गर्लफ्रेंड और उसकी बहन को दोनों को चोदा

“वैदेही !! चूत देगी ???’ मैंने कहा. वो तो बिलकुल झेंप गयी. उसके मुँह से ना हा निकला ना ना निकला.

“वैदेही !! ये कोई बड़ी बात नही होती है. अभी अभी मेरी दीदी को चोदकर आया हूँ ..जाकर देख ले कैसे सुंदर सुंदर सपने देख रही है. मजे से छिनाल सो रही है अपने कमरे में !!! चुदने के बाद नींद बहुत मस्त आती है !!” मैंने वैदेही से कहा. वो कुछ नही सोच पा रही थी. मैं जान गया था की वैदेही को चोदने का इससे अच्छा मौका फिर कभी नही मिलेगा. मैंने धीरे धीरे वैदेही के दूध अपने हाथों से मीन्जने लगा. विदेसी के सेक्सी गुलाबी कुवारे होठ चूमने लगा. बिलकुल कच्ची कली थी वो. धीरे धीरे वैदेही भी चुदने को तैयार हो गयी. मैंने उसका टॉप निकाल दिया. उसने सफ़ेद जालीदार ब्रा पहन रखी थी. मेरी तो आँखों में चमक आ गयी.

मैंने वैदेही की ब्रा का हुक खोल दिया. जैसे ही ब्रा हटाई मेरी तो दोस्तों तकदीर की बदल गयी थी. बला के २ बेहद खूबसूरत रुई से सफ़ेद दूध मेरे सामने थे. निपल्स की चुचियाँ उपर की ओर काफी काली थी. कितने देर तक मैं वैदेही के दूध ताड़ता रहा, मुझे भी नही मालूम है. मैंने उसको उसकी बड़ी सी स्टडी टेबल पर ही लिटा दिया और उसके मुलायम दूध दबाने लगा. वैदेही आहे भरने लगी.

“लालू !! प्लीस धीरे धीरे करो !! लगता है !!” मेरी जान वैदेही बोली.

इसलिए मैं उसका ख्याल रखते हुए आराम आराम से वैदेही के कोरे कागज़ से कुवारे दूध दबाने लगा. वो गर्म गर्म आहे भरने लगी. मम्मी मम्मी पुकारने लगी. धीरे धीरे उसके पेट , और नंगी पीठ को मैं चूमने लगा. दोस्तों आलिया जहाँ लम्बी चौड़ी साढ़े ५ फुट की लड़की थी. वही वैदेही किसी नाजुक फूल से कम नही था. वैदेही सिर्फ साढ़े ४ फुट की माल थी. पर थी बहुत प्यारी. क्या हसीन सामान थी. इसलिए मैं आराम आराम से वैदेही के दूध दबाने लगा. धीरे धीरे उसके पुरे जिस्म को चूमने लगा. बिलकुल खरगोश जैसा मुलायम खूबसूरत बदन था. मैं जानता था की मुझे आराम आराम से उसको चोदना पड़ेगा. क्यूंकि उस जैसी फूल को जोर जोर से ठोकना बहुत नाइंसाफी होगी. धीरे धीरे मेरे हाथ वैदेही की जींस तक पहुच गये. मैंने उसके नाजुक रुई से मुलायम और सफ़ेद दूध पीते पीते उसकी नीली डेनिम जींस की बटन खोल दी. फिर जिप भी खोल दी. मेरे हाथ अंदर उसकी पैंट में घुस गये. वैदेही ने अंदर पेंटी पहन रखी थी. मैंने हाथ से छेड़ छाड़ करने लगा और वैदेही के छोटे छोटे दूध पीता रहा. उफफ्फ्फ्फ़ !! कितना मजा आ रहा था उसके कुवारे दूध पीकर. मुझे नही लगता था की किसी लड़के ने आज तक उसके दूध पिये थे. मैंने धीरे धीरे वैदेही की जींस निकालनी शुरू की. जींस उसके घुटनों के पास फंस गयी. बहुत टाइट जींस थी उसकी. मेरे हाथो को काफी मेहनत करनी पड़ी उसकी जींस निकलने के लिए.

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आखिर मैंने वैदेही को नंगा कर लिया. पेंटी तो निकालकर किनारे रख दिया. मैंने देखा वैदेही की चूत पर एक प्यारी तितली बनी हुई थी. मुझे जानने की जिज्ञासा हुई.

“वैदेही !! तेरी बुर पर ये तितली किसने बनायीं???’ मैंने पूछा

“मैंने खुद ही इसे बनाया है. मेरी सारी सहेलियों ने ऑनलाइन नयी नयी झांटों की डीजाईन सर्च करके अपनी अपनी चूत के उपर अलग अलग डीजाईन बनायीं है!” वैदेही बोली. मैं तो बिलकुल दंग रह गया. कितनी स्मार्ट लड़की है ये. मैं तो इसे लल्लू समझता था. मैंने सोचा. मैंने जीभ से वैदेही की झाटो पर अपनी खुदरी जीभ फिराने लगा. फिर अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा. दोस्तों, मैंने देखा की उसकी चूत बिलकुल सील बंद थी. कीसी ने उसे नही चोदा था. मुझे खुशी थी की जैसा मैं सोच रहा था वैदेही उसी तरह कुवारी निकली. अगर वो चुदी हुई होती तो सायद मैं उसकी चूत नही लेता. क्यूंकि आलिया जैसी माल तो मेरे पास पहले से ही थी. मैं जीभ से अच्छी तरह वैदेही की चूत चाटने लगा. ऊँगली से फैलाकर उसकी बुर पीने लगा. वो तड़पने लगी.

वो अपने छोटे आकार के बूब्स खुद अपने हाथों से दबा रही थी.

“लाल जी !! प्लीस आप मुझे चोद दीजिये. मैं पागल हो रही हूँ. अब आप मेरी चूत मत पीजिये. प्लीस मुझे चोदिये !! जिस तरह से आप मेरी दीदी को कसके रगड़के पेलते है, ठीक उसी तरह से मुझे पेलिए !!” वैदेही मुझसे विनती करने लगी. पर मैं तो उसकी चूत पीने में डूबा हुआ था. उधर बगल वाले कमरे में वैदेही की बहन आलिया चादर तानकर सो रही थी. क्यूंकि अभी आधे घंटे पहले ही उसने मुझसे चुदवाया था. इस समय आलिया को मस्त नींद आ रही थी. मैं तो बड़ी देर तक वैदेही की बुर पीता रहा. फिर मैंने हाथ से वैदेही की चूत पर चट चट हाथ मारा. उसकी बुर कांप गयी. मैंने लंड उसकी बुर पर रखा और पेलने लगा. वैदेही चुदने लगी.

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मुझे उसपर बड़ा प्यार आ रहा था. क्यूंकि वो एक छोटी बच्ची लग रही थी. मैंने उसकी बड़ी बहन आलिया को तो खूब चोद लिया था, पर वैदेही अभी नया माल थी. मैं उसको खाने लगा. वैदेही मेरे सामने किसी खुली किताब की तरह पड़ी थी. मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिए और दबाते दबाते उसे लेने लगा. वो सीधा मेरी आँखों में देखने लगी. उसकी नजरों में नजरे डालकर मैं उसे ठोंक रहा था. कुछ देर बाद मैं उसे जोर जोर के धक्के मारे और आउट हो गया. मैंने उसे पलट दिया. वैदेही की बड़ी बहन अलिया अभी भी तेज नींद में सो रही थी. अभी तो मैंने वैदेही जैसे माल को सिर्फ एक बार खाया था. अभी तो मुझे उसे कई बार बजाना था. मैं अच्छी तरह जानता था की अब कौन सी पोज में उसको चोदना है. मैंने वैदेही को फर्श पर खड़ा कर दिया. वो नीचे की तरह झुक गयी और उसने झुककर अपने दोनों हाथ अपने पैरों पर रख दिए. जैसे हम पीटी करते है. मैंने उसके पीछे चला गया और उनकी कमर को दोनों हाथों से मैंने पकड़ लिया.

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