मैं तो जैसे जन्नत में ही पहुँच गया। एक तो दारू का नशा.. ऊपर से मेरे लण्ड की मस्त चुसाई हो रही थी।
मैंने उसके सर को पकड़ कर पूरा का पूरा लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया.. उसकी तो आँखें बाहर आने को हो गईं।
वो ज़ोर-ज़ोर खांसने लगी, मैंने जल्दी-जल्दी चार-पाँच झटके मारे और लौड़े को बाहर निकाल लिया।
वो कहने लगी- क्या करते हो राहुल.. तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी.. भला कोई ऐसा भी करता है क्या.. किसी के साथ? एक तो तुम्हारा इतना बड़ा वैसे ही अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने कहा- अले..ले..ले जानू.. नालाज़ ना हो.. याल.. सॉरी..
अब उसे फिर लौड़ा चूसने के लिए मैंने बोला तो वो हँस दी और लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने में लग गई।
मेरे मुँह से आपने आप ही आवाजें आने लगीं।
‘ओह मीना डार्लिंग.. सच में यार तुम तो बड़ी मजेदार लण्ड चूसती हो.. ओह.. आआहह उम्म्म्म.. और ज़ोर से चूसो.. डार्लिंग खा जाओ इसे।
मैं तो जैसे सातवें आसमान से आठवें पर पहुँच गया था।
लम्बी लण्ड चुसाई के बाद मैंने उसको लेटाया और एक तकिया उसकी गाण्ड के नीचे रखा। उसके पैरों को अपने कंधे पर रखा। लण्ड को उसकी चूत के मुहाने पर सैट किया और एक ज़ोर का धक्का मारा। उसके मुँह से चीख निकल गई।
वो बोलने लगी- आराम से नहीं डाल सकते.. मैं काफ़ी दिनों के बाद चुदवा रही हूँ.. प्लीज़ राहुल दर्द हो रहा है.. आराम से चोदो न..
मैं उसे किस करते हुए लण्ड को आगे-पीछे कर रहा था और धीरे-धीरे पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर पहुँच गया।
अब मैं पोजीशन को संभालते हुए अपनी स्पीड को बढ़ाने लगा। उसके मुँह से आवाजें आनी चालू हो गई ‘ओह्ह्ह्ह्ह्.. आअहह.. उम्म्म्म.. और ज़ोर से राहुल उम्म्म्म.. आई..’
उसकी आवाजें सुनकर मेरा भी जोश बढ़ने लगा और मैं ज़ोरों से धक्के मारने लगा।
मैं भी अब अपने पूरे सुरूर में था और उसको गाली देते चुदाई कर रहा था। मैंने उसकी गाण्ड पर एक चपत लगाते हुए कहा- ले साली रंडी.. ले और ले.. आज तेरी इस चूत का मैं भोसड़ा बना दूँगा.. उम्म्म्म.. आआहह.. ले साली मादरचोद।
वो भी गाली पर उतर आई।
‘साले भड़वे.. चोद हरामी.. कितना दम है तुझमें.. सारा ज़ोर लगा के चोद डाल अपनी इस रंडी की चूत को.. आह्ह.. बहुत परेशान कर रखा है इसने.. उम्म्म्म.. आअहह.. और तेज राहुल.. और तेज..’
तकरीबन सात-आठ मिनट जबरदस्त चुदाई के बाद मेरा निकालने वाला था और मैं पूरी ताकत से ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसका भी होने वाला था वो भी कह रही थी।
‘और तेज राहुल.. और तेज और..’
और साली छिनाल मेरे हाथ को काटते हुए एकदम से इठ गई.. और हम दोनों एक साथ झड़ गए। काफ़ी देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा।
भाभी की गांड
उस दिन मैंने उसकी तीन घंटे में लगातार बार-बार जोरदार तरीके से चुदाई की.. पर साली ने गांड नहीं मरवाई।
कहने लगी- तुम्हारा बहुत बड़ा है.. मैं गांड में नहीं झेल पाऊँगी।
मुझे बड़ा गुस्सा आया, यार जिसकी मुझे ज़्यादा चाह थी.. वही मुझे नहीं मिली।
कुछ समय आराम करने के बाद हम दोनों जाने को तैयार हो गए।
चलते समय उसने मुझे बताया- ऐसी चुदाई मेरी आज तक किसी ने नहीं की.. आई लव यू.. राहुल।
फिर एक लंबा सा चूमा लेकर हम दोनों बाहर आ गए।
अपनी इस चुदाई से मैं काफ़ी खुश था और मज़ा भी बहुत आया। मैंने मीना को चार बार और चोदा।
दोस्तो आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल ज़रूर करना। आगे मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने गोआ में एक लड़की को चोदा। वो सब अगली कहानी में.. तब तक के लिए अलविदा दोस्तो.. अपने लण्ड और चूतों का ख्याल रखना।
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