ही रीडर्स, मैं कारण आपके लिए न्यू सेक्स स्टोरी लेकर आ गया हू. आपने पिछले पार्ट में पढ़ा कैसे हम वहाँ से भागे. जब तक अपनी सोसाइटी में पहुँचे रात हो गयी थी. मा बेजान सी तौलिए में नंगी लिपटी हुई कार में सो रही थी.
रेहान: आ गये हम, अब उपर ले जाओ. मैं कार दे कर आता हू.
अशरफ: उठ जाओ जान.
मे: मा उठो.
मा ने आँखें खोली, और गुस्से में अशरफ को देखते बिना कुछ बोले अपने टवल को लपेट उपर चढ़ने लगी. अशरफ भी पीछे-पीछे जेया रहा था. मा रूम में जल्दी से चली गयी. मैं भी उपर आया. वहाँ वहीं सफाई वाली आंटी हमे देख के स्माइल दे रही थी. हम अंदर चले गये.
मा बहुत गुस्से में थी, और आज रात बिना कुछ बोले मेरे कमरे में सोने आ गयी. सुबह होते ही वो ब्लू निघट्य में नाश्ता बना रही थी. तभी अशरफ पीछे से जेया कर उसे बाहों में भर लिया.
अशरफ: माफ़ कर दो मुझे.
मा ने उससे छ्छूट कर गुस्से से एक थप्पड़ जड़ दिया, और फिर सब शांत हो गये. मेरी तबीयत ठीक नही लग रही थी, इसलिए मैं कॉलेज नही गया, और वो चले गये. घर में शांति थी, और मा नाराज़ थी. तभी थोड़ी देर में डोरबेल रिंग हुई. मा गाते पर गयी. मैं भी उठा, गाते पर वही आंटी थी.
आंटी: देख राजा, यही है वो.
अचानक उसके पीछे से एक काला आदमी जो कचरा उठता है, वो सामने आ गया.
मा: क्या हुआ? क्या काम है आपको?
राजा: आ मधु, क्या मस्त माल है. ये गोरा बदन अफ!
मा (हैरान होते हुए): क्या काम है?
मधु: इसी के अंदर गर्मी चढ़ि है आज कल, तभी तुझे लाई हू.
मा: ये आप क्या बात कर रहे है?
तभी मधु ने गाते लॉक कर दिया. मैं रूम के कॉर्नर से देखने लगा.
राजा: अभी समझ जाएगी मेरी जान.
ये कह कर मा को अपने गंदे हाथो में भर लिया. मा उससे डोर होने की कोशिश कर रही थी.
मा: ये क्या कर रहे हो?
मधु: साली रंडी, अपने बिटो से चुड्ती है ये. अगर मैने बाहर बता दिया तो सारी गर्मी शांत हो जाएगी.
ये सुनते ही मा शांत पद गयी. राजा मौका देखते ही मा को अपने हाथो में जाकड़ कर उसके गोल छूतदों को मसालने लगा.
राजा: आ क्या खुश्बू है इस अमीर छूट की.
मधु: आज से तू इसका स्वाद ले आराम से.
ये सुनते ही उसने ज़ोर से एक थप्पड़ मा की गांद पर दिया, जिस पर सिसकियाँ भरते वो उसे पकड़ ली.
मा: ये आप क्या कर रहे है? ये सही नही है.
मधु: तेरा इलाज.
ये कह कर मधु ने अपनी सारी निकाल फेंकी. फिर अपना ब्लाउस उतार दिया. उसके चुचे काफ़ी बड़े थे. नंगे चुचे हिलाते हुए वो खड़ी हो गयी. ये देख मा चौंक गयी.
राजा: ये हुई ना बात. इसे भी तैयार कर.
ये सुनते मा राजा की तरफ देखने लगी. तब तक मधु मा की निघट्य पकड़ उतारने लगी. मा शांत ही खड़ी थी, और मधु ने मा की निघट्य निकाल फेंकी.
राजा: आ क्या चमकती माल है.
मधु ने मा का हाथ पकड़ा, और मेरे सामने वाले कमरे में लेकर आ गयी. राजा ने झट से अपनी लूँगी उतरी, और अपनी फाटती चड्डी में पीछे-पीछे चला गया. मधु ने मा को बेड पर लिटा कर उसकी पनटी की लाइन हटाई.
मधु: इतनी सॉफ रखती है.
राजा: कुछ सीख इससे मधु.
ये सुन मधु ने मूह बनाते हुए मा की छूट पर थूका, और जीभ से चाटने लगी.
मा की उफ़फ्फ़ आ की धीमी सिसकियाँ बढ़ रही थी. तभी वो अपनी दो उंगलियाँ डाल के ज़ोर-ज़ोर से खेलने लगी. मा की आँखों से दिख रहा था, की उसे कितना मज़ा आ रहा था. उनके हाथ मधु के सिर पर थे. तभी मधु ने ब्लाउस उतार चुचो पर काटना शुरू कर दिया.
मा भी अब मधु के चुचो को पकड़ मसल रही थी. मा आँखें बंद कर धीमी सिसकियाँ ले रही थी. अचानक राजा से रहा नही गया, और वो मधु के हाथ पकड़ उसे हटता कर खुद बेड पर आया. उसने मा को अपने हाथो में पकड़ लिया. मा की आँखें खुली और वो शॉक में उसे देख ही रही थी, की वो उनसे लिपट गया.
मा भी उसके गंदे शरीर को पकड़ अपने हाथ के निशान छ्चोढने लगी. तभी वो मा को पकड़ कर, खड़े हो कर, दीवार से चिपका कर, उसके चुचो को अपने हाथ में लेके चूसने लगा. मा धीमी सिसकियों के साथ उसके बालों को पकड़ एहसास ले रही थी.
तभी वो उनके गोल चमकते छूतदों को अपने हाथो से मसालने लगा. उसके काले हाथो में मा की चमकती गांद छ्होटी लग रही थी. तभी वो गांद का च्छेद मधु को दिखाने लगा.
मधु: साली कितना चुड्ती है? इतना मस्त बदन है साली का, और छूट का च्छेद देखो कितना बड़ा कर रखा है.
राजा: यही तो इनका कमाल है. तुम करो तो रॅंड, ये करे तो मज़े.
कह कर उसने मा के छूतदों पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, जिस पर सिसकी भरते वो उससे पूरी लिपट गयी. उसने फिर गांद मसली, और एक और थप्पड़ जद्दा. वो और चिपक गयी. ऐसे मा के गोरे चूतड़ लाल हो गये थे. उसने मा को अपने दोनो हाथो में उठा लिया, और तुरंत अपनी फाटती चड्डी से काला लंड निकाला.
फिर वो मा के च्छेद में डालने लगा. मधु ने उसके हाथ से लंड पकड़ा, और मा के च्छेद में उसका रास्ता दे दिया. लंड जाते ही मा ने उसे ज़ोर से जाकड़ लिया. उसने दो झटके दिए जिस पर मा कूदते हुए सिसकियों में उसके लंड के दर्द को बता रही थी. तभी उसने मा को दीवार में लगाया, और ज़ोर-ज़ोर से झटके देना शुरू कर दिया.
अब थापा-ठप की आवाज़ पुर घर में गूंजने लगी, और मा का चेहरा उसकी पीठ की तरफ से लाल हुआ. तभी उसने और रफ़्तार बढ़ा दी. अचानक मा ने अपने हाथो से उसे डोर किया, और लंड के निकलते ही उसकी छूट के पानी ने उसके लंड को नहला दिया. उसने मा को छ्चोढा, और चूतड़ पर हाथ मारते हुए बोला-
राजा: आजा मेरी जान, अब लेट जेया.
ये सुन मा लेट गयी. तभी मधु आई, और राजा का लंड पकड़ चूसने लगी. उसने मा के बाल पकड़े. मा हाँफ रही थी.
मधु: इतने झटके में ही तक गयी? कुछ खाया पिया कर. ऐसे लड़कियों की तरह सुडौल बन के चूत मारनी है बस तुझे.
वो मा को उसके लंड के पास ले गयी, जिसकी महक से मा ने तुरंत मूह फेर लिया. मधु हासणे लगी.
मा: ये गंदा है.
मधु: अभी इसी पर सिसकियाँ भर कर कूद रही थी तू.
राजा: इनकी ग़लती नही है. हमारा तो इन्हे गंदा ही लगेगा. चल आज इसका अमीरी निकालु.
ये कह उसने बाल पकड़ मूह में लंड डाल दिया. दो-चार शॉट अंदर दिए. फिर जैसे निकाला, मा खाँसती हुई उल्टी पद गयी. फिर उसने मा की गांद पकड़ी, और च्छेद को फैलते हुए धीरे से अपना लंड च्छेद में डाल दिया. मा का चेहरा लाल पद गया लंड के जाने के बाद.
तभी उसने झटके शुरू कर दिए, जिसकी ठप-ठप की आवाज़ फिर गूज़्ने लगी. इसका दर्द मा के चेहरे पर दिख रहा था. 8-10 शॉट मारते ही उसने मा को छ्चोढा. मा बेहोश हो कर गिर पड़ी.
फिर राजा ने तुरंत अपनी चड्डी निकली, और मा की नाक के पास लगाई. मा मूह बनती हुई आँखें खोली, और राजा ने उस चड्डी को फिर मा के मूह में डाल कर झटके मारने शुरू कर दिए. अब मा की आँखें बता रही थी, की उसके झटकों का दर्द वो कैसे से रही थी.
तभी मधु ने फोन निकाला और साइड में एक जगह रख दिया. फ़ि खुद मा के बालों को पकड़ उसके मूह से चड्डी निकाल दी.
मधु: कैसा लगा चुड के.
मा के दर्द भरे चेहरे पर स्माइल थी. तभी राजा ने पुर दूं से ज़ोर का झटका मारा जिस पर उसका मूह खुला रह गया, और वो बेड पर पद गयी. तभी वो अपना लंड निकाल सारा पानी उसके छूतदों के उपर डाल खड़ा हो गया.
राजा: आह मेरी जान, मज़ा आ गया ऐसी माल छोड़ के.
मधु: ऐसे अभी और भी काम है.
बाकी की सेक्स स्टोरी अगले पार्ट में.