गुजराती भाभी की हॉट चुदाई

हाई दोस्तों मैं दक्षेश शाह गुजरात के आयरन सिटी राजकोट से आप को अपनी एक हाउसवाइफ को चोदने की सेक्स स्टोरी ले के आया हूँ. वैसे बात सच्ची घटना के ऊपर आधारित हे. लेकिन ऑथर लिबर्टी लेते हुए मैंने थोडा सा मसाला जरुर एड किया हे आप लोगों के लिए. बात आज से कुछ 7 माह पहले की हे. मेरा सर्टिफिकेट कोर्ष खत्म हुआ और पापा की पहचान के चलते मुझे यही पर जॉब भी मिल गई.  फिर कुछ दिनों के बाद कंपनी वालो ने राजकोट सिटी के बहार एक्सपांड करने को सोचा. और मुझे टीम लीड के रूप में बरोडा के पास के एक टाउन पोर में भेज दिया जो बरोडा सुरत हाइवे के ऊपर हे.

मैं कम्पनी में ही काम करनेवाले एक अंकल जी के घर में अपने 2 कलिग के साथ पीजी रहता था. अंकल आंटी का एक बेटा भी था जो अभी करीब 3-4 साल का ही होगा. उन्हें बहुत सालों के बाद औलाद हुई थी. मकानमालिकिन का नाम पूजा पटेल था जो की एक सेक्सी हाउसवाइफ थी.

अब किस लगती थी वो आप को बताऊंगा तो आप का लंड भी खड़ा हो जाएगा दोस्तों. उसकी लम्बाई करीब साड़े पांच फिट की थी. 36 इंच के बूब्स थे जो ब्लाउज के अन्दर फिट नहीं बैठते थे और बहार आने को फडफडाते थे. कमर पतली थी चुचियों के मुकाबले में करीब 30 की. और पीछे इस हाउसवाइफ की गांड भी 36 की ही थी. पहले पहले जब मैं नया रहने आया तो कम ही बातचीत होती थी हमारी. मेरे कलिग मेरे से पहले यहाँ रहते थे और वो आंटी से अच्छी बातचीत और मस्ती मजाक करते थे. फिर कुछ दिन मुझे बीतें पूजा आंटी के घर में तो हमारी भी बातचीत अब होने लगी थी.

अक्सर ये हाउसवाइफ गाउन पहन के अपने घर में घुमती थी. और अंदर वो ब्रा नहीं पहनती थी. ऐसे में उसकी क्लीवेज को देखना एक स्वर्गीय अनुभव होता था. ऊपर से जब उसका गाउन पीछे गांड में फंसता था तो उसे देख के भी लंड खड़ा हो जाता था मेरा तो. मन ही मन में मैं पूजा आंटी की बॉडी को देख के उसे चोदने की कल्पना करता था. पर तब तक कुछ हुआ नहीं था हम दोनों के बीच में.

मैं अक्सर आंटी के नाम की ही मुठ मारता था और लंड के ऊपर बाथरूम में साबुन लगाता था और पूजा आंटी के चूत को याद कर के हिला लेता था. पानी तो निकल जाता था लेकिन हवस के मिटने का कोई नामोनिशान नहीं था.

 

पूजा आंटी भी अक्सर बात बात में कहती थी और हिंट देती थी. उसकी बातों से तो लगता था की वो अपनी सेक्स लाइफ में उतनी हेप्पी नहीं थी. कभी कभी अंकल आंटी के झगड़े भी हम लोग सुनते थे.

एक बार आंटी ने मुझे बोला की यार दक्षेश देखो न मेरे कमरे में जो पीसी हे वो ख़राब हुआ हे. तुम्हारे अंकल को बोल बोल के थक गई पर वो रिपेर नहीं करवाते हे. मैंने कहा आंटी मैं चेक कर दूँ? वो बोली तुझे आती हे रिपेरिंग? मैंने कहा देख लूँ मेरे से हुआ तो कर दूंगा. वो बोली ठीक हे. मैं आंटी के कमरे में उसके पीसी को चेक करने लगा. आंटी ने उस वक्त एक सेक्सी नाइटी पहन रखी थी लाल रंग की. और उस नाइटी के अन्दर वो एकदम सेक्सी लग रही थी.मैं पीसी देख रहा था तब वो मेरे लिए चाय बनाने के लिए चली गई.

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जब वो वापस आई तब तक मैंने उसके पीसी को ओन कर दिया था. मैंने पूछा तो पता चला की बार बार हेंग होता हे. मैंने चेक किया तो उसके अंदर जंक भरा हुआ था. मैंने टेम्प फाइल्स डिलीट की. और क्लीनर इंस्टाल कर के और भी सब फाइल्स को डिलीट किया. फिर रिस्टार्ट किया तो वो ठीक चल रहा था. आंटी की बनाई हुई चाय मैंने ये काम करते हुए पी ली थी.

आंटी ने खाली कप उठाये और मैंने कहा, अब आप के पीसी में कुछ भी प्रॉब्लम हो तू मुझे बुला लेना. मेरी नजर उसके ऊपर पड़ी वो झुकी हुई थी और उसके बूब्स के बिच की खाई दिख रही थी. मेरे मुहं में पानी आ गया और मैं अपनी नजर वहां से हटा नहीं सका. उसने भी देखा की मेरी नजर कहा थी! वो कप ले के चली गई और मैं उसकी गांड को मटकते हुए देखने लगा. लंड ने जोर जोर से धडकना चालू कर दिया था!

वो वापस आके मेरे पास बैठी. और मुझे कहा तुम राजकोट के हो?

मैं कहा हां आंटी, मेरे पापा का वहां फेक्ट्री हे चिप्स के मशीन का.

वो बोली, तो वहां कोई गर्लफ्रेंड वगेरह हे की नहीं?

आंटी को मेरे पापा की फेक्ट्री में नहीं मेरे लंड में ही इंटरेस्ट था!

मैंने कहा आंटी अब लडको के पास टाइम ही कहा की गर्लफ्रेंड रख सके. पहले पढाई और अब जॉब. आप देखती ही हो न की संडे के सिवा फुर्सत ही नहीं होती हे मुझे.

मैंने मन ही मन खुद को कह रहा था की दक्षेश आज आंटी को लंड देने का सही मौका हे इसे अपने हाथ से जाने मत देना. आंटी ने हंस के कहा, इसका मतलब अभी तक कोरे ही हो तुम!

मैंने कहा, हाँ आंटी अब क्या करूँ कोई मिले तो सब कमी को पूरा कर लूँ अपनी लाइफ की!

आंटी ने मेरे और करीब होते हुए कहा, तो तुम्हे कोई पसंद वसंद तो होगी ही ना! मतलब यहाँ या फिर वहाँ!

मैंने मौका संभालते हुए कहा, यहाँ तो मैं आप को ही पसंद करता हूँ आंटी!

वो जोर से हंस पड़ी और बोली, भाई मेरी तो शादी को बरसो हो गए, मेरे से क्या मिलेगा तुम को?

मैंने कहा, जो आप के पास हे वो अच्छी अच्छी लड़कियों में भी नहीं हे.

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वो समझ गई थी की मैं उसके सेक्सी फिगर की बात कर रहा था. वो कुछ नहीं बोली और मैंने अपने हाथ को डरते हुए उसकी कमर के ऊपर रख दिया. वो निचे देख के हंस रही थी. मैंने उसे अपनी तरफ पुल किया और उसके होंठो के ऊपर अपने होंठो को दबा के एक छोटी सी लिप किस कर ली. आंटी एकदम से मेरे से हट गई और बोली, अरे लड़के पहले दरवाजे को तो देख ले, मरवाएगा मुझे तू!

वाऊ, आंटी को ये टेंशन नहीं थी की मैंने उसकी चुम्मी ली थी पर उसे दरवाजे की टेंशन थी. मैं भाग के दरवाजे को बंद कर के वापस उसके पास आ गया. और अपने होंठो को लगा के चूसने लगा उसके लिप्स को. आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने पूछा, अंकल बड़े लकी हे आप लोगों की सेक्स लाइफ कैसी हे?

आंटी बोली, पूछो ही मत, लंड देखे सदियाँ हो गई हे तुम्हारे अंकल का! वो चोदते भी हे तो पच पच पानी निकाल के पेंट पहन लेते हे! अब उनमे वो बात कहा! मैंने कहा, फिर आज मैं अपने लोडे से आप की प्यासी वजाइना की आग को शांत कर देता हूँ.

ये सुनते ही इस सेक्सी हाउसवाइफ ने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल के मुझे खिंच लिया अपनी आगोश के अदर. मैंने आंटी को एक और किस दिया और फिर उसकी नाईटी को उतार फेंका. आंटी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी, निचे सिर्फ एक पेंटी थी. उसके बड़े बूब्स बिखरे पड़े थे और जैसे मुझे कह रहे थे की आजा चूस ले हमें!

मैं आंटी के बूब्स को मसलते हुए उसके होंठो को चूस रहा था. आंटी ने अपने हाथ मेरे लंड पर रख के दबाया. और फिर उसने मेरी पेंट, शर्ट, चड्डी एक ही मिनिट में उतार डाली. मेरे लंड को देख के वो बोली, गर्लफ्रेंड होती तो खूब मजे करती!

मैंने आंटी की पेंटी में हाथ डाला और उसकी पहले से गीली चूत को टच कर लिया. आंटी सिहर उठी और बोली, उतार दे ना!

 

मैंने एक झटके में उसकी पेंटी खोली. आंटी की चूत का दाना एकदम बड़ा था मैंने उसे ऊँगली से हिलाया और फिर उसे ऊपर की और उठा के चूत की फांको को खोला और उसके ऊपर दांतों को लगा के काट लिया. आंटी के बदन में तो जैसे की आग लग गई!!! फिर मैं अपनी जबान को आंटी की चूत के अन्दर घुसा के चाटने लगा. आंटी तो सातवें आसामान के ऊपर चली गई थी!

फिर आंटी को मैंने अपना लंड मुहं में दिया और हम दोनों ने 69 पोजीशन बना ली. मैं इस सेक्सी हाउसवाइफ की चूत को चाट रहा था जिसमे से भीनी भीनी खुसबू सी आ रही थी. और वो ग्गग्ग्ग ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग कर के मेरे लोडे को सक कर रही थी.

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