होटेल में मिली भाभी के कमरे में आके चूड़ने की कहानी

पिछले महीने मैं ऑफीस के काम से हयदेराबाद गया था. वाहा मैं एक होटेल में रह रहा था. एक दिन डिन्नर करते टाइम, एक औरत डिन्नर करने आई. वाउ, बहुत खूबसूरत थी वो, और उसके जिस्म को देख के मैं पागल सा हो गया.

मैं उसे कंटिन्यूवस्ली देख ताहा था. तभी अचानक उसने मेरु तरफ देखा औ उसे पता चल गया की मैं उसके जिस्म को ताड़ रहा था. फिर वो हासणे लगी, तो मैं भी हस्स दिया. जब डिन्नर ख़तम करके जेया रहे थे, तो वो मेरी वाली लिफ्ट में आ गयी और बोलने लगी-

वो: क्या देख रहे थे तुम? पहले कभी नही देखी क्या?

तो मैने बोला: आप को एक बात बोलनी थी.

तो उसने बोला: हा बोलो.

मैने बोला: तुम बहुत ही सुंदर हो.

तो वो हासणे लगी और बोली: मैं 605 में रहती हू, और तुम्हारा रूम नंबर क्या है?

फिर मैने बोला: 269 है.

फिर लिफ्ट रुकी, और हम दोनो अलग-अलग अपने रूम में चले गये. अचानक रात के 11 बजे मेरे रूम की बेल बाजी. मैने जैसे ही डोर ओपन किया, मेरी आँखें खुली की खुली ही रह गयी. वही औरत रेड सारी और स्लीव्ले ब्लाउस वो भी डीप कट और बॅकलेस पहन के मेरे सामने खड़ी थी.

मैने हेलो बोला, और आयेज क्या बोलता समझ में नही आ रहा था.

तभी वो बोली: यही खड़ा रखोगे, या अंदर भी बुलाओगे?

फिर वो अंदर आई और हम दोनो बात करने लगे.

तो मैने बोला: तुम्हे क्या बूलौऊ?

तो वो बोलती है: शादी शुदा हू, तो भाभी बुला सकते हो.

भाभी: क्या कर रहे थे?

मे: कुछ नही, ऐसे ही वीडियो देख रहा था.

भाभी: ओहो, कों सी वीडियो देवर जी?

मे: अर्रे गाने देख रहा था.

भाभी: नही, इस टाइम पे सारे मर्द कुछ और वीडियो ही देखते है ना, इसलिए पूच ली.

मे: आप बोलो भाभी, कैसे आना हुआ?

भाभी: अर्रे तुमने लिफ्ट में मेरी इतनी तारीफ की थी ना, तो सोची की थॅंक योउ बोल के आ जौ.

मे: लिफ्ट से ज़्यादा तो अभी सुंदर लग रही हो भाभी.

भाभी: अछा जी. सच में अगर ऐसा है, तो थोड़ी और तारीफ कर दो मेरी.

मे: क्या भाभी आप भी.

भाभी: सच में इतनी मस्त हू क्या मैं?

मे: हा भाभी, आप सुंदर भी हो, और हॉट भी हो.

भाभी: अछा जी. जितनी हॉट हू मैं?

मे: बहुत ज़्यादा.

भाभी: देवर जी, अगर मैं इतनी हॉट हू, तो मैं आपके रूम के सोफा में क्या कर रही हू?

मे: मतलब क्या भाभी?

भाभी: मतलब यही है की अगर मैं सच में हॉट होती, तो अभी तक तुम्हारे रूम के सोफा में नही बैठी होती. तुम्हारे साथ तुम्हारे बिस्तर में होती.

मे: भाभी आप ये क्या बोल रही हो?

भाभी: क्यूँ मैं सेक्सी नही लगती तुम्हे? मुझे देख कर तुम्हारा खड़ा नही होता क्या?

मे: भाभी, रूको प्लीज़.

भाभी: अब मैं रुक नही सकती देवर जी. आज मुझे भाभी से रंडी बना दो.

और ये बोल के वो मेरे लंड पे हाथ फेरने लगी.

भाभी: आपका हथियार तो काफ़ी मस्त है देवर जी.

मे: भाभी देख लो आप. क्यूंकी बिस्तर पे मैं जानवर बन जाता हू.

भाभी: अर्रे जानवर ही तो चाहिए मुझे.

मे: चल फिर घुटने पर बैठ कुटिया.

भाभी: अपनी कुटिया को लंड नही खिलाओगे देवर जी?

मे: साली रांड़, मूह खोल.

और मैं अपना लंड उसके मूह में डाल के छोड़ने लगा. पुर रूम में आवाज़ गूँज रही थी. फिर वो बोली-

भाभी: लंड तुम्हारा बहुत बड़ा है, बस इस लंड से अपनी भाभी को रग़ाद-रग़ाद के छोड़ना.

मे: साली कुटिया, मूह में ले पहले बेहन की लोदी.

भाभी: कपड़े उतार ना सेयेल.

फिर मैने उसकी सारी उतार दी, और ब्लाउस सामने से पकड़ के फाड़ दिया.

भाभी: कुत्ते फाड़ मत. मैं क्या पहन के जौंगी?

मे: साली मैं अब इंसान नही एक जानवर बन चुका हू. और जानवर उतारते नही कपड़े, फाड़ते है.

भाभी: उफ़फ्फ़ हाए, मेरी जान तू इतने दीनो से कहा था मदारचोड़?

फिर मैने उसकी पनटी फाड़ दी, और उसे कुटिया बना दिया.

भाभी: डाल मेरी छूट में तेरा लोहे जैसा लंड मदरचोड़. फाड़ दे मेरी छूट को.

मे: ये ले बेहन की लोदी.

बोल के पूरा अंदर घुसा दिया.

भाभी; ह मदारचोड़. कुत्ते सेयेल, बड़ा मस्त लंड है रे तेरा.

मे: बोल रॅंड कैसा लग रहा है तुझे मेरा लॉडा?

भाभी: मस्त है रे तेरा लंड हरामी. बस अब रुकना मत. मैं कितनी भी चीखू चिल्लौं, तू रुकना मत.

मे: तेरे जैसी रंडी को बिस्तर में पाके मैं क्यूँ रुकुंगा साली छिनाल.

भाभी: कितने दीनो के बाद कोई मर्द मुझे ऐसे गंदी-गंदी गालियाँ देके छोड़ रहा है. हाए क्या मस्त फीलिंग है रे ये.

मे: क्यूँ तेरा पति नही छोड़ता है क्या?

भाभी: पति छोड़ता है, लेकिन प्यार से. बोलता है गालियाँ नही देनी चाहिए. तू क्यूँ स्लो कर रहा है मदारचोड़. छोड़ मुझे सेयेल हरामी.

मे: छोड़ रहा हू मेरी रंडी. साली बहुत आग है तेरे अंदर.

भाभी: बुझा दे आग. फाड़ दे मेरी छूट बेहन के लोड. छोड़ मुझे, छोड़ मुझे मदारचोड़, ज़ोर से, और ज़ोर से.

भाभी के मूह से ऐसी गालियाँ सुन के मैं पागल हो गया, और और तेज़-तेज़ धक्के मारने लगा.

भाभी: आअहह कुत्ते, मदारचोड़, सेयेल हरामी, छोड़ मुझे रे, छोड़.

मे: साली छिनाल, तू बहुत दीनो से भूखी लग रही है.

भाभी: देवर जी अपनी भाभी को आज बिना रुके छोड़ो, मेरे देवर जी छोड़ो मुझे. मेरी भूख शांत कर दो.

मे: साली रंडी औरत, आज तेरी गांद फाड़ दूँगा.

भाभी: फाड़ दीजिए ना देवर जी मेरी गांद. अपना लंड मेरे अंदर डाल कर मदारचोड़ मेरी गांद फाड़ दे कुत्ते.

मे: साली छिनाल औरत, ये ले, ये ले.

भाभी: आ आ आ बस अब रुकना मत अहहा आ. बिल्कुल मत रुकना. और तेज़-तेज़ धक्के मार ना मदारचोड़.

मे: भाभी अभी मलाई निकालने वाली है.

भाभी: सारी मलाई मेरे मूह में डालो देवर जी. एक बूँद भी बाहर मत डालना.

मैने फिर सारी मलाई उसके मूह में डाल दी.

भाभी: उफफफफ्फ़, मज़ा आ गया देवर जी मलाई खा के?

फिर हम दोनो ऐसे ही नंगे पड़े रहे बिस्तर पे. थोड़ी देर के बाद वो उठी और बोली-

भाभी: बा चलती हू? हब्बी नींद से जाग गया होगा?

सच बोलू तो ना हम एक-दूसरे का नाम जानते हैं, ना पता. लेकिन रात भर एक-दूसरे से बहुत प्यार किया. सॉरी दोस्तों प्यार नही चुदाई करी.

जाते जाते भाभी बोली: सेयेल तुम इतने भोले दिखते हो, लेकिन बिस्तर में जानवर हो तुम जानवर. और मुझे जानवर ही पसंद है.

यह कहानी भी पड़े  मेट्रो में मिली सेक्सी भाभी की चुदाई की कहानी


error: Content is protected !!