एक छोटी सी फ़क स्टोरी

फ़िर हम सो गये, उसके अगले दिन एकदास की छुट्टी थी इसलिये मैं घर में ही था। तब दोपहर के १२.३० बजे मम्मी और मेरा छोटा भाई (उमर में २ साल छोटा) बाज़ार के लिये गये थे और डैडी ड्युटी पे गये थे। उस वक्त घर में कोई भी नहीं था इसलिये मैं कंप्यूटर पे एक स्टोरी पढ़ने लगा (बहन के साथ चूदाई की स्टोरी थी) पढ़ते समय मुझे कुछ खाने का मन किया इसलिये मैं चाय बनाने के लिये अंदर (किचन) चला गया तो उसी वक्त पाटिल मामी आयी, और उन्होने मम्मी को हांक मारी तो मैने अंदर से ही मम्मी बाज़ार गयी है ऐसा कहकर उन्हे चाय के लिये रुकने को कहा। तब वे मेरे कम्प्यूटर के पास आकर वो कहानी पढ़ने लगी। और जब मैं चाय लेकर आया तो वो हिचकिचा गयी और ऐसा बीहेव किया कि उन्होने उसे पढ़ा ही न हो।

फिर हम ने चाय पी तब मैं टीवी देखने लगे और मामी को टी वी देखने के लिये कहा और मैं कप धोने के लिये अंदर चला गया तब मैने उनके कप में थोड़ी सी बची हुई चाय डालकर पी ली तो मानो चाय नहीं मैं उनके बूब्स का दूध ही पी रहा हूं ऐसा मुझे एहसास हुआ। और मैं जान बुझ कर बाहर जाने के लिये देर करता रहा क्योंकि मामी टीवी नहीं देख रही थी, बल्की वो तो उस कहानी को ध्यान से पढ़ रही थी इसलिये मैं देर करता रहा फिर मैं २५ मिनट के बाद बाहर आया तो उन्होने वो कहानी पढ़कर खत्म कर ली थी। और उनका चेहरा खुश नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि उनको ऐसी कहानियां और पढ़नी थी लेकिन उनको कोम्पुटर के बारे में कुछ भी पता नहीं था इसलिये उन्हे दूसरी कहानी ओपन करनी नहीं आयी।

यह कहानी भी पड़े  नंगी बहन देख कर भाई-बहन में हुआ कांड

फिर वो अपने घर चली गयी। जब मैं उस रात को उनके घर सोने के लिये चला गया तो हम बिस्तर लगाके सोने लगे तो मामी ने कहा कि तुम मुझे जैसे लगते हो वैसे तो तुम हो नहीं। तो मैंने कहा क्या मतलब तो मामी ने कहा कि तुम कंप्यूटर पे क्या पढ़ रहे थे तो मैं बोला कि वो, वो तो मेरे दोस्त ने मुझे एक वेब साईट बताई और उसमें से उस कहानी को पढ़ने के लिये कही लेकिन मैने तो इसे पढ़ी तक नहीं क्या आपने पढ़ी है क्या? तो मामी बोली तभी तो तुम ऐसे कैसे कर सकते हो फ़िर मैने पूछा कि क्या आपने ये कहानी पढ़ी है तो मामी बोली कि हां लेकिन तुम मत पढ़ना बहुत बेकार कहानियां है ये।

तब मैने कहा अच्छा फिर हम सोने लगे लेकिन मामी को उस कहानी को पढ़ने से नींद नहीं आ रही थी। थोड़ी देर के मैने सोने का नाटक किया क्योंकि मुझे मालुम था कि आज कुछ न कुछ होने वाला है। फिर उसी मुताबिक ही हुआ मामी ने हल्के से मेरे सीने पे हाथ रखा और फिर ५ मिनट के बाद उन्होने अपना हाथ मेरे लंड के पास लाया और चुपचाप रह गयी फिर ५-१०मिनट के बाद उन्होने हल्के से उठ कर मेरे गाल पे किस किया तो मेरा लंड टाइट हो के तैयारी में था अचानक मैं हिल गया क्योंकि उनका हाथ मेरे लंड पे था और मैं हिल नहीं जाता हो मेरा लंड टाइट हो गया है ये उनको मालुम हो जाता और वो समझ जाती कि मैं सो नहीं रहा हूं। फिर थोड़ी देर के बाद मामी ने मेरे लिप्स पे अपने लिप्स रखकर हल्के से किस करने लगी तो मैने अचानक अपनी दोनो आंखें खोली तो मामी शरमा कर बाजु हट गयी। तब मैं मामी के गाल पे मेरा हाथ रखकर उनके गाल पे फेरने लगा।

यह कहानी भी पड़े  सुहागरात पर पति ने शांत की मेरी अन्तर्वासना

Pages: 1 2 3 4 5 6



error: Content is protected !!