फ्रेंड की मों को सिड्यूस करके तबाद-तोड़ सेक्स किया

हेलो दोस्तों, मेरा नाम रीना है, और मेरी उमर 21 है. मैं आमेडबॅड से हू. अगर कोई लेज़्बीयन है, और अगर लेज़्बीयन सेक्स में इंट्रेस्टेड हो, तो मैल या फीडबॅक ज़रूर देना. और लेज़्बीयन गर्ल्स बेफिकर होके मेसेज कर सकती है. पिछली स्टोरी पर कोई फीडबॅक ही नही मिला है, तो इस कहानी पर फीडबॅक ज़रूर देना. एमाइल ईद है क्राज़्ीबल्ल893@गमाल.कॉम.

इस स्टोरी में आप पढ़ोगे की कैसे मैने मेरी फ्रेंड की मों को सिड्यूस किया, और फिर हमने तबाद-तोड़ सेक्स किया. मेरी फ्रेंड का नाम जिया है, और उसकी मों का नाम ममता है. ममता आंटी की उमर 39-40 होगी, और उनके फिगर के बारे में क्या ही बतौ, फुल कर्वी बदन है.

बूब्स इतने रसीले लगते है, की क्या बतौ. बस ब्रा से बाहर निकलते ही लटकने लग जाए. उनकी गांद उभरी हुई है. पता नही कितनो से चुडवाई होगी. और उनका फिगर बड़ा ही मस्त है. वैसे ये बात तब की है, जब मैं कॉलेज के 3र्ड एअर में थी.

वाहा मेरी जान-पहचान जिया से हुई. हम एक ही क्लास में थे, तो धीरे-धीरे हमारी दोस्ती भी बहुत गहरी हो गयी. उसका मेरे घर और मेरा उसके घर आना-जाना लगा रहता था. मैं उसकी मों की बहुत तारीफ किया करती थी. जिया को पता नही था की मैं एक लेज़्बीयन हू. और ममता आंटी को हिंट देती रहती थी.

अब एक दिन जब हम कॉलेज ख़तम करके जिया के घर गये. तो उसकी मों थोड़ी उदास लग रही थी. जिया तो नहाने के लिए बातरूम चली गयी, पर मैं ये मौका देख कर ममता आंटी के पास गयी और पूछा-

मे: क्या हुआ, आज आप बड़ी उदास लग रही हो?

ममता: नही कुछ नही हुआ है. बस ऐसे ही.

मे: नही बोलिए ना. मुझे आप उदास लग रही हो. क्या बात है, आप मुझे बता सकती है.

ममता: ह्म, वो मुझे वमेन्स’ प्राब्लम हुई है.

मे: वमेन्स’ प्राब्लम मतलब आंटी? आपको कही चोट लगी है? या सर दर्द कर रहा है काम की वजह से, या कुछ और?

ममता: अर्रे नही, वमेन्स’ प्राब्लम नही समझती? मतलब पीरियड्स आए है मुझे, उसका दर्द है. इसलिए मूड खराब है.

मे: ऑश, कोई नही आंटी. आप टॅबलेट ले लीजिए आपका दर्द चला जायगा. वैसे आप की वो भीग गयी होगी.

ममता: क्या भीग गयी होगी?

मे: छूट आपकी.

ये सुनते ही आंटी थोड़ी चौंक गयी, और कुछ नही बोली. फिर मैने उनकी चुप्पी तोड़ते हुए पूछा-

मे: क्या हुआ, आप कुछ बोल नही रही है.

ममता: क्या ही बोलू मैं?

फिर मैं धीरे-धीरे उनके करीब आई, और उनकी जांग पर हाथ रख दिया. वो थोड़ी साइड हटती, पर मैं इस बार मौका गवाना नही चाहती थी. इसलिए मैं और करीब गयी और बोली-

मे: मैं जानती हो आंटी आप बहुत उदास है. आप मुझे मौका दीजिए, मैं आपको खुश कर दूँगी.

फिर दूसरा हाथ उनकी क्लीवेज पर रख दी, और सहलाने लगी.

ममता: अर्रे ये क्या कर रही हो? छ्चोढो मुझे, ये ठीक नही है, प्लीज़ छ्चोढो मुझे.

मैं आज हाथ आया मौका गवाना नही चाही थी, इसलिए मैं नही रुकी, और आयेज बढ़ी, और आंटी को कहा-

मे: आंटी आप मुझे बहुत अची लगती हो. एक बार मौका दीजिए, पूरा खुश कर दूँगी. बस एक बार.

और ये बोलते ही मैं सीधा आंटी को किस करने लगी. पुर 5-6 मिनिट तक आंटी को लीप लॉक करके रखा था, और फिर आंटी भी धीरे-धीरे नॉर्मल होने लगी. वो अपना मूह खोलने लगी ह अहह.

मे: श आंटी, क्या माल हो तुम, बहुत सुंदर लगती हो मुझे. जब से देखा है तुमको, तब से प्यार हो गया है. हमेशा तुम्हारे बारे में ही सोचती रहती हू. आज मैं आपको खा जौंगी. कही से भी नही छ्चोधूंगी. श मेरे रंडी आंटी, क्या माल हो तुम आहह मज़ा ही आ गया.

ममता: तो मैं तुम्हे माल लगती हू हा? तुम्हे लड़के नही लड़कियाँ पसंद है? ठीक है कोई बात नही. मैं भी नही छ्चोधूंगी तुमको, मेरी छूट चत्वौुनगी.

मैं ये सुनते ही खुश हो गयी, की मेरी आंटी भी कितनी बड़ी रॅंड थी. उसकी छूट में भी खुजली चढ़ि थी. आज बहुत मज़ा आने वाला था. बहुत तबाद-तोड़ चुदाई होने वाली थी. मैने आंटी के बाल पड़के, और उनको किस करने लगी अहह ओह.

मे: ऑश आंटी, कितने रसीले होंठ है तुम्हारे, मज़ा ही आ गया. आ मेरी रंडी, आज तुझे कही का नही छ्चोधूंगी. आज तेरे पीरियड्स ने जितना खून नही निकाला है, उससे ज़्यादा मैं तेरी छूट चाट के खून निकालूंगी. आज तेरी छूट का भोंसड़ा बना दूँगी.

ये स्टोरी लिखते हुए मेरी छूट 1 बार झाड़ गयी है. स्टोरी ख़तम होने तक पता नही कितनी बार झाड़ जौंगी आह.

ममता: आह, हा ऐसे ही करती रहो. बहुत मस्त हो तुम.

तुम्हारे होंठ बहुत मस्त गुलाबी है. लाओ मुझे दे दो इन होंठो को. आह बहुत खुजली चढ़ि है. प्रिया के पापा अब छोड़ते ही नही है. मुझे पहले पता होता की तुम्हे मैं पसंद हू, तो पहले ही छूट चटवा लेती.

मे: पहले का छ्चोढो, अभी का सोचो. आज तो मैं तुझे नंगा करके बेड पर लिटा के छूट फाड़ दूँगी. आ मदारचोड़ साली रंडी.

ममता: पता नही क्यूँ बुत तुम्हारे मूह से गाली सुन के बहुत मज़ा आ रहा है. और दो गाली डार्लिंग. तुम्हारा कोई ब्फ नही है क्या?

मे: नही है. अब से तू ही मेरी गर्लफ्रेंड और पर्सनल स्लट रंडी है समझी. अब से मैं जब चाहूँगी तुझे छोड़ूँगी, और तेरी छूट का रस्स निकालूंगी. आज तेरी ही छूट के पानी की छाई बनाएँगे.

ममता: ह, तुम कितनी डॉमैनेटिंग हो. इतना डॉमिनेट तो मेरे हज़्बेंड ने भी आज तक नही किया है मुझको. और करो, मेरे बूब्स चूसो.

फिर मैं ममता के बूब्स चूसने लगी. आहह कितने रसीले बूब्स थे. कभी उसके निपल्स चूस्टी, तो कभी उसके गले पर किस करती. उसकी बूब्स के निपल्स को इतना ज़ोर से पिंच किया की उसकी ह निकल गयी. मैने उसके मूह पर हाथ रख दिया, और चूसने लगी ह ऑश.

ममता: अहह काटो मत यार, दर्द होता है. मेरी बेटी सुन लेगी. वो यहा पर ही है भूलो मत अहह.

फिर मैने कहा: ठीक है, उसके जाने के बाद तेरी आवाज़ पूरा मोहल्ला सुनेगा आ. फिर जिया नहा के निकल रही थी, और हमने दरवाज़े की आवाज़ सुनी. तो हमने अपने आप को ठीक किया, और ममता आंटी अपने काम के लिए किचन में चली गयी.

अभी के लिए इतना ही, आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. दोस्तों अगली कहानी के लिए फीडबॅक ज़रूर देना. बाइ, गुड नाइट, थॅंक योउ वेरी मच.

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