मे: फिर से वाइल्ड किया, तो उपर पहुँचा दोगे आप.
राज हस्स दिया. लखन और राजवीर भी ये सुन के हस्स दिए. राज ने मुझे किस करते हुए धक्के देना शुरू किए. वो आधा लंड ही अंदर-बाहर कर रहे थे. मुझे अछा लग रहा था, पर अब मेरा मॅन तोड़ा वाइल्ड करने का था. लेकिन समझ नही आ रहा था कैसे बोलू उन्हे.
मैने हिम्मत करके राज के कानो में धीरे से बोल दिया: मुझे तोड़ा वाइल्ड सेक्स करना है आपके साथ.
ये सुन के राज ने उसी अंदाज़ में रिप्लाइ करते हुए कहा: जैसा तू बोले मेरी रानी. तोड़ा दर्द होगा तुझे.
मे: मैं से लूँगी, बस पूरी ताक़त से एक बार में पूरा डाल दो आप.
राज ने पूरी पोज़िशन बना ली. मैं चाहती थी वो किस करते हुए डाले, पर उनके दिमाग़ में ना-जाने क्या चल रहा था. मैने दर्द सहने के लिए बेड को ज़ोर से पकड़ लिया. राज ने ज़ोर से झटका मारा. मेरे चेहरे से और पूरी बॉडी से पसीना छूट गया, और ज़ोर से चीख निकल गयी आअहह. लखन और राजवीर दोनो मेरे पास उठ के आ गये. मैं बेहोश सी हो गयी थी.
राज: अर्रे इसका चेहरा क्या देख रहे हो? नीचे देखो और बताओ कितना और बचा है? मेरे अंडे इसकी गांद पे टच नही हुए है.
लखन: बड़े भैया, एक और शॉट देना पड़ेगा. 2 इंच बचा है.
राजवीर: नही राज, मत मारना अब. देख तो सही क्या हाल हो गया है.
मैं खुश थी की कोई तो था जो इस कंडीशन में भी मेरा सोच रहा था. पर राज के सर पे हवस सॉवॅर थी. वो मुझे छोड़े बिना नही मानने वाला था. दोनो भाई में बहस ना हो जाए, इस दर्र से मैने राजवीर को रोका, और राज के लिप्स को ज़ोर से चूमने लगी.
लखन: ये देख अपनी रांड़ में बहुत दूं है भाई. आप बिना टेन्षन और किसी दया रहम के ठोको बड़े भाई. जो होगा देखा जाएगा.
लखन नशे में था, इसलिए शायद ऐसी बातें कर रहा था. राज ने किस किया, और पूरा लंड बाहर खींच के अंदर पेल दिया. मेरी चीख किस करने के कारण बाहर नही आई, पर आँसू चालक पड़े. अब राज ने बिना रुके धक्के कंटिन्यू कर दिए.
लखन ने राज को कुछ सूंघने को दिया. उसे सूंघते ही राज और हैवान सा हो गया. मैं कुछ नही कर सकती थी, और इतने पवरफुल मर्द के नीचे थी, की हिल भी नही पा रही थी. कुछ देर में मेरा दर्द भी मज़े में बदल गया था. राज ने मुझे ऐसे ही उठा के अपनी गोद में कर लिया. मैने राज को हग कर लिया. 15 मिनिट हो गये थे राज को मेरी चुदाई करते हुए. इसी बीच लखन का लंड कड़क हो गया फिरसे.
लखन: बड़े भाई, इस छिनाल को सोफे पे लाओ ना. गंगबांग करते है इसका.
मुझे लखन के ऐसे वर्ड्स बिल्कुल आचे नही लग रहे थे. पर वो नशे में था, और मैं मजबूर. कोई नाटक भी करती तो भी चूड़ना ही था, इसलिए बिना नाटक के चूड़ने में फ़ायदा समझ के चुप रही. राज ने मुझे उठाया, और सोफे पे बैठ गया. मैं जानती थी क्या करना था.
मैं उसके खड़े लंड पे जेया कर बैठ गयी, और पूरा लंड छूट की गहराइयों में चला गया. ऐसा लग रहा था मानो पेट में उतार गया हो.
लखन: राजवीर तू आजा, अब पीछे मार ले इस छिनाल की गांद.
मैं दर्र गयी, क्यूंकी राजवीर से बड़ी मुश्किल से छूट मरवाई थी. अगर गांद मारने लगा राजवीर तो क्या होगा, और फिर राज भी मारेगा. मैं बोलती उससे पहले ही राजवीर बोल पड़ा-
राजवीर: नही भाई, मेरा लंड पूजा की गांद में आसानी से नही जाएगा. फिर अकेले में मारूँगा.
राज बोल पड़ा: तू नही मारना चाहता तो मैं मार लेता हू इसकी गांद.
राजवीर: नही राज, पूजा की तरफ देखो. वो अभी बस 25 की है. उसकी छूट मारी आप ने तो वो बेसूध हो गयी थी. गांद मारने पे क्या होगा. और वो कोई रांड़ नही है. मैं चाहता हू वो भी इस गंगबांग को एंजाय कर सके, इसलिए प्लीज़.
राज: ओक जैसा तू बोले. बच गयी बेटा तू आज.
मैने राहत की साँस ली. फिर राजवीर मेरे पास आया, और मैने अपना मूह खोल दिया, और लखन ने मेरी गांद पे थूक लगाया.
मे: लखन प्लीज़ आयिल लगा लो.
लखन: नही मेरी जान, तोड़ा तो तडपा लेने दे तुझे. क्या अब पूरा तेरे हिसाब से करवाना चाहती है?
मैं चुप हो गयी, और लखन ने घपप से लंड का टोपा मेरी गांद में भर दिया. मैं कोई रिक्ट करती, उससे पहले राजवीर ने मूह छोड़ना शुरू कर दिया. इधर राज बोल पड़ा-
राज: सुन लखन, पूरा चियर दे एक बार में. अब छूट गांद और मूह तीनो में लंड बराबरी से जाना चाहिए.
मेरे लिए ये एक नया एहसास था. पता नही क्या होने वाला था. अभी मैं यही सोच रही थी, की लखन ने पूरा ज़ोर लगा के लंड मेरी गांद में घुसा दिया, और राजवीर ने मेरे मूह में. मेरी चीख घू-घू में डब के रह गयी, और राज ने रफ़्तार पकड़ ली.
राज ने मेरे बालों को पकड़ा, और अपनी और खींच लिया, और मुझे करीब लाके मेरे स्टान्नो को किस करने लगा. राज के ऐसा करने से राजवीर का लंड मेरे मूह से निकल चुका था.
मे: आ आअहह प्लीज़ धीरे लखन.
राज: अर्रे तू यहा सोफे पे आके बैठ और इसके मूह में अपना लंड भर दे. बहुत चिल्ला रही है.
राजवीर सोफे पे बैठ गया, और मैं उसका टोपा चूस रही थी. राजवीर ने मेरे बालों को कस्स के पकड़ा, और मेरे सर को अपने लंड की और दबाने लगा. धीरे-धीरे पूरा लंड गले तक चला गया. मैं पूरी लाल पद गयी थी, और बहुत ज़्यादा गरम हो गयी थी.
मैने राजवीर का लंड मूह से निकाला, और राज को ज़ोर से किस करने लगी. फिर राज को किस करने से इतनी एग्ज़ाइट्मेंट हुई, की उनका वीरया निकल गया. ऐसा लगा जैसे गरम-गरम लावा मेरी छूट में छूट रहा हो. मैने पहली बार ऐसे एहसास का मज़ा लिया था, और इसी बीच मेरा भी पानी निकल गया.
राज रुक गये थे. मेरा भी बदन ढीला पद गया, और मैं राज पे गिर गयी. लखन अब भी पागलों की तरह मेरी गांद मारे जेया रहा था. ऑर्गॅज़म आने के बाद पूरा शरीर रिलॅक्स हो जाता है, और कुछ देर के लिए सेक्स ना करने का मॅन करता है.
मैने लखन से कहा: प्लीज़ अब थोड़ी देर रुक जाओ.
पर लखन नही रुका. मैने राज को ज़ोर से गले लगा लिया, ताकि इस दर्द को सहन कर पौ. पर कुछ देर बाद ही मेरे आँसू निकल पड़े. और मैं फुट-फुट के रोने लगी.
मे: प्लीज़ रुक जाओ ना लखन. बहुत दर्द हो रहा है. थोड़ी देर बाद कर लेना.
और अपने दोनो हाथो से उसकी जांघों को पीछे की, और धकेलने लगी. राज ने मेरे दोनो हाथ पकड़ लिए और बोला-
राज: रुकना मत, मारता रह गांद. थोड़ी देर में गरम हो जाएगी वापस.
और यही हुआ. मैं फिर गरम हो गयी, और दर्द कम हो गया. अब बहुत मज़ा आ रहा था. मैं घोड़ी बन के नीचे हो गयी, और राज के लंड को चूसने लगी. लखन अब भी मेरी गांद उसी स्पीड से मार रहा था. राजवीर बैठे-बैठे देख रहा था. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मैं नीचे से अपनी छूट में उंगली करने लगी.
लखन: देख राजवीर अपनी प्यारी रांड़ को, कितना मज़ा आ रहा है. मार ले यार तू भी, कुछ नही होगा. थोड़ी रोएगी बस.
राजवीर: नही तू कर ले अभी.
और लखन ने स्पीड इतनी बढ़ा दी, की मेरा पानी फिर निकल गया, और मेरी जांघों से बह के नीचे आने लगा. फिर अचानक मेरी गांद में पिचकारी महसूस हुई. लखन आअहह की आवाज़ के साथ पूरा वीरया मेरी गांद में छ्चोढ़ चुका था.
राज और लखन दोनो मुझसे अलग हो गये, और बेड पे जेया कर लेट गये. राजवीर मेरे पास आया, और मुझे उठा के सोफे पे बैठा दिया, और मेरे पास बैठ गया.
मे: राजवीर मुझे वॉशरूम जाना है. ले चलो, मुझसे चला नही जेया रहा है.
फिर राजवीर ने मुझे सहारा दिया, और वॉशरूम में ले-जेया कर डोर लॉक कर लिया. मैने शवर का बटन ओं किया, और राजवीर के साथ पूरा भीग गयी. राजवीर का अभी हुआ नही था. मैं राजवीर को किस करने लगी.
राजवीर: क्या हुआ आपको, इतनी ताकि हुई हो, फिर भी. मैं चाहता हू आप तोड़ा आराम कर लो.
मे: पर मैं चाहती हू की मेरी जान को ऑर्गॅज़म आ जाए. मुझे पता है आपका नही हुआ अभी, और जब तक वीरया नही निकलता बेचैनी रहती है. और मैं मेरी जान को ऐसे बेचैन नही देख सकती.
फिर ये बोल के अयाया की आवाज़ के साथ घुटनो पे बैठ गयी, और राजवीर के लंड को गले तक लेने लगी. राजवीर भी बहुत एग्ज़ाइटेड होके लंड पूरा अंदर-बाहर कर रहा था, और 10 मिनिट बाद.
राजवीर: पूजा रूको मेरा वीरया निकालने वाला है.
मे: रुकना मत, और पूरा मेरे गले में डालना. मैं नही चाहती मेरी जान के वीरया की एक भी बूँद वेस्ट हो.
और मैने फिरसे लंड मूह में ले लिया.
राजवीर: ओह मेरी जान, ई लोवे योउ सो मच. काश तू मेरी रियल बीवी होती, मैं सब को छ्चोढ़ देता तेरे लिए.
और ऐसा बोलते हुए वीरया की पिचकारी मेरे गले में छ्चोढ़ दी. मैने 3 घूँट में पूरा वीरया पिया. राजवीर ने लंड मूह से निकाला, और शवर ऑफ कर दिया, और मुझे खड़ा करके गले लगा लिया.
मे: मैं आपकी बीवी नही हू क्या? आपने ऐसा क्यूँ बोला काश तुम मेरी बीवी होती?
राजवीर: सिर्फ़ आज के लिए नही हमेशा के लिए.
मे: मैं हमेशा आपकी वाइफ रहूंगी. यहा से जाने के बाद भी आप मुझसे मिलने आ सकते हो. आपका हक हमेशा रहेगा मुझ पर.
राजवीर: पर शिवम?
मे: वो बहुत प्यार करता है मुझसे. मुझे नही रोकेगा आपके और लखन के लिए. पर प्लीज़ उसे ये मत बताना की आज आपके बड़े भाई ने मुझे छोड़ लिया है. उसे अछा नही लगेगा. राजवीर हस्स दिया.
मे: क्यूँ हस्स रहे हो आप?
आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. प्लीज़ कॉमेंट ज़्यादा से ज़्यादा करो फ्रेंड्स आपको कैसा लगा मेरा गंगबांग.