दादी गलती से ओर मम्मी की जबरदस्ती चुदाई

दोस्तो मैं समीर और मैं बिहार के शिवहर गाँव का रहने वाला हूँ !जहाँ हमारा छोटा सा दो कमरे वाला घर है एक मे मैं, मम्मी (सरला) जो कि 35 ,पापा (सुनील)39, और मेरी दादी(नीलम)48 साल की रहती है ओर दूसरे कमरे में खाना बनाते है। मेरी मम्मी साँवली ओर दादी एक दम गोरी है। ये कहानी तब की है जब गाँव मे पैसे की कमी की वजह से पापा दिल्ली काम करने चले गये तो घर मे मैं ही अकेला मर्द रह गया था उस समय मैं 21साल का था पैसे ना होने की वजह से मेरा पढ़ाई भी छूट गया और गाँव के लड़कों के साथ काम पर जाने लगा था। मम्मी भी काम पर जाती थी और दादी घर पर ही रहकर खाना बनाती थी।

गाँव के लड़कों के साथ रह रह के मैं बिगड़ गया था दोस्त मुझे रोज ब्लू फ़िल्म दिखाते थे ओर रोज मैं रात में घर के पीछे जाके मूठ मारने लगा था जिस वजह से मेरा लंड 9इंच लम्बा ओर4 इंच मोटा काला हो गया ।घर मे मेरी मम्मी जो गदरायी बदन की रानी थी इनके स्तन ओर गांड बहुत बड़ी बड़ी है और पेट थोड़ा बाहर निकला हुआ है जिस कारण मम्मी साड़ी हमेशा नाभि से निचे बांधती है और दादी के स्तन लटके हुए ओर गांड बहुत फैली हुई है । एक दिन दोस्तों ने बोला कि चल यार आज तालाब में औरतों को नहाते हुए देखेंगे बहुत मज़ा आएगा मैं भी हाँ बोल दिया और काम छोड़कर तालाब के किनारे छुप कर बैठ गए। कुछ समय बाद 4 औरतें आयी जिसे देखकर सभी के मन मे लड्डू फूटने लगे उन्होंने अपनी साड़ी उतारी ओर पेटिकोट ब्लाउज में पानी मे जाकर बैठ के रगड़ रगड़ कर नहाने लगे ये मेरे लिए पहली बार था कि किसी औरत को ऐसे हाल मे देखा मुझे बहुत मज़ा आया।

अब ये मेरा रोज का काम हो गया काम की जगह तालाब के किनारे जाके बैठ जाता था।एक दिन ठेकेदार मेरे घर आया और मेरे मम्मी को बता दिया कि आपका लड़का काम पर नही आता है। मम्मी ने रात में दारू पीने के बाद खूब सुनाया – तेरा बाप वहाँ दिल्ली जाकर पैसे कमा रहा है ओर तू यहाँ खाली घूम रहा है कल से तू मेरे साथ काम पर चलेगा । सुबह मम्मी मुझे अपने साथ काम पर ले गयी जहाँ पर ईंट उठाना था।अब बहुत दिनों तक कोई आधा नंगा बदन देखने को नही मिला जिस वजह से मेरा हाल खराब होने लगा था ।एक दिन मम्मी मुझे ईंट ला ला कर दे रही थी ओर मै उपर रखते जा रहा था अब हाथ ऊपर करने में दर्द हो रहा था तो मम्मी बोली तू दे मैं रखती हूँ ।मैं ईंटा देने लगा तब मम्मी ने जैसे ही ईंट लेने के लिए झुकी उनका पल्लू गिर गया ओर उनका साँवला ओर गहरी नाभि वाला पसीने से लबालब नंगा उभरा पेट मेरे सामने आ गया मम्मी के बड़े बड़ भीगे हुएे स्तन देखकर तो मेरा लण्ड लहर मारने लगा।मेरी आँखें बड़ी हो गई मैंने पहली बार ऐसा नजारा इतने पास से देखा था।मन तो किया वही ऊपर चढ़ के चूची निचोड़ कर पेट चाट लू पर डर की वजह से बस देख कर ही काम चलाने लगा अब रोज मैं मम्मी को ऐसे देखता।

मेरी मम्मी शाम को काम खत्म होने के बाद मुझे रोज़ अकेले भेज देती थी कहती थी तू घर जा मैं दारू लेने जाउंगी। घर मे दादी और मम्मी दोनो रोज़ाना दारू पीती थी।एक दिन मैंने मम्मी को बोला मैं भी आपके साथ चलता हूँ तो मम्मी ने मुझे साफ साफ मना कर दिया।पर अब मुझे भी दारू चाहिए था साला दिन भर काम करके थक जाता था तो मैं मम्मी को जाने बोल दिया और फिर मम्मी का पीछा करने लगा। मम्मी खेत खेत से होते हुए एक छोटे से घर मे घुस गई बाहर अंधेरा हो गया था ओर अंदर एक बल्ब जल रहा था तो मैने सोचा कि ओह्ह यहाँ मिलता है दारू ओर उस घर की ओर चल दिया मैं जब गेट पर पहुँचा तो देखा गेट तो बन्द है और मम्मी अंदर क्या कर रही है। इतने में एक बाइक आया जिसमे दो आदमी थे । मैं तुरन्त घर के पीछे वाली खिड़की पर पहुँच गया जहाँ से अंदर का पूरा साफ दिख रहा था मम्मी मेरे तरफ पीठ करके बैठी हुई दरवाजे को देख रही थी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। खट खट ,,सरला बेबी तो मम्मी ने झट से दरवाजा खोल दिया ,वो दोनो आदमी अंदर आ गए ओर उन्हें देख के मैं हैरान हो गया वो हमारे ठेकेदार थे एक धर्मेंदर ओर दूसरे का नाम रविंदर था। साला एक तो मोटे मोटे ऊपर से भैंस भी इन दोनों से गोरा लगता इतने काले थे ये।इन्होंने अपने हाथों में तीन देशी शराब के बोतल पकड़ रखे थे।अंदर आते ही रविंदर ने मम्मी को एक किस दिया जिसे देख के मेरे होश उड़ गए तब मुझे समझ आ गया कि क्यू मम्मी रोज़ देर से आती है।

अब मम्मी ने दोनों के कपड़े उतार दिए।सरला मेरी जान आज खूब बुर चोदेंगे तेरी । मादरचोद इन दोनो का लण्ड तो मेरे 9इंच के लण्ड से भी बड़ा और खूब मोटा था। अब मम्मी नीचे बैठकर दोनो का काला काला लण्ड मुँह में बारी बारी से गप्प गप्प ले रही थी और दोनों काले सांड खड़े खड़े दारू पीने में लगे हुए थे ।
तभी रविंदर का दारू खत्म हुआ ओर बोतल को फेक के मम्मी का बाल पकड़ कर खड़ा किया और किस करने लगा इतने में धर्मेंदर भी बोतल खत्म करके पीछे से मम्मी के गरदन में किस करते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही स्तन दबाने लगा।ये देखकर मेरा लण्ड टाइट हो गया । धर्मेंदर ने पीछे से ही मम्मी का पल्लू नीचे कर दिया और ब्लाउज का हुक खोल दिया जिससे बड़े बड़े भूरे स्तन आज़ाद हो गए । अब रविंदर ने मम्मी के स्तन को मुंह मे भर लिया और धर्मेंदर नीचे बैठ गया ओर साड़ी को पीछे से ऊपर कर दिया ओर माँ के गांड़ में अपना मुँह घुसा दिया जिससे माँ आह उह आह उह की आवाज निकाल रही थी ।
अब मैंने सोच लिया कि मैं मम्मी को चोद के ही रहूंगा ।

एक हाथ से मम्मी ने रविंदर को स्तन पर जकड़ा हुआ था ओर दूसरी हाथ से धर्मेंदर का सर अपने गांड में दबा रही। अब मैं अपने घर के माल को इन काले सांडो से चुदने नही देने वाला था क्योंकि अब मैं ही इस रण्डी को चोदने का सोच लिया था ।मैं तुरंत आगे गया और गेट पर ईंटा फेक के मारा जिससे ये सब डर गए फिर भी गेट नही खुला तो मैं ओर एक ईंटा फेक के मारा तुरंत गेट खुला ओर सब भाग गए । मैं कमरे में जाकर एक बचा दारू का बोतल उठा लिया और जैसे तैसे अंधेरे में खेत से होते हुए घर पहुँचा।

मैं घर पहुँचा तो मम्मी दादी के साथ खाना बना रही थी ।मैंने मम्मी से पूछा मम्मी दारू ले आयी क्या,तो मम्मी ने कहा बेटा आज वहाँ पुलीस के वजह से भगदड़ मच गया था तो नही ला पायी।दादी ने पुलिस वाले को गाली देने लगी और मैं हँसता हुआ कमरे में जाके दारू छुपा दिया ओर खाना खा के सो गए । अगले दिन काम पर मेरी पूरी नज़र मेरे मम्मी पर थी ।दिन में खाने के बाद मम्मी ईंटो के पीछे गयी तो पीछे से मैं भी आ गया देखा कि मम्मी साड़ी घुटनो तक ऊपर करके खड़े खड़े ही मूत रही थी ।मुझे कुछ सीन नही दिखा तो मुझे गुस्सा आ गया। आज काम खत्म होने के बाद मम्मी दारू लेने नही गयी तो मैंने पूछा आज मन नही है क्या? आज भी ले लो मज़ा आएगा ।मम्मी मुझे घूर घूर के देखने लगी।हम घर पहुँच गये उस दादी घर पर नही थी ।मैं कमरे में चला गया ओर मम्मी घर के पीछे गयी तो मैंने सोच लिया कि साली रण्डी ने बहुत इंतज़ार करवाया है इसे आज ही चोद के रहूंगा। मैं भी घर के पिछवाड़े गया तो देखा कि मम्मी पानी भर रही है, मैं छुप गया । फिर मम्मी ने एक पेपर बिछाया ओर साड़ी कमर तक ऊपर कर ली वाह क्या बड़े बड़े गांड थे मम्मी पेपर पर हगने बैठ गई।

देखते ही देखते गांड का छेद बड़ा होने लगा और ‘भट्ट पड़ पड़ पड़’ आवाज़ के साथ भर के बोहोत सारी टट्टी निकली औऱ चूत से शशशशशश की लंबी सिटी बजी ओर मूत की धार ज़मीन में गड्ढा करने लगी ये देख मुझे जोश आ गया अब मम्मी ने अपने गांड को धो के उठी तो पीछे मुझे देखा ओर गाली देती हुई मेरे दो थप्पड़ जड़ दिया मैं रण्डी को पकड़ के चोदने ही वाला था कि दादी आ गयी ओर मम्मी वहाँ से चली गई।मुझे उस समय दादी पर बोहोत गुस्सा आया ।रात मे खाना खाने के समय मैने चुपके से साग में भांग की गोली पीस कर मिला दिया ओर अपना मेने दाल चावल खा कर सोने चल दिया थोड़े देर में मम्मी और दादी ने भी खाना खा के लेट गए । मम्मी ओर दादी एक साथ सोते थे ओर बीच में कपड़ा लगा के दूसरी तरफ मैं | कपड़े के दूसरी तरफ मम्मी मेरे पास होती थी।जब आधी रात हो गया तो मैं धीरे धीरे बीच मे से कपड़े को बगल कर दिया। देखा मम्मी ओर दादी दोनो मुँह खोल के पड़े थे ऐसा लग रहा था जैसे की मेरे लण्ड का स्वागत कर रहे हो।

मैंने बिना देर किए मम्मी को ऊपर से नीचे सूंघने लगा।
मम्मी दोनो घुटने मोड़ कर फैला रखी थी।
धीरे धीरे मम्मी का ब्लाउज ऊपर कर दिया जिससे कि दोनों चुच्चे आज़ाद हो गए ओर काले निप्पल को मसलने लगा । चुच्चे इतने बड़े थे कि ठीक से मेरे हाथ में भी नही आ रहे थे। मैं तेजी तेजी से मसलने लगा और मुँह में भरकर चूसने लगा।15 मिनिट तक चूसने के बाद मेने मम्मी की साड़ी कमर तक ऊपर कर दिया। वाहहह क्या मस्त गदरायी हुई जंघे थी अब मम्मी सिर्फ लाल पेंटी में थी जिसमे से भी झांट बाहर निकल रहे थे। मैने मुँह लगा के चूत का गंध लेने लगा।वाहहह क्या खुशबू थी। ओर धीरे धीरे पेंटी को निकाल दिया। अब झांटो से भरी हुई मम्मी की चूत मेरे सामने थी।बिना देर किये मेने मम्मी के ऊपर आ गया और दोनों हाथों से चूत फैला के अपना 9 इंच का लण्ड एक बार में पूरा जड़ तक उतार दिया।नशे में होने के कारण मम्मी को कुछ भी एह्साह नही हुआ।अब दोनों चुच्ची को पकड़ कर तेजी तेजी से झटके मारने लगा। 30 मिनिट तक चोदने के बाद चूत में ही अपना पानी निकाल दिया और इसी तरह पूरी रात 4 बार अपनी मम्मी को चोदा करीब 3 बजे मुझे मम्मी के झांट साफ करने का एक आइडिया आया मेनेे उनकी झांटो पर गोंद डाल दिया जिससे बाल चिपक जाए और पर्दा लगा के सो गया। सुबह सुबह मम्मी मुझे जगा रही थी तो में डर गया कि कही इनको पता तो नही चल गया।
मम्मी-तेरा शेविंग किट कहाँ हैं।

मैं समझ गया आज मम्मी अपनी झाड़िया साफ करेंगी और नींद का नाटक करके बोला मेरे पेटी में है। फिर मम्मी चली गई। मैं आज काम पर बोहोत खुश था और शाम ढलने को आया मेरा दिल तो जैसे आसमान पर उड़ रहा हो क्योंकि आज मम्मी की चिकनी चूत के दर्शन होने वाले थे।
शाम को काम के बाद जब घर आया तो दादी ओर मम्मी खाना बना रही थी तो मैंने पूछा साग बना लिए क्या?
दादी-अभी कहाँ ,दिन का थोड़ा सा बचा है किसी एक को ही मिल सकता है।
मैं- ठीक है दादी मम्मी को खिला देना ।और अंदर जाके बैठ गया। मम्मी खाना लेके आयी और मेरे पास बैठ गयी ओर में खाने लगा। मम्मी चुप सी लग रही थी।
मैंने पूछा क्या हुआ मम्मी सब ठीक तो है ना?
मम्मी- हाँ ठीक है बस कल रात के बारे में सोच रही हूं।
इतना सुनते ही में डर गया कि कही पता तो नही लग गया इन्हें
मम्मी-कल मेने तुझे थप्पड़ मारा उसे दिल पर मत लेना।पर तुझे भी उस समय नही आना चाहिए था।

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अब मैने भी मम्मी को सॉरी बोला तो मम्मी मुस्कुराने लगी। फिर मम्मी ने बोला कल रात तो बिना दारू के ही बोहोत गहरी नींद आयी मज़ा आ गया।
मै भी मुस्कुराया ओर बोला चिंता मत करो आज ओर मज़ेदार नींद आएगा।और खाना खत्म करके बिस्तर पर लेट गया जब मम्मी ओर दादी पानी लाने बाहर गयी तो मैने साग में फिर से भांग मिला दिया।
अब मम्मी ओर दादी भी खा के सोने आ गयी अब पर्दा लग चुका था। आधी रात के बाद में उठा और अपना हाथ पर्दे के नीचे से दूसरी तरफ ले गया चूंकि पर्दे के पास मम्मी सोती है मम्मी मेरे तरफ पीठ करके लेटी थी तो मैने उन्हें हिलाया वो नही जगी थोड़ा और हिलाया तो भी नही जगी तो मैं समझ गया था कि मम्मी को नशा चढ़ गया है मैने पीछे से ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्लाउज को निकाल दिया अब एक हाथ से पर्दे के नीचे से ही मम्मी के चुच्चे दबाने लगा मुझे चुच्चे थोड़े ढीले लग रहे थे पर मुझे मज़ा तो बोहोत आ रहा था।मुझे डर भी लग रहा था कि अगर पर्दे के उस पार गया तो कही दादी ना जाग जाए।चूंकि मम्मी तो नशे में थी तो मैंने दोनो हाथो से मम्मी के कमर को पकड़ा और पूरा अपनी तरफ खींच लिया बस मुँह को पर्दे के उस पार रहने दिया।

अब तो मुझे बस चूत चाहिए था मैंने बिना देर किए साड़ी को कमर तक उठा दिया ।उफ़्फ़फ़फ़फ़ क्या चिकनी मुलायम जाँघ थी और गांड पहले से ज्यादा चौड़ी लग रही थी जिस पर एक भी दाग नही थे एक दम गोरी, मैं मुँह लगा के खुशबु लेने लगा ।हाथ से गांड के एक हिस्से को उठा कर देखा तो मैं पागल सा हो गया एक दम गोरी चूत जिस पर एक भी बाल नही थे एक दम लाल सुराख शस्स्स् मुँह में पानी आ गया।मेरा लण्ड तो पूरा तन गया ऐसा लग रहा था जैसे अभी फट जाएगा।
अब मैंने मम्मी के उपर वाले पैर को मोड़ कर आगे कर दिया जिससे चूत का लाल दरवाजा खुल गया ।मैं फौरन चूत के चमड़े को मुँह में भरकर खींच खींच कर चूसने लगा और एक उंगली मम्मी की गाण्ड में डाल कर हिलाने लगा।वाह क्या स्वाद था।मन तो कर रहा था पूरा रात चूत में जीभ अंदर डाल कर आनंद लेता रहूँ पर लण्ड भी मेरा फटा जा रहा था चूत मिलाप करने के लिए मैं उठा और अपने कपड़े खोल दिया और दुबारा चूत चूसने के लिए झुका तो देखा मम्मी की चूत बोहोत गीली हो गई है इसे सूखे में चोदने में मज़ा आएगा और चूत के चमड़े को फैला कर हाथो से रगड़ने लगा तो देखा कि चूत चारो ओर से तो सुख गया परन्तु चूत के अंदर से पानी निकलना शुरू हो गया ।मुझे लगा कि मम्मी नींद में ही झड़ रही है में दोनों चमड़ों को मुँह में भर लिया और चूत में जीभ डालकर चूसने लगा इसका स्वाद तो पहले से भी अच्छा लग रहा था मैंने जीभ अब पूरे चूत में ऊपर नीचे करने लगा तो मुझे एक दाना जैसा चीज़ मिला मैंने उसे जैसे ही मुँह में भरकर तेजी से चूसा तो मम्मी हिली ओर अपना गाण्ड पीछे कर दिया।

अब मै डर गया मेरी पिटाई पक्की लग रही थी ऊपर से बदनामी मैं तुरंत सीधा लेट गया ओर मम्मी के गाण्ड को छोटी आंखों से निहारने लगा।कुछ देर तक सब ठीक था फिर मम्मी ने अपने हांथो से अपने गाण्ड को फैला दिया मेरा तो खुशी का ठिकाना ही नही था मैं झट से अपना जीभ मम्मी की गांड में डालकर चाटने लगा और मेरी मम्मी ईशशशश ईशशशश की आवाज़े निकलने लगी और अपने गांड के छेद को बड़ा छोटा करके मेरा सर गांड में दबाने लगी ।मुझे चूत गांड चाटते हुए एक घंटा हो गया होगा अब मैं उठा और मम्मी को पर्दे के इस तरफ बुलाने लगा पर मम्मी आयी नही वो ऐसे ही पर्दे के उस तरफ मुह करके पीठ के बल लेट गयी और अपने दोनों पैरों को खोल कर मोड़ लिया ।अब मैंने अपना 9इंच का लण्ड चूत में रगड़ने लगा मम्मी की चूत ओर गीली होने लगी मम्मी उममममम उमममममम की आवाज़ें कर रही थी।अचानक मम्मी की चूत फिर से सिकुड़ने लगी शायद फीर से मम्मी झड़ने वाली थी तभी मम्मी ने दोनों पैरों से मुझे जकड़ लिया और झटके से अपनी ओर खींच लिया जिससे मेरा पूरा लण्ड चूत में उतर गया मम्मी की चूत खुल ओर बन्द हो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मम्मी अपने चूत से मेरा लण्ड दबा रही हो वाह वाहहह क्या मस्त एहसास था।

धीरे धीरे मम्मी शान्त पड़ गयी तभी मैने धक्के लगाने शुरू कर दिए और दोनों हाथो से मम्मी के स्तनों को दबा दबा कर चूसने लगा स्तन थोड़े ढीले से लग रहे थे मुझे लगा कि कल मैंने रातभर दबाया तभी आज ढीले लग रहे हैं पर कोई नही।अब मैं दोनो हाथो से पैरो की ऊपर किया तो गांड का लाल छेद खुल गया मैं अपना लण्ड गांड की छेद में रखा और तेजी से धक्का मारा मम्मी ओर ऊपर उठ गई ।
उई मा धीरे डाल थूक तो लगा देता इतना सुनते ही मेरी गांड फट गई क्योंकि वो आवाज़ मेरी मम्मी की नही बल्कि मेरी दादी की थी।मैंने तुरंत लण्ड बाहर निकाल लिया और दादी से माफी मांगने लगा तो दादी बोली मादरचोद पहले मेरी आग बुझा बिहोत दिनों से चूत ओर गांड में गाजर नही लिया अपना लण्ड से मेरी चूत ओर गांड की आग मिटा दे।मैं समझ गया क्या करना है मैं उठा और दादी का पैर पकड़ कर अपने ओर खींच लिया और मुलायम होंठों को किस करने लगा ओर दादी अपने हाँथो से मेरा लण्ड हिलाने लगे।
मुझसे अब रहा नही जा रहा था मम्मी नही तो दादी ही सही।मैं अलग हुआ ओर दादी को अपने लण्ड पर बैठने को बोला वो उठी और पूरी नंगी होकर लण्ड पर बैठने लगी ।एक हाथ से मेरा लण्ड सीधा किया और दूसरे से अपने चूत के चमड़ीयो को फैला लिया और झटके से बैठ गयी।

उफ़्फ़फ़फ़फ़ दादी मार डालोगी क्या?दादी- नही मेरे राजा इतना बड़ा लण्ड लेके भी डरता है। दादी आपकी चूत बोहोत मस्त है एक दम गोरी चमड़ी ओर अंदर पूरा लाल काश तू मेरी बीवी होती सुबह शाम चूत मारता तेरी ।बोलते बोलते दादी को नीचे से झटके के साथ चोदने लगा। दादी गांड उठा उठा के अरे तो बना ले ना अपनी पत्नी मुझे कर ले शादी मुझसे ओर किस करने लगी।
मैं दादी को धक्का दिया और दादी ऐसे ही पीछे पीठ के बल जा पड़ी इसी हालत में मैं भी उठा और टांग उठा के दनादन चूत में लण्ड पेलने लगा।दादी आ आ की आवाज निकाल रही थी।
दादी -तू अपनी मम्मी को चोदना चाहता था क्या?मैं-हाँ, पर गलती से आपको चोद दिया।
अब मैंने दादी को कुतिया बनने को बोला वो झट से गांड ऊपर कर के बैठ गई।और मैं दादी के गांड के लाल सुराख में जीभ अंदर बाहर करने लगा।दादी उम्मम उम्म की मस्त सिसकारी निकाल रही थी ओर इसी तरह मैंने गांड का पूरा छेद थूक से भर दिया और अपने लण्ड के चमड़े को पीछे किया और गांड के चारो ओर घुमाने लगा।दादी अब पूरा झुक कर सिर ज़मीन से सटा ली और दोनों हांथो को पीछे लाकर अपने गांड का छेद फाड़ के ओर चौड़ा कर दिया अब मुझसे रहा नही गया ओर जैसे ही सूपड़ा अंदर डाला तो फच्च की आवाज़ आयी मैं हल्का सा पीछे हुआ और तेज एके झटके में पूरा लण्ड घुसा दिया पर दादी को कुछ फर्क ही नहीं पड़ा।

बहुत बड़ी रंडीलग रही थी चूत ओर गांड दोनो का भोसड़ा बना पड़ा था।मैंने भी दम लगा लगा के झटके मारे। दादी अपनी चूत रगड़ने में बिज़ी थी करीब आधे घंटे तक कुतिया बना के चोदने के बाद मेरा माल निकलने वाला था ।मैंने दादी को ये बात जैसे ही बोला उन्होंने झट से मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया ओर इसी तरह मेने पूरा लण्ड का माल दादी के भोसड़े में भर दिया और मेरे साथ साथ दादी भी झड़ गयी और बिस्तर पर पीठ के बल पैर मोड़े लेट गयी ।दादी का भोसड़ा ओर गांड दोनो पानी पानी हो गया था पूरा गीला।अब मैं दादी के बगल में लेट गया ओर लम्बा किस किया।फिर हम बातें करने लगे।
दादी आज आपने चूत के बाल क्यों साफ किये?
दादी-अरे बेटा जब तू सो रहा था तो तेरी मम्मी ने मुझसे अपने चूत के बाल साफ करवाये उसी टाइम मैने भी अपनी झाड़ियो को साफ कर दिया।मैं( अनजान बनते हुए) – ओह्ह , आप दोनों हमेशा अपनी चूत के बाल साफ रखती है क्या? दादी- अरे नही जब तेरे पापा यहाँ थे तब वो ही मेरे झांट बना दिया करते थे। तेरे पापा के जाने के बाद आज ही बाल साफ किये हैं ।

मैं- दादी आप पापा से भी चुदवाती थी ये बात मम्मी को पता है?।दादी-नही इस रंडी को बाहर चुदवाने से फुरसत मिले तो ना ।तेरी मम्मी गाँव की सबसे बड़ी रंडी है कई बार तो मैंने उसे खेतों में तीन तीन मर्दो के साथ चुदते हुए पकड़ी हूँ।मै सुन के हैरान हो गया अब तो मम्मी को चोदने में ओर मज़ा आएगा।मैं-दादी आपने तो अपना बता दिया पर मम्मी ने क्यों चूत के बाल साफ किये?दादी-हँसते हुए कल रात सोते सोते ही नींद में तेरी मम्मी दबा के झड़ी होगी रंडी की पूरी झांट चिपक गए थे इसीलिए।मैं -दादी मुझे मम्मी की चूत देखना है उनके चूत को चाटने का मन कर रहा है।दादी-हट बदमाश मेरी चूत चाट के प्यास नही बुझी जो अभी मम्मी की भी चूत चाटेगा।मैं – दादी प्लीज़ ।दादी- आज नही कल वैसे भी इस रंडी को चोदना बोहोत आसान है रंडी कुतिया।मैं भी ओके बोला और इसी तरह तीन बजे गए अब दादी ओर मैंने कपड़े पहने और अपने तरफ जाके सो गई।

अब दिन भर मे रात होने का इंतज़ार करने लगा और में आज काम पर भी नहीं गया ।ओर पूरा दिन घूम घूम कर गुज़ार दिया अब आयी बारी रात की मैंने दादी को बोला दादी साग में भांग मिला दो फिर मम्मी को पता भी नहीं चलेगा कि किसीने उनको चोदा हैं।दादी ने बोला वाह मेरे राजा एक रात में ही चूत चाट कर तेरा दिमाग तेज होने लगा।मम्मी फिर काम से आई और मुझे गाली देने लगी।मम्मी-भोसड़ी वाले काम पर तेरा बाप जाएगा, कुत्ते बस घर में बैठ बैठ कर खाना ठुसते रह हरामखोर।मैं चुप रहा और दादी ओर मम्मी के लिए खाना लगा दिया।जब मम्मी खा रही थी तो मैं मन ही मन बोल रहा था आज तो तुझे मेरे लण्ड से कोई नहीं बचा सकता।अब सबने खाना खाके सोने चल दिये।आधी रात को मैं उठा और पर्दा पूरा एक तरफ कर दिया।तो पाया कि मम्मी मेरे पास पीठ के बल पैर फैला कर लेटी है और दादी दूसरी तरफ।दादी को तो मैं चोद ही चुका था अब मेरी मम्मी की बारी थी ।

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मैंने मम्मी की साड़ी को धीरे धीरे ऊपर करने लगा देखा कि मम्मी नही उठी मतलब नशे में होगी। अब साड़ी घुटनो तक उठा दिया वाहहह क्या पैर थे गोरी गोरी ओर हल्के हल्के छोटे बाल उफ़्फ़फ़फ़फ़ क्या नज़ारा था।मैंने मम्मी का घुटना मोड़ दिया और साड़ी अपने आप सरकती हुई कमर तक आ गयी। उ लाला ऐसे गदराए जांघ देख कर तो मैं पागल ही हो गया और जांघो को दबाने लगा अब मम्मी ने पेंटी पहनी हुई थी।साइड से झांट न होने के बाद भी चूत बहुत फूली हुई लग रही थी मैं पेंटी के ऊपर से ही मम्मी की चूत को मुँह में भर लिया और हल्का सा बाहर की ओर खींच दिया।मम्मी थोड़ी हिली मैं डर गया।मैं हटा गया और थोड़ा इंतज़ार करने के बाद अपने पूरे कपड़े खोल कर दुबारा फूली चूत के पास गया और पेंटी निकालने की कोशिश करने लगा पर पर पेंटी मम्मी के गांड के नीचे फँसी हुई थी।मैंने ऐसे ही जब पेंटी को खींच के चूत से थोड़ा हटाया तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी । मम्मी की चूत एक दम काली ओर गोलगप्पे की तरह फूली हुई ।चूत से काली काली दोनो चमड़िया 2इंच बाहर लटक रहे थे जैसे ही मैने दोनों चमड़ियो को खींच कर चूत खोला तो मैं दंग रह गया चूत का दाना किसी मटर के दाने जितना बड़ा और चूत का पूरा गोल छेद दिख रहा था ऐसा लग रहा था जैसे मेरा हाथ अंदर चला जायेगा और मम्मी को पता भी नहीं चलेगा।दादी ने ठीक ही कहा था कि मेरी मम्मी गाँव की सबसे बड़ी रंडी है।

मुझसे अब रहा नही जा रहा था मैंने चूत के दाने को मुँह में भर के चूसने लगा और दाने के चारो ओर जीभ घूमाने लगा लगा और एक बार मे पूरा जीभ काली चूत के गुलाबी छेद में घुसा के चारो तरफ चाटने लगा मैं पूरा पसीना पसीना हो गया था।मैं इतना जोश में आ गया था कि मैंने चूत के दाने पर दांत काट दिया।मम्मी आआआआआआआ चिल्लाती हुई जग गयी और मुझे जोर का थप्पड़ मारा।मैं हैरान था कि साली उठ कैसे गयी ये तो नशे में थी।मम्मी-मादरचोद तुझे शरम नही आती अपनी मम्मी के साथ ये करते हुए भोसड़ी वाले रुक तेरी गर्मी निकलती हूँ ।और इतना कहते ही उठी और मुझे थप्पड़ लात मारने लगी।मम्मी दादी को उठाने लगी कि देख ये क्या कर रहा है पर दादी नींद में धुत्त थी ।मैं समझ गया की भांग वाला प्लेट गलती से दादी को परोस दिया होगा।मैं अब जोश में उठा और पीछे से मम्मी को पकड़ लिया और तेजी तेजी से चुच्चे दबाने लगा।मम्मी छटपटाती रही ओर हाथ पैर चलाने लगी।

मैंने तेजी से एक थप्पड़ मारा मम्मी ज़मीन में पेट के बल जा गिरी।मै झट से मम्मी के दोनों पैरों के बीच आ गया और अपने बनियान को मम्मी के मुँह पर बाँध दिया फिर मम्मी के दोनों हाँथो को पीछे मोड़ कर पकड़ लिया।अब मेरा लण्ड मम्मी के चूत का स्वाद लेने को तैयार था मैं थोड़ा ऊपर उठा के एक झटका मारा मेरा लण्ड पसीने की वजह से फिसल गया इसी तरह मैंने2-3 बार कोशिश किया तो मेरे लण्ड का सूपाड़ा मम्मी के गांड में धंस गया।मम्मी की चीख निकल गयी ऊऊऊऊऊईईईई।मैं फिर थोड़ा उठ कर कस कर झटका मारा तो मेरा पूरा लण्ड गांड में समा गया।मम्मी-उम्मम्ममम्ममम्म उम्मम्ममम्ममम्म की आवाज़ें निकाल रही थी।पर मैने बिल्कुल रहम नही किया और मम्मी के मुँह को चाटते हुए तेजी तेजी से धक्के लगाने लगा।पूरे घर में पट पट की आवाज घुंज उठी करीब एक घंटे तक ऐसे ही लेटे लेटे मम्मी की गांड की जम के चुदाई की ओर तेजी के साथ अपना पूरा वीर्य मम्मी के गांड में ही गिरा दिया।और इसी हालात में मम्मी के ऊपर आधे घंटे तक लेटा रहा अब मम्मी भी थक गई और अपने शरीर को ढीला कर दिया।उस समय 4 बज चुके थे मैं एक हाथ से कपड़े उठाये ओर अपना लण्ड मम्मी के गांड से बाहर निकाला और भाग गया घर से।मम्मी की गांड मेरे सफेद सफेद गाढ़े वीर्य से लबालब भरा पड़ा था वीर्य गांड से बह बह कर चूत में जा रहा था।मुझे नही पता कि मेरे घर से जाने के बाद क्या हुआ होगा ।जब मम्मी सुबह काम पर गयी तो मैं घर आ गया।उस समय दादी खाना बना रही थी।

मैं-दादी मम्मी गयी काम पे?? दादी- हाँ ,अभी ही गयी ।मेरे जान में जान आयी मैंने देखा कि दादी ऊपर से नीचे तक पसीने से भीगी हुई है ऐसा लग रहा था जैसे अभी नहा के निकली हो।मैं दादी को पीछे से बाहों में भर लिया और स्तन दबाते हुए अपना लण्ड दादी की गांड में दबाने लगा।दादी-हट बदमाश कितना चोदेगा रे।मैंने दादी के गरदन से बालों को साइड किया और कान के नीचे गरदन पर किस करने लगा ।दादी जोश में आ गयी और सीधी हो गयी।मैंने झट से दादी के मुलायम होंठो को मुँह में भरकर चूसने लगा और एक हाथ से दादी की साड़ी को कमर तक ऊपर कर दिया और दूसरे हाथ से दादी की चूत को सहलाने लगा।दादी जोश में आकर ऊपर नीचे होने लगी।करीब पाँच मिनट तक किस करने के बाद हम दोनों पसीने से नहा चुके थे।मैंने दादी को नीचे घुटनों के बल बिठा दिया और अपना चैन खोल दिया।दादी तुरंत मेरे लण्ड को मुँह में भरकर चूसने लगी दोस्तो पहली बार किसीने मेरे लण्ड को मुँह में लिया था ।

ऐसा लग रहा था जैसे में सातवे आसमान पर पहुंच गया ।बीच बीच मे जैसे ही दादी मेरे टट्टो को हाथो से दबा रही थी मैं उछल जा रहा था और दादी लण्ड को पूरा मुह में जड़ तक ले ले रही थी।बीच बीच में दादी दांतो से मेरे लण्ड को हल्का सा काट भी दे रही थी।15 मिनिट बाद मेरे लण्ड से पिचकारी निकलने वाली थी तो मैंने दादी चेहरा कस कर पकड़ लिया तो दादी ने कस कर मेरे आंड दबा दिए और में पंजे के बल खड़े होके दादी के मुँह में ही आआ आ आ के आवाज़ के साथ झड़ने लगा की इतने में घर का दरवाजा खुला ओर सामने मम्मी खड़ी थी।मम्मी- मादरचोद कल तूने मेरे साथ जबरदस्ती की ओर बेहन के लोडे अभी अपनी दादी के साथ जबरदस्ती कर रहा है और मुझे मारने लगी पर मैंने भी अपना लण्ड दादी के मुँह से तब तक बाहर नहीं निकाला जब तक मेरा आखरी बून्द न झड़ गया हो।फिर मैंने दादी को अपने से अलग किया और मम्मी पर झपट पड़ा और गिरा के थप्पड़ थप्पड़ मारने लगा इतने में दादी ने दरवाजा बंद कर दिया।

मैं उठा और मम्मी को घसीटते गए दूसरे रूम में ले गया और एक झटके में साड़ी खोल दिया।मम्मी दोनो हाथो से अपने बड़े बड़े स्तन ढकने लगी मैंने एक थप्पड़ मारा और ब्लाउज फाड़ कर फेंक दिया और दादी ने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया मैं उठा और एक झटके में पेटीकोट उतार दिया अब मम्मी सिर्फ पेंटी में थी।मम्मी उठ कर भागने लगी मैने पीछे से मम्मी को पकड़ लिया और पेंटी पकड़ कर घुमा दिया। जिसस पेंटी फट कर अलग हो गयी ओर मम्मी ज़मीन पर पेट के बल जा गिरी।बड़े बड़े गांड ओर स्तन अब सब आज़ाद हो गए थे।मैंने अपने सारे कपड़े उतारे ओर मम्मी को कुतिया बना दिया मम्मी मेरा पूरा विरोध कर रही थी ।मैंने वो शराब की बोतल लायी ओर सारा कांड बता दिया कि रंडी तेरा खेल खत्म मैंने तुझे ठेकेदार का लण्ड चूसते हुए देख लिया था अब छिनाल नाटक कर रही है।मैं पीछे से मम्मी की चूत में शराब डाल दिया और चुत को मुँह में भरकर चूसने लगा ।मम्मी मेरा सर पकड़ कर छुड़ाने लगी।

घर मे काफी आवाज हो रहा था तो मैंने दादी को बोला कि आप दरवाजे पर चली जाओ किसी को आने मत देना इस रंडी को तो मैं संभाल लूंगा।ओर दादी जैसे ही गयी मैंने मम्मी के चूत में थप्पड़ बरसाने शुरू कर दिए ।काली चूत पूरी लाल हो गई।मैंने दोनो चमड़ियो को हाथो से फैलाया ओर चूत के दाने को मुँह में भर लिया मम्मी इससस की आवाज के साथ गांड पीछे कर दी।अब मम्मी ज्यादा विरोध नही कर रही थी मम्मी मेरे सर को धक्का देते देते अचानक सहलाने लगी।अब मुझे भी लग ज्यादा मेहनत नही करना पड़ रहा था। कुछ ही देर में मम्मी मेरा सर अपने चुत में दबाने लगी मैं समझ गया की मम्मी झड़ने वाली है। मैं ओर तेजी के साथ चूत के दाने को चूसने लगा और उम्मम्ममम्ममम्म की आवाज़ के साथ मम्मी झड़ने लगी मैंने मौके का फायदा उठाकर चूत के दाने को हल्का सा काट दिया।मम्मी- आहहहहहह मादरचोद मरेगा क्या

मैंने मम्मी को अब सीधा खड़ा किया और किस करने लगा मम्मी मेरा पूरा साथ दे रही थी।मेरा लण्ड पूरा तन चुका था।मैंने मम्मी को गोदी में उठा लिया अब मम्मी ने मेरा लण्ड अपनी चुत के छेद में लगाया ओर धीरे धीरे मम्मी को नीचे करने लगा जिससे मेरा9 इंच का लण्ड मम्मी की चूत में धँसता चला गया।अब मम्मी को गोदी में ऊपर नीचे करके चोदने लगा। मम्मी आ आ की मस्त आवाज निकाल रही थी। 5 मिनिट तक ऐसे ही चोदने के बाद मम्मी को इसी स्तिथि

में लेकर लेट गया और किस करते हुए मम्मी को दबा के चोदने लगा।मम्मी- उम्मम उम्मम चोद मुझे ओर चोद फाड़ दे मेरे चुत को।अब मम्मी कुतिया बन गई मैं पीछे से मम्मी की चूत को चूसने लगा थोड़ी देर बाद मैंने अपने लण्ड का सूपाड़ा पीछे से चुत में हल्का सा दबाया ओर कमर की चमड़ी को मुट्ठी में भर कर दमदार झटको के साथ चोदने लगा।बीच बीच मे जब मेरा हाथ छूट जाता तो गांड पर थप्पड़ लगा देता।इसी तरह 30मिनिट तक चुत चोदने के बाद मम्मी के चुत की खेती में अपना बीज गिरा दिया।मेरी मम्मी दुबारा माँ नही बन सकती थी तो कोई दिक्कत नहीं हुई।अब हर रोज जब मन करे में दादी ओर मम्मी की जमकर चुदाई करता हूँ। मम्मी अब बाहर नही चुदवाती इसकी आग तो में घर पर ही शांत कर देता हूँ।रोज सुबह मम्मी अपनी चुत मेरे मुंह पर रख देती है और मेरे लण्ड को चूसने लगती है तब ही मेरी नींद खुलती है और मैं ताज़ा ताज़ा मम्मी की चूत ओर गांड के छेद को मस्त चूस लेता हूँ।

जब भी मम्मी या दादी को टट्टी लगती है तो सबसे पहले वो मेरे पास आती है मैं लेट जाता हूं और दादी ओर मम्मी अपने गांड के छेद को हाँथो से फाड़ कर मेरे मुंह में रख देते हैं ओर मैं जीभ अंदर बाहर करके मस्त प्रेशर बना देता हूं।हफ्ते में एक बार मम्मी ओर दादी दोनो को बारी बारी से लण्ड चुसवाता हूँ और मुह में ही मूत देता हूँ और फिर मम्मी दादी दोनो का चुत चूसते हुए मुत पी लेता हूँ।रोज रात चुदाई के बाद दादी मेरे लण्ड को तेल से मसाज करती हैं।
तो दोस्तो मेरी कहानी आपको कैसी लगी या *मम्मी या किसी औरत को कैसे चोदे* आप मुझसे मेरे मेल आईडी [email protected]पर पूछ सकते हो।भगवान करे आपके लण्ड की सील को तोड़ने वाली आपको अपनी मम्मी की चुत जल्दी मिले।
धन्यवाद



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