बड़े लंड वाले के साथ अवैवाहिक सबंध

मैं एक चुदासी हाउसवाइफ हूँ और मेरी उम्र 30 साल हे. मैं बंगलौर सिटी में रहती हूँ. मैं अपने से उम्र में दो साल बड़े आदमी के साथ मेरिड हूँ. मेरा हसबंड एक बिजनेसमेन हे और उसके शहर में अच्छे कनेक्शन हे. मैं अक्सर सेक्स कहानियाँ पढ़ के अपनी चूत में ऊँगली करती हूँ. मेरे पति को सेक्स में उतना इंटरेस्ट नहीं हे.

मेरा एक बच्चा हे जो 3 साल का हे. मेरी प्रेग्नन्सी के बाद से ही जैसे मेरे पति ने सेक्स करना बंद कर दिया हे. और पति के साथ सेक्स किये हुए अब जैसे एक ज़माना सा हो गया हे. वैसे मैं सामने से चुदाई के लिए कहती हूँ तो वो कहते हे की मूड नहीं हे और वो कहते हे की बच्चा हो गया अब सेक्स क्या करना! अब मेरी कौन सुने भला, मैं तो प्यासी की प्यासी ही थी ना!

लेकिन मेरे पति ने मुझे पैसा और आजादी बहुत दी हे. मैं घर में पोर्न की सीडी लगा के देखती हूँ और ऊँगली से खुद को खुश करती हूँ वो उसे पता हे. ये किस्सा आज से करीब एक महीने पहले का हे. मैं बाजार में अपने लिए नया पोर्न सामान लेने गई थी तब ये जवान लड़का मुझे मिल गया मार्केट में. फ्राईडे था और ऑलमोस्ट रात हो चुकी थी शोपिंग करते हुए. मैं अपने लिए ऑटो की वेट कर रही थी और वो बाइक पर था. ऑटो आ ही नहीं रही थी जैसे.

मैंने इस जवान लड़के से रिक्वेस्ट की की क्या वो मुझे मेरे घर पर ड्राप कर सकता हे. और तभी हलकी हलकी बूंदाबांदी भी चालु हो गई. उसने मेरा एड्रेस पूछा और मुझे बाइक के पीछे बिठा लिया. बारिश की वजह से वो बार बार ब्रेक लगाता था और मैं जानबूझ के अपने बूब्स को उसके कंधे और कमर के ऊपर लडवा देती थी. मैं गरम हो रही थी और उसे भी कर रही थी.

फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ ली क्यूंकि बार बार ब्रेक लग रही थी इसलिए. बारिश की वजह से मैं भीगने भी लगी थी. फिर अनजाने में मेरा हाथ आगे गया और उसका लंड मेरे हाथ में आ गया. मैंने हाथ में पकड़ा तब मैं समझी की वो कोई होल्डर नहीं लेकिन उस लड़के का लंड था. पहली बार अपने पति के सिवा किसी और आदमी का लंड मेरे हाथ में था. और ये सोच के मैं जैसे एकदम से उत्तेजित हो उठी. मैंने लंड के ऊपर से हाथ को नहीं हटाया और उसे धीरे धीरे से दबाने लगी.

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उतने में मेरा घर भी आ गया. मैंने उसे कहा की अन्दर आओ. करीब 10 बज रहे थे रात के. मैंने कहा मेरे पति आज मुम्बई गए हुए हे अपने काम से इसलिए तुम चाहो तो यही रुक जाओ रात के लिए; वैसे भी बारिश बहुत हे इसलिए अभी कहा जाओगे.

फिर मैंने उस लड़के को उसकी फेमली के बारे में पूछा. उसने कहा की उसकी शादी भी हो चुकी थी लेकिन उसे कोई बच्चा नहीं था. उसने कहा की मेरी बीवी बड़ी धार्मिक प्रकार की हे और सेक्स में रूचि नहीं रखती हे. और फिर उसने कहा की सच कहूँ तो मैं अपनी बीवी को पूरा नंगा भी नहीं देखा हे. शादी के बाद 5 6 बार ही दोनों के बिच में सेक्स हुआ था.

मैं समझ गई की वो भी बेचारा मेरे जैसा या मेरे से ज्यादा ही दुखी था. मैंने उसे कहा की जाओ चेंज कर लो कपडे भीगे हुए हे तुम्हारे. मैंने उसे पति का एक नाईट गाउन उसे दिया. और मैं भी अपनी नाइटी ले के उसके साथ ही बाथरूम में घुस गई. उसने जैसे ही अपने कपडे खोले उसे अंडरवेर में देख के मेरा मन एकदम से कामुक हो गया. उसका लंड जैसे चड्डी के कपडे को फाड़ के बहार आना चाहता था. और उसके लंड की साइज़ भी एकदम बड़ी थी.

उसके लंड को देख के तो मैं और भी चुदासी हो गई थी और मैंने सोचा की आज किसी भी कीमत पर इस आदमी से अपनी चूत मरवानी हे बस. उसने अपनी बॉडी को तोवेल के पीछे छिपाला चाहा. मैंने कहा अरे घबराओ मत हम दोनों के सिवा कोई भी नहीं हे. और ऐसा कहते हुए मैंने धीरे से अपनी साडी को खोला और पेटीकोट भी निकाल दिया. मैं उसके सामने अपनी ब्रा और पेंटी में थी. मेरे बूब्स जो 40 इंच के हे उन्हें देख के उसके लोडे में भी आग लग गई.

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वो मेरे पास आ गया और मेरी गांड पर लंड सटा के मेरे बूब्स से खेलने लगा. मेरे बदन में जैसे 1000 वाट का झटका लगा. मैं किसी पराये मर्द के साथ पहली बार ये अनुभव ले रही थी इसलिए कुछ ज्यादा ही एक्साइट थी मैं.

मैं भी उसे कस के लिपट गई और अपने कंधे को उसके ऊपर रख दिया. तभी मुझे अपनी चूत के ऊपर कुछ भारी महसूस हुआ. वो आगे आ गया था और उसने हाथ को पीछे कर के मेरी गांड को दबाया. और फिर वो मुझे ऐसे ही उठा के बिस्तर की तरफ ले चला. बिस्तर में डाल के वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे पुरे बदन को चाटने और चूमने लगा. उसके हाथ मेरे बूब्स पर थे. और फिर उसने मेरी ब्रा और पेंटी को निकाल फेंका.

फिर उसने मुझे पूछा की मैं सेक्स में क्या सब से ज्यादा पसंद करती हूँ. मैंने कहा बस मुझे प्यार मिले तो मैं बहुत खुश होती हूँ. वो अपने हाथ से मेरे होल को यानी की चूत को धीरे से हिला रहा था. मैं भी एकदम चुदासी हो गई थी और अपने हाथ से मैंने उसकी चड्डी में से लंड को बहार निकाला. बाप रे कितना बड़ा लोडा था वो! मेरे पति से तो काफी लम्बा था वो लंड. मैंने फट से उसे अपने मुहं में ले लिया और चोकोबार आइसक्रीम के जैसे उसे सक करने लगी.

वो लंड उतना बड़ा था की आराम से मुहं में ले भी नहीं सकती थी मैं. लेकिन उसे ऊपर निचे अपने होंठो से टच कर के चूसने का अलग ही मजा था. उसने लंड के जैसे ही उसके टट्टे भी एकदम कडक और बड़े बड़े थे. मैं उसके लंड के साथ साथ उसके टट्टे यानी की बॉल्स भी चूसने लगी थी.

उसको भी बड़ा मजा आ रहा था मेरे इस ब्लोवजोब से. और वो भी मोअन कर रहा था और मेरे माथे को गाइड कर रहा था. अब हम दोनों फुल एक्साइट थे और मैंने उसे कहा की अपना बड़ा लंड अब जल्दी से मेरी चूत के अन्दर डाल दो मेरे से नहीं रहा जा रहा हे. और सच में मेरी चूत एकदम गीली और सेक्स के लिए प्यासी हो चुकी थी.

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