दोस्ती से चूत चुदाई तक

उसकी चूत तो पहले से गीली थी।
अब मैंने ज्यादा इंतजार नहीं किया और नेहा की चूत के दाने को अपने लंड से छेड़ने लगा।

उसके मुँह से बस यही शब्द निकल रहे थे- और मत तड़पाओ जानू जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में पेल दो।

मैंने भी देर न करते हुए उसकी गांड के नीचे तकिया सैट किया और अपना लंड नेहा की चूत में डाल दिया.. जिससे नेहा दर्द से बिलबिलाते हुए जोर से चीखी- आह्ह्ह्ह ह्हह जानू छोड़ दो मुझे.. बहुत दर्द हो रहा.. प्लीज जानू मत करो ना..

मैं एक झटके के बाद रुक गया नेहा के मम्मों को दबाने लगा और साथ में निप्पलों को उंगली के बीच लेकर मसल देता, जिससे धीरे-धीरे नेहा का दर्द कम हो गया और वो नीचे से अपनी गांड उछालने लगी।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेजी से नेहा को चोदने लगा।
उसकी कमसिन चूत को मैंने बीस मिनट तक चोदा।
इतने में वो दो बार झड़ गई थी।

फिर मैंने लौड़ा निकाल कर यूं ही उसके साथ खेला, इतने में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
एक बार फिर से मैंने देर ना करते हुए उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और हचक हचक कर चोदना शुरू किया।
नेहा हर झटके के साथ गांड उछालती और ताल से ताल मिलाती।

लगभग दस मिनट बाद वो मुझे कस कर पकड़ने लगी और उसने अपनी चूत से कामरस छोड़ दिया। मेरा पानी इतनी जल्दी झड़ने वाला नहीं था।

मैंने नेहा को घोड़ी बनाया और चोदना शुरू किया।
क्यूंकि मैं पहले झड़ चुका था.. इसलिए इस बार देर तक बमफाड़ चुदाई के बावजूद मैं नहीं झड़ा था।

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नेहा दो बार और झड़ गई.. तब मेरा भी पानी निकल गया।

गांड चुदाई
थोड़ी देर चूचों को चूसने और दबाने के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
मैं नेहा को कुतिया बना कर उसकी गांड में उंगली करने लगा।
उसकी गांड का छेद बहुत तंग था। तब थोड़ी सी क्रीम लेकर उसके छेद के अन्दर पूरी गोलाई में घुमा-घुमा कर लगाने लगा।
दारू के नशे में टुन्न नेहा को मजा आ रहा था।

कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरी दो उंगलियां आराम से अन्दर जाने लगी थीं। फिर मैंने धीरे से अपने लंड का टोपा नेहा की गांड के छेद में सैट किया और जोर से पेल दिया।

वो दर्द से तड़फ उठी.. मैंने उसकी चीख को नजरअंदाज कर दिया.. और धकापेल चुदाई करने लगा।

उसकी गांड का कसाव इतना था कि मेरा लंड की थोड़ी सी चमड़ी भी छिल गई और मुझे जलन होने लगी थी। फिर भी चुदाई का इतना सुरूर था कि उसके सामने कोई दर्द पता नहीं चलता।
उसकी गांड में झड़ने के बाद मैं निढाल हो गया था।

अब हम दोनों को नींद आने लगी और हम एक-दूसरे से चिपक कर सो गए। सुबह जब नींद खुली तो हम दोनों ने एक-दूसरे को किस किया और फिर चुदाई का एक दौर चला।

फिर वो शाम को अपने घर चली गई।
अब छह महीने हो गए.. मैं उससे मिला नहीं हूँ।

मेरी कहानी आप सभी पाठक-पाठिकाओं को कैसी लगी।

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