दुल्हन बनी बहन के भाई से चूड़ने की कहानी

ही फ्रेंड्स, लास्ट स्टोरी में आपने देखा की मों साथ में बाहर घूमने आने को माना कर देती है, और इस बात से मैं नाराज़ हो जाता हू. अब आयेज-

मैं तोड़ा नाराज़ होने की आक्टिंग करके अपने रूम में चला गया, और दी भी अपने काम में जुट गयी. मुझे कब नींद आ गयी पता ही नही चला.

लाते आफ्टरनून मैं सो रहा था, और दी मेरे कमरे में आई.

दी: अब उठ भी जेया, मों जेया चुकी है. हमे जल्दी से करना होगा. मैं रेडी होती हू, तुम आधे घंटे में उपर आ जाना.

मे: ओक दी.

दी: एक बात बता, अपने घर के मैं डोर की कोई और चाबी तो नही है ना मों के पास?

मे: शायद नही होगी. क्यूँ, क्या हुआ?

दी: गुड, क्यूंकी मैं रिस्क नही लेना चाहती इस बार. मैने मों के पर्स से ड्यूप्लिकेट चाबी को निकाल दिया है, जिससे अगर उसकी पार्टी कॅन्सल हो, या जल्दी ख़तम हो, तो ये चाबी से वो सीधे अंदर ना आ पाए. (और उसने वो चाबी मुझे पकड़ाय)

दी: ये चाबी तू कही मों के बेडरूम में ड्रॉयर में, या बिस्तर की नीचे च्छूपा दे. ताकि मों को लगे की उसने ग़लती से वाहा रखी थी. और तू जल्दी से रेडी हो कर मेसेज मिलने पर उपर आ जाना. अधूरा काम जो पूरा करना है.

मे: ओक दी. (और मैं चाबी को सही जगह सेट करके, दी के मेसेज का इंतेज़ार करने लगा. ) कुछ मिनिट्स बाद मुझे दी का मेसेज आया-

दी: भाई, अब कुछ देर में मैं किसी और की दुल्हन होने जेया रही हू. शायद हमारा ये नया रीलेशन का सफ़र यही तक था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना.

मे (मुझे लगा की दी वो लास्ट शादी वाली ग़मे खेलना चाहती है): ऐसा मत बोलो अनु दी. तुम हमेशा से मेरी हो, और मेरी ही रहोगी. कोई हमे जुड़ा नही कर सकता.

दी: पर कुछ ही वक़्त के बाद मैं तेरे जीजू की हो जौंगी.

मे: दी, ये तो दस्तूर है ज़माने का. की एक ना एक दिन लड़की को अपने ससुराल जाना ही पड़ता है. पर मैं तुम्हे जीजू की होने से पहले अपना बनाना चाहता हू.

दी: नही भाई, अब ये नही हो सकता. तुम मुझे भूल जाओ, यही अछा होगा.

मे: नही दी, ये तो इस जानम में मुमकिन नही. हमारे साथ बिताए वो पल, तुम्हारे गुलाबी होंठ, तुम्हारा मुलायम शरीर, तुम्हारा वो छुआ, ये सब मुझे कभी तुम्हे नही भूलने देंगे.

दी: लोवे योउ.

मे: लोवे योउ टू डार्लिंग. क्या मैं अपने लोवे को एक आखरी बार नही मिल सकता, अकेले में?

दी: पर कैसे? यहा तो सब लोगों से पूरा रूम भरा हुआ है.

मे: कुछ भी हो दी. मैं आज तुमसे मिल के ही रहुगा. कुछ सेट्टिंग करो ना दी, प्लीज़.

दी: मिलने का मॅन तो मेरा भी है, पर कैसे?

मे (कुछ देर बाद): दी, मैं चुपके से तुम्हारे कमरे में आ कर कर्टन के पीछे च्छूप गया हू. अब आयेज तुम देख लो.

दी: ठीक है.

और दी ने ये रिप्लाइ मुझे मेसेज करके कुछ देर बाद थोड़ी उँची आवाज़ में कहा-

दी: फ्रेंड्स, आप सब लोग कुछ देर के लिए मुझे अकेला छ्चोढ़ दीजिए. (कुछ देर बाद) तुम बाहर आ सकते हो, सब चले गये.

दी को देखा तो देखता ही रह गया. वही दुल्हन की ड्रेस में क्या मस्त माल लग रही थी. मैने जाते ही उसको पीछे से पकड़ लिया. वो आईने के सामने खड़ी थी.

दी: कैसी लग रही हू?

मे: बस शादी वाले गहनो को छ्चोढ़ कर सब कुछ वैसा ही है.

दी (तोड़ा सा हस्स कर): सब कुछ नही.

मे (फिरसे वही शादी वाला प्ले करते हुए): दी, प्लीज़ मुझे छ्चोढ़ कर मत जाओ.

दी: तुम समझा करो. हर लड़की को एक ना एक दिन अपने ससुराल जाना होता है?

मे: अगर वाहा जेया कर वो चीज़, वो सुख तुम्हे नही मिला, जिसकी तुम्हे चाहत है. वो नही मिला तो?

दी: तो, फिर वो मेरी किस्मत. मैं उसको अपने पिछले करमो का फल समझूंगी.

मे: नही दी, बिल्कुल नही. तुमको मैं ऑल्वेज़ खुश देखना चाहता हू. कल का मुझे पता नही, पर आज मैं तुमको सारी खुशिया देना चाहता हू.

दी: कैसे?

मे: ऐसे अनु डार्लिंग.

और मैने दी को घुमा के उसके रसीले लाइट पिंक लिपस्टिक वाले होंठो पर अपने होंठ रख दिए. मस्त स्ट्रॉबेरीस का स्वाद आ रहा था. दी भी साथ दे रही थी, और हम एक-दूसरे के जिस्म का मज़ा ले रहे थे.

दी: जल्दी करो भाई, हमारे पास ज़्यादा वक़्त नही है.

मे: ओक दी.

और मैने अनु की सलवार को नीचे करके उतार दिया.

दी: उपर का नही निकलोगे?

मे: नही, वरना दुल्हन को छोड़ने वाली फीलिंग नही आएगì.

और मैने दी को आयेज टेबल पर झुकाया, और नीचे बैठ कर दी की छूट पे से पेंटी को हटा कर उसकी छूट पे अपने होंठ रख दिए. दी मोन करने लगी. मैं भी अपनी ज़ुबान को अंदर-बाहर करते हुए उसकी छूट को अपनी ज़ुबान से छोड़ने लगा.

कभी दी की छूट के दाने को मूह में लेकर सक करता, तो कभी छूट के अंदर के मज़े लेता. जब दी आचे से गरम हो गयी, और उसकी छूट गीली हो गयी, तो दी ने कहा-

दी: जल्दी कर भाई, अब मत तडपा, और डाल दे जल्दी से अंदर. और तेरे जीजू से पहले तू मुझे अपनी दुल्हन बना ले. आ आ.

तो मैने फिरसे दी को टेबल के उपर झुका कर घोड़ी बनाते हुए अपने लंड को उसकी छूट की दीवार पे रखा, और उसको गोल-गोल घूमने लगा.

दी: भाई, तूने सुना क्या? लगता है मों दरवाज़ा खटखटा रही है?

मे: कोई बात नही.

दी: प्लीज़ भाई, जाने दो. अगर मों ने देख लिया तो अनर्थ हो जाएगा. और वो गाते की और जाने लगी.

मैने उसका हाथ पकड़ कर उसको वापस खींच कर घोड़ी बना दिया.

दी: जाने दो भाई, वरना मों गाते खोल देंगी.

मे: खोल लेने दो. आज कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हारी छूट लेके ही रहूँगा. अगर मों बीच में आई, तो उन्हे भी पटक के छोड़ दूँगा. आज एक ही दिन में, तुम दोनो मा-बेटी को छोड़ूँगा.

दी ने मेरी तरफ देख के थोड़ी आँखें निकली, पर कुछ बोली नही. और नैने मेरा खड़ा लंड दी की छूट में एंटर कर दिया. दी की छूट की दीवारो को चीरता हुआ लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया.

अगर सच में आज दी की शादी वाली ईव्निंग होती, तो शायद ये लंड इतना आसानी से नही जाता, पर दी की छूट की दीवारो को मेरे लंड ने ऑलरेडी खोल रखा था, तो आराम से अंदर चला गया.

दी: आ भाई, अब डाल ही दिया है तो रुकना मत. छोड़ दे आज अपनी दी को.

मैं लंड के धक्को को अंदर-बाहर करता रहा, और दी मोन करती हुई बोले जेया रही थी.

दी: आ आ भाई, मुझे पूरा अपना बना लो आज. मुझे लगा की आज मेरी 1स्ट्रीट नाइट तेरे जीजू के छ्होटे लंड से होगी. पर पता नही था की तेरे बड़े लंड से वो होगी. आ आ. सच बोलू, तो मैं भी चाहती थी, की आज मैं पहले तुझसे ही चड़वौ. आ पर वो मौका ही नही मिला. आ.

दी: अछा हुआ, तूने मों की चिंता ना करते हुए रिस्क लेकर अंदर डाल दिया. आ आ फक मे ब्रो! फक में हार्ड!

मे: एस मेरी दुल्हन.

दी: आ आ.

मे: दी, सपोज़ की मों अभी आ कर हमे इस हालत में देख लेती तो?

दी: वो ना देखे, इसलिए तो मैने कीस को च्छूपा दी थी.

मे: एस दी, रिस्क है तो इश्क़ है. बुत सपोज़ की मों आ जाए तो?

दी: अगर ऐसा होता है, तो दोनो की शामत आ जाएगी. आ आ (दी हर स्ट्रोकक पे मोन करती थी). वो शायद किसी को ना भी बताए, पर मैं तो माइज़ॉयर चली जाती. लेकिन तेरा रहना मुश्किल हो जाता. आ आ.

मे: सही कहा आप ने. पर अगर ऐसा होता तो पता है मैं क्या करता? मैं फिरसे रिस्क लेता.

दी: आ आ, क्या मतलब?

मे: जैसे आपके साथ लिया, वैसा ही मों के साथ.

दी: मतलब तू मों को भी छोड़ता क्या? तेरा दिमाग़ तो सही है ना? आ.

मे: वैसे तो सही था. पर जब से मों ने बताया के उसने जान-बूझ कर शादी के दिन हमारा सेक्स नही होने दिया, तब से मेरा दिमाग़ घूम गया. छूट का बदला छूट. मों ने अगर एक छूट को मुझसे छीना, तो दूसरी छूट वही तो देगी.

दी: और तुझे लगता है की मों इतनी आसानी से तुझे दे देंगी? आ आ.

मे: आसानी से तो तुम भी कहा देने वाली थी, पर दी ना तुमने. मों भी आख़िरकार एक औरत ही है. तुम सोचो, की शादी के कुछ ही सालों में तुम बड़े लंड के लिए प्यासी थी. तो फिर मों इतने सालों में कितनी प्यासी होंगी?

दी: इसका मतलब पापा का लंड भी उतना बड़ा नही. तूने देखा है क्या?

मे: मुझे नही पता. पर भले ही छ्होटा ना हो, पर जवान तो अब नही रहा होगा ना. और है तो तुम्हारी ही मों ना. वो भी तगड़े लंड की इक्चा रखती होगी.

दी: हे भगवान, क्या-क्या चलता है तेरे दिमाग़ में आ आ. मों जब आए, तब पूच लेना. अभी तो तू मुझ पर ध्यान दे आ आ. तेरा निकल ही नही रहा ना आ आ.

मे: ये तेरी छूट का जादू है बहना. मेरे लंड को छ्चोढ़ ही नही रही है.

दी: मैं तक गयी हू घोड़ी बन कर. कुछ देर के लिए निकाल इसको.

तो मैने लंड को बाहर निकाला. दी ने तोड़ा रिलॅक्स किया, और फिर वापस घोड़ी बन गयी. इस बार मैने, पास में पड़ी वॅसलीन की डिब्बी से तोड़ा निकाल के पहले मेरे लंड के उपर लगाया, और फिर दी की गांद के च्छेद में भर दिया.

दी कुछ समझ पाए, इससे पहले मैने अपने लंड को उसकी गांद पे दबाना शुरू किया. वो झटपटाने लगी. मैने कोई परवाह ना करते हुए अपने लंड को दी की गांद में डालना शुरू किया. आधा लंड अंदर चला गया, और दी झटपटा रही थी. उसने अपने होंठ भींच रखे थे.

मे: मुझे लगा की, तुम मुझे माना कर डोगी, और बाहर निकालने को बोलॉगी.

दी (तोड़ा कराहते हुए): मैं वॅसलीन की डिब्बी देख कर ही तेरा इरादा भाँप गयी थी. पर मैने सुना था की गांद में लेते टाइम पहले तोड़ा दर्द होता है, पर बाद में मज़ा आता है. तो मैं भी इसको से गयी.

मे: ओह, लोवे योउ दी. तुम वर्ल्ड की सबसे अची औरत हो सेक्स के मामले में.

और मैने बाकी का लंड अंदर डालना चाहा, तो दी के मूह से चीख निकल गयी. इससे मैं दर्र गया.

दी: निकाल दे भाई. बहुत दर्द हो रहा है. जलन हो रही है. निकाल दे इसको.

तो मैने लंड निकाल दिया, और दी को कंफर्टबल करने के लिए उसके बूब्स को सहलाने लगा. मैं उसको स्मूच करने लगा.

दी: भाई, अब जल्दी से पूरा करो. मों आती ही होंगी.

मे: ठीक है दी.

और मैने वापस उसकी छूट में लंड डाल कर घपा-घाप धक्के मारने चालू किए. फिर कुछ टाइम बाद मैने मेरे लंड के रस्स से उसकी छूट को भर दिया. फिर हम दोनो वही बेड के उपर तक के घिर पड़े. मैं दी के बूब्स को सहलाने लगा.

मे: दी, आपको याद है ना, मैने आप से 2 विशस के बारे में बताया था.

दी: हा, तेरी पहली विश तो आज पूरी हो गयी, और तू दूसरी बताने वाला था आज.

मे: एस दी, सही कहा तुमने.

दी: एक मिनिट, जैसा की तू अभी बोल रहा था तेरी दूसरी विश मों के साथ सेक्स करने की तो नही है ना? और तू चाहता है की मैं उसमे तेरी हेल्प करू.

मे: नही दी, वो तो बस ऐसे ही बोल दिया था. मुझे तुम्हारी हेल्प तो चाहिए, पर मों को नही, किसी और को छोड़ने के लिए.

दी: किसको?

मे: मेरी दूसरी दीदी को. तुम्हारी…

दी (मेरी बात को बीच में काट-ते हुए): क्या! तुम छ्होटी को छोड़ना चाहते हो? अर्रे वो तो अभी कुवारि होगी. जब एक दी की छूट मार चुके हो, अब दूसरी दी की वर्जिन छूट चाहिए?

मे: दी, पहले मेरी बात तो सुनो. मैं छ्होटी की नही, सीमा दी की बात कर रहा हू. तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड सीमा म्य्नन.

दी (तोड़ा रिलॅक्स होते हुए): अछा तुम सीमा की बात कर रहे थे. मुझे लगा की तुम छ्होटी की लेना चाहते हो.

मे: प्लीज़ दी, आप कुछ जुगाड़ करके दिला दो उसकी. तुम्हे पता है मैने सबसे पहले मूठ जिसपे मारी थी, उसको छोड़ना चाहता हू. मैं कब से उसके बड़े बूब्स और बड़ी गांद का दीवाना हू. ई बॅड्ली वॉंट तो फक सीमा.

दी: ह्म, मैं प्रॉमिस तो नही करती, पर हा मैं ट्राइ ज़रूर करूँगी. क्या पता, उसको भी शायद बड़ा लंड चाहिए हो तो? मैं तुझे बाद में बताती हू.

मे: थॅंक्स आ लॉट दी.

फिर हम नहा कर नीचे आए, और वापस अपनी फॅमिली लाइफ में जाय्न हो गये. आधे पौने घंटे बाद मों ने दरवाज़ा खटखटाया.

मों: सॉरी बेटा, पता नही मेरी चाबी कहा गुम हो गयी.

मे: डॉन’त वरी मों. मिल जाएगी, यही कही गिर गयी होगी. वैसे भी चाबी ही तो है. ऐसा कौन सा सीक्रेट है हमारे घर में, जो कोई उसको देख लेगा.

इस बात पे मैं, मों, दी हम तीनो हासणे लगे. फिर खाना खा के हम सो गये. दी पूरी रात सो रही थी. दूसरे दिन सुबा दी किचन में गयी.

दी: क्या टाइम हुआ मों?

मों: 11 बजे है.

दी: 11? मैं अब तक सोती रही.

मों: तुम कल डिन्नर करके सोने गयी. तो अब जेया कर उठी हो. लगता है की दामाद जी तुझे वाहा आचे से सोने नही देते, इसलिए तू कल इतने आचे से घोड़े बेच के सोई थी.

रिप्लाइ में दी ने हल्की सी स्माइल की. इस चुदाई के कुछ दिन बाद ही वो वाला कांड हुआ, की मैं च्चत पे मों के बुलाने पे कपड़े उतारने गया. और दी ने देसीकाहानी.नेट वाला सब देख लिया, और मुझसे नाराज़ हो गयी. और कुछ दीनो में वो वापस चली गयी.

फ्रेंड्स, कैसा लगा ये पार्ट ज़रूर बताईएएगा नीचे कॉमेंट्स में.

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