गुजराती भाभी की हॉट चुदाई

पांच मिनिट के अन्दर आंटी ने मेरे लंड का पानी अपने मुहं में ही छुडवा दिया. और वो सब स्पर्मस खा गई और बोली, अह्ह्ह बड़ा मजा आया बहुत दिनो के बाद!

मैंने आंटी की चूत में डीप तक जबान को डाला और चूसने लगा. आंटी का बदन अकड गया और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया. मैं आंटी के चूत के नमकीन पानी को साफ़ कर गया अपनी जबान से!

फिर मैं इस सेक्सी हाउसवाइफ के बूब्स चूसने लगा. आंटी ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ के हिलाना चालू कर दिया. दो मिनिट के अन्दर आंटी ने लंड को फिर से रेडी कर दिया. वो लंड को मुठ्ठी में बंद कर के दबाती थी और फिर उसके ऊपर ग्रिप को ढीली कर के हिलाती थी.

अब मैंने पूजा आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया. उसने अपनी मोटी जांघे खोल दी. मैंने आंटी की चूत के ऊपर एक प्यार भरी चुम्मी दे दी और फिर अपने लंड को रख दिया. एक ही धक्का दिया था और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया! आंटी के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह निकल गया और उसने अपनी जांघो को और खोला, लंड आराम से घुस तो गया था लेकिन वो चूत उतनी ढीली नहीं थी जैसे की मैं सोच रहा था. आंटी को धक्के से लंड देने से उसकी चूत दर्द देने लगी थी.

मैंने आंटी के बूब्स को पकड लिए और उन्हें दबाने लगा. मैं आंटी के बूब्स बहुत पसंद करता था और जब भी मुठ मारता था तो बूब्स याद करता ही था. और आज जब चूसने को मिले तो मैंने उसके ऊपर ढेर सारे लव बाईटस बना दिए और उन्हें पुरे लाल कर दिए थे. मैं आंटी की चूत के अन्दर धक्को पर धक्के लगाता जा रहा था. आंटी के मुहं से आह्ह्ह्हा ह्ह्ह ईईई अह्ह्ह्हह मर गैईईईइ अह्ह्ह्हह बाप रे ह्ह्ह्हह्ह ईईइ की सिसकियाँ निकल रही थी. और साथ में वो मुझे जोर जोर से चोदने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही थी. आंटी ने अपने दोनों हाथ को मेरे कूल्हों पर रख दिया था. और वो मुझे अपनी तरफ खिंच सा रही थी जिस से मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक घुसे!

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अब मैंने अपने चोदने की स्पीड को एकदम से तेज कर दी थी. आंटी भी अह्ह्ह अह्ह्ह कर के अपनी कमर हिला के लंड को भोग रही थी. कमरे के अंदर पच पच के साउंड गूंज रहे थे, मेरा कसा हुआ लंड आंटी की गीली चूत में घुस के बहार आता था. और फिर एक धक्के में वापस अन्दर चला जाता था. वो एकदम मस्तिया गई थी और मुझे अपनी चूत की सालों की प्यास को बुझाने के लिए कह रही थी.

कुछ देर ऐसे मिशनरी पोज में मेरा लंड लेने के बाद आंटी ने कहा मुझे तेरे लंड पर चढ़ना हे दक्षेश!

मैंने कहा आ जाओ फिर.

मैंने बिस्तर में लेट गया. आंटी मेरे लंड के ऊपर चढ़ के जैसे घुड़सवारी करने लगी. उसने पीछे हाथ कर के मेरे घुटनों के ऊपर रखे हुए थे. और अपनी छाती को बहार की तरफ कर के अपनी चूत को वो मेरे लंड के ऊपर मार रही थी. और उछल उछल के मेरा लंड ले रही थी अपनी चूत के अंदर!

इस पोस में आंटी की चूत से दो बार पानी झड़ गया था. और वो थक भी गई थी. तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकलने को हे. मैंने कहा आंटी मेरे स्पर्मस निकलेंगे.

तो उसने कहा मेरे अन्दर ही निकाल दे मेरे राजा!

आंटी की ये बात सुनते ही मैं और भी तनतना उठा और कस कस के उसको चोदने लगा. मैं लगातार दो मिनिट तक अपने लंड के फवारे को आंटी की चूत में मारता रहा. बहुत सारा वीर्य मैंने आंटी की चूत में ही छोड़ दिया था.

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फिर आंटी मेरा हाथ पकड़ के मुझे अपने हाथ बाथरूम में ले गई. वहाँ पर भी मैंने उसे चोदा नहाते हुए.

बस फिर तो इस सेक्सी हाउसवाइफ को मेरा लंड लेने की लत ही लग गई. जब भी अंकल ना हो और मौका हो तो वो मेरा लंड लेने के लिए आ जाती थी या बुला लेती थी.

दो महीने पहले तक मैं पोर में ही आंटी को चोद रहा था. लेकिन फिर मेरा वापस राजकोट में ट्रांसफर हो गया और आंटी की चूत मेरे हाथ से निकल गई. उसने कहा हे की मेरी एक बहन राजकोट के पास रहती हे. और उसने कहा हे की मैं राजकोट के पास आई तो बताउंगी. वो राजकोट के 100 किलोमिटर के व्यास में आई तो मैं उसे चोदने के लिए जरुर जाऊंगा!

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