बड़े लंड वाले के साथ अवैवाहिक सबंध

उसने मुझे बिस्तर में डाल के मेरी दोनों टांगो को पूरा खोला और फिर धीरे से अपने लंड को मेरी चूत के बोटम के ऊपर रख दिया. और फिर जैसे किसी रंडी को पेल रहा हो वैसे एक ही धक्के में आधे से ऊपर लंड मेरी चूत में घुसा दिया. बाप रे कितना बड़ा और गरम लोडा था उसका. मेरी तो चीख भी नहीं निकल सकी दर्द की वजह से!

वैसे मेरे पति से मैंने चुदवाया था लेकिन आज जैसे मेरी चूत को सही लैंड मिला था. मैंने उसके बालों में हाथ डाले और उसे अपनी तरफ खिंचा. उसने एक और झटके में पूरा लंड अन्दर घुसेड़ा. अब वो मुझे किस कर रहा था और अपने लंड के धक्के दे रहा था. उसका लंड मेरी चिकनी चूत को चोदने लगा था. उसका जोर ज्यादा था और उसके लंड में बात ही कुछ अलग थी. उसने मुझे नॉन स्टॉप 10-12 मिनिट तक खूब चोदा.

फिर वो रुक गया. मैंने कहा क्या हुआ तो वो बोला, मेरा निकलने को हे. मैंने कहा अंदर ही निकाल दो. वो बोला नहीं अभी नहीं, कुछ देर रुक के चोदुंगा. बहुत दिनों के बाद किसी की चूत मिली हे मुझे इसलिए मैं एक घंटे से पहले पानी नहीं निकालूँगा अपना!

मैं खुश हो गई उसकी ये सोच को जान के. मैंने भी एक मिनिट कुछ मूवमेंट नहीं की. फिर वो वापस से मिशनरी पोज में ही मुझे चोदने लगा.

5 मिनिट और ऐसे चोदने के बाद वो बोला, अब किस पोज़ में लंड लेना हे वो बताओ.

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मैंने कहा मुझे अपने ऊपर बिठा लो जान.

वो निचे लेट गया और मैं उसके ऊपर चढ़ गई. मेरी चूत में उसका लंड था और मैं जोर जोर से अपने कुल्हे मार रही थी उसकी जांघो को. उसके बॉल्स मेरी चूत से टकराते थे तो चुदने का जैसे और मन हो जाता था. उसके गर्म गर्म बॉल्स चूत को टच करते ही जैसे अलग उत्तेजना फुट पड़ती थी मेरे अन्दर.

कुछ देर उछलने के बाद मैं थक गई. मेरी चूत ने पानी भी निकाल दिया था. लेकिन वो अभी भी नहीं झडा था. उसने अब मुझे कुतिया बना के पांच मिनिट और चोदा. मैं थक गई थी लेकिन आज असली लंड मिला था इसलिए थकी हुई होने के बावजूद भी उसे फुल सपोर्ट कर रही थी.

फिर उसने मुझे निचे लिटाया. मिशनरी पोज ही लेकिन थोडा एडवांस. उसने मेरी गांड के निचे एक तकिया लगाया और मेरे दोनों लेग्स को अपने कंधे के ऊपर रख दिए. मैंने दोनों लेग्स को मिला के उसके बदन को जैसे गाँठ में बाँध लिया. फिर वो मेरी चूत को चोदने लगा. उसका लंड डीप तक घुसा हुआ था मेरी चूत में. और ऐसे लंड लेने में बहुत ही मजा आ रहा था.

वो जोर जोर से मुझे चोदता गया और मैं उसे अपने ऊपर खिंच के बूब्स चटाती थी अपने और वो मुझे होंठ, नाक, गाल और कपाल के ऊपर भी चूम लेता था.

15-17 मिनिट तक उसके लंड के तांडव को झेलने के बाद मैं अपनी चूत में उसके गरम लावे का अहसास किया. वो उतना सब झड़ा था जैसे की आधा लिटर वीर्य निकाला हो उसने मेरी चूत में. फिर वो मुझे लिपट के सो आया. वो थक गया था और चूत में लंड रख के ही उसे नींद भी आ गई.

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जब उसका लंड सिकुड़ के बहार निकला तो मैं धीरे से उसे लिटा के चाय बना लाइ. मैं कमरे में आई तो उसका लंड फिर से खड़ा हुआ था. चाय पिने के बाद उसने मुझे एक घंटा और चोदा और थका दिया.

सुबह तक मेरी हालत ऐसे थी की चला भी नहीं जा रहा था मेरे से. लेकिन सच में उसके लंड को लेने में जो मजा आया वो अलग ही अनुभव था.

उसके साथ मेरे अवैवाहिक सबंध की ये सिर्फ एक शरुआत ही थी. उसने मुझे कहा भी की हम लोग आगे भी बहुत मजे करेंगे. और सच में मैं भी इस लंड को अपना जीवनसाथी ही बना लेना चाहती थी!

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