होटेल में भाई-बहन की सुहागरात की कहानी

बिना टाइम बर्बाद किए सीधा स्टोरी पर चलते है. अर्रे यार, ये फिर शादी का टॉपिक घुसा दिया बीच में इसने. अब तो मेरा लोड्‍ा फटने को था. सो छोड़ना था मुझे इसकी चूत को. फिर चाहे सच में ही शादी क्यूँ ना करनी पड़े.

सोच विवेक सोच, वरना छूट हाथो से निकल जाएगी. बहुत सोचने के बाद मैं बोला-

विवेक: ठीक है शिखा, अगर मेरा प्यार साबित करने के लिए तुमसे शादी ही करनी पड़ेगी, तो मैं तैयार हू तुमसे शादी करने को. बोलो कब करनी है?

शिखा: अर्रे-अर्रे इतने उतावले क्यूँ हो रहे हो हज़्बेंड जी? कल घर पहुँच कर मेरी मम्मी-पापा से मेरा हाथ माँगना, फिर शादी करेंगे, और फिर आप अपनी बीवी को जैसे चाहे प्यार करना.

विवेक: यार शिखा, मुझसे इतना वेट नही होगा. मेरी बीवी मेरे सामने बैठी है, और मैं उसको प्यार ना कर पौ, मुझसे नही होगा. प्लीज़ मुझे मेरी बीवी को प्यार करने दो. मुझे उसके बूब्स चूसने है. देखो कितने पर्फेक्ट है मेरी बीवी के बूब्स. प्लीज़ शिखा.

विवेक: मैं प्रॉमिस करते हू घर पहुँच कर तुम्हारे पापा से शादी की बात कर लूँगा. पर अभी तो मुझे मेरी बीवी दे दो.

शिखा: जी नही हज़्बेंड जी. तोड़ा वेट तो करना पड़ेगा. बिना शादी के तो नही मिल रही बीवी आप को प्यार करने को.

विवेक (तोड़ा गुस्से में ): अछा ठीक है. अगर शादी करके ही मेरी बीवी को छोड़ सकता हू, तो फिर चलो आज ही करेंगे शादी. अभी यही करते है शादी. मुझे मेरा प्यार साबित करना है तो यही और अभी शादी करूँगा तुमसे. बोलो तुम तैयार हो?

शिखा: पर भैया यहा कहा, कैसे?

विवेक: वो सब तुम मुझ पर छ्चोढ़ दो. तुम बोलो तुम तैयार हो मुझसे शादी करने के लिए? मैं यही आज ही करूँगा तुमसे शादी.

शिखा: पर फॅमिली?

विवेक (उसकी बात बीच में काट कर): शादी तुम्हे करनी है या फॅमिली को? मुझे तुम्हे प्यार करना है. मैं तैयार हू तुमसे शादी करने को. अब तुम बोलो.

शिखा: ठीक है भैया, चलो करते है शादी. आज ही, यही होटेल रूम में.

मैं खड़ा हुआ, कपड़े ठीक किए, और बाहर गया. जल्दी से मैने मार्केट से एक लोकल शॉप से मंगलसूत्रा और सिंदूर की डिब्बी ली. फिर दूसरी शॉप से 4-5 कॅंडल्स ली, और एक लाल चुनरी ली, और फिर केमिस्ट से एक पॅकेट कॉंडम और 2 वियाग्रा ले ली, और वापस आ गया.

वापस आ कर मैने कॅंडल जलाई चारी तरफ. फिर उन्हे फ्लोर पर लगाया एक साथ, और चुनरी शिखा को ओढ़ा दी. मोबाइल फोन पर शादी के फेरों वाला वीडियो चलाया.

विवेक: चलो शिखा, अब फेरे लेते है, और शादी करते है.

फिर वीडियो में जैसे-जैसे बोलते गये, हम वैसे-वैसे करते गये. 7 फेरे लिए, उसको मंगलसूत्रा पहनाया, और फिर सिंदूर लगाया. वो शर्मा रही थी. फिर उसने मेरे पैर च्छुए.

विवेक: अर्रे-अर्रे, ये क्या कर रही हो? बीवी तुम्हारी जगह पैरों में नही है, मेरे दिल में है.

फिर मैने उसको उठा कर गले से लगाया. उसके बाद उठा कर बेड पर बिताया. उसने चुनरी से अपने चेहरा ढाका. फिर मैं उसके पास गया, और चुनरी को उपर किया, तो वो सिर झुकाए शर्मा कर मुझे देखने लगी.

विवेक: अर्रे अब क्या शरमाना? अब तो हम पति-पत्नी हो गये है. और पति से कैसा शरमाना? और अब तो हमरी सुहग्रात का टाइम है. अब बोलो अब मैं कर सकता हू अपनी सही वाली बीवी को प्यार?

शिखा ने शर्मा कर हा में सिर हिलाया.

विवेक: नही-नही ऐसे नही. मूह से बोल कर पर्मिशन दो, बोलो.

शिखा (शरमाते हुए): जी हा हज़्बेंड जी, अब आप कर सकते हो अपनी बीवी को प्यार, ढेर सारा प्यार.

विवेक: अछा तो अब मैं अपनी बीवी के बूब्स से उसका दूध चूस सकता हू?

शिखा: धात्ट भैया, कितनी गंदी तरह बात कर रहे हो.

विवेक: अर्रे इज़म गंदा क्या है? मुझे मेरी बीवी का दूध चखना है, और ये भैया कों है यहा तुम्हारा? क्यूंकी मैं तो हज़्बेंड हू तुम्हारा

शिखा: जी हा, आपसे ही कह रही हू हज़्बेंड जी. बहुत गंदे हो आप.

विवेक: नही, गंदा-वंडा कुछ नही होता. बोलो जल्दी, मुझे सारी परमिशन्स चाहिए तुमसे. मैं चूसू अपनी बीवी के बूब्स?

शिखा( तोड़ा शर्मा कर और स्माइल के साथ): अछा बाबा ठीक है. कर सकते हो आप.

विवेक: नही ऐसे नही, जैसे मैं पूच रहा हू वैसे दो पर्मिशन.

शिखा: ओफफू भैया, मेरा मतलब हज़्बेंड जी. ठीक है. जी हा, अब आप चूस सकते हो मेरे बूब्स, और चख सकते हो मेरे दूध का स्वाद ( इतना कह कर उसने अपना मूह हाथो से च्छूपा लिया)

विवेक: और मेरी बीवी की छूट? उसको चूसने की, और जी भर कर छोड़ने की पर्मिशन कों देगा?

शिखा ( शॉक में आँखें बड़ी-बड़ी करके): हावव भैया! अर्रे मतलब सैयाँ हज़्बेंड जी ये सब क्या बोले जेया रहे हो आप? उसको कों चूस्टा है भला?

विवेक: किसको? मूह से बोलो, मुझे ऐसे नही समझ आता.

शिखा: प्लीज़ मत च्छेदो, मुझे शरम आती है

विवेक: वही शरम तो ख़तम करना है यार बीवी. तभी तो हम खुल कर प्यार कर पाएँगे.

शिखा: छूट, अब ठीक है? छूट को कों चूस्टा है सैयाँ जी?

विवेक: जो हज़्बेंड अपनी बीवी से प्यार करता है, वो उसकी बॉडी का हर पार्ट चूस्टा है, खाता जाता है, और मेरी बीवी तो इतनी प्यारी है. मैं उसको कितना प्यार करता हू. उसको अभी जब प्यार करूँगा, तो उसको खुद पता चल जाएगा.

शिखा: अछा जी, चलो देखते है आप कितना प्यार करते हो मुझे, मेरे हज़्बेंड जी.

विवेक: तो मुझे फुल पर्मिशन है? मतलब मैं जो चाहु जैसे चाहु अपने बीवी के साथ कर सकता हू? मैं उसके बूब्स चूसू, बीते करू, उसका सारा दूध पी जौ? उसकी छूट चूस कर काट ख़ौ. उसमे लंड डाल कर जी भर कर धक्के पेलू, उसको छोड़ू जैसे चाहु?

शिखा ( शरम से लाल नज़रे नीचे करके स्माइल करते हुए):

जी हा, जी हा हज़्बेंड जी. आप जैसे चाहे मेरे बूब्स को चूसो काटो, छूट को चूसो छोड़ो, आपको सारी परमिशन्स है. बस मुझे प्यार करे हज़्बेंड जी प्लीज़.

मैने लाइट ऑफ करके नाइट बल्ब जलाया. उसके पास बेड पर बैठा. उसका चेहरा अपने हाथो में भरा, और उसको देखा. यार सच में लाल चुनरी ओढ़े, सिंदूर लगाए, मंगलसूत्रा पहने, एक-दूं मस्त दुल्हन लग रही थी. उसको देख कर मेरी वासना चरम सीमा पर पहुँच गयी थी, और मैने अपने होंठ उसके होंठो से लगा दिए.

इस बार उसने शुरू से ही साथ देना शुरू किया, और हम दोनो धीरे-धीरे एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे.

शिखा: उम्म्म ह्म ह्म सस्स काटो मत प्लीज़, एम्म्म उम्म्म.

हम करीब 10 मिनिट तक ऐसे ही बैठ कर किस करते रहे. फिर जब हमे साँस लेने में दिक्कत हुई, तब एक-दूसरे से अलग हुए. मैने उठ कर उसको खड़ा किया, और चुनरी को हटाया. फिर उसकी शर्ट के बटन्स खोले, तो वो मुझसे लिपट गयी.

शिखा: यफफ्फ़ यार, बहात शरम आ रही है मुझे. कल तक जिसको भैया बोला, आज वो शादी करके सैयाँ बन गया. और अब मेरी सुहग्रात है उसके साथ.

मैने उसको कस्स के बाहों में भींच लिया, और उसके बूब्स मेरे सीने में गढ़ गये. फिर मैने अपने हाथ उसकी गोल-गोल गांद पर रखे, और धीरे-धीरे उसकी गांद को दबाने लगा, और उसके चेहरे और नेक पर किस करने लगा.

वो झटपटा रही थी. मैं गांद कभी-कभी ज़ोर से दबा देता तो उसकी आ निकल जाती. कभी वो सिसकियाँ भरने लगती. जब उसको और बर्दाश्त नही हुआ, तो वो मुझे छ्चोढ़ कर पलट कर जाने लगी. मैने हाथ पकड़ कर उसको उल्टा अपनी तरफ खींचा, और अब उसकी बॅक मेरे पेट पर लग रही थी.

मैने उसको वैसे ही कस्स कर पकड़ा, और उसके बूब्स की गोलाई पर हाथ घूमते-घूमते उसको किस कर रहा था.

शिखा: उम्म्म्म उफफफ्फ़ हज़्बेंड जी, ये आपने क्या कर दिया है? मुझे पता नही क्या हो रहा है. आज तक इतना अछा कभी नही लगा मुझे. उम्म्म एस, मुझे प्यार करो, और करो एस.

मैने कोई जवाब नही दिया, बस उसके बूब्स को हाथ में भर कर धीरे-धीरे से दबाने लगा. उफ़फ्फ़ क्या माल है साली, एक-दूं पर्फेक्ट बूब्स. हाथो में भर गये, कोमल से बूब्स साली के. बूब्स दबाने में इतना मज़ा आ रहा था, की मैं कब ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा, पता ही नही चला. मैने उसके निपल को दबाया, और जब वो चिल्लाई, तब होश आया मुझे.

शिखा: आअहह मा, हज़्बेंड जी, प्लीज़ धीरे से दब्ाओ, लगती है बूब्स पे.

विवेक: सॉरी यार, वो इतने सॉफ्ट है और इतने प्यारे है की मैं कंट्रोल नही कर पाया अपने आप को.

अब मैने उसको घुमा कर बेड पर बिताया, और उसकी शर्ट के बटन्स खोले. उफ़फ्फ़ भाई क्या नज़ारा था. ब्लॅक ब्रा में उसके सफेद गोरे-गोरे बूब्स उफफफ्फ़ क्या बतौ, मैं तो पागल हो गया, और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसके बूब्स पर टूट पड़ा.

मेरा एक-दूं से हमला वो झेल नही पाई, और बिस्तर पर गिर गयी. मैं बेतहाशा उसको चूम रहा था, और उसके बूब्स को चूसने लगा ब्रा के उपर से ही. उसके बूब्स को मूह में जितना भर सकता था भर कर कस्स-कस्स कर चूस्टा. फिर खींचते हुए ., और निपल को दांतो में ..

शिखा: . आअहह धीरे प्लीज़, काटो मत ना हज़्बेंड जी प्लीज़. आअहह मा एस, पागल कर दिया हज़्बेंड जी, आहह.

मैने एक हाथ उसकी नेक के नीचे ले जेया कर उसको अपनी फेस की तरफ पुश किया. फिर मैं उसके होंठो को चूसने लगा, और दूसरा हाथ मैने उसकी ब्रा खोलने में लगा दिया. ब्रा का हुक खुला तो ब्रा उछाल पड़ी, और मेरे सीने पर उसके हुक लगे आ कर.

मैने किस तोड़ी, और लंबी साँस ली, और फिर दोनो हाथो से उसकी ब्रा को उसके बूब्स के साथ पकड़ा, और उन्हे काज़ कर खींचते हुए ब्रा को हटाया.

शिखा: एयाया हह एम्म्म मा हज़्बेंड, मत करो ऐसे आअहह.

उसके गोरे-गोरे नंगे बूब्स देखे तो देखता ही रह गया. यार मतलब इतने गोरे बूब्स थे, की मेरी उंगलियों के लाल निशान पद गये थे उन पर. मैने एक बूब को हाथ में पकड़ा, और उछाला, तो वो शर्मा कर स्माइल करने लगी. फिर मैने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया.

जीभ से उसके बूब्स पर खेलना शुरू किया. उसके निपल को होंठो से दबाता तो वो आहह ससस्स सस्स करने लगती. फिर खींचता तो वो आँखें फाड़ कर मुझे गुस्से से देखती. मैं उसके बूब्स को पूरा मूह में भरता, फिर धीरे-धीरे दाँत गाड़ाते हुए खींच कर उन्हे छ्चोढता.

वो गुस्से से मुझे देखती, और मेरी एग्ज़ाइट्मेंट और बढ़ जाती. मुझ पर वासना पूरी तरह चढ़ गयी थी. मैने उसको पूरा उपर बेड पे लिटाया, और मैं उसके उपर लेट गया. फिर उसको उपर से किस करते हुए उसके बूब्स को किस किया, और तोड़ा चूसा.

शिखा: उफफफ्फ़ भैया, कितना मज़ा दे रहे हो आप. एस, एस, किस मे, किस मी बूब्स. सक मे एस एस एस. उफफफफ्फ़, आप कितने आचे हज़्बेंड हो. मुझे कितना प्यार करते हो. मा मुझे कुछ हो रहा है, प्लीज़ प्यार करते रहो हज़्बेंड.

मैं उसकी नाभि पर आया किस करते-करते, और उसको भी होंठो से दबा-दबा कर चूसने लगा, और बीते करने लगा.

शिखा: उम्म्म्म भैया, आपने पागल कर दिया है अपनी बीवी को. किस मे, किस मी लिप्स प्लीज़ भैया. उपर आओ, और मुझे किस करो.

मैने उसकी नही सुनी, और उसकी नाभि के च्छेद में जीभ डाल कर घूमने लगा. उसने हाथ सिर की तरफ करके मोन करते हुए चादर को काज़ कर पकड़ा.

शिखा: आअहह मा, भैया एम्म्म कहा से सीखा ससस्स ये सब आपने? यार पागल कर रहे हो मुझे आप. मुझे कुछ हो रहा है यार हज़्बेंड. मैं मॅर जौंगी ऐसे करोगे और तो. एम्म्म आअहह बस छ्चोढो अब मत करो प्लीज़.

मैं समझ गया वो झड़ने वाली थी. मैने नाभि में उंगली डाली, और धीरे-धीरे उसको घूमने लगा. वो बर्दाश्त नही कर पाई, और मेरे चेहरे को पकड़ कर उपर की तरफ खींचा, और मेरे होंठो को जोश में चूसने लगी.

ह्म उम्म उम्म उम्म, ऐसे ही सिसकियाँ ले रही थी. मैने एक उंगली नाभि में घूमना चालू रखा, और दूसरे हाथ को उसकी कमर से धीरे-धीरे नीचे ले जेया कर उसकी छूट के आस-पास घुमाया. उसने आँखें बड़ी की, और किस तोड़ने ही वाली थी, मैने नाभि से हाथ हटा कर उसका र्राइव अपने पास बढ़ाए रखा, और किस कंटिन्यू रखी. दूसरे हाथ को मैं उसकी छूट के बाहरी हिस्से पर घूमता रहा.

वो पैरों को सिकोड़ने लगी, और चेहरे पर एक गिड़गिदने वाला भाव था, जैसे मुझे छोड़ने को बोल रही हो. पर मैने नही सुनी उसकी एक भी, और उसकी छूट के बीच में दो उंगली को आयेज-पीछे करने लगा. मानो लंड को उपर-उपर से छूट पर रब कर रहा था.

वो रोने जैसी होने लगी, और आँखों में आँसू आ गये. अपने पैरों को बिल्कुल सिकोड कर वो कमर की तरफ बढ़ने लगी. मैने अपने पैरों से उसके पैरों का दबा लिया, और उंगलिया तेज़-तेज़ आयेज-पीछे करने लगा. उसकी बॉडी अकड़ने लगी, और आँखों से आँसू गिरने लगे, और गुस्से से आँखे बड़ी-बड़ी करके देख रही थी.

फिर आँखें बंद करके पैरों को पूरी ताक़त से सिकोड़ने के बाद ढीला छ्चोढ़ दिया, और तेज़-तेज़ साँस लेने लगी. मैं अभी भी उसके होंठो को दबाए था, तो उसके मोन मुझे अपने मूह में महसूस हुए. मैने उसको छ्चोढा, तो बेड पर गिर पड़ी मदहोश हो कर.

उसके तेज़-तेज़ साँसे लेने की वजह से उसके बूब्स उपर-नीचे हो रहे थे. मैने उन्हे पकड़ा और एक-एक करके चूसने लगा. जब उसको तोड़ा आराम आया, तो उसने मुझे डोर हटाया.

शिखा: हट्तो डोर भैया, बहुत बोलते थे बहुत प्यार करता हू. ये प्यार है आपका?

और वो मुझे सीने पर मारने लगी. मैने उसके हाथो को पकड़ा, और अपनी तरफ खींचा.

शिखा: हा बस अपनी ताक़त ही दिखाओ, प्यार मत दिखना.

विवेक: अर्रे बीवी, ये मेरा प्यार ही तो है.

शिखा: बड़ा आए प्यार. मेरी जान निकल रही थी. मैं छ्चोढने को बोल रही थी, तो मुझे छ्चोढा क्यूँ नही? पता है मेरा पेशाब निकल गया.

मैं हासणे लगा.

विवेक: बेवकूफ़ लड़की, वो पेशाब नही है. वो मेरे प्यार का रिप्लाइ है, जो तेरी छूट से निकला है.

इतना कह कर उसकी कमर पकड़ी, और उसको बेड पर लिटा दिया, और एक झटके में शॉर्ट के साथ उसकी अंडरवेर उतार कर निकाल दी. उफ़फ्फ़ क्या नज़ारा था.

आयेज का अगले पार्ट में पढ़िएगा. सारा मज़ा एक ही पार्ट में लेना है क्या? फॉर अन्य सजेशन्स ओर अन्य रेस्पॉन्स

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