए वो सब था. रियली पापा बिना बोले मेरे लिए सब कर देते है.

मैं: मामा का दोस्त कहाँ है, और वो लड़का?

गुआर्द: साब वो अचानक ही आते है. कभी आते भी है और कभी नही भी.

ये बोल कर वो चला गया. ऐसे ही 2-3 दिन मैं रेग्युलर वहाँ गया, बुत मुझे एक दिन भी वहाँ मामा का दोस्त नही दिखा. कुछ दिन बाद मेरी बिके खराब हो गयी, और मुझे कॉलेज से होटेल आने में 7 बाज गये.

होटेल में एंटर करते ही मैने देखा एक आदमी और एक लड़का सभी लेबर को दाँत रहे थे.

मैं: एक्सक्यूस मे सिर, आप कों हो? और ये तरीका होता है किसी से बात करने का?

कुछ देर तक हमारी बहस होने के बाद मुझे पता चला वो मामा का दोस्त था. उसने मुझे और सब से सॉरी बोला, और मुझे उपर रूम में ले गया. वहाँ उसने कॉफी मँगवाई.

मामा के दोस्त का नाम जिगर, आगे 35, हाइट 5.8 फीट, सावला रंग, हेरी मस्क्युलर चेस्ट जो उनकी शर्ट से बाहर दिख रहे थे. मस्त बॉडी बना रखी थी. एक लड़का कॉफी लेकर आया. उसका नाम सोनू था, और पतला सा लड़का था.

जिगर: सिर आपको जो भी चाहिए, सब इसको बता देना, ये ला देगा.

मैं: आप मेरे मामा के दोस्त हो. प्लीज़ मुझे सिर मत बोलो. आप भी मेरे मामा ही हो.

फिर पापा का कॉल आया: बेटा रात के 8 बाज गये है, कहाँ तो तुम?

मेरे हाथ से जिगर ने फोन ले लिया, और पापा को बोलने लगा: जीजा जी, वो मैं जिगर बोल रहा हू. हितें मेरे साथ है. रात ज़्यादा हो गयी है, इसलिए मेरे साथ आ जाएगा, ठीक है?

कॉल कट हो गया.

मैं: लेकिन आप कब जाओगे?

जिगर: क्यूँ टेन्षन ले रहे हो? खाना ऑर्डर कर दिया है, बस वो खा कर चलते है.

हम तीनो ने खाना रूम में ही खाया.

जिगर: आप थोड़ी देर टीवी देखो. आप आराम करो. मैं अभी आता हू.

वो दोनो बाहर चले गये. मैं आराम से एसी में बैठा टीवी देख रहा था. तभी मैने देख 20 मिनिट बीट गये, और वो अभी भी नही आए. मैं धीरे-धीरे उपर च्चत पर गया, और च्चत के गाते के नीचे तोड़ा गॅप था, वहाँ से देखा. वहाँ चाँद की रोशनी में जिगर आपनी पंत का बोट्तों लगा रहा था, और सोनू शर्ट पहन रहा था.

मुझे डाउट हो रहा था वहाँ क्या चल रहा था. बुत फिर मैने सोचा शायद मैं ही ज़्यादा सोच रहा था. जल्दी से मैं रूम में गया. फिर हम तीनो घर के लिए निकल गये. कार सोनू चल रहा था, और जिगर और मैं पीछे बैठे थे.

मैं: बहुत टाइम लगा दिया आपने?

जिगर: वो कुछ फिट कर रहा था उपर.

मैं: दोनो मिल कर?

जिगर: हा वो काम मेरे अकेले से नही होता.

मुझे लगा शायद वो सच में कुछ काम ही कर रहे थे. मैं पता नही क्यूँ इतना सोच रहा हू.

मैं: आप कब-कब आते हो होटेल देखने?

जिगर: परसो अवँगा अब.

मैने भी सोच लिया था की अब मैं भी अवँगा परसो. फिर पापा से पर्मिशन लेकर मैं परसो जिगर को बिना बोले वहाँ आ गया.

जिगर: आप आ रहे थे आपने बताया नही?

मैं: क्यूँ कोई प्रॉब्लम है?

जिगर: अर्रे नही आपका ही होटेल है. मुझे क्यूँ प्राब्लम होगी?

रात को फिर वो दोनो उपर गये, बुत अबकी बार मैं टीवी ओं करके उनके पीछे-पीछे उपर चला गया.

सोनो: यार नेक्स्ट टाइम च्चत पर मुझसे नही होगा, ठीक है?

जिगर: आज-आज की बात है. ये अमीर बाप की औलाद है. रोज़ आने वाला नही है ये.

ये बोल कर फिर दोनो ने जो किया, वो मैं सोच भी नही सकता था. दोनो किस करने लगे. जिगर तो जैसे पागल ही हो रखा था. सोनू को जल्दी से डॉगी बना कर उसकी पंत उतार दी. फिर खुद अपनी पंत थोड़ी नीचे करके, अपने हाथ पर तोड़ा सा थूक लगा कर, उसकी गांद में लगा रहा था.

इतने डोर से जिगर का लोड्‍ा कुछ सॉफ नही दिख रहा था, और गांद भी पंत से ढाकी हुई थी. ये सब मेरे लिए बिल्कुल नया था. सोनू बहुत आराम से उसका पूरा लोड्‍ा ले रहा था, बहुत तेज़-तेज़ झटके के साथ मस्त चुदाई चल रही थी.

सोनू: जल्दी कर ले, हितें को पता चल गया ना, फिर सब ख़तम, समझा?

15 मिनिट छोड़ने के बाद जिगर ने कुछ अपने लोड से निकाल कर होटेल के पीछे एक खेत में फेंक दिया. दोनो ने कपड़े ठीक करे. मैं जल्दी से नीचे चला गया. ऐसे ही हम घर आ गये.

इसके बाद क्या हुआ, वो आपको नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा.

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