गान्डू लड़के की गांद में एक साथ 2 लंड

नेक्स्ट मॉर्निंग 7 बजे:-

सभी अभी भी नंगे सोए हुए थे. भैया ने मुझे कस्स के पकड़ रखा था. मैं उतार कर फ्रेश होने गया. मेरी गांद बहुत दर्द कर रही थी. नाइट में दारू की वजह से फील नही हुआ, बुत अब दर्द हो रहा था.

मैं नंगा ही बाल्कनी का हीटर ओं करके सिगरेट पीने लागा. बाल्कनी फुल ग्लास से कवर थी. 15 मिनिट बाद भैया ने मुझे पीछे से पकड़ लिया.

भैया: वंश तुझे लोड लेना पसंद था, तो पहले क्यूँ नही बताया? मैं क्या माना करता क्या तुझे?

तोड़ा शरमाते हुए बोला-

मैं: भैया मुझे ओन्ली आपके साथ ही सेक्स करना था. लेकिन कल दारू की वजह से पता नही मैं सब के लिए कैसे अग्री हो गया.

भैया: कोई नही, अब तो हो गया. सब सो रहे है. मेरे साथ कर ले अब कोई नही है.

भैया मेरे लिप्स पर लंबा सा किस करने लगे. चारो तरफ मस्त पहाड़ों की वादियाँ, और डोर-डोर पहाड़ों पर बरफ थी. बाल्कनी के हीटर की गर्मी और मेरे बदन पर भैया की गर्मी थी. शायद सबदों में समझाया ही नही जेया सकता. 10 मिनिट किस करने के बाद मैं भैया का लोड्‍ा चूसने लगा.

भैया: यार क्या मस्त लोड्‍ा चूस्टा है तू. बीसी लड़कियाँ भी नही चूस्टी ऐसे तो. चूस, चूस, जान चूस इसे.

भैया मेरे सर पर हाथ रख कर मेरा मूह छोड़ने लगे. बहुत तेज़-तेज़ मूह छोड़ने लग. 10 मिनिट बाद भैया ने मुझे उल्टा खड़ा करके मेरे च्छेद पर आपना थूक लगा कर एक साथ पूरा लोड्‍ा मेरी गांद में डाल दिया. सूजन की वजह से बहुत दर्द हो रहा था. मैं बहुत तेज़ चिल्लाने लगा, “आआआ भैया, बहुत दर्द हो रहा है.”

भैया अब सुनने के मूड में नही थे. वो बहुत हार्ड मेरी गांद छोड़ने लगे. तेज़-तेज़ झटकों से मेरी गांद बहुत तेज़ दर्द कर रही थी. भैया मेरे मूह पर हाथ रख कर छोड़ने लगे.

भैया: छिला मत, मामा जाग गये तो सोच ले तेरी गांद का क्या होगा.

15 मिनिट्स इसी पोज़िशन में छोड़ने के बाद भैया ने मुझे डॉगी पोज़िशन में छोड़ना स्टार्ट कर दिया. अब मेरी गांद का दर्द नॉर्मल होने लगा. अब हम दोनो बहुत मज़े लेने लगे चुदाई के. तभी अंदर से आवाज़ आई. भैया अंदर देखने गये. फिर आ कर बोले-

भैया: कुछ नही यार, नींद में कुछ कुछ बोल रहे है. चल स्विम्मिंग पूल में चलते है.

हम दोनो स्विम्मिंग पूल के साइड बेंच पर फुल चुदाई के मज़े लेने लगे. 20 मिनिट्स की चुदाई के बाद भैया ने पूरा माल मेरी गांद में ही निकाल दिया. फिर बूम दोनो नहा कर रूम में आए. सभी मामा अभी भी सो रहे थे.

भैया (धीरे से): रेडी हो जेया, बाहर चलते है घूमने, इनको सोने दे.

मार्केट में हमने दर्द की दवाई और क्रीम ली. उसके बाद मार्केट घूमे. खाना खाने के बाद हम दोनो फुल मज़े करके, 12:30 बजे तक हम सब का खाना लेकर रिज़ॉर्ट पहुँच गये. गगन मामा वॉशरूम में थे, और बाकी तीनो अभी भी सो रहे थे. भैया और मैं बहुत तक गये थे, इसलिए भैया बेड पर और मैं सोफे पर सो गया.

15 मिनिट्स बाद:-

गगन मामा: कब आए, और सो भी गये क्या?

भैया: आप लोग खाना खा लो, मुझे नींद आ रही है.

मैं ब्लंकेट के अंदर सो गया. गगन मामा खाना खा कर नहाने चले गये. करीब 30 मिनिट बाद वो आए, और फिर मुझे बोलने लगे-

गगन मामा: वंश यार साइड हो तोड़ा, मुझे भी जगह दे.

मैं अभी भी नींद में था. मामा ने मुझे पीछे से पकड़ लिया. फिर हम दोनो सोने लगे. थोड़ी देर बाद अचानक मेरी आँख खुली. मामा मेरे कपड़े उतारने लगे. पहे शर्ट, फिर पाजामा, और एंड में अंडरवेर. धीरे-धीरे वो मेरी बॉडी को सहलाने लगे, और अपना अंडरवेर उतार कर अपना लोड्‍ा मेरी गांद पर चुभाने लगे.

तभी हरप्रीत मामा की आवाज़ आई: यार गुरप्रीत, जाग जा यार, खाना खा ले. फिर नहा कर चलते है बाहर.

ये आवाज़ सुन कर गगन मामा मेरे जिस्म से खेलना बंद कर दिए और शांत हो गये. मुझे फिरसे नींद आ गयी. थोड़ी देर बाद अचानक हमारी ब्लंकेट हरप्रीत मामा ने हटा दी. गुरप्रीत मामा अभी भी नहा रहे थे.

हरप्रीत (धीरे से): बीसी तू है क्या, मुझे लगा जस्सी है इसके साथ. तू सही मज़े ले रहा है इसकी गांद के.

गगन: नही यार, सो रहा है ये. नाइट से तक गया है, फर्स्ट टाइम है इसका. सोने दे.

दोनो मामा ने मुझे नंगा ही बेड पर लिटा दिया. फिर दोनो नंगे ही मुझे बीच में करके लेट गये. एक मामा ने अपना फेस मेरे लोड के पास और अपना लोड्‍ा मेरे मूह के पास. और दूसरे ने अपना लोड्‍ा मेरी गांद से चिपका रखा था.

मैं: क्या कर रहे हो?

गगन: सोजा, कुछ नही बस नंगे सो रहे है, और कुछ नही, सोजा.

हम तीनो ने बेड पर ब्लंकेट पूरी कवर कर रखी थी. और बेड पर दूसरी ब्लंकेट में भैया थे. थोड़ी देर बाद गुरप्रीत भी आ गया.

गुरु: सोने आए हो क्या?

गुरप्रीत मामा बॉटल लेकर पीने लगे. अब मुझे कों सी नींद आने वाली थी. जब दो मर्द मेरे साथ नंगे लेते हो. मैने भी एक का लोड्‍ा मूह में ले लिया, और उन्होने मेरा, और दूसरे ने मेरी गांद पर थूक लगा कर मेरी गांद में लोड्‍ा घुसा दिया. धीरे-धीरे दोनो मेरे दोनो च्छेदों को छोड़ने लगे. 2-3 मिनिट्स ऐसे ही करते रहे.

गुरप्रीत: बीसी ये क्या चल रहा है?

बोल कर ब्लंकेट हटा दी.

गुरप्रीत: अकेले अकेले, ग़लत बात है यार.

मैं: यहा भैया सो रहे है. हम तीनो स्पा रूम में चलते है.

गुरप्रीत: रात की चुदाई के बाद लगता है हमारे लोड बहुत पसंद आ गये है. तेरे भैया के लोड से दर्र लग रहा है क्या?

( अब इनको कों बताए भैया तो पहले ही च्छेद को गुफा बना चुके थे)

मामा मुझे कंडे पर बिता कर स्पा ले गये. फिर एक-एक करके सब ने मुझे फुल मज़े से छोड़ा. 10 मिनिट्स छोड़ने के बाद स्पा में सब को गर्मी लग रही थी. हम बाहर स्विम्मिंग पूल की साइड पर बेंच पर एयेए कर चुदाई कंप्लीट करने लगे.

कभी एक का लोड्‍ा मेरी गांद में होता तो कभी दूसरे का. कभी एक मेरे मूह की चुदाई करता, कभी दूसरा. हरप्रीत रूम में जेया कर लूब्रिकॅंट लेकर आया.

हरप्रीत: यार अब आएगा मज़ा. जब एक गांद और एक मूह छोड़ता है, तो तीसरा फ्री होता है. ये अची बात थोड़ी है.

गुरप्रीत: पागल, नही ले पाएगा ये.

मुझे कुछ समझ ही नही आ रहा था. ये क्या हो रहा था.

गगन: ले लेगा, रात से अब तक कितनी खुल गयी है इसकी.

अब हरप्रीत मेरे नीचे, गगन मेरी गांद के आयेज, और गुरु मेरे मूह के पास थे. गुरु ने मेरे मूह में लोड्‍ा दिया, और बाकी दोनो आपने लोड़ों पर लूब्रिकॅंट लगाने लगे. फिर उंगलियों से मेरी गांद के अंदर तक भर दिया लूब्रिकॅंट. फिर एक ने लोड्‍ा डाला, और बहुत आराम से घुसा दिया. अब दूसरे ने जैसे ही डाला.

सब ने मुझे पकड़ लिया, और एक झटके में अंदर करने लगे. बुत पूरा नही गया. मैं मूह से लोड्‍ा निकाल कर बहुत तेज़ चीकने लगा.

मैं: नही नही, ये मत करो. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज़, आअहह.

स्विम्मिंग पूल हमारे रूम के पास ही था, और पूरा कवर होने की वजह से रूम में आवाज़ जाती है. तभी भैया बहुत तेज़ भागते हुए स्विम्मिंग पूल पर आए. तभी मामा ने दूसरा झटके के साथ लोड्‍ा अंदर कर दिया. अब मेरी गांद में 2 लोड थे.

भैया (गुस्से में): मामा ये क्या है! बीसी रांडी है क्या ये, जो 2 लोड घुसा रखे है? कुछ हो गया तो क्या करोगे?

मैं बहुत तेज़ भागते हुए भैया के पास गया.

मैं (रोते हुए): मैने बोला भी एक-एक करके कर लो.

हरप्रीत: कोई नही, तू भी आजा जस्सी. एक-एक करके गांद मार लेते है. अब खुश?

फिर मैने भैया का लोड्‍ा पकड़ लिया और पंत उतार के उनका लोड्‍ा चूसने लगा. अब सभी मेरी एक-एक करके गांद मारने लगे. ऐसे ही करते-करते सब एक-एक करके मेरे मूह पर अपना माल निकाल कर चले गये. नेक्स्ट दे तक सब ने मुझे छोड़-छोड़ कर पूरी रांड़ बना दिया था. अगले दिन की रात को सेक्स करते हुए.

मैं: हरप्रीत यार 2 लोड ट्राइ करे?

हरप्रीत: हम तो रेडी है, तेरे भैया से पूच ले.

भैया: मेरा लेगा तो करने दूँगा.

बस फिर क्या था, भैया और हरप्रीत ने मेरी गांद में लोड डाल दिए. पहले तो बहुत दर्द हुआ, बहुत सारा लूब्रिकॅंट लगने के बाद भी. फिर धीरे-धीरे झटके देने से दर्द 10 मिनिट बाद नॉर्मल हो गया.

फिर क्या था, सब ने दो-दो करके मेरी गांद मारना स्टार्ट करा. वो रात हमारी रिज़ॉर्ट में लास्ट नाइट थी. नेक्स्ट मॉर्निंग सब ने निकालने से पहले फिरसे बाल्कनी में अपने लोड़ों के साथ मेरी गांद का भोंसड़ा बना दिया.

घर आने के बाद सभी मामा अपने-अपने घर चले गये. लेकिन अब भैया को जब टाइम मिलता है तब ही गांद मार लेते है.

बहुत बार तो मैं मम्मी को बोल कर भैया के पास नाइट में भी रुक जाता हू. लास्ट कुछ मंत्स से भैया की वाइफ आई हुई थी, इसलिए जाना नही हो रहा था. बुत कल भैया की वाइफ के जाने के बाद आज जब मैं ये स्टोरी लिख रहा था, उससे पहले ही मैने अपनी गांद की खुजली मिताई है.

तो कैसी लगी मेरी स्टोरी दोस्तों, मैल करके ज़रूर बताना.

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