दुबई की फ्लाइट ने रंडी बनी

अब आयेज…

अब हम लोग चेक-इन काउंटर पे आ गये. हम सब ने चेक्किन किया और फिर अपना अपना लगेज सब ने जमा करवा दिया और फिर हम सब ने अपना बोर्डिंग पास भी ले लिया.

मेरे लिए ये सब 1स्ट्रीट टाइम था क्यूंकी मैने कभी इससे पहले फ्लाइट मैं ट्रॅवेल नही किया था. डोमेस्टिक तो किया ही नही था ये तो इंटरनॅशनल फ्लाइट जर्नी 1स्ट्रीट टाइम था.

हा मेरे पापा मुझे बताते थे इन सब के बारे में क्यूँ की वो कई बार इंटरनॅशनल फ्लाइट जर्नी कर चुके थे. फिर कुछ इंटरनेट के मध्यम से मैने जो रिसर्च किया था उसी से कुछ कुछ जानकारी थी की कैसे क्या होता है, बस इतना ही पता था. आंकों के सामने ये सब कभी देखा नही था मैने.

अपने देश से इतनी दूर वो भी अकेले पराए लोगों के साथ बस एक ही लालसा में की मैं एक अच्छी हेरोयिन बन जौन. यही सओख था मेरा इसलिए क्या क्या कर रही थी मैं घर परिवार से दूर हो कर.

खैर वो सब छ्चोड़िए आप सब स्टोरी एंजाय कीजिए.

हा तो हुमलोग बोर्डिंग पास ले लिए और अब बारी थी सेक्यूरिटी चेक्किन की. सब लोग उस प्रोसेस में लग गये मैं भी सारी वहाँ की स्टाफ मेंबर्ज़ और एरपोर्ट सेक्यूरिटी और माले फीमेल पॅसेंजर मुझसे ही देख रहे थे घूर घूर के. बिकॉज़ मेरा ड्रेस ही इतना ज़्यादा रफ था.

फीमेल सेक्यूरिटी चेक-इन ऑफीसर ने मुझे चेक करना स्टार्ट किया अच्छे से. सब कुछ हो गया कोई प्राब्लम नही हुई. अब बारी थी फाइनल और टफ प्रोसेस एमिग्रेशन की जो की सबसे ख़ास होता है इंटरनॅशनल ट्रॅवेलिंग में.

मैं बहुत नर्वस थी तो पाटिल सिर ने कहा क्या हुआ माही साद क्यूँ हो तुम? मैं दो कार्नो से साद थी एक तो दर्द और दूष्रा ये एमिग्रेशन का की क्या पूछेंगे क्या नही.

फिर पाटिल साहब ने बताया की माही टेन्षन मत लो कुछ ज़्यादा नही पूछेंगे सब नॉर्मल सा ही पूछेंगे और ये ये पूछेंगे बस बाकी हुमलोग हैं ही.

लाइन बाइ लाइन एमिग्रेशन स्टार्ट हो जाती है. सब की हो गयी हुमारे ग्रूप में अब मैं बची हुई थी. एमिग्रेशन ऑफीसर मुझे उपर से नीचे तक देखे ही जा रहा था और पता नही वो मेरे बारे में क्या क्या सोच रहा होगा.

फिर जब मैने उसे बताया की मैं एक आक्ट्रेस हूँ और एक फिल्म के सिलसिले में दुबई जा रही हूँ. तो फिर उसने ज़्यादा टॉर्छेर नही किया बस 6 से 7 क्वेस्चन किए और मैं आन्सर देती गयी. फिर उसने डन बोले दिया और मेरा पासपोर्ट पे स्टांप लगा कर मुझे दे दिया. अब सारा प्रोसेस कंप्लीट हो चुका था.

हम लोगों की फ्लाइट थी मुंबई तो दुबई ओमान एर की और डिपार्ट टाइमिंग था मॉर्निंग के 10:30 का. और उसको मसकॅट होते हुए दुबई लॅंड करना था आफ्टरनून के 15:35 तक यानी की लगभग हुमलोगों की जर्नी होने वाली थी 6 घंटे 30 मिनिट्स की.

ये एक कनेक्टिंग फ्लाइट थी डाइरेक्ट फ्लाइट नही थी. यानी की इसको मुंबई से मसकॅट जाना था और वहाँ पर मसकॅट में हम लोगों का लगभह 2 घंटे 30 मिनिट का लयओवेर यानी की (हॉल्ट) था. फिर दूसरी ओमान एर फ्लाइट को मसकॅट से टेकोफ करने के बाद दुबई लॅंड करना था 15:35 तक. तो ये था हम लोगों का पूरा शेदुले.

हम लोगों का बोर्डिंग गाते था ‘188 सी’ और अभी बोर्डिंग स्टार्ट होने में लगभग 1.5 घंटा बचा हुवा. सारे लोग बोर्डिंग गाते के पास ही बैठ गये.

पाटिल सिर ने मुझे अपने बगल में बैठने को बोला. बुत प्राब्लम ये थी की चेर वहाँ पर चारो साइड से लगी हुई थी. अगर मैं चेर पे बैठती तो सामने वाली रो में बैठे हुए पॅसेंजर्स को मेरी छूट दिख जाने का पूरा दर्र था.

पाटिल सिर की बात ना मानने का सवाल ही नही था ना चाहते हुए भी मुझे बैठना पड़ा. किसी तरह मैं हाथ को आयेज कर के ढकने का पर्यास कर रही थी. मेरे लेफ्ट में पाटिल सिर और रिघ्त में राकेश सिर बैठे हुए थे. बाकिओं को तो मेरे इस सीक्रेट का पता नही था की मैं पनटी नही पहनी हूँ. बस राकेश सिर ही जानते थे और वो समझ भी रहे थे बात को.

हन मैने आप सब को बोला था की मैं आयेज बतौँगी की कौन कौन ट्रॅवेल कर रहे थे तो जान लीजिए आप सभी..

ज.ज. पाटिल सिर (प्रोड्यूसर)
राकेश कुलकर्णी सिर (डाइरेक्टर)
पीयूष छाबदिया सिर (फोटोग्राफर)
सत्यम खुराना (फिल्म राइटर)
मुकेश सिंघल (ज.ज. पाटिल सिर के प.आ.)
माही सिंग (फोर्तकमिंग आक्ट्रेस)
तो ये रही हुमारी पूरी टीम.

मेरे ठीक सामने बैठा हुवा पॅसेंजर की नज़र एकद्ूम सेंटर पर ही थी. शायद वो समझ चुका था की मैने पनटी नही पहनी है इसलिए ऐसी हरकत कर रही हूँ. और शायद वो हुमारा को पॅसेंजर था. लंबा चौड़ा मुस्लिम मान था वो.

अब कुछ समय में बोर्डिंग स्टार्ट होने वाली थी. मैं सिर को बोलती हूँ सिर एक्सक्यूस मे मैं ज़रा वॉशरूम से आती हूँ. तो पाटिल सिर माना कर देते हैं- अरे अब बोर्डिंग स्टार्ट होने वाली है तुम फ्लाइट में वॉशरूम उसे कर लेना.

मैं सिर की ऑर्डर मान लेती हूँ. तब तक पीयूष सिर मुझसे मेरा बोर्डिंग पास माँगते हैं सीट नंबर देखने के लिए. और वो मेरे हाथ में होता है. मैं वो पीयूष सिर को पीछे की तरफ देने लगती हूँ. और मुझे ज़रा सा भी होश नही रहता की मैं अपना हाथ वहाँ से हटा रही हूँ. जो बोर्डिंग पास मैं उनको दे रही थी मैने उसी से तो ढाका हुआ था दोनो पैरो के बीच के गॅप को.

मैं एकद्ूम से भूल जाती हूँ और उनको दे देती हूँ. पीछे की तरफ शायद उस मान को जो मेरे सामने बैठा हुआ था उसे मेरी नंगी छूट दिख गयी. मैं शुवर नही हूँ बुत 99% ऐसा ही उमीद है.

फिर मुझे एकाएक याद आता है और मैं एकद्ूम से शॉक्ड हो जाती हूँ. तो मैने फाटक से राकेश सिर का बोर्डिंग पास लिया और फिर से उसे पोज़ में कर लिया जैसे पहले किया था.

अब बोर्डिंग स्टार्ट होने की अननौनमेंट होती है हम सब खड़े हो जाते हैं और लाइन में लग जाते हैं. मैं सबसे आयेज होती हूँ और मेरे पीछे पाटिल साहब थे. वो मुझसे एकद्ूम चिपके हुए थे. मुझे ऐसा द्रीस में देख कर वो भी पागल हो गये थे. मुझे उनके प्राइवेट पार्ट की चुभन महसूस हो रही थी.

अब हम लोग अपना बोर्डिंग पास दिखा कर बाइ एर ब्रीज़ फ्लाइट में एंटर करने वेल होते हैं. मैं बहुत संभाल संभाल कर चल रही थी. क्यूंकी दर्द अभिभि उतना ही था और चलने में कठिनाई हो रही थी.

फिर कुछ टाइम के बाद हम सभी फ्लाइट में आ जाते हैं और अपनी सीट ढूँडने लगते हैं. मेरी सीट और राकेश सिर और पाटिल सिर की एक साथ थी. और उन तीनो की अदर साइड में एक साथ सेम रो में.

विंडो सीट की तरफ पाटिल सिर बैठ जाते हैं और राकेश सिर मुझे मिड्ल सीट पे बैठने का इशारा करते हैं. मैं बीच के सीट पे बैठ जाती हूँ और राकेश सिर मेरे बगल में किनारे वाली सीट पे. अब मैं बीच में थी एक तरफ प्रोड्यूसर और दूषी तरफ डाइरेक्टर.

तभी पाटिल साहब बोलते हैं माही तुम्हारे सामने तो ये अरहोस्तेस्स भी कम ही नंगी दिख रही हैं.

मैं ये वर्ड सुन कर शॉक्ड हो जाती हूँ.

फिर भी तोड़ा सा स्माइल दे देती हूँ ताकि पाटिल सिर बुरा ना मान जाएँ.

अब मुझे कुछ रहट थी क्यूंकी अब सामने से मुझे अपना पैरों के गेप को कवर करने की ज़रूरत नही थी.

इस पार्ट में बस इतना ही अब इसके आयेज फ्लाइट में मेरे साथ बहुत बड़ी घटना घाटी. वो घटना क्या थी और दुबई पहुँचने तक फ्लाइट में क्या क्या हुआ. मसकॅट एरपोर्ट पे लयओवेर में मेरे साथ क्या हुआ और मैं कैसे इस दर्द में ट्रॅवेल की. और इसके आयेज मुझे और क्या क्या दर्द मिलने वेल हैं. ये सब आपको बहुत जल्द नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा तब तक के लिए गुड बाइ फ्रेंड्स.

अभी तक की स्टोरी आप सभी को कैसी लगी आप लोग बताएँ मुझे ए-मैल के मध्यम से मेरी ए-मैल ईद है —

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