गुंडे ने मेरे सामने दीदी की सील तोड़ी

फिर बीस मिनट के बाद वो उठा तो दीदी ज़ोर से हाँफ रही थी और उनके दोनों निप्पल चंदू के थूक से चमक रहे थे। फिर चंदू खाट पर खड़ा हो गया और वो अब अपनी जीन्स और अंडरवियर को नीचे खिसकाते हुए दीदी के पैरो के बीच में आ गया और कुछ सोचने समझने से पहले ही उसने अपने 6 इंच लंबे मोटे काले लंड को दीदी की चूत के मुहं पर टिकाने लगा और उसने सही मौका देखकर तुरंत दीदी के पैरो को घुटनों से मोड़कर एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से दीदी चिल्ला उठी आहहह्ह्ह्ह निकाल उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ में नहीं सह पा रही हूँ उह्ह्हहह और फिर उसने दीदी की एक भी बात पर बिल्कुल भी ध्यान ना देते हुए झुककर दीदी के एक बूब्स को अपने मुहं में भर लिया, लेकिन दीदी अब भी उस दर्द से छटपटा रही थी और उसके कंधो को पीछे धकेल रही थी। फिर चंदू कहने लगा रुक साली थोड़े देर बाद तू खुद उठ उठकर मुझसे अपनी चूत चुदवाएगी रुक जा थोड़ा सा यह बात कहकर उसने दीदी के मुहं को दबा दिया जिसकी वजह से उनकी सिसकियों की आवाज बाहर आना बंद हो गई और वो बहुत बेदर्दी तरीके से अपनी कमर को उछालने लगा उसके धक्के बहुत तेज थे, जिसकी वजह से दीदी के साथ साथ खाट भी सरकने हिलने लगी थी। तो कुछ देर धक्कों के बाद ध्यान से देखा तो दीदी की चूत से एक लाल रंग का रस निकलने लगा था। दोस्तों शायद दीदी की चूत की सील फट चुकी थी, लेकिन वो तो लगातार तेज तेज धक्के लगाते हुए उनको चोदे जा रहा था, लेकिन दोस्तों मुझे उसके धक्कों से अपनी दीदी के चेहरे पर संतुष्टि के वो भाव भी अब नजर आने लगे थे और वो सब मुझे दीदी के कुछ ना कहने पर भी चेहरे से साफ साफ नजर आ रहा था और वो अपने चेहरे से खुश नजर आ रही थी, क्योंकि इस उम्र में सेक्स करना बहुत जरूरी होता है और लंड ना मिले तो किसी भी चीज अपनी ऊँगली से भी काम चलाना पड़ता है।

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अब उसके ठुकाई करने के साथ साथ ढपधप छप छप की आवाज़े और दीदी एमेमएम्मएमेम उफफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई आईईईइ करती रही। फिर मैंने देखा कि उसका पूरा का पूरा लंड अब दीदी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था। दीदी की चूतरस से भीगा हुआ लंड बाहर आते ही चमक उठता और फिर वापस अंदर चला जाता। अब चंदू बोला कि आअहह वाह यह तेरी कुंवारी चूत तो सबसे अलग एकदम हटकर है, यह जितनी गीली और गरम है उतनी ही टाइट भी है। में तो अब इसको हर कभी चोदने आ जाया करूंगा मुझे ऐसी ही चूत की बहुत दिनों से तलाश थी, तू अब तक कहाँ छुपकर बैठी थी? वाह मज़ा आ गया। दोस्तों करीब बीस मिनट के बाद दीदी एकदम शांत पड़ गई। मानो दीदी के बदन में अब और जान ना हो। फिर उसने अपनी तरफ से ज़ोर के आख़िर 5-6 धक्के मारे और वो खुद भी कांप उठा और उसके बाद वो थककर दीदी के ऊपर पड़ा रहा।

अब चंदू का काला बदन दीदी के दूध से गोरे मादक सेक्सी बदन को पूरी तरह से ढका हुआ था और दीदी की चूत से उसके वीर्य की नदी की तरह एक धारा बह रही थी। फिर कुछ देर बाद वो उठा और उसने अपने कपड़े पहने और फिर उसने कहा कि आज से यह बस मेरी है और में इसको ऐसे ही चोदता रहूँगा इसके साथ मुझे बहुत मज़ा आया वो यह बात बोलकर घर से बाहर निकलकर चल गया। तो दीदी ने अपने पास पड़ी एक चादर से अपने खुले बदन को ढक लिया और दोस्तों में उस सन्नाटे में कहीं खो सा गया। मुझे पता नहीं चला कि अचानक से वो सब क्या हुआ और वो घटना मेरी आखों के सामने घटित हो गई ।।

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धन्यवाद …

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