Dost Ki Mummi Ki Bra

उनके मोटे-मोटे मम्मे और उभरी हुई गाण्ड..

उस दिन मैंने पहले बार आंटी को इस नज़र से और घूरते हुए देखा था।

मेरे लिए आंटी पानी ले आईं.. तो मैंने बोला- आंटी ये रहा आपका सामान..

पैकेट पकड़ कर आंटी अन्दर चली गईं, वो थोड़ी देर बाद आकर मेरे सामने बैठ गईं।

मैंने बोला- आंटी पहन कर चैक तो कर लो।
बोलीं- कोई नहीं.. मैं बाद में कर लूँगी।
मैं बोला- आंटी.. आपने बोला था.. पहन कर दिखाओगी..
आंटी बोलीं- नहीं.. मैंने तो नहीं बोला था।

फिर मैं चुप होकर बैठ गया।
आंटी को लगा.. शायद मैं नाराज़ हो गया हूँ।

आंटी बोलीं- क्या हुआ?
मैं बोला- कुछ नहीं.. मूड अपसैट हो गया।
बोलीं- क्यों?
मैं बोला- मैंने कितने ख्वाब देखे थे कि आप ब्रा पहना कर दिखाओगी..
तो आंटी बोलीं- चल मैं अभी आती हूँ.. तू टीवी देख।

करीब 5 मिनट बाद आंटी आईं। वे मेरे सामने नाइट गाउन में आ गईं और बोलीं- ले देख ले।
मैं बोला- दिखाओ..

तो आंटी ने अपना गाउन ऊपर कर दिया और जल्दी से नीचे गिरा दिया। मैं एक मिनट के लिए देखता रह गया। क्या सेक्सी लग रही थीं आंटी।

मैं बोला- आंटी आपने तो जल्दी से गिरा दिया.. कम से कम अच्छे से देखने तो देतीं।
आंटी मना करने लगीं।

मैं हिम्मत करके उठा और आंटी के पास चला गया और बोला- दिखाओ न..
आंटी बोलीं- दिखा तो दिया..
मैं बोला- आंटी पास से देखना है।

आंटी फिर मना करने लगीं.. लेकिन मैं हिम्मत करके आंटी का गाउन ऊपर को उठाने लगा, आंटी बोलीं- रवि प्लीज़ मत करो.. प्लीज़..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

यह कहानी भी पड़े  यार ने बहन को नंगी किया

लेकिन मैं नहीं माना, मैंने आंटी को बिस्तर पर लेटा दिया और उनका गाउन पूरा ऊपर कर दिया।
आंटी मना करती रहीं और मैं आंटी का गाउन ऊपर करता रहा।

धीरे-धीरे मैंने आंटी का गाउन पूरा ऊपर कर दिया। अब आंटी मेरे सामने उसी वाइट ब्रा में थीं.. जो मैं खरीद कर लाया था।
उन्होंने स्किन कलर की पैन्टी पहनी हुई थी।
आंटी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपना गाउन नीचे करने के कोशिश करती रहीं।

मैंने हिम्मत करके आंटी के मम्मों पर हाथ रख दिया और आंटी के दूसरे मम्मे पर किस करने लगा।
आंटी मना करने लगीं.. लेकिन मैं बोला- आंटी आज मना मत करो..

आंटी की चूत

धीरे-धीरे आंटी ने अपने आपको ढीला छोड़ दिया। मैंने एक हाथ आंटी की चूत पर रख दिया और पैन्टी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा।

अब आंटी कुछ नहीं बोल रही थीं.. शायद वो गर्म हो रही थीं।
मैं अनकंट्रोल हो चुका था। मैंने जल्दी से अपनी शर्ट, पैंट और बनियान उतारकर अंडरवियर में हो गया और आंटी के ऊपर चढ़ गया। अब मैं आंटी के मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही सक करने लगा और आंटी की चूत पर अपना लण्ड को सैट करके बैठकर हल्के-हल्के रगड़ने लगा।

आंटी मस्त हो गईं तो मैंने आंटी के गाउन को पूरा निकाल दिया और आंटी की ब्रा खोल दी।
उनके गोरे-गोरे मम्मों को देख कर मैं पागल सा हो गया, मैं उनके चूचों को और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा।

आंटी बोलीं- रवि आराम से करो.. काटो मत..

यह कहानी भी पड़े  दामाद ने उतरवाए एक-एक करके सास के कपड़े

मैं आंटी के होंठों पर किस करने लगा.. कुछ मिनट किस करने के बाद मैं वापिस चूचे चूसने लगा और ‘बूब-सकिंग’ करते-करते मैं आंटी की नाभि पर जीभ फेरने लगा.. तो आंटी मचलने लगीं।

Pages: 1 2 3 4

error: Content is protected !!