हवस भरे बेटे और मा की सुबहा-सुबहा की चुदाई स्टोरी

डियर रीडर्स, आप में से बहुत सारे लोगों ने मुझे मैल किया है, और फीडबॅक दी उसके लिए थॅंक योउ. मुझे अछा लगा की आपको स्टोरी पसंद आई. जो भी आंटी, भाभी, मम्मी, बेहन, चुदाई के मज़े लेना चाहती है, वो मुझे मेरी एमाइल ईद पे या तो गूगले छत पे मस्सेगे कर सकती है. मी एमाइल ईद: अंषुभारद्वाज681@गमाल.कॉम

बहुत लोगों ने मैल किया भी था, और मैने उनका काम भी करा दिया था. काई लोगों को मैने टिप्स भी दिए थे. उनमे से तो बहुत लोग टिप्स लेते तो है, बुत दर्र की वजह से कुछ नही कर पाते है. खैर अब स्टोरी कंटिन्यू करते है.

अगले दिन जब सुबा हुई तो मैं बिल्कुल नंगा था. क्यूंकी मैं और मम्मी रात को बिल्कुल नंगे ही सो गये थे. मम्मी बेड पे नही थी. मैं शॉट्स पहन के रूम से बाहर आया तो देखा की मम्मी बातरूम में नहा रही थी. आज दरवाज़ा खुला था. मैं वाहा गया तो मम्मी बिल्कुल नंगी थी.

वो बोली: उठ गया तू.

मैं: हा मम्मी, बुत आप बिल्कुल नंगे ही ऐसे गाते खोल के क्यूँ नहा रही है?

मम्मी: बेटा यहा मेरे और तेरे अलावा है ही कों? तेरे पापा तो देल्ही है, कल तक ही आ पाएँगे. और अब तुझसे क्या शरमाना. सारी रात तो छोड़ा तुमने मुझे.

मम्मी की गड्राई छूट और गोरी-गोरी गोल-मटोल चूचियाँ देख अब मेरा भी बुरज खलीफा की तरह खड़ा हो गया. मैने भी शॉट्स उतरा, और बातरूम में घुस गया नंगे ही.

मम्मी: ओह हो, अभी रात को ही तो इतना छोड़ा मुझे, और अब सुबा-सुबा ही हथियार खड़ा करके आ गया. अभी तो मेरी कमर और मेरी गुफा में दर्द भी है.

मैं: क्या करू मम्मी, आप हो ही इतनी रापचिक माल. अगर कोई आपको ऐसे नंगी देख ले, तो बिना छोड़े कैसे रह सकता है?

बातरूम में शवर चालू करके मैं मम्मी को लीप किस करने लगा. मम्मी भी मेरा सिर पकड़ कर लीप किस करने लगी.

हम दोनो एक-दूसरे के लीप को लीप से 2-3 मिनिट तक ऐसे ही करते रहे, और अब मम्मी गरम हो रही थी. उनके बूब्स टाइट होने शुरू हो गये थे, बिल्कुल किसी नरम बॉल की तरह गोल-गोल.

फिर मैं एक हाथ से उनकी बर को और दूसरे हाथ से उनकी गोली और नरम चूची दबा रहा था. मैं मूह से उनकी दूसरी चूची का निपल पी रहा था. मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं भी लगातार ऐसे ही 5-6 मिनिट करता रहा. फिर मम्मी ने मेरा लंड पकड़ा, और वो सहलाने लगी. मैने मम्मी को लंड की तरफ इशारा किया. वो समझ गये की अब मुझे ब्लोवजोब चाहिए थी.

वो घुटनो के बाल बैठ गयी, और पहले मेरे लॉड की चाँदी को खोल के आयेज का गुलाबी वाला हिस्सा चूसने लगी, बिल्कुल लॉलिपोप की तरह. मुझे बहुत भयंकर गुदगुदी सी हुई.

मुझे ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. फिर मम्मी ने पूरा लंड अपने मूह में लेना शुरू कर दिया, बिल्कुल अपने गले तक, और उनके मूह से मेरे लंड की आवाज़ आने लगी छाप-छाप की.

मैं बिल्कुल जोश में आ गया था. मम्मी मुझे इतना भयंकर ब्लोवजोब दे रही थी, की मैं बस झड़ने ही वाला था.

मैने मम्मी से कहा: मेरा निकालने वाला है, कहा निकालु?

वो बोली: मेरी चूचियों पे निकाल दे.

फिर मैं उनकी चूचियों पे झाड़ गया. उसके बाद हम दोनो रोमॅन्स करके नहाने लगे. मैं मम्मी की चूचियाँ सहला-सहला के सॉफ कर रहा था, और मम्मी मेरे लंड को साबुन लगा के आयेज-पीछे कर रही थी. ऐसे ही 10-15 मिनिट के बाद मेरा लॉडा फिरसे आक्षन में आना शुरू हो गया था.

मैने मम्मी को बातरूम के फर्श पे लेटने को बोला. फिर मैने उनकी टांगे फैलाई, और अपना पत्थर जैसा लंड उनकी बर में डाल दिया. मम्मी की बर गीली होने की वजह से मेरा लंड आसानी से उनकी बर में चला गया था. मैं आराम-आराम उन्हे छोड़ रहा था.

वो बोली: बेटा और तेज़ आ आ. और तेज़ आ उहह.

फिर मैं अपनी रफ़्तार तेज़ करता चला गया.

मा अब चिल्लाने लगी: आ आ आ आ छोड़, और तेज़ छोड़ आज मुझे तू.

फिर मा मुझे अपने नीचे आने को बोली. उसके बाद उसने मेरे उपर बैठ के मेरा लंड अपने हाथो से पकड़ा. फिर बिल्कुल चारजर की तरह अपनी छूट में डाल लेती है. फिर अपना हाथ मेरी छ्चाटी पे रख कर उपर-नीचे करने लगती है. मैं भी मज़े लेकर उनकी गांद को पकड़ के उपर-नीचे कर रहा था.

फिर मैं उनके साथ अनल सेक्स करने लगा. उन्हे घोड़ी बना के उनकी गांद में छोड़ने लगा. गांद में छोड़ने से मम्मी को दर्द होने लगा. फिर भी वो लगी रही और बोली-

मम्मी: आज तो मेरी सारी गर्मी निकाल दे मेरे शेर.

फिर मैं खड़े होके उन्हे लीप तो लीप किस करते हुए गोद में लेके छोड़ने लगा. ऐसे ही 15 मिनिट बाद हम डन झाड़ गये. उसके बाद हम दोनो ने एक-दूसरे को साबुन लगा के नहलाया.

फिर मैं नहाने के बाद तक के दोबारा सोने के लिए चला गया. कुछ देर बाद जब मैं उठ के आया, तो मम्मी अपने कमरे में पापा से फोन पे बात कर रही थी.

जैसे ही फोन कट हुआ, मम्मी बोली: पापा कल की जगह अब आज शाम को ही आने वाले है.

हम दोनो दुखी हो गये, क्यूंकी आज रात मैं मम्मी को छोड़ नही पाता.

मम्मी बोली: कोई बात नही मेरे शेर. जब वो ऑफीस चले जाएँगे, तब तू मुझे छोड़ लिया कर.

फिर मैं दोस्तों के पास चला गया ग्राउंड में खेलने के लिए. घर वापस आके देखा तो पापा आ चुके थे. फिर मैं जब भी मौका पाता, तो मम्मी को छोड़ता. कभी शाम को, तो कभी दोपहर में. ऐसे ही करीब 15-16 दीनो तक चला.

फिर एक दिन मम्मी से मिलने उनकी सहेली पूनम आंटी आई हुई थी घर पे. यार माल थी वो. उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ तो बिल्कुल किसी पोर्नस्तर की तरह चौड़ी थी. वो ग़ज़ब की एक गोरी सेक्सी मिलफ लग रही थी. मॅन तो कर रहा था की आंटी को यही लिटा डू.

फिर मैने मम्मी से कहा: क्या आप इसको मेरे साथ चूड़ने के लिए सेट कर सकती हो?

वो पहले तो बोली: पागल है क्या?

फिर मेरे काई बार कहने पे वो बोली: इसको छोड़ने के लिए पहले तो प्लान बनाना पड़ेगा, और ये आसान नही है.

मैं बोला: आप बताओ तो सही करना क्या है?

मैं सब कुछ कर लूँगा. आप बस बताओ. फिर आप दोनो के साथ थ्रीसम चुदाई करूँगा.

वो कुछ देर सोचने के बाद बोली: ठीक है मैं एक किटी पार्टी अरेंज करूँगी अपनी सहेलियों के साथ रात को, जिस दिन तुम्हारे पापा घर पे नही रहेंगे. तो तुम किसी भी तरह उसकी कोल्डद्रिंक में वियाग्रा डाल देना. फिर आयेज मैं संभाल लूँगी. उसे अपने रूम में लेकर अवँगी, तो तुम भी…

बाकी आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में डियर रीडर्स. फीडबॅक ज़रूर दीजिएगा कैसी लगी आपको मेरी स्टोरी. थॅंक योउ.

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