गेम खेलते-खेलते भाई-बहन की चुदाई शुरू

हेलो फ्रेंड्स, कहानी के पिछले भाग में अपने पढ़ा होगा कैसे मेरी सग़ी बेहन राशि दी ने मेरे लंड को आचे से चूसा और उसका रस्स पिया. कहानी थोड़ी लाते उपलोआड हो रही है, तो उसके लिए सॉरी. कहानी में आयेज बढ़ते है.

राशि दी ने मेरे लंड को अपनी जीभ से आचे से चाट-चाट कर सॉफ कर दिया. हम ग़मे में आयेज बढ़ते है. इस बार फिर से बॉटल दी की तरफ मूडी.

राशि दी: अर्रे नही.

मे: चलो उतरो अपनी टॉप.

राशि दी: ये चीटिंग है. बॉटल मेरी तरफ ही क्यूँ मूड रही है?

मे: बॉटल को भी आपके बूब्स देखने होंगे.

राशि दी: अछा.

इतना बोल कर उन्होने अपनी टॉप उतरी. उनके उछलते हुए बूब्स मेरी आँखों के सामने आ गये. उनके बूब्स इतने बड़े और पिंक है क्या बतौ. उनको देखते ही मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. राशि दी अपने बूब्स को च्छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. बुत फ्रेंड्स उनके बूब्स इतने बड़े थे की च्छूप नही रहे थे. मैं हासणे लगा. ग़मे आयेज बढ़ा, और इस बार बॉटल मेरी तरफ रुकी. अब दी की बारी थी.

राशि दी: अब मेरी बारी है.

मे: बोलो क्या हुकुम है?

राशि दी ने फिर अपनी पनटी उतरी. उनकी पनटी पूरी गीली हो चुकी थी. उस गीले-पन्न ने उनकी छूट को और भी निखार दिया था. मेरे सामने राशि दी की छूट उजागर हो गयी. बिल्कुल पिंक और सील पॅक छूट थी. मेरा लंड उत्तेजना से भर गया. उन्होने अपनी टाँगो को फैलाया और बोली-

राशि दी: चल शुरू हो जेया.

मे: ओक.

मैने उनकी टाँगो को और फैलाया, और उनके बीच अपना फेस डाला. पहले मैने उनकी मोटी जांघों को चूमा, और फिर उनकी छूट पे अपनी जीभ रखी. उनकी छूट पे कोई बाल नही था, और वो किसी टीनेज की छूट की तरह दिख रही थी. मेरे जीभ रखते ही राशि दी काँप उठी. उन्होने अपने हाथ से मेरा फेस अपनी छूट में घुसा दिया और अपनी गांद हिलने लगी.

मैं उनकी छूट चाटने लगा. उनकी छूट बिल्कुल गीली हो चुकी थी. मैं उनकी छूट की स्किन हटा कर उनकी छूट के च्छेद में अपनी जीभ डाल रहा था, जिससे वो और भी ज़्यादा ज़ोर से गांद हिलने लगती. अचानक उन्होने मेरे बालों को ज़ोर से पकड़ लिया.

मैं समझ गया की अब उनकी छूट पानी छ्चोढने वाली थी. मैने उनकी छूट को अपने मूह में ले लिया और उनका सारा पानी मेरे मूह में ही चला गया. वो कुछ देर थम सी गयी. फिर मैने उनके होंठो को चूमा और बोला-

मे: दी मुझे आपको छोड़ना है अब.

राशि दी: नही वो नही, कुछ हो गया तो?

मैने उनके होंठो को चूमना शुरू किया और अपनी पॉकेट से कॉंडम निकाल कर उनके हाथो पे रख दिया. कॉंडम देखते ही उनकी आँखें चमक उठी. उन्होने ने मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया. उन्होने मुझे नीचे किया, और कॉंडम मेरे लंड पे लगा दिया, और मेरे लंड को अपनी छूट पे सेट करके उसे अंदर लेने लगी.

ये सब इतनी जल्दी हुआ की मुझे कुछ समझ नही आया. उन्होने अपने हाथ मेरी चेस्ट पे रखे, और मेरा लंड अपनी छूट में घुसने की कोशिश करने लगी. उनकी छूट बहुत टाइट थी. मैने उनकी गांद में हाथ रखा, और एक ज़ोर का झटका दिया, जिससे मेरा आधा लंड उनकी छूट में घुस गया.

इस अचानक हुए हमले से वो सिहार उठी. उनकी आँखों में आँसू आ गये. पर चेहरे पे मुस्कान थी. मैने देखा उनकी छूट से खून आ रहा था. फिर मैने थोड़ी देर बाद एक और झटका दिया, और मेरा पूरा लंड उनकी छूट को चीरता हुआ अंदर घुस गया. मैने थोड़ी देर उनके नंगे बदन को सहलाया और चूमा. फिर उन्होने अपनी गांद की हरकत शुरू कर दी, जिससे मेरा लंड उनकी छूट में अंदर-बाहर होने लगा.

हम वासना की तलब में तैरने लगे. राशि दी मेरे लंड पे ज़ोर-ज़ोर से कूद रही थी, और मैं उनकी गांद पे छानते मार रहा था. काफ़ी देर ऐसे ही छोड़ने के बाद मैने उन्हे नीचे लिटा दिया, और उनकी टाँगो को अपने कंधे पे रखा, और उनकी छूट में लंड डाल कर उन्हे छोड़ने लगा. मेरे हर झटके पे उनकी सिसकियाँ छूट रही थी. करीब 10 मिनिट बाद हमने फिर पोज़िशन बदली.

अब मैने उन्हे कुटिया बनने को बोला. वो डॉगी स्टाइल में मेरी तरफ गांद फैला कर बैठ गयी. मैने पहले उनकी गांद को छाता. फिर उसपे ज़ोर से एक थप्पड़ मारा. मैं फिर अपना लंड उनकी गांद में डालने लगा. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरा नाम लेकर सिसकने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. हमने लगभग 2-3 घंटे अलग-अलग पोज़िशन में सेक्स किया. फिर हम वही बेड पे एक-दूसरे से लिपट कर सो गये.

जब मैं उठा तो मैने देखा मेरी नंगी बाहों में मेरी नंगी बेहन बड़े आराम से सो रही थी. मैने उनके होंठो पे एक किस दिया, और मेरी नज़र वॉच पे गयी. मैने देखा मम्मी पापा के आने का समय हो गया. फिर मैने दी को उठाया, हमने अपने-अपने कपड़े पहने, और कुछ ही देर में सभी लोग वापस आ गये.

हमने रात का खाना खाया, और सोने चले गये. फिर मैने राशि दी को हग किया, और मेरा लंड बाहर निकाल कर उनकी पनटी नीचे की, और उनकी गांद पर रख दिया. हल्का-हल्का रब करने लगा. वो शायद मूड में नही थी. उस वक़्त तो उन्होने मुझे धक्का दिया.

मैं समझ गया वो मूड में नही थी. मैने गुस्से से अपना हाथ हटाया और हम सो गये. सुबह जब मैं उठा तो आरोही दी रूम में नही थी, और राशि दी मेरे बगल में बैठी थी. मैने कुछ नही बोला तो वो बोली-

राशि दी: सॉरी आर्यन, कल रात बस नींद आ रही थी.

मे: हा ओक.

राशि दी: पाईं भी कर रहा था इसलिए सॉरी ना.

मे: हा ओक, मुझे नहाने जाना है (गुस्से में).

और मैं नहाने चला गया. जब में बाहर आया तो राशि दी नही दिखी. मैं टवल में था. मैने कपड़े निकालने के लिए अलमारी खोली, तो मैं हैरान हो गया. राशि दी अलमारी के निचले बॉक्स में बैठी थी.

मे: दी यहा क्या कर रही हो?

राशि दी: सॉरी बोली ना, मान जेया.

मे: ओक मैं गुस्सा नही हू, निकलो यहा से.

राशि दी: तू बहुत हॉट लग रहा है.

मे: अछा ( हेस्ट हुए)?

राशि दी ने मेरे टवल में हाथ डाला, और लंड बाहर निकाल दिया. वो उसे हिलने लगी और मेरा लंड तुरंत ही बिल्कुल खड़ा हो गया. उन्होने अपनी लंबी ज़ुबान बाहर निकली, और मेरे लंड को हल्का सा लीक किया, जिससे मैं उत्तेजित हो गया, और मैने अपनी आँखें बंद कर ली.

तभी मुझे पीछे से किसी के आने की आहत सुनाई पड़ी. वो आरोही दी थी. मैने जल्दी से अलमारी बंद की, और पीछे मुड़ा. पर अलमारी बंद करते वक़्त मेरा टवल उसमे फ़ासस गया था, और जब मैं मुड़ा, तो टवल खुल गया और नीचे हो गया.

अब मेरा लंड जिसे मेरी एक बेहन यानी राशि दी ने चाट कर खड़ा कर दिया था, मेरी दूसरी बेहन यानी आरोही दी के सामने था. मेरी नज़र उनकी नज़र पे थी, जो मेरे लंड को घूरे जेया रही थी बिना पालक झपकाए. मैं भी टवल लपेटने की जगह वैसे ही खड़ा था, और उनके रिक्षन का वेट कर रहा था.

उनकी नज़रें हॅट ही नही रही थी तो मैने झुक कर टवल लिया, और लपेटने लगा. तभी आरोही दी भी बाहर चली गयी. इन बातों से राशि दी बिल्कुल अंजान थी. वो तो अलमारी के अंदर आरोही दी के जाने की वेट कर रही थी. मैने गाते लॉक किया और अलमारी खोली.

राशि दी बाहर आई और मुझे किस करने लगी. मैं भी उनका साथ देने लगा. उन्होने मेरे लंड को फिरसे बाहर निकाला, और उसे चूसने लगी. सुबह-सुबह उनकी इस हरकत ने मेरे लंड को खुश कर दिया, और मेरे लंड ने उनके मूह में अपना रस्स निकाल दिया. हम नीचे चले गये फिर. पर मेरे मॅन में आरोही दी घूम रही थी.

मैं नीचे गया, हमने नाश्ता किया, और हमने बाहर फिल्म देखने का प्लान बनाया. मुझे मोविए देखने का मॅन नही था, क्यूंकी मैने पहले भी ये देखी थी. बुत फिर भी मैं, राशि दी, और आरोही दी मोविए देखने गये. मैने पहले ही पॉपकॉर्न खरीद लिया और हम अंदर चले गये. वाहा काफ़ी अंधेरा था, बुत राशि दी मेरे सामने 2-3 सीट के बाद बैठी.

मैं और आरोही दी पीछे कॉर्नर वाली सीट पे बैठे थे. मैने पॉपकॉर्न अपनी गोद में रखी, और हम फिल्म देखने लगे. आरोही दी भी पॉपकॉर्न खाते हुए फिल्म देख रही थी. मुझे एक कॉल आया और मैने फोन निकालने के लिए पॉपकॉर्न का बॉक्स उठाया. तभी आरोही दी ने हाथ पॉपकॉर्न के लिए बढ़ाया. उनका हाथ सीधा मेरे लंड पे गया.

ये स्पर्श पाते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा. बुत आरोही दी हाथ हटाने की जगह वाहा हाथ को टटोल रही थी, जिससे मुझे सुबह की बात याद आ गयी, कैसे वो मेरा लंड घूर रही थी. तभी मेरे दिमाग़ में एक शैतानी आइडिया आया.

आयेज की कहानी जानने के लिए वेट करे अगले भाग की, और अपना फीडबॅक हमे दे आर्यन्मे987@गमाल.कॉम पे. थॅंक योउ

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