मे: बताओ ना राजवीर क्यूँ हस्स रहे हो, आपको मेरी कसम है.
राजवीर: तुम ये सब सोच रही हो, की शिवम को अछा नही लगेगा, और ये सब प्लान आपके शिवम का ही है मेडम. उसे रश्मि के साथ रात गुज़ारनी थी, पर वो चाहता था की तुम्हारा गंगबांग भी आज ही हो. क्यूंकी उसे परसो वापस जाना है.
ये सुन के मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी, और मुझे बहुत ज़्यादा गुस्सा आया. ऐसा कैसे कर सकता था शिवम. मुझे धोखा दे दिया.
राजवीर: अर्रे क्या हुआ? आप भी सेक्स कर रही हो हमारे साथ.
मे: पर मैं शिवम के लिए उसकी इक्चा से कर रही हू, और वो मुझे चीट कर रहा है, और रश्मि के साथ हो गया.
राजवीर: इट’स ओक बाबू, कूल डाउन.
मे: मुझे कुछ नही सुनना, और हा, आप और लखन जाओ इस रूम से. अब मुझे बस राज के साथ आज की रात बितानी है.
राजवीर: पागल हो गयी हो, जान लेलेगा अकेले में तुम्हारी वो.
मे: हा तो मॅर जाने दो. मुझे कोई फराक नही पड़ता. कम से कम वो झूठा नही है आपकी तरह.
और ये कह कर बाहर आ गयी. देखा तो लखन और राज सोए थे. राजवीर ने लखन को बोला-
राजवीर: उठ, और चल बाहर.
लखन: क्या हुआ भाई?
राजवीर: कुछ नही बस चल. बड़े भाई को पूजा के साथ तोड़ा टाइम बिताना है. दोनो चले गये.
मैने डोर अंदर से लॉक किया और थोड़ी ड्रिंक लेने लगी. बहुत सालों बाद ड्रिंक की थी मैने. 3 पेग लेने के बाद मैं बेड पे गयी और राज का लंड चूसने लगी. राज का ढीला लंड पूरा सख़्त हो गया फिरसे. उसने मुझे अपने उपर खींच लिया. मेरी आँखों में आँसू थे. मुझे रोता देख राज बोला-
राज: क्या हुआ तुझे, रो क्यूँ रही है? दर्द हो रहा है क्या?
मैं कुछ नही बोली.
राज: बोल ना क्या हुआ?
मे: आपको मेरी गांद मारनी है ना?
राज सुन के खुश हो गया, और बोला: हा.
मे: तो ठीक है, पर मेरी एक शर्त है.
राज: क्या? मुझे सब मंज़ूर है, तू बोल बस.
मे: मुझे बहुत बहरहमी से चूड़ना है. मुझे पूरा नोच लेना, पर छ्चोढना मत. जितना रू चिल्लौ, उतना ही ज़्यादा करना.
राज: हुआ क्या है तुझे बताएगी?
मे: कुछ नही, आपको करना है या मैं ऐसे ही उठ के नीचे जौ. वाहा बहुत मर्द है जिनके सामने नंगी जौंगी तो नोच खाएँगे.
राज: अर्रे नही मेरी छिनाल, तू जो बोले. तुझ जैसी ऐसा मॅन रखती है, सोचा नही था. आजा तुझे आज ठीक से बजता हू.
और मुझे उल्टा लिटा कर मेरी गांद के च्छेद में अपनी ज़ुबान डालने लगा, और पूरी गांद में थूक भर दिया. फिर मेरी गांद में लंड सेट किया, और पूरी ताक़त से घुसा दिया.
मैं राज के वज़न से हिल भी नही पा रही थी. मेरे मूह से आअहह करके चीख निकली, और मैं रोने लगी. मुझे चाँद तारे सब नज़र आ गये. पर अब ये रुकने नही वाला था. राज ने लंड हल्का सा बाहर खींचा, और पूरा प्रेशर देके अंदर भर दिया. मैं बहाल सी हो गयी, और बेहोश हो गयी.
10 मिनिट बाद जब होश आया, तो पीछे दर्द का घूमर सा था. राज बहुत बुरी तरह गांद मार रहा था. मैं होश में आते ही चीखने चिल्लाने लगी आहह मा आहह. राज को मुझ पे दया आ गयी.
राज: क्या हुआ? तू बोले तो मैं रुक जौ.
मैं सिसक-सिसक के रो रही थी.
मे: नही मुझे और तड़पना है.
राज ने मुझे सीधा किया, और लंड गांद से निकाल के मेरी छूट में डाल दिया. फिर मुझे किस करने लगा. कभी लिप्स, कभी गालों पे, कभी कान पे, कभी गर्दन पे. मैं मदहोश हो गयी.
राज: तुझे नही तापना चाहता मैं.
और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरी छूट मारने लगा. मैं मस्त होके चुड रही थी. मेरी चीखें अब प्यार भारी सिसकारियों में बदल गयी थी. मैं बस चूड़ते रहना चाहती थी. मुझे पता ही नही चला कब 20 मिनिट हो गये. फिर राज बोला-
राज: तुझ जैसी वाइफ होने के बाद भी तेरा पति…?
मे: मेरा पति मतलब?
राज: कुछ नही. तेरे जैसी खूबसूरत इतनी यंग और इतने आचे फिगर वाली लड़की को किसी और से कैसे छुड़वा सकता है? तू अगर मेरी होती, तो तुझपे किसी की गंदी नज़र तक नही पड़ने देता मैं.
मे: ऐसा नही है. मेरा भी मॅन था करने का, और वैसे भी ये समाज की नज़रो में ग़लत है. पर कही ना कही हर औरत ऐसा ही चाहती है, पर बोल नही पाती. मेरे पति ने हिम्मत करके बोला, और मैने मौके का फ़ायदा उठा के हा बोल दिया. पर यहा आने के बाद कुछ ज़्यादा ही हो गया. मेरा मॅन बस लखन और शिवम के बीच सो कर पूरी रात एंजाय करने का था. पर शिवम और लखन ने राजवीर को और राजवीर ने आपको इस प्लान में आड कर लिया.
राज: मुझे राजवीर नही तेरे पति ने आड किया है तुम्हारे ग्रूप में. वो रश्मि के साथ है आज की रात.
मे: हा मुझे पता है वो उसके साथ है. बस यही उसकी ग़लती है, की उसने मुझे चीट किया है.
राज: अर्रे तो क्या हुआ? तेरा भी तो मॅन था.
मे: हा था मेरा मॅन, पर उसके कहने पे किया मैने. और उसने मुझे बताया तक नही. मैं नही चाहती वो किसी और लड़की के साथ सोए.
राज: अर्रे मेरी जान, छ्चोढ़ ये सब. तू उसकी खुशी के लिए हम लोगों के साथ सोई, और वो रश्मि की चुदाई करके खुश है. दोनो कंडीशन में वो खुश है. तू भी यही चाहती है ना, की वो खुश रहे.
मे: हा पर?
राज: पर-वॉर कुछ नही. अब सब भूल जेया, मैं राजवीर और लखन को बुला रहा हू. एक बार फिर तेरा गंगबांग कर ले, फिर सोएंगे सब.
मे: ठीक है, आज की रात और सही. कल वैसे भी मैं यहा नही रहूंगी. राज ने मेरी बात को इग्नोर करते हुए राजवीर को कॉल किया.
राज: हेलो राजवीर, कहा हो तुम? दोनो आ जाओ रूम में. तुम दोनो की जान की जान निकाल देते है मिल के एक बार फिर.
राजवीर: आता हू भैया. पर लखन को ज़्यादा हो गया था माल आज, वो सो गया है.
राज: अछा है तू ही आजा. अपन दोनो ही इसको मसल देंगे आचे से.
मेरे सीने में एग्ज़ाइट्मेंट की एक चुभन सी हुई राज के ये लफ्ज़ सुन के. उसी टाइम डोरबेल बाजी. राज ने डोर ओपन किया. मैं न्यूड बेड पे बैठी थी. मैने अपने दोनो हाथो से अपने बूब्स को कवर कर लिया.
राजवीर: किस बात की शरम आ रही है मेरी जान को?
मैं कुछ नही बोली, और नज़रे झुका ली.
राज: तू कपड़े उतार जल्दी, तेरी जान को अपन दोनो का लंड चाहिए.
राजवीर ने झट से कपड़े उतार दिए, और दोनो भाई मेरे अगाल-बगल हो गये.
मे: राजवीर कंबल लेके करे प्लीज़?
राजवीर ने झट से कंबल ओढ़ लिया. मैं, राज, और राजवीर तीनो की सांसो की आवाज़ कंबल में सुनाई दे रही थी.
मे: करो ना स्टार्ट.
ये सुनते ही दोनो भाई मुझपे टूट पड़े. राजवीर मेरे लिप्स और राज मेरे गले और कान पर किस करने लगा. मैने राजवीर का हाथ पकड़ा, और मेरी छूट पे रख दिया. उसने मुझे किस करते हुए छूट में उंगली अंदर-बाहर करनी शुरू कर दी.
राज को फील हुआ राजवीर मेरी छूट में उंगली कर रहा था, तो राजवीर ने भी अपनी दो उंगली मेरी गांद में डाल दी. मैं बहुत मस्ती में मस्त हो गयी थी. 10 मिनिट ऐसे ही करते रहने के बाद मैने दोनो को रोका.
मे: बस उंगली से ही करवा दोगे? मेरे बहुत तड़प हो रही है, छूट में खुजली चल रही है. उसको उंगली से मत मिटाओ. दोनो भाई अपना मूसल डालो जल्दी से मेरे अंदर.
दोनो मुस्कुरा दिए, और राजवीर ने छूट में और राज ने गांद के च्छेद पे लंड सेट किया.
मे: दोनो एक ही टाइम पे पूरा अंदर तक डालना.
मैने आँखें बंद कर ली. राज के 1-2-3 की गिनती होते ही दोनो भाइयों ने छूट और गांद अपने मोटे लंड से भर दी. मुझे दर्द हो रहा था, पर उतना नही. मैं एंजाय कर रही थी. दोनो ने धक्के देने शुरू कर दिए. मैं उन दोनो बॉडी बिल्डर्स के बीच गायब सी हो गयी थी, और अब चालू हुआ सही माइने में मेरा थ्रीसम.
मैं उम्मह आहह की आवाज़ो के साथ और फास्ट करो प्लीज़, और फास्ट, बोले जेया रही थी. वो दोनो भी पूरी ताक़त और जोश से बस ठोके जेया रहे थे. ये जो सुख का अनुभव मैं इस वक़्त कर रही थी, इसे शब्दों में बताना मुश्किल है. ये सुख हर औरत को मिलना चाहिए, क्यूंकी एक मर्द कभी किसी औरत को इस तरह का सुख नही दे सकता.
यही सब सोचते हुए पुर 30 मिनिट हो गये. फिर अचानक मैं आ की आवाज़ के साथ झाड़ गयी, और राज और राजवीर भी उसी टाइम झाड़ गये. हम तीनो बहुत रिलॅक्स हो गये थे. हम तीनो पुर पसीने में भीग गये थे. मैने कंबल हटा के टाइम देखा 4 बाज चुके थे. आज रात मैं 6 बार झाड़ गयी थी. अब और करने की ताक़त नही थी.
मैने राजवीर से बोला: बेबी अब सो जाए?
राज: नही, कल तू नही रहेगी. मैं तो पूरी रात करूँगा तेरे साथ अभी.
राजवीर: ऐसा आपको किसने कहा?
राज: पूच तेरी भाभी से, उसी ने बोला है.
राजवीर मेरी तरफ देखने लगा.
मे: हा राजवीर, अब बहुत हो गया. अब हमे वापस चले जाना छाईए.
राजवीर: मैं नही चाहता आप जाओ. और वैसे भी अभी 4 दिन और आप लोग कही नही जेया सकते, मैं हाइवे पर लॅंडस्लाइड हुआ है, जिसके कारण पूरा रोड ब्लॉक है, और 4 दिन बाद ही खुलेगा.
मे: श मी गोद, मतलब 4 दिन और ऐसा ही चलेगा?
राजवीर: नही मेरी जान, आपका मॅन नही है तो कुछ नही होगा. आने वाले 4 दिन आपको घुमाएँगे, पूरा मनाली दिखाएगे.
मे: सच?
राजवीर: हा मेडम जी सच. वैसे आपका मॅन करे तो तोड़ा एंजाय कर सकते है.
मे: मुझे पता था छोड़ोगे थोड़ी तुम.
राजवीर: तुम्हे छ्चोढने वाला पागल ही कहलाएगा वैसे तो, और हा सेक्स नही करेंगे, ओरल सेक्स ही कर लेंगे. ठंडी-ठंडी पहाड़ियों में मैं आपकी गरम छूट पे किस कर लूँगा. आप मेरा लंड मूह में लेके मेरा पानी निकाल देना, छोड़ने की नौबत ही नही आएगी. आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. कॉमेंट करिए और बताइए कैसी लगी स्टोरी ( शिवंजाइन1432@गमाल.कॉम पे मैल भी कर सकते है ).