हिन्दी कामुकता कहानी – राजू की बहने

hindi kamukta kahani raju ki behne दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये कहानी मैने कई साल पहले नेट पर पढ़ी थी इसीलिए इसको हिन्दी फ़ॉन्ट मे आपके लिए लेकर हाजिर हूँ . राजू मेरा दोस्त है. राजू की उम्र लगभग 26 साल है. उसकी दो बहने हैं. सीता और गीता.

सीता की उम्र लगभग 18 साल और गीता की तेरह साल है. ये कहानी मुझे सीता ने बताया.

हुआ यों कि एक बार राजू अपनी कार से गीता को लेकर बाज़ार गया . बाज़ार में उन्होने गीता की क्लास में पढ़ने वाले लड़के को कार चलाते देखा, ये देख कर गीता कार चलाना सीखने के लिए राजू से ज़िद करने लगी. राजू ने बहुत समझाया कि कुच्छ दिन के बाद सिखा दूँगा पर वो नही मानी. तब राजू ने उसे कहा कि ठीक है सुबह एकदम सबेरे जब रोड पर कम लोग रहतें हैं, मैं मैदान में लेजा कर सिखा दूँगा.

hindi kamukta kahani raju ki behneदूसरे दिन राजू गीता को लेकर फील्ड में गया.बहुत कोशिश करने पर भी गीता से कार का स्टारिंग नही सम्भल पाया. जब वो स्टारिंग ठीक संभालती तो आक्सेलेटर छूट जाता, जब अक्सीलेटर संभालती तो स्टारिंग छूट जाता. तब राजू ने गीता को गोद में बिठा कर स्टारिंग खुद पकड़ा और गीता को सिर्फ़ ब्रेक और अक्सीलेटर संभालने को कहा. वो बोली नही मैं खुद ही दोनो संभालूंगी जब ग़लती हो तो स्टारिंग तुम पकड़ लेना.

इस तरह वो कार आगे बढ़ाई. कुच्छ दूर तो ठीक चली पर जब मुड़ने की बारी आई तो वो अक्सीलेटर कम करने की जगह छोड़ ही दी और अचानक फिर अक्सीलेटर पर दब गया जिससे कार को जोरदार झटका लगा, और राजू ने जल्दी से गीता को पकड़ा ताकि वो स्टारिंग से टकरा ना जाए और ब्रेक दबा दिया . गाड़ी रुक गई. पर राजू के हाथ में काफ़ी चोट लगी क्योंकि राजू का हाथ स्टारिंग से टकरा गया था. तब राजू का ध्यान गया कि वो गीता की दोनो छ्होटी-छ्होटी चूचियों को जाकड़ रखा है.राजू ने झट से अपना हाथ हटाया. गीता भी झेंप गयी . फिर राजू ने कहा अभी तो तुम स्टारिंग से टकरा जाती और तुम्हारे सीने में चोट लग जाती? देखो अभी तक मेरे हाथ में दर्द हो रहा है.

वो बोली थॅंक यू भैया जो तुमने मुझे चोट लगने से बचा लिया,पर तुमने भी कितनी ज़ोर से पकड़ा कि मुझे भी दर्द होने लगा. राजू ने पुछा कहाँ? वो बोली सीने में. इसपर राजू अपनी दोनो हथेलियों से गीता की दोनो चूचियों को सहलाते हुए पुछा यहाँ? वो बोली धत भैया ये क्या करते हो, कोई देखेगा तो? राजू ने कहा कार में काला शीशा है किसी को नही दिखेगा. यह कह कर राजू उसकी दोनो चूचियों को मसल्ने लगा और गालों पर किस करने लगा. गीता को भी मज़ा आने लगा था, वो भी मज़े लेने लगी, और सिर राजू की तरफ घुमा लिया जिससे राजू उसके होंठ पर होंठ रख दिया.

राजू लंड खड़ा हो चुका था और गीता की गांद में गढ़ रहा था. राजू बेकाबू हो रहा था , उसने एक चूची छोड़ कर गीता की चूत को उपर से ही सहलाने लगा और गीता की शलवार का नारा खोल दिया.फिर उसने अपना हाथ गीता की पैंटी में घुसा दिया और चूत सहलाने लगा.गीता भी गरम हो चुकी थी,उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी. राजू ने उसकी शलवार को और पैंटी को नीचे सरका दिया और अपने पैंट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाल लिया. इतने में गीता ने कहा भैया सड़क पर लोग आने-जाने लगे हैं, अब छोड़ दीजिए. राजू ने कहा ठीक है पर अब हम लोग इसी तारह घर तक जाएँगे. वो मान गयी.

इस तरह वो दोनो घर पहुँचे और कार से निकलने से पहले खुद को ठीक किया.

घर पहुँच कर दोनो ने नहा धो कर नाश्ता किया और गीता स्कूल चली गयी. रात को खाने की मेज़ पर गीता ने कहा– भैया आज तुम मेरे मैथ के कुच्छ सवाल को हल कर दो, कल मुझे स्कूल में दिखाना है.

राजू बोला — मैं अभी कुछ नही करूँगा मुझे कंप्यूटर पर काम है और जब तक मेरा काम ख़त्म होगा तुम सो जाओगी.

गीता बोली —नही सोउंगी,आज मैं भी देखूँगी तुम क्या काम करते हो और जब ख़त्म हो जायगा तब सवाल बता देना.

राजू बोला– मेरे कमरे में आने की ज़रूरत नही है सुबह बता दूँगा.

गीता बोली –नही अभी बता दो.

इसपर राजू की मम्मी ने कहा बता दो राजू , तुम काम भी करते रहना और इसे बीच-बीच में मदद भी करना.

राजू बोला ठीक है मेरे कमरे में आ जाओ. और राजू अपने कमरे में चला गया.

रात करीब 10 बजे गीता राजू के कमरे में गयी. राजू कंप्यूटर पर कुच्छ काम कर रहा था. गीता के आते ही उसने उसे गोद में बैठा लिया और चूची मसल्ने लगा.गीता बोली — क्या कर रहे हो भैया? कोई आ जायगा. इसपर राजू बोला – ठीक है पहले मैथ का सवाल हल कर लो.

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राजू लगभग आधे घंटे में सारे सवालो को हल कर लिया और गीता से बोला जाओ देख कर आओ कि घर में सभी सो गये है या नही,और बाथरूम कर के आना.गीता चली गयी और तुरंत ही आगयि. हां भैया सब सो चुके हैं.यह सुनते ही राजू ने गीता को उठा लिया और बिस्तेर पर पटक दिया और बोला आज तो रानी तुम्हें इतना चोदुन्गा कि तुम्हारी चूत का भोसरा बना दूँगा.गीता बोली चोद्ना क्या होता है? राजू बोला जब मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुस कर कुटाई करेगा तब पता चल जायगा मेरी रानी.यह कह कर राजू ने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसकी छोटी-छोटी चूचियो को चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत पर उंगली रगड़ने लगा.

गीता को भी मज़ा आने लगा और ज़ोर से चूसो भैया,मज़ा आ रहा है. गीता की चूत भी गीली हो गयी और वो बोलने लगी भैया मेरे पूरे शरीर को पीस दो भैया,मेरी चूत में लगता है चीटियाँ घुस गयी है उंगली डाल कर निकालो चीटियों को. राजू ने कहा हां मेरी रंडी तुम्हारी कच्ची चूत मे जब मेरा हथोडे जैसा लंड जायगा तब सारी चीटियाँ मर जायगी.

राजू ने भी सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया. राजू अपना लंड गीता के मुँह के पास लेजाकार बोला डार्लिंग इसे चूसो.

गीता ने कहा — नही भैया ये गंदा है.

राजू बोला – साली जब चूसोगी तब इतना मज़ा आयगा कि छोड़ॉगी नही.चूसो इसे.

गीता के मुँह में राजू का लंड तो नही घुस पाया, वो लंड के सुपाडे को ही चूसने लगी.जब लंड से प्री-कम निकलने लगा तब उसका नमकीन स्वाद गीता को बड़ा अच्छा लगने लगा.वो सुपाडे को चाटने लगी और बोली – हां भैया बड़ा अच्छा लग रहा है.

राजू बोला – जब तुम्हारी चूत चोदुन्गा तब तो और भी मज़ा आयगा.

गीता बोली—तो चोदो ना भैया.

फिर राजू क्रीम ले आया और गीता की चूत पर अच्छि तरह से लगाया, क्रीम को उसने अपने लंड पर भी लगाया,और बोला—जब लंड घुसेगा तब थोड़ा दर्द होगा इसे बरदाश्त करना ,जब पूरा अंदर चला जायगा तब बहुत मज़ा आयगा.

गीता बोली –ठीक है.

अब राजू ने गीता के टाँगो को फैलाया और उसके बीच में जाकर लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा , दोनो हाथो से गीता की चूचियो को पकड़ा और मुँह को उसके मुँह पर लगा कर मुँह बंद किया और गचक से झटका मारा. उउउइईईई ऊवंन्न आअन्न्‍नणणन् करके गीता छ्टपटाने लगी.राजू ने फिर झटका मारा. लंड चूत के झिल्ली को तोड़ते हुए अंदर चला गया .गीता के आँख से आंशू निकलने लगे.राजू वैसे ही रुक कर गीता की चूचियों को मसल्ने लगा. जब गीता के आंशू रुक गये तब राजू ने घच्छ से एक झटका और मारा . पूरा लंड गीता की टाइट चूत में समा गया . गीता दर्द के मारे ऊन्न्‍नणणन् कर के रोने लगी .फिर जब उसका रोना रुका तब राजू ने उसके मुँह से मुँह हटाया.गीता बोली भैया निकालो मुझे नही चुद्वाना है इतना दर्द मुझसे बर्दास्त नही होगा. राजू बोला – घबराओ मत गीता अब तुम्हे बहुत मज़ा आयगा .मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुस चुका है.यह कह कर राजू गीता को चाटने चूसने लगा और हाथ से उसकी छ्होटी-छ्होटी चूचियों को मसल्ने लगा .

गीता का दर्द कम हो गया.वो चूची मसलवाने का आनंद लेने लगी और चूत को सिकोड कर लंड का मज़ा लेने की कोशिश करने लगी. राजू यह देख कर चुदाई स्टार्ट कर दिया . और तेज़ चोदो भैया गीता को मज़ा आने लगा राजू भी स्पीड तेज कर दिया .और ज़ोर से भैया .आज मेरी चूत को कूट कर रख दो,फाड़ दो मेरी चूत को.और कमर उच्छालने लगी. राजू भी फुल स्पीड में धक्के लगा रहा था ले साली अभी तो रो रही थी अब मज़ा आने लगा हरम्जदि ,ले आअहह उऊहह यीहह गछा-घच चुदाई चलने लगी. बोल हराम्जादि भैया से चुद्वाने में मज़ा आ रहा है?

हां भैया, मुझे पता होता कि चुदाई इतनी मज़ेदार होती है तो मैं पहले ही तुम से चुद्वाती .

साली मुझे पता होता कि मेरे घर इतनी मस्त माल है तब मैं तुम्हें पहले ही चोद देता. आआआ ऊऊऊऊओ.

हां भैया अब तुम रोज ही मुझे चोद्ना.आआ उूुुुउउ भैयाअ लाअग रहाआ हाई मैं आसमान मीई उउर्र्रर राआही हूऊंन आआआआअ और गीता झार गयी .

राजू के लंड ने भी धार छोड़ दी लीई राअनीि उउईई मायन्न्न ग्ग्ाआययय्याआआआआ. और राजू झर गया.

कुच्छ देर दोनो वैसे ही पड़े रहे. फिर राजू ने लंड निकाला. गीता की चूत से खून की धार निकलने लगी.

यह क्या है?

तुम्हारी सील टूटी है ना वही खून है कुच्छ नही होगा.दोनो लिपट गये और चुम्मा चाटि करने लगे.

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इसतरह दोनो जब भी मौका मिलता चुदाई का आनंद लेते थे. एक दिन रात में जब दोनो चुदाई में मशगूल थे तभी राजू के कमरे का दरवाज़ा झटके से खुला और सीता अंदर आ गयी, यह क्या हो रहा है?

कुच्छ नही बहना गीता को जवानी का आनंद दे रहा हूँ.

मैं पापा को बोलूँगी.

मैं तुम्हें भी मज़ा दूँगा.

सीता को सेक्स की समझ थी इसलिए उसे चुदाई देखना अच्छा लगने लगा.वो दरवाज़ा बंद की और बोली भैया मुझे भी चोदो तो नही बोलूँगी. राजू को क्या था, वो तो खुस हो गया कि घर में ही दो-दो मस्त माल मिल गयी. ठीक है कपड़े उतारो और देखो,यह कह कर राजू ने गीता की थुकाइ चालू कर दी.सीता भी अपनी छोटी-छोटी चूचियों को अपने हाथ से मसल्ने लगी और चूत पर हाथ सहलाने लगी. जब राजू और गीता झर गये तब राजू उठा और सीता की चूची देख कर उसका लंड फिर खड़ा होने लगा. सीता की चूची पूरी तनी हुई थी,उसके निपल एकदम खड़े थे और चूत पर रेशमी बाल. सीता की अन्चुदि चूत देख कर राजू का लंड तन गया. उसने सीता की चूचियों को मसलना चालू कर दिया सीता को मज़ा आने लगा.राजू ने उसकी चूत में भी उंगली घुसेड दी. सीता की भी सील नही टूटी थी.

सीता जल्दी ही गरमा गयी . राजू ने गीता को कहा तुम सीता की चूत में क्रीम लगाओ.और राजू उसकी चूचियों को दाँत से काटने लगा सीता को दर्द भी हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था. जब गीता ने सीता की चूत में क्रीम लगा दिया तब राजू सीता पर लेट गया और उसका मुँह हाथ से बंद किया और घचक से लंड को पेल दिया सीता छॅट्पाटा कर रह गयी पर आवाज़ नही निकाल पाई,सीता की भी सील टूट गयी . उसने फिर धक्का दिया घच्चह और पूरा लंड चूत के अंदर. उसने अपना हाथ सीता के मुँह से हटाया और बोला चुद्वाओगि?

सीता बोली नही छोड़ दो मुझे .

अब क्या छोड़ू? अब तो लंड ने अपना काम कर दिया अब मज़े लो.

धीरे-धीरे उसने चुदाई आरंभ कर दी .

गीता बोली—दीदी मुझे भी काफ़ी दर्द हुआ था पर अब तो लगता है कि लंड को चूत में घुसाए ही रखूं.]

सीता को भी मज़ा आने लगा था अब कमर उच्छालने लगी.राजू ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा .

तःप-ठप –ठप-ठप आवाज़ निकलने लगी फिर आआआआआअ ऊओह मैं उड़ रही हूँ.

गीता बोली भैया का लंड इतना शानदार है कि अभी तुम आसमान में गोते लगओगि.

आआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊऊओ उूुुउउइईईईईईई ज्जूऊऊऊओर सीईई हच्छ-हच्छ ऊऊऊऊ और दोनो झर गये और सुस्त पड़ गये.

गीता बोली मज़ा आया दीदी?अब तो तुम भैया की रंडी बन गयी?

हां गीता ,अब मैं रंडी ही बने रहना चाहती हूँ.

फिर दोनो अलग हुए गीता झट से राजू का लंड चूसने लगी.

गीता बोली—चूस के देखो, आइस-क्रीम खाना भूल जाओगी.

सीता ने लंड को मुँह में ले लिया हां गीता बड़ा मज़ा आ रहा है.

इसतरह राजू एकदिन बाद एकदिन दोनो बहनो को चोद्ने लगा.

एक शाम को राजू और सीता कार से बाज़ार गये . बाज़ार से लौटने के वक़्त दोनो कार पार्किंग से कार लेने गये तो कार में बैठते ही राजू ने उसे गोद में खीच लिया और सलवार का नाडा खोल कर नीचे सरका दिया पैंटी भी सरका दी,फिर उसने अपना लंड निकाला पिछे से ही उसकी चूत में पेल दिया और बोला मैं ऐसे ही घर जाउन्गा ,तुम बैठी रहना मैं कार चलाउंगा.फिर राजू कार बाहर निकला. काले शीशे होने की वजह से और रात होने की वजह से किसी को कुच्छ दिखाई नही दे रहा था , जब कार पार्किंग साइट से बाहर निकली तो अचानक मैं सामने आ गया. मुझे देख कर दोनो घबरा गये,जल्दबाज़ी में अलग भी नही हो पाए कि मैं कार के गेट के करीब पहुँच गया. नज़दीक से मैने जब उन्दोनो को इस हालत में देखा तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया.

दोनो अलग हुए और राजू ने कहा यार किसी को मत बताना.

मैने कहा ठीक है पहले गाड़ी में बैठने तो दो.

यह कह कर मैं सीता की बगल में बैठ गया और बोला चलो.

जब गाड़ी चल दी तब मैने सीता को कमर से पकड़ा और गोद में बैठा लिया.

यह क्या कर रहे हैं?

मैं किसी को नही बोलूं इसकी कीमत ले रहा हूँ.यह कह कर मैं सीता की चूचियों को मसल्ने लगा.

फिर मैं बोला राजू यार आज मैं तुम्हारी बहन को चोदुन्गा, चोद्ने दोगे ना?

राजू बोला ठीक है.

तीनो घर आ गये. घर आते ही मैं जल्दी से सीता को लेकर राजू के कमरे में घुस गया और सीता को पूरी नंगी कर के जोरदार चुदाई की. चुदाई के बाद सीता ने ही यह कहानी मुझे बताई.
दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा



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