होटेल मे गेस्ट्स को दी अपनी चूत की सर्विस

राज: आज होटेल मे गेस्ट ज़्यादा है तो तुम वेटर बनोगी और रूम सर्विस करोगी सारी रात.

मई कुछ नही बोली और सिर्फ़ सिर हन मे हिलाया.

राज: सिर क्या हिला रही है, बोल एस सिर और अब से हर सवाल पे मुझे तेरा जवाब चाहिए. और तू अब होटेल मे सबको सिर कह कर ही बुलाएगी. हर कस्टमर का ऑर्डर फॉलो करेगी, रात मे स्टाफ कम है इसलिए तुझे लेकर आया हू. किसी भी कस्टमर को नाराज़ नही करेगी. सारे कस्टमर का ऑर्डर तुझे मानना है आज की रात, समझी!

ममता: एस सिर.

“चल अब रेडी होज़ा तेरी ड्यूटी अभी से स्टार्ट हो रही है चल मेरे साथ.”

मैने एक छोटी सी फ्रॉक टाइप की ड्रेस पहेनी थी जिसमे मेरे आधे बूब्स तो बाहर आ रहे थे. क्यूंकी नीचे तो कुछ पहेंने को दिया ही नही था. और नीचे से मेरे पैर पूरे नंगे दिख र्हे थे .फ्रॉक छोटी होने की वजह से मेरी गांद ही कवर कर पा र्ही थी. मई राज के पीछे चल रही थी.

राज मुझे होटेल के रिसेप्षन से होते हुए किचन मे लेकर गया. रिसेप्षन पे एक लड़की बैठी हुई थी. अंदर किचन मे शेफ और कुछ वेटर थे. वो सब मुझे घूर रहे थे, सबकी नज़र मुझ पे ही थी, फिर राज बोला-

“ये न्यू वातेरएसस है आज की रात रूम सर्विस सारे रूम्स मे यही करेगी.”

होटेल मे ग्राउंड फ्लोर के अलावा फाइव फ्लोर थे और हर फ्लोर पे 5 रूम्स थे. मतलब मुझे 25 कमरो मे रूम सर्विस करनी थी.

तभी पहला ऑर्डर आ गया था, यह रूम नो. 202 का था. उसने 2 बियर ऑर्डर करी थी. मई ऑर्डर लेकर रूम मे गयी, वहाँ एक आदमी था. मैने वो बियर रखी और कहा “एनितिंग एल्स सिर?”

“हन अभी एक लड़की आएगी उसको रूम मे भेज देना.”

“ओक थॅंक योउ सिर.”

जैसे ही मई जाने लगी उसने पीछे से मेरी गांद पर एक थप्पड़ मारा और कहा “योउ अरे सो हॉट आंड सो सेक्सी.”

मई चुपच्छप वहाँ से निकल गयी.

तभी किचन से ऑर्डर आया की रूम 403 को क्लीन कर के आयो.

मैने रूम पे जाकर डोरबेल बजाई. अंदर से एक आदमी ने डोर खोला वो कोई और नही हमारी सोसाइटी के चौधरी साहेब थे. मई उन्हे देख कर हैरान रह गयी.

चौधरी साहेब बोले “अरे ममता तुम यहा क्या कर र्ही हो?”

“सिर वो स्टाफ कम है तो सर्विस कर र्ही हूँ.”

“क्या क्या सर्विस देती हो तुम यहा?” वो मेरे बूब्स को घूर रा था.

“सभी सर्विस देती हूँ सिर, एनितिंग.”

“ठीक है फिर आजा अंदर.”

मई अंदर गयी तो अंदर एक और आदमी था.

चौधरी साहेब की उमर 50 के आस पास होगी वो आर्मी से रिटाइर्ड थे. उनके साथ जो था वो लगभग 35 साल का था और दिखने मे भी ठीक था.

मई कंप्लेन के नामे से दर्र गयी और अकचे से सॉफ करने लगी. जिससे उनको मेरी आस और छूट देखने का और टाइम मिल गया. मैने कचरा सॉफ किया फिर बेडशीट लगाने लगी तो मुझे फिर से झुकना पड़ा. तभी पीछे से किसी ने मेरी गांद पे हाथ रख दिया और दबाने लगा.

मैं एक दूं से दर्र गयी, मैने पीछे देखा तो मालूम चला ये और कोई नही चौधरी साहेब ही थे.

चौधरी साहेब “बहुत तडपया है तूने ममता सोसाइटी मे टाइट कपड़ो मे घूम कर, आज पूरा हिस्सब करूँगा तेरा.”

मई दर्र गयी मैने कहा “नही चौधरी साहेब ऐसा मत कीजिए.” लेकिन अंदर से तो मई भी चूड़ना ही चाहती थी.

मैने माना किया और रूम से जाने लगी.

तभी चौधरी साहेब बोले “मान जा ममता नही तो तेरी सोसाइटी के गाते वाली वीडियो सबको दिखा दूँगा.”

चौधरी साहेब का घर गाते के सामने ही था. और उनके घर के कॅमरा मे भी सब रेकॉर्ड था जब हम वाहा से निकले थे. मई जूते बर्तन लेकर रूम के गाते के बाहर आ गयी थी. तभी मई रुकी और पीछे मूडी. तो चौधरी साहेब भी मेरे पीछे पीछे गाते पे आ चुके थे.

मैने हाथ जोड़ कर उनसे रिक्वेस्ट करी की प्लीज़ ये वीडियो किसी को ना दिखाए मई वो सब करूँगी जो आप बोलॉगे.

वो बोले “सिर्फ़ हाथ जोड़ने से कुछ नही होगा, पैर छूकर माफी माँग और बोल तू क्या क्या कर सकती है!”

मैने इधर उधर देखा वहाँ गॅलरी मे कोई नही था. मैने उनके पैर पद के कहा “आप जो कहेंगे मई करूँगी, प्लीज़ वो वीडियो किसी को मत दिखना.”

“जो भी मई बोलूँगा करेगी?”

“हन आप जो कहेंगे वो करूँगी.”

“कुछ भी करेगी, सोच ले फिर माना तो नही करेगी?”

“हाँ चौधरी साहेब मई आप जो कहेंगे वो सब करूँगी.”

“ठीक है फिर पहले तो अपनी ड्रेस उतार कर यही रख तभी तुझे मई अंदर आने दूँगा. जब तक तू इश्स रूम मे रहेगी तेरे बदन पे एक कपड़ा नही होना चाहिए.”

“लेकिन मुझे अंदर तो आने दो साहेब, मई अंदर आकर उतार दूँगी.”

“नही अगर तुझे रूम मे आना है तो पहले अपने कपड़े. जो भी तूने पहें रखा है वो सब उतार और गाते के बाहर रख फिर अंदर आ, नही तो निकल जा यहा से.”

ऐसा बोल कर वो गाते बंद करने लगे.

मैने उन्हे रोका और बोला “ठीक है ठीक है मई करती हूँ जैसा आप चाहते हो वैसा ही करूँगी.”

और मैने गॅलरी मे देखा कोई नही था. तो मैने जल्दी से ड्रेस उतार कर गॅलरी मे गाते के बाहर रखा और अंदर जाने लगी.

चौधरी साहेब बोले “रुक अपने चार पैरो पे झुक कर अंदर आ एक कुटिया की तरह.”

मई कुटिया बॅंकर अंदर गयी डोर अभी भी खुला ही था.

चौड़री साहेब बोले “दरवाजा बंद नही करेगी क्या रंडी सबको दिखाएगी क्या?!”

मई वापिस जाकर अपने हाथ से दरवाज़ा बंद करने लगी.

अंदर जाकर मई बेड के पास एक कुटिया की तरह बेत गयी.

चौधरी साहेब बोले “चलो महेश हो गया अपने आज की रात का इंतेजाम, अब पूरी रात इश्स कुटिया को घोड़ी बना कर छोड़ेंगे, चलो शुरू करो.”

तभी दूसरा आदमी जिसका नामे महेश था, मेरे पास आया और मुझे बालो से पकड़ कर खींचने लगा. और बोला “चल कुटिया मेरा लंड निकल और अकचे से चूस.”

मैने चुपचाप उसके पेंट की ज़िप खोली और उसका लंड बाहर निकल कर उसे अपनी जीभ से चाटने लगी. और फिर पूरा मूह मे लेके अंदर बाहर करने लगी.

वो मेरे बाल पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मेरे मूह मे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. मुझे भी मज़ा आने लगा था उसका लंड चूसने मे. मुझे लग रहा था की आज तो मुझे चूड़ने को मिल ही जाएगा.

पहले मैने उसका लंड च्छुसा और फिर चौड़री साहेब का भी लंड चूसा. उन्होने फिर मुझे खड़ा किया और मुझे उन दोनो के कपड़े उतारने को बोला.

मैने उन दोनो के कपड़े उतारे. फिर महेश मुझे पकड़ कर किस करने लगा. वो मेरे पूरे शरीर को चूम रहा था. मई भी उसको चूमने लगी और ऐसे ही उसने मुझको बेड पे सुला दिया, वो नीचे था और मई उपर थी.

उसने अपना लंड मेरी छूट पे रखा और ज़ोर से धक्का मरने लगा. और मुझे बोला की चल कुटिया कूद अब इश्स लड पे. मई उपर नीचे होने लगी. अब मुझको भी मज़ा आ रा था. 2 चार धक्के मारने से उसका लंड मेरी छूट मे घुस गया. और मई भी मज़े से कूदने लगी.

तभी पीछे से चौधरी साहेब मेरी गांद पे हाथ घूमने लगे. और आहिस्ता से मेरे पीछे आकर उन्होने अपना लंड मेरी गांद के छेड़ पर रखा और उसे अंदर डालने लगे.

लेकिन उनका लंड बड़ा था इश्स लिए अंदर नही जेया रा था. तो उन्होने मेरी गांद पे थूक लगाया और फिर से अपना लंड मेरी गांद पे रखा और ज़ोर से धक्का मारा. तो उनका लंड मेरी गांद मे घुस गया.

मुझे बहुत दर्द हो रहा था. उन्होने 2-3 धक्के मारे और फिर मेरी गांद को छोड़ने लगे. अब मेरा दर्द मज़े मे बदल चुका था.

नीचे महेश और उपर से चौधरी साहेब दोनो मुझे छोड़ रहे थे. और मई बीच मे कूद रही थी, मुझे भी बहुत मज़ा रा रा था.

ऐसे ही लगभग आधे घंटे तक छोड़ने के बाद दोनो का पानी निकल गया. और दोनो ने मुझे नीचे बैठा कर मेरे मूह मे अपना पानी छोड़ दिया. तोड़ा नीचे गिरा और कुछ मेरे बूब्स पे गिर रा था.

तो चौधरी साहेब बोले “सुन कुटिया अगर एक भी बूँद नीचे गिरा तो तेरी हालत खराब कर देंगे, चल चाट पूरा जो भी नीचे गिरा है.”

मैने अपने मूह से ज़मीन पेर से चटा और अपने बूब्स को भी हाथ मे लेके चाट कर पूरा सॉफ किया.

फिर मई बातरूम मे जाने लगी तो चौधरी साहेब बोले “कहाँ जा रही है हरमज़ड़ी, ये बातरूम हम गेस्ट के लिए है तुम्हारे लिए नही, चल निकल यहा से.”

मई वहाँ से जाने लगी तो चौधरी साहेब बोले “जैसे अंदर आई थी वैसे ही बाहर जेया साली रांड़!”

तो मई एक कुटिया की तरह घुटनो पे बैठी और बाहर जाकर दरवाजा बंद करके खड़ी हुई और अपना ड्रेस ढूँढने लगी. मैने इधर उधर देखा फिर जूते बर्तन की ट्रॉल्ली पे भी देखा, लेकिन मेरी ड्रेस कही नही थी.

अब मई क्या करू, चूड़ने के चक्कर मे अपने कपड़े ही गुमा दिए! अब मई क्या करू, ऐसे नंगी तो कहीं जेया नही सकती थी. हे भगवान अब मई क्या करती मेरी ड्रेस कहा गयी?! मई सोचने लगी की कहाँ गयी होगी मेरी ड्रेस.

आप भी सोचिए और बताइए मुझे की आपको क्या लगता है कों ले गया होगा मेरी ड्रेस.

मुझे कॉमेंट करके बताइए या आप मुझे स्तृूमपेटमंता@गमाल.कॉम पेर मैल कर सकते है.

अब तक आपने मेरी स्टोरी को बहुत पसंद किया है उसके लिए थॅंक योउ. मुझे बहुत मैल आ रहे है आपके. मुझे मैल करने के लिए धन्यवाद मई सबके मैल का रिप्लाइ नही कर पति यूयेसेस के सॉरी, जितना हो सकता है उतना रिप्लाइ कर रही हूँ. उम्मेड है आपका प्यार ऐसे ही बना रहेगा.

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