एक भाई से चूत चुडवाई, दूसरे से गांद

तो दोस्तों चलते है चुदाई कहानी के अगले पार्ट पर.

तो सन्नी सिर मुझे बेड पर अपने कंधों पर मेरी टाँगें लिए बेरेहमी से पेल रहे थे. और मैं आह अहह आराम से सन्नी साहब अहह, ऐसे ही चिल्ला रही थी.

मैं दर्द में भूल गयी थी की मेरी दीदी इसी घर में काम कर रही थी. 40 मिनिट की डुमदार चुदाई के बाद, सन्नी साहब का पानी मेरी छूट में ही गिर गया. फिर मैं वहीं ताकि हुई पड़ी रही.

2 मिनिट बाद साहब मुझसे अलग हो गये, और बातरूम में चले गये. मैं वहीं पड़ी थी. साहब के आने के बाद मैं बातरूम जाने उठी, तो देखा मेरे पैरों से खून तपाक रहा था. मेरी छूट में, पेट में, बहुत दर्द हो रहा था.

जैसे-तैसे में उठी, और बातरूम में जेया कर अपने आप को सॉफ किया. फिर कपड़े पहन कर बाहर आ गयी. मेरी कुरती फटत चुकी थी. सन्नी साहब ने उनकी अलमारी से एक शर्ट निकली, और मुझे दे दी, और बोले पहन लो.

मैने वो शर्ट पहन ली, और अपना काम ख़तम करके रूम से बाहर आ गयी. रूम से बाहर आते ही मैं छ्होटे साहब सम के कमरे में गयी, जाहाः वो मेरी दीदी को छोड़ रहे थे.

मैं जब उनके रूम में गयी, तो वो अपने फोन में कुछ कर रहे थे. मैने सबसे पहले शुरुआत बातरूम से की. पहले बातरूम सॉफ किया, और बाद में कमरे में पोछा लगाने लगी.

मैं पोछा लगा रही थी, तभी सम साहब अचानक मेरे सामने नंगे आ गये. मैं उनको देख कर घबरा गयी.

फिर मैं बोली: ये क्या कर रहे हो साहब? कपड़े पहन लो.

तभी उन्होने मेरा हाथ पकड़ा, मुझे बेड पर डाल दिया, और मेरे उपर आ कर बोले-

सम साहब: निकू बेबी, पहनने के लिए थोड़ी निकाले है कपड़े. मुझे तो कुछ और ही करना है.

और वो बस मेरे होंठो पर टूट पड़े, और उनको काटने लगे, चूसने लगे. पहले ही सन्नी सिर ने उनको बहुत काटा था. मैं आ आह अम्म्म आम करते हुए उनका बस साथ देने लगी. सम साहब सन्नी साहब से बिल्कुल उल्टे थे. वो बहुत प्यार से मुझे चूम रहे थे, चूस रहे थे.

उन्होने कब मुझे नंगी किया मैं खुद नही जान पाई. उसके बाद उन्होने मुझे अपना लंड चूसने के लिए बोला. मैं बिना कुछ बोले नंगी उनके सामने बैठ गयी, और उनकी आँखों में देखते हुए उनका लंड चूसने लगी.

मैं अम्म्म अम्म उम्म उम्म्म ज्गप्प्प गलप्प्प स्लर्प स्लूर्प्प करते हुए उनका लंड बड़े प्यार से चूस रही थी. तभी उन्होने मुझे 69 की पोज़िशन में ले लिया, और वो मेरी छूट और गांद चाटने लगे.

मेरे मूह से बस अम्म एम्म्म उम्म उउउ उईईइ ऐसे ही आवाज़े आ रही थी. तभी उन्होने अपनी एक उंगली मेरी गांद में डाल दी, और मेरी छूट चाट रहे थे. मेरी गांद में उंगली जाने से मुझे दर्द हो रहा था. मैं म्‍म्म्मम म्‍म्म्मम ह आह कर रही थी. पर थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा.

10 मिनिट तक 69 करने के बाद सिर ने मुझे उठाया, और बेड पर लिटा कर मेरे पैर अपने कंधो पर ले लिए. मैं जान गयी थी की वो अब मेरी छूट में अपना लंड डालेंगे. पर मैं ग़लत थी. मैं कुछ समझ पाती, इतने में उन्होने अपना लंड मेरी गांद पर रखा. फिर एक ज़ोर के झटके से लंड मेरी गांद में पेलने लगे.

मैं ज़ोर से चिल्लाई: अहह अहह साहब, वहाँ नही साहब अहह आह.

उनके सीने पर हाथ पीटने लगी मैं. मैं जानती थी मैं चूड़ने वाली थी. पर मैं जान-बूझ कर उनको ऐसे दिखा रही थी की मैं तकलीफ़ में थी, और मुझे दर्द हो रहा था. मुझे दर्द में देख कर उन्हे और मज़ा आ रहा था. वो ज़ोर-ज़ोर से मज़े लेकर मुझे छोड़ रहे थे.

मैं भी उनसे चुड कर खुश थी. सम साहब उसी पोज़िशन में 30 मिनिट तक मुझे छोड़ते रहे. पर उनका पानी नही गिरा. उसके बाद वो मुझे बातरूम में ले गये, और वहाँ शवर ओं करके उसके नीचे मेरी गांद मारने लगे.

मैं मज़े से आह आह साहब, आराम से साहब, आह ऐसे करते हुए छुड़वा रही थी. साहब कभी मेरे होंठ चूस्टे, कभी मेरे बूब्स, तो कभी मेरी पीठ पर काट-ते रहते प्यार से. मुझे मज़ा आ रहा था. आज पहली बार में ही मेरी गांद और छूट मेरे दोनो साहब ने छोड़ दी थी. पर इस चुदाई की वजह से मेरी हालत बहुत खराब हो गयी थी.

सम साहब ने मुझे सन्नी साहब से भी ज़्यादा देर पेला. पर वो बहुत प्यार से छोड़ते थे. सन्नी साहब तो जान निकाल देते थे. सम साहब से चूड़ने के बाद मैने उनका कमरा सॉफ कर दिया.

जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकली, और नीचे गयी, तो में साहब गुस्से में बैठी हुई थी. मैं जैसे ही पोछा रखने नीचे वाले बातरूम के पास जाने लगी. उन्होने मुझे आवाज़ दी और गुस्से से बोली-

में साहब: निकू यहाँ आओ ज़रा.

मैं डरते हुए आँखें नीची करके उनके पास गयी, और बोली: हा में साहब, बोलिए क्या काम है?

वो बड़े गुस्से से मुझे बोली: कहा हो तुम सुबा से? क्या कर रही हो? दोपहर के खाने का वक़्त हो गया है, और तुम बस 2 कमरे सॉफ कर चुकी हो सुबा से.

मैं डरते हुए बोली: माफ़ कर दीजिए मेडम, वो सन्नी साहब और सम साहब ने कुछ काम बताया था जिसके कारण मुझे वक़्त लग गया. मैं खाना खाने से पहले सब सॉफ कर देती हू मेडम. उसके बाद ही खाना खवँगी.

तभी उपर से सन्नी साहब की आवाज़ आई, और वो बोले: मों निकू को मत दांतो, वो बहुत अची लड़की है. आज पहली बार उसका काम हुआ है. तक गयी है बेचारी (और वो हासणे लगे).

तभी में साहब हेस्ट हुए बोली: ठीक है निकू, तुम रहने दो. तुम घर जेया कर आराम करो, आज थक्क गयी होगी ना तुम.

इतना कह कर उन्होने मुझे घर भेज दिया. मैने जाते-जाते देखा दीदी मेरे पास बहुत गुस्से से देख रही थी. मुझे चलने में भी तकलीफ़ हो रही थी, क्यूंकी एक ही दिन में मेरी दोनो सील टूट चुकी थी.

मैं घर जेया रही थी, तो दीदी मेरे पास बहुत गुस्से से देख रही थी. मैं घर आई, और सबसे पहले नहा कर अपने कपड़े चेंज किए. फिर वहीं बिस्तर पर लेट गयी, और सो गयी.

मैं बहुत तक चुकी थी, तो गहरी नींद में चली गयी. मैं उठी, तब देखा शाम के 7 बाज चुके थे. मैने सोचा खाना बना लेती हू, दीदी भी 9 बजे तक आ जाएगी.

उसके बाद मैने खाना बनाया, और दीदी का इंतेज़ार कर रही थी. कुछ देर बाद दीदी गुस्से में आई, रूम का दरवाज़ा खोला, और सीधा आ कर मुझे थप्पड़ लगाया.

फिर वो बोली: इसीलिए लाई थी मैं तुम्हे यहाँ, की तुम इन अमीरों की रखैल बनो?

मैं रोने लगी. और रोते हुए दीदी से बोली: माफ़ कर दो दीदी मुझे, मैं बहक गयी थी. और मुझे पता है दीदी आप भी सन्नी साहब और सम साहब की रखैल हो. वो आपको भी रोज़ छोड़ते है.

दीदी मेरी इस बात पर बोली: निकू मेरी बात अलग है. जब यहाँ आई थी, तब मैं पहले से चूड़ी हुई थी. और मैं इसलिए उनसे चुड्ती हू, ताकि वो मुझे ज़्यादा पैसे दे, नये कपड़े दे. पति से तो मैं खुश रह नही पाई, तो मैने सोचा मैं ऐसे ही खुश रह लूँगी. पर तुम्हारी ये सब करने की उमर नही है निकू. तुम भी मेरी तरह इनकी रखैल बन जाओगी, तो तुम्हारे साथ शादी कों करेगा?

मैं भी बोल दी: दीदी अगर मेरा भी पति मुझे छ्चोढ़ कर चला गया, तो मैं क्या करूँगी? उससे अछा मैं भी आपके साथ यहीं रह कर अपनी ज़िंदगी के मज़े लूँगी. वैसे भी मुझे अभी किसी पर भरोसा नही है आपके अलावा. हम दोनो मरते दूं तक साथ रहेंगे दीदी. और कल से हम दोनो सन्नी साहब सम साहब से चूड़ेंगे, और पैसे कमाएँगे.

फिर ऐसे ही हम दोनो बहने उन दो भाइयों की रखैल बन कर चुड्ती रही. हम दोनो बहनो की आमने-सामने चुदाई की स्टोरी मैं नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.

यह कहानी भी पड़े  मालिक और काम वाली ने कॅम गर्ल के साथ वर्चुयल सेक्स

error: Content is protected !!