गर्लफ्रेंड और उसकी बहन को चोदा-1

ही दोस्तो मेरा नाम वाजिद है मैं उप के सहारनपुर का रहने वाला हू मेरी आगे अभी 22 साल है.और मैं दिखने मे स्मार्ट हूँ. लड़किया ईज़िली मेरे लुक्स पर फिदा हो जाती हैं.

ये बात 3 साल पहले की है जब मई 19 साल का था मेरे पड़ोस मे एक फॅमिली रहती थी. उसमे दो लड़किया थी, एक का नाम नज़्मा आगे 19 हाइट 4’6″ और उसकी छोटी बहें कुलसूम आगे 18 हाइट 4’1″.

नज़्मा अक्सर मुझे लाइन देती थी. वो वेसए तो सरीफ़ थी पर जवानी मे फिसल गयी मेरे लुक्स पर. मुझे भी वो पसंद थी क्यूकी दोनो बहनो मे से वो ही खूबसूरत थी.

धीरे धीरे हमारी बात होने लगी और हम चुप चुप कर मिलने लगे. जब भी नज़्मा मुजसे मिलने आती थी तो अपनी बहें कुलसूम को ज़रूर साथ लेकर आती थी.

मई अक्सर नज़्मा को किस करता या गले लगता था तो कुलसूम हमे देखती थी. फिर एक बार एईद के दिन नज़्मा हमारे घर आई थी. लेकिन मेरे घर कोई नही था.

मैने नज़्मा को बोला की आज मई तुझे छोड़ना चाहता हू. तो नज़्मा दर गयी और माना करने लगी. मैं उसे पकड़ कर किस करने लगा और अपने रूम मे ले गया.

अब नज़्मा भी मेरा साथ देने लगी. एईद के दिन नज़्मा पूरी दुल्हन जेसी सजी हुई थी. उँची हील्स की सॅंडल से उसकी गांद उपर उठी हुई थी और वो पूरी माल लग रही थी.

मैने उसे नीचे बिता दिया और अपनी ज़िप खोली और लंड निकल कर उसके हाथ मे दे दिया. तो नज़्मा ने सर्माते हुए पकड़ लिया. मैने उसे लंड मूह मे लेने को बोला तो माना करने लगी. लेकिन मैने ज़बरदस्ती उसका सर पकड़ा और लंड नज़्मा के मूह मे दे दिया.

वो अग अग करने ल्गी.. फिर धीरे धीरे लोलीपोप की तरह चूसने लगी. हम सेक्स के नशे मे भूल गये की रूम का दरवाजा खुला है और कुलसूम जो नज़्मा साथ ही आई थी वो सब देख रही है.

5 मीं तक लंड चूसा कर मैने नज़्मा की सलवार का नडा खोल दिया और नज़्मा को नंगी करके बेड पर फेक दिया. नज़्मा मेरा लंड लेने को तड़प रही थी. लेकिन उसकी कुवारि चूत थी मैने उसे पूरा मज़ा देना चाहता था.

मैने नज़्मा की टांगे फैलाई और लंड को उसकी छूट पर रगड़ने लगा. नज़्मा काँप उठी और बोली अंदर डालो वाजिद. मैने उसकी छूट पर थूक लगाया और अपना लंड जो नज़्मा के थूक से साना था छूट मे अंदर डालने लगा.

लेकिन नज़्मा की छूट एकद्ूम टाइट थी मेरा लंड आसानी से अंदर नही जाने वाला था. मैने नज़्मा के मूह पर हाथ रखा और एक जोरदार झटका दिया. तो मेरे लंड का टोपा नज़्मा की छूट मे चला गया. वो चिल्लई लेकिन उसकी आवाज़ मैने हाथ से रोक दी..

मैने फिर झटका दिया तो मेरा लंड अंदर सरकता चला गया. नज़्मा की आँखो मे आसू आ गये. फिर मैं रुक गया और लंड को अंदर छूट मे रखा.

फिर 1 मीं बाद दोबारा मैने घापघाप उसके छूट मे 3 4 झटके मारे. तो लंड क लिए जगह बनने लगी. नज़्मा रोने लगी मैने उसे बोला सबर करो थोड़ी देर मे मज़ा आने लगेगा. फिर मैने लंड बाहर निकाला तो मेरा लंड खून मे साना था.

नज़्मा की सील टूट चुकी थी अब वो लड़की से औरत बन चुकी थी. मैने ब्लड को उसकी पनटी से सॉफ किया और दोबारा उसकी छूट पर थूक लगाया और फिरसे अपना लंड डाला तो नज़्मा ने मुझे टाइट हग कर लिया.

अब मैने तेज़ तेज़ झटको से नज़्मा को छोड़ने लगा. क्या बतौन के मज़ा आया उसकी टाइट छूट छोड़ के. नज़्मा मेरे हर झटके के साथ एक लंबी आआअहह मूह से निकलती.

उसकी सिसकियो से मई और जाड़ा जोश मे आ जाता और उसे और जाड़ा ताक़त से छोड़ ता. अब उसकी छूट भी पानी निकल रही थी और मेरा लंड आसानी से उसकी छूट मे अंदर बाहर होने लगा आआअहह मेरी नज़्मा ले ले मेरा लंड अपनी छूट मे… ऊओह मेरी रंडी नज़्मा… क्या टाइट कसी हुई छूट है तेरी… उफ़फ्फ़ मेरी जान… और ले अंदर मेरा लंड..

मैने फुल तेज़ तेज़ झटको से नज़्मा की छूट का मज़ा ले रहा था. नज़्मा को भी मज़ा आने लगा वो भी मेरे साथ देने लगी और गांद उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी उसके.

नज़्मा सेक्स मे चूर थी और बोल रही थी आआहह वाजिद छोड़ मुझे…फाड़ दे मेरी छूट….और तेज़ छोड़ अपनी रंडी को..आअहह वाजिद..निचोड़ ले मेरी जवानी..मैं तेरी हूँ..तेरी रांड़ हूँ वाजिद….मुझे अपनी रंडी बना ले…

मैं पहली बार किसी कुवारि लड़की को छोड़ रहा था. मैने इससे पहले भी सिर्फ़ भाभी और आंटी की चुदाई की थी लेकिन जो मज़ा नज़्मा की छूट मे आ रहा था वो अलग ही था मैं नज़्मा को पुर दूं से चोद रहा था.

करीब 10 मीं लगातार छोड़ने के बाद मैने उसे बेड पर कुटिया बना लिया और लंड पीछे से उसकी छूट मे डाल दिया. अब मई उसके बाल पकड़ कर पीछे से उसकी छूट पेल रहा था. बीच बीच मे मैं उसके चूतादो पर थप्पड़ मरता मैने उसके चूतड़ लाल कर दिए थे…

इसी तरह मैने उसे 5 मिनिट तक चोदा फिर अपना माल नज़्मा की छूट मे भर दिया. जब मैने लंड उसकी छूट निकाला तो वो पूरा लाल हो चुका था नज़्मा छूट की टाइट होने से और लंड दर्द कर रहा था.

नज़्मा बेड पर ही नंगी पड़ी थी और मेरा माल उसकी छूट से बाहर आ रहा था जिसे वो अपनी पनटी से सॉफ कर रही थी. जब मई और नज़्मा बेड से उठे तो देखा के कुलसूम दरवाजे पर ही खड़ी है और मेरा लंड जो अब लटका हुआ था. उसे देख कर सारम से लाल हो चुकी है. मैं कुलसूम को देख कर उसे भी छोड़ने का मॅन हुआ.

मैने कुलसूम को अंदर बुलाया. कुलसूम एक कमसिन काली थी, नाज़ुक सी 18 साल की. उसके बूब्स भी नज़्मा से छोटे थे लेकिन हाइट कूम होने के कारण वो नज़्मा से मोटी दिखती थी और उसकी गांद भी नज़्मा से बड़ी थी.

कुलसूम को अंदर बुलाया तो वो सर्माते हुए आ गयी और मैने उसे अपने लंड को पकड़ने का इसरा किया.. लेकिन उसने नही पकड़ा तो नज़्मा बोली तू साली है वाजिद की, मतलब आधी घरवालो, पकड़ ले इनका लंड. इस लंड पर तेरा भी हक है.

फिर कुलसूम ने काँपते हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया. उसके हाथ लंड को टच किए तो मुझे करेंट सा लगा. और मई तड़प उठा कुलसूम को छोड़ने को.

मैने कुलसूम को बोला के मेरा लंड चूस ले. तो नज़्मा ने मेरे पास आकर मेरा लंड पकड़ कर कुलसूम के मूह मे दिया. कुलसूम को लंड चूसने का एक्सपीरियेन्स नही था वो चूस नही पा रही थी.

लेकिन मैं उसके मूह को छूट की तरह छोड़ने लगा मेरा लंड अब टाइट होने लगा था. मैने नज़्मा को बोला के कुलसूम को नंगी कर तो नज़्मा मेरी पालतू रंडी की तरह अपनी बहें कुलसूम को मेरे लिए नंगी करने लगी.

कुलसूम को छोटी छोटी संतरे जेसी चुचि देख कर मेरान उन्हे चूसने का करने लगा. तो मैने उसकी चुचि मूह मे भर ली. उफफफफफ्फ़ कितना मज़ा आया मैं बता नही सकता.

उसकी चुचि इतनी मुलायम थी जेसी कॉटन. मैने कुलसूम को अपनी गोद मे उठाया और उसे बेड पर पटक दिया अब मेरे बेड नज़्मा और कुलसूम दोनो बहने मदरजात नंगी पड़ी थी और चूड़ने को रेडी थी.

फिर नज़्मा कुलसूम की छूट पर टुक लगा कर उंगली करने लगी और अपनी छोटी बहें को मेरे लंड के लिए रेडी करने लगी. दोनो बहने नंगी पड़ी किसी पोर्नस्तर जेसी लग रही थी. फिर नज़्मा ने मुझे बोला की कुलसूम को छोड़ दो.

मैने भी देर ना करते हुए उसकी टांगे फैला दी और अपना लंड उसकी छूट पे सेट किया और एक झटका मारा. तो लंड आधा उसकी छूट मे घुस गया और वो चिल्लई… और लंड बाहर निकालने को बोलने लगी.

नज़्मा बोली तोड़ा सा सहें करो. और नज़्मा ने मुझे इसरा किया की बिना रुके छोड़ते जाओ. मैं आधधुंड 8 – 10 झटके उसके छूट मे दे डाले जिससे कुलसूम की छूट खुल गयी और उसकी चूत से हल्का ब्लड भी आ गया.

मैने लंड निकाला उसकी छूट से और नज़्मा ने मेरा लंड सॉफ किया. अब मैने कुलसूम को पूरा जाकड़ लिया और उसकी टांगे पूरी फैला दी. और लंड उसकी छूट से सेट करके धक्का मारा.

कुलसूम के मूह से इस बार आआआः निकली… अब वो रेडी थी मज़े लेने को. मैने भी बिना देरी किए तेज़ तेज़ धक्को से उसकी चुदाई शुरू कर दी. मैं उसे किस करता कभी उसके बूब्स चूस्टा.

मैने कुलसूम को फुल स्पीड छोड़ रहा था तभी मेरी अम्मी आ गयी. लेकिन मैं नही रुका और पूरी स्पीड से कुलसूम को छोड़ता रहा. कुलसूम भी मेरा साथ दे रही थी.

अम्मी ये देख कर हैरान थी. नज़्मा ने जेया कर अम्मी को संभाला. मई कुलसूम को छोड़ता र्हा और अपना माल उसकी छूट मे भर दिया.

कुलसूम को छोड़ कर मई जल्दी से उठा और कुलसूम को भी उठाया. फिर हुँने अपने अपने कपड़े पहने और नज़्मा ने मेरी अम्मी को सारी बात बतलाई.

अम्मी भी खुश हो गयी मेरी चुदाई देख कर और मुझे शाबासी दी. और नज़्मा और कुलसूम दोनो बहने मुझे अपनी छूट की एदी दे कर अपने घर चली गयी.

अब मेरी नज़्मा की शादी हो चुकी है लेकिन आज भी वो मेरी दीवानी है. जब भी वो मयके आती है मेरे लंड की सवारी ज़रूर करके जाती है.

आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी ज़रूर बताना फ्रेंड्स. बाइ


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