गुंडे ने मेरे सामने दीदी की सील तोड़ी

gunde-ne-mere-samne-didi-ki-seal-todiहैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी  के चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना बताने वाला हूँ, जिसमे मेरी बहन की चुदाई मेरी आखों के सामने हुई और में वो सब देखता रहा कुछ ना कर सका। दोस्तों में मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ और में जितना कमाता हूँ उससे मेरे घर का खर्चा चलता है और कभी कभी तो हमे भूखे ही रात बितानी पड़ती है। दोस्तों उस दिन भी सूरज डूबने को था और में अपने काम से अपने घर पर आ चुका था और अब मुझे बहुत भूख लगी थी, लेकिन घर में ना तो खाना था और ना मेरे पास पैसे। में और मेरी दीदी के लिए यह कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि अब हमारी यह एक आदत बन चुकी थी। दोस्तों हमारी मम्मी हमे 5 साल पहले अकेला छोड़कर जा चुकी थी, हमारे पापा जो पहले से ही शराबी थे, वो अब मम्मी के जाने के बाद उनके गम में अब और भी ज्यादा पीने लगे थे और वो हर रोज दारू पीते जुआ खेलते और फैक्ट्री से कमाए सारे पैसे एक जुए के अड्डे में बर्बाद करके घर आ जाते और फिर वो सो जाते।

दोस्तों मेरी दीदी जो 22 साल की थी। उनकी लम्बाई 5.4, गोरी, सुंदर, गोल चेहरा, कंधे तक काले घने बाल, छोटी आँखें और सभी तरफ से सुंदर अच्छी दिखती थी, लेकिन उनके बूब्स कुछ ज़्यादा ही बड़े उभरे हुए थे और उनके बूब्स का दूसरी शादीशुदा औरतों से भी बड़ा आकार था। दोस्तों वैसे तो पहले मैंने इतना ध्यान नहीं दिया, लेकिन मैंने देखा कि करीब 5-6 साल में उनके बूब्स बहुत जल्दी बड़े हो गये थे। मुझे उनके बूब्स के आकार का अंदाज़ा नहीं, लेकिन उनके गोर उभरे हुए बड़े सुंदर बूब्स पर सभी लड़को की नज़र रहती मेरे दोस्त भी मेरे पीछे से बस यही बात किया करते थे, लेकिन मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था। दोस्तों में एक चाय की दुकान पर दिन भर काम करके जो पैसे लाता था उसी से हम दोनों भाई बहन कुछ खा पी लेते और अपना पेट भरते थे। मेरी उम्र कम थी तो में तभी से यह काम करता आ रहा था और हमारे रहने के लिए छोटा सा घर जिसमे दो रूम और एक किचन एक बाथरूम था। दोस्तों घर के बाहर पापा जिस जुए के अड्डे में खेलने हर दिन जाते थे और वो चंदू नाम के एक बहुत ही बेकार हरामी किस्म के आदमी का था। उसकी राजनैतिक पहुंच भी बहुत दूर तक थी और सीधे शब्दों में कहे तो वो एक गुंडा किस्म का इंसान था। मेरे दोस्त मुझसे हमेशा कहते थे कि उसका कोई परिवार नहीं है, वो सारा दिन गुंडा गर्दी करता है उसकी उम्र करीब 45 साल के आसपास थी और वो तगड़ा लंबा करीब 5.11 उसका काला रंग, चपटी नाक, बिल्कुल बदसूरत चेहरा वो एकदम राक्षस जैसा डरावना लगता था।

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फिर एक दिन रात को करीब 11 बजे जब हम सभी सोए हुए थे तभी दरवाजा ज़ोर से धड़धड़ा उठा, कोई बाहर से अपने पूरे ज़ोर से दरवाज़ा पीट रहा था, अचानक से हुई इस आवाज से मेरी नींद खुल तो गई क्योंकि में उस आवाज को सुनकर डरकर हड़बड़ा चुका था, लेकिन फिर भी मैंने लेटे लेटे ही देखा कि मेरी दीदी जो हमेशा मेरे पास ही सोती है वो उठकर दरवाज़े को खोलने चली गयी और उन्होंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तो बाहर एक विशाल कद का आदमी खड़ा हुआ था वो बिना कुछ कहे सुने जबरदस्ती घर में अंदर घुस आया और फिर सीधे उसने पास वाले कमरे में जाकर मेरे पापा के बाल पकड़कर उन्हें खीचकर नींद से उठा दिया। दोस्तों मैंने जब गौर से देखा तो मेरे पूरे शरीर में एक डर सा फैल गया था, क्योंकि वो चंदू था वही गुंडा जिससे सभी लोग बहुत डरते थे, दीदी घबराई हुई आकर मेरे साथ खड़ी होकर देखने लगी और पापा नशे में कहने लगे छोड़ बे। तो चंदू बोला कि साले पहले तू मेरी पूरे 1 लाख 20 हज़ार की उधारी कर चुका है पूरे दो महीने हो गये है, तूने क्या सोचा घर में छुपकर बैठ जाएगा। दोस्तों मेरे पापा उसके सामने गिड़गिड़ाए और उससे समय माँगा, लेकिन वो उन्हे मारता रहा और जाने से पहले उसने कहा कि में आज जा रहा हूँ, लेकिन में तुझे तीन हफ्ते का समय देता हूँ वरना में दोबारा आकर तेरे पूरे परिवार को उठाकर ले जाऊंगा। दोस्तों यह बात कहकर जब वो हमारी तरफ देख रहा था तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गई। दीदी और में डरे सहमे से खड़े थे और दीदी उस समय मेक्सी में थी और पास ही की खिड़की से आती रौशनी में उनका गोरा बदन चमकता उनके उँचे उँचे बूब्स जो उनके हांफने के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और तभी वो अचानक से हमारी तरफ आने लगा और पास आकर रुक गया। मेरी दीदी ने मुझे ज़ोर से पकड़ा हुआ था। फिर मैंने देखा कि उसकी खा जाने वाली नज़र मेरी दीदी को नीचे से ऊपर घूरने लगी थी और फिर ऊपर आकर अचानक से उनके बूब्स पर रुक गई और वो अब मेरी दीदी से पूछने लगा कि क्या तुम्हारी शादी हो गयी? दोस्तों मेरी दीदी एकदम चुप खड़ी रही और उनके मुहं से डर की वजह से कोई भी जवाब नहीं निकला और तभी वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ा बताओ शादी हो गयी? अब दीदी चौंककर बोली कि नहीं वो उनका जवाब सुनकर उनकी तरफ मुस्कुराया और चला गया।

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फिर हमने उसके चले जाने के बाद चैन की साँस ली, लेकिन दोस्तों हमे बिल्कुल भी पता नहीं था कि अब हम कभी भी चैन की साँस नहीं ले पाएँगे। फिर अगले कुछ दिन दीदी जब भी बाज़ार जाती या पानी लेने पास के नल पर जाती या किसी दोस्त के घर जाती वो हमेशा मेरी दीदी का पीछा करता और इस बात के बारे में मुझे दीदी ने एक सप्ताह के बाद बताया, जब उसका घर से निकलना बहुत मुश्किल हो गया था। मैंने भी देखा कि जब भी में अपनी दुकान पर जाने के लिए अपने घर से बाहर निकलता तो वो हमारे घर के आस पास ही घूमता रहता, मुझे उसको देखकर बहुत गुस्सा आता, लेकिन में करता भी क्या और डर डरकर अपनी दीदी की निगरानी के अलावा मेरे मन में हमेशा डर रहता था कि कहीं वो दीदी को सच में तो उठा नहीं ले जायेगा?

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