पिछले पार्ट मे अपने पढ़ा की चाचजी ने मुझे एलेक्षन लड़ने को कहा.
अब आयेज…
चाचजी का इतना बड़ा स्मराज्या मेरे हाथो मे था. टेन्षन तो थी पर मेरे पास 2 चिकनी मादक जिस्म वाली पर्सनल रंडिया भी तो थी मेरी. जो जब मॅन करे मेरा लंड चूस कर या फिर अपनी कसी हुई फाक मे मेरा लंड लेके मुझे खुश रखती थी.
घग्रा चोली मे उनके मादक जिस्म मेरे लंड और खून दोनो गरम कर देते थे. इसीलिए मई भी अब पहले से दुगना हरामी और हवस का पुजारी बन चुका था. कितनी बार मा या चाची सुबह सुबह कुऊए से पानी खिचने जाती तो उनको वही छोड़ देता था.
सुबह सुबह वो 5-6 पानी के मटके सर पर रख कर लाती और उनकी कसी हुई गुलाबी चिकनी छूट मे मेरा वीरये भरा होता था. यूयेसेस दिन सुबह सुबह कुऊए से खिच कर पानी लाते हुए.
मा- दीदी आप पकड़ लो ना पानी मेरी तो जान निकल रही है.
चाची- अरे तुझे क्या हुआ आज?
मा- (शरमाते हुए) आपको पता तो है, मई कुऊए से पानी खिच कर निकल रही थी तभी सुनील आ गया.
चाची- फिर…?
मा- (शरमाते हुए) क्या दीदी तुम भी.
चाची- अरे बता ना मेरी जान.
मा- (शरमाते हुए) फिर क्या था, मेरी कमर पकड़ कर वी नोच ली फिर मेरी चोली मे मेरे चुचे खिच कर बाहर निकल लिए और चोली फाड़ कर फेक दी. 10 मिनिट्स तक मेरे निपल से सा दूध निचोड़ दिया और वही ज़मीन पर पटक कर छोड़ दिया मुझे. हुहह हुहह कसम से दीदी मेरा पानी निकल गया जान निकल दी उसने मेरी पूरी.
चाची- तूने तो सुबह सुबह ही मज़ा कर लिया.
मा- (शर्मा कर मुस्कुराते हुए) अब तो पूरा शैतान हो गया है वो, मुझे निचोड़ डाला पूरा. अब तुम मेरी मदद करो.
चाची ने मा से आधा पानी ले लिया और दोनो चलने लगी और बाते करने लगी.
मा- दीदी मई देख रही हू तुम्हे आज कल. बहोट गहरी चोली पहनती हो आज कल और तुमहरा घग्रा भी नाभि से बहोट नीचे आ रहा है.
चाची – (शरमाते हुए) अब क्या करू हुमारे जवान पति की यही मर्ज़ी है. एक बार मेरी चोली मे से निपल भर आ गया था, बस तभी से उसका ऑर्डर आ गया की चोली और गहरी पहना करू.
मा- तभी तो आपके चुचो को निचोड़ निचोड़ कर और भी मोटा कर दिया. अब तो और भी मादक लगती हो.
चाची मुस्कुराने लगी.
मा- क्या बात है चाची तुम्हारी कमर और पेट बहोट मुलयूं और चिकनी हो गयी है, जवानी चॅड रही है तुम्हे.
चाची शर्मा गयी.
उधर डोफेर को चौधरी अपनी बीवी के साथ हुमारे घर आया. मतलब चाचजी की कोठी जो अब मेरी हो चुकी थी.
अब दुश्मन का भी घर मे वेलकम तो करना ही पड़ता है. खेर बाते हुई और खाना भी फिर भर आ गये और बाते करने लगे. चौधरी ने अपना रोब दिखाने के लिए अपनी 30-35 साल की यूयेसेस बीवी को अपने परो मे बिता लिया और पेर डबवाने लगा.
चाची- क्यू छ्होटे प्रधान इश्स बार तो चाचा नही है तेरा तू तो गया.
तभी मैने अपनी दोनो बीवियो को आवाज़ लगाई. दोनो आ गयी. गत्री का दूध जैसा एकद्ूम गोरा मादक जिस्म घग्रा चोली मे देख कर चौधरी का लंड और दिमाग़ दोनो हिल गये. उसके साथ के लोग भी मा को देख कर लंड मसालने लगे.
चौधरी कुत्ते की तरह मा का जिस्म घूर्ने लगा उउम्म्म्ममम. गत्री का दूध जैसा गोरा जिस्म, उसका मुलयूं पेट..चिकनी पतली कमर उउफ्फ. दूध से भरे उसके चुचे और चोली मे चमकती हुई निपल की गोली. बस अब तो प्रधान का लंड पानी छ्चोड़ देगा. और तभी चाची भी आ गयी उसका भी मादक जिस्म और चोली मे आधे भर निकले चुचे और मोटी गांद वो देखता रह गया.
चाची मेरे परो मे बेत गयी और पेर दबाने लगी और गत्री को खिच कर मैने अपनी झांग पर बिता लिया. और उसकी चिकनी कमर नोच कर और उसकी मुलयूं दूध से भारी च्चती पर हाथ मसालने लगा.
मा- आहहुहह…हुहह..हुहह..
चौधरी का मूह खुला रह गया और राल टपकने लगी.
मई- क्या हुआ चौधरी खा खो गया. हम तेरे से हर चीज़ मे आयेज है. पैसो मे भी, ज़मीन मे भी और…
तभी मैने मा की चोली मे हाथ घुसा दिया और उसका चुचा भीच दिया
मा- आआहहूूच्च…हुहह..हुहह..हुहह..
मई- और लुगाई मे भी. तो अपनी जीत तू भूल जेया.
मा का चुचा चौधरी के सामने भीच कर मैने उकसा मुलयूं पेट भी नोच लिया.
मई- क्या देख रहा है चौधरी, मेरा माल है ये. देखा क्या चिकना माल है. दिन मे 2 बार अपना दूध पीलती है ये मुझे और फिर रात दिन इसको पटक पटक कर छोड़ कर इसकी कसी हुई गुलाबी छूट का पानी निकल देता हू. लंड को बेत्ने ही नही देती एसी चिकनी माल है ये.
ऐसी चिकनी माल और कोई नही थी इश्स गाओ मे. चौधरी सच मे साँझ गया की वो जितना सोच रहा था उससे बड़ा हरामी हू मई. गत्री जैसी चिकनी मादक औरत को अपनी झांग पर बिता कर मई मज़े ले रहा था. वो साँझ गया की ये शरीफ नही है.
तभी मा मेरा लंड उसके सामने मसालने लगी.
मा- चलिए ना अब, आपके आराम का टाइम हो गया. आपको सुला देती हू.
मेरा खड़ा होता हुआ मोटा लंड जीन्स मे चौधरी की बीवी घूर्ने लगी.
मई- देखा चौधरी कैसे तड़प रही है, अभी देख फिर से इसकी गुलाबी छूट का कैसे भोसड़ा बनउगा.
चाची- कुछ भी करले तू जीत तो मेरी ही होगी.
और वो परेशान होके चला गया और मई मुस्कुराने लगा बेचारा जेलासी मे चला गया किलस कर. मई जनता था गत्री का ये जिस्म उसको मेरे पास वापस लेके आएगा. अलगे दिन वही हुआ. मा के जिस्म की तड़प लेके चौधरी मेरे पास आ चुका था.
चाची- मान गया तुझे लोंडे, क्या माल है तेरे पास. कसम से कल मेरे लंड का पानी निकल ही जाता.
मई- क्या चौधरी तुम भी मेरे दुश्मन होके.
चाची- अरे क्या दुश्मन यार, मेरी बात सुनेगा ज़रा.
मई- सूनाओ?
कुछ देर बाद.
मई- क्या प्रधान जी मेरे ही माल पर नज़र.
चाची- अरे सुनील यार, ये लंड की भूक का लिलाज़ तो करना पड़ेगा ना. और तू टेन्षन ना ले. तू ही इश्स गाओ का प्रधान बनियो और मई बराबर वाले गाओ का बन जौंगा, पर ज़रा इश्स गत्री का जिस्म एक बार…
गत्री और भी ज़्यादा मादक बन चुकी थी और अब मई उसको ऐसे चौड़री के साथ भेजने के मूड मे नही था. पर बात ये भी थी की अब मुझे अपना एंपाइयर बड़ा करना था. इश्स गाओ का प्रधान बनके मई अपने घर की सभी मादक औरतो को अपनी रंडी भी बनाना चाहता था.
उसमे मेरी गीता मोसी और सुमन मामी भी थी. मई चाहता था की ये दोनो गाओ मे मेरी गत्री और चाची की तरह बीवी बनके रहे और मेरी सेवा करे. गीता का जिम वाला क्सा हुआ जिस्म और मामी का मुलयूं जिस्म दोनो मेरे लंड के नीचे हो.
मई चाहता था ये दोनो अपने घर को हुमेशा के लिए छ्चोड़ कर मेरे साथ गाओ मे मेरी सेवा करे और मेरा बिस्तर गरम करे. और इसके लिए मई किसी भी ह्ड्ड तक जाने को त्यार था. जबसे चाचजी ने मुझे अपनी प्रधान की पवर मुझे दी थी मेरा दिमाग़ चलने लगा था.
अब मैने सोच लिया था. इश्स खानदान की हर मादक औरत मेरे बिस्तर की रंडी होगी और इश्स गाओ पर भी मेरा राज होगा. मा और चाची हवस और पवर की ये भूक मेरी साँझ गयी थी. और वो तो पहले ही मेरी हो चुकी थी. मा साँझ गयी की मई अब उसकी बहें मतलब गीता को लेने जेया रहा हू और शायद लेके ही अओ.
तो उन्होने पहले ही गीता को फोन कर दिया और बता दिया.
मा- इश्स बार बहोट हवस मे है वो तुझे लेके जाएगा.
गीता- कोई बात नही दीदी मज़ा आएगा.
मा- अरे पागल तुझे अपनी बीवी बनाने आ रहा है.
तो मैने गीता को पकड़ना की सोची. गीता मोसी बहोट जवान थी और मेरे से चुड चुकी थी पर अब मुझे अपनी पर्सनल रंडी बनाना था उसको और मई उसकी फोटो चौड़री को दिखाई.
मई- ये कैसी रहेगी?
चाची- अरे भेंचोड़ क्या पीस है उउम्म्म्मम. साली का क्या कसा हुआ जिस्म है!
मई- चौधरी ये सब मेरे बिस्तर की रंडी. अगर तू चाहता है तो.
चाची- बिल्कुल यार ये कोई पूछने की बात है. उमर मे तू मेरे से छ्होटा है पर बहोट हरामी है तू.
मई- वो तो मई हू पर मई तुझे ये सब दूँगा और मुझे क्या मिलेगा?
चाची- क्या चाहिए तुझे?
मई- देख तू दूसरे गाओ का प्रधान बानिया और मई इश्स गाओ का. और दोनो एक दूसरे के रास्ते मे नही आएँगे.
चाची- मंजूउर है. यार सुनील एक काम कर्दे यार.
मई- अब क्या हुआ चौधरी साब?
चाची- यार अपनी यूयेसेस लुगाई को दिखा दे, जबसे देखा है ना लंड बेत ही ना रहा, एक बार मूठ मार लू उसको देख कर जो मॅन हल्का हो जाएगा.
मई हासणे लगा, चल प्रधान की ये इचा पूरी कर डू. मैने गत्री को आवाज़ लगाई और घग्रा चोली मे उउम्म्म्म. उसका गोरा मुलयूं पेट पूरा सॉफ और चोली मे दूध मे भरे चुचे आधे बाहर निकले हुए. और चिकनी नंगी कमर के साथ गत्री गांद मतकती हुई मेरे पास आके सिर झुका कर खड़ी हो गयी.
मा- जी बोलिए..
चौधरी मा का जिस्म घूर्ने लगा और उसके मूह से राल टपकने लगी. मैने मा की नंगी कमर को नोच कर मसला और गांद पर थप्पड़ दे मारा कचाआत्त्ताआआआक्कक…
मा- आअहहूूच..हुहह..हुहह..हुहह..हुहह..
मा को खिच कर मैने अपनी गोदी मे बिता लिया. और उसकी च्चती मसालने लगा. मा शर्मा गयी और तेज सास लेने चढ़री के सामने.
मई- चौधरी साब तेरे दीवाने हो गये. बोल रहे थे तेरे जैसी मादक औरत आज तक नही देखी, जब से तुझे देखा है उनका लंड खड़ा ही है.
अपनी इतनी तारीफ सुन्न कर गत्री शर्मा गयी और मूह झुका लिया.
चौधरी हुमारे सामने लंड मसल रहा था. उसको देखते हुए मैने गत्री का एक चुचा बाहर निकल दिया उउम्म्म्ममम. गत्री का दूध से भरा वो गोरा चुचे देखते ही चौधरी ने अपना लंड भीच दिया.
चाची- आहहाहहा..आभेंचोड़….आआआआवउम्म्म्ममममममममम…
और उसके पाजामा मे ही उसके लंड का पानी निकल गया.
चाची- हुहह…हुहह…हुहह… सुनील बहोट मादक चीज़ है ये. एक ना एक दिन छ्चोड़ूँगा साली को.
चौधरी कुछ देर बाद चला गया. और गत्री मेरा लंड मसालते हुए बोली-
मा- सुनिए ना..
मई- बोल मेरी जान?