दोस्त की गफ़ को चोद कर उसकी बोलती बंद करने की कहानी

हेलो दोस्तों, अगर आपने पहला पार्ट नही पढ़ा है, तो ज़रूर पढ़ ले. तभी आपको 2 पार्ट समझ आएगा. तो छाईए मेरे रियल इन्सिडेंट को कंटिन्यू करते है.

मुझे अब बहुत गुस्सा आ रहा था. मैने अपनी पंत नीचे की, और अपना 7 इंच का लंड शीतल के मूह में तूस दिया. मैं उसके बाल पकड़ के अपना लंड उसके गले तक उतारने लगा. यार सब इतनी जल्दी हुआ की शीतल को सोचने समझने का भी टाइम नही मिला. उसकी आँखों में आँसू आ गये थे.

शीतल मुझे हाथो से इशारा करते हुए बोल रही थी लंड बाहर निकालने को. लेकिन मैं नही माना, बस बीच-बीच में कुछ सेकेंड्स के लिए मैं अपना लंड बाहर निकालता(ताकि वो साँस ले सके), और फिरसे शीतल के मूह में डाल देता.

5 मिनिट तक बुरी तरह से लंड चुसवाने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला. शीतल की हालत कराब हो गयी थी, और उसकी आखों से आसू निकल रहे थे.

शीतल(हानफते हुए बोली): ऐसे कोई करता है भला?

मे: तूने ही तो बोला था, फेकू हू मैं. तो तेरे को बतानी तो पड़ेगी ना मेरे लंड की ताक़त.

शीतल: लेकिन फिर भी, एक-दूं से तूने मेरे मूह में डाल दिया. मुझे वॉमिटिंग जैसा हो रहा था. और तू जो बाल पकड़ रखा था, कितना दर्द हो रहा था मुझे. मैने तेरे को माना भी कर रही थी. तू तो सुनने को ही तैयार नही था.

मे: हाहाहा ये तो अब शुरुआत है. तू जल्दी से 1-2 पॅक मार ले.

शीतल ने 2 पॅक लगा लिए. फिर मैने उसको लीप पर किस करना चालू किया, और साथ ही साथ मैं शीतल की छूट मसल रहा था, और वो मेरे लंड को उपर-नीचे कर रही थी.

उसके बाद मैने नीचे ज़मीन पर गद्दा बिछाया, और लेट गया. फिर शीतल को लंड चूसने को कहा. इस बार शीतल काफ़ी आचे से मेरे लंड को चूस रही थी. मैं उसके छ्होटे बूब्स को भी प्रेस कर रहा था.

फिर मैने लंड पे कॉंडम लगाया, और शीतल को लिटा के उसके पैर चौड़े कर दिए. मैने एक ही झटके में अपना पूरा लंड शीतल की छूट में डाल दिया, जिससे की वो चिल्ला उठी. इसलिए मैने उसके मूह में रुमाल डाल दिया की ज़्यादा आवाज़ ना हो.

मैं भी फुल स्पीड से शीतल की छूट मारने लगा. बीच-बीच में रुमाल निकाल कर उसको किस भी कर रहा था. शीतल को दर्द भी हो रहा था. लेकिन मज़ा भी उतना ही ले रही थी वो. चूत से पानी भी निकल रहा था उसकी, और मैं लंड तेज़ी से आयेज-पीछे कर रहा था. इसलिए रूम के अंदर पच-पच की आवाज़ गूँज रही थी.

वैसे ही करते हुए मैने शीतल को अपनी गोद में उठा लिया, और खड़े हो कर उसको छोड़ने लगा. शीतल भी ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी. उठे में ही मेरे किरायेदार की कॉल आई मेरे फोन पर. मैने थोड़ी देर के लिए चुदाई रोक दी, और फोन पिक किया.

राजू भैया: आबे सोनू, क्या कर रहा है तू रूम के अंदर?

मे: सेक्स कर रहा हू भैया.

राजू भैया: भोंसड़ी के, फिर क्या तू पूरी दुनिया को बताएगा क्या, की तू सेक्स कर रहा है? रात हो गयी है. मेरे रूम तक आवाज़ आ रही है बहनचोड़. तेरी भाभी भी बोल रही है की आवाज़ कहा से आ रही है.

राजू भैया: मैने कुछ भी बोल कर बात को ताल दिया है. आराम से कर. रूम के बाहर आवाज़ नही आनी चाहिए. नही तो प्राब्लम क्रियेट हो जाएगी तेरे लिए. फिर मैं भी कुछ नही कर पौँगा.

मे: ठीक है भैया. मैं ध्यान रखूँगा, और थॅंक योउ आपने बता दिया (बात ऐसी है की राजू भैया भी बड़े चुड़क्कड़ इंसान है. वो काई बार मेरे रूम पर औरतों को ला कर छोड़ते है. इसलिए हमारे बीच काफ़ी अची दोस्ती है).

मे: देख ले तू इतनी आवाज़ कर रही है की रूम के बाहर तेरी आवाज़ जेया रही है.

शीतल: अब तू ऐसे जानवर की तरह करेगा, तो मैं क्या ही करूँगी?

मे: ठीक है, अब मैं तोड़ा सा आराम से ही करूँगा.

उसके बाद मैने शीतल को लिटा दिया, और उसकी गीली खाली छूट के अंदर जीभ डाल कर आचे से चाटने लगा.

शीतल(मेरे मूह उसकी छूट अंदर दबाते हुआ बोली): उम्म्म ह्म और ज़ोर से कर आहह.

शीतल ने मेरे सर को दोनो हाथो से पकड़ के अपनी छूट में दबा दिया, और ज़ोर-ज़ोर से मोनिंग करते हुए मेरे मूह के अंदर अपना पानी निकाल दिया. मैने भी उसकी छूट को आचे से चाट कर सॉफ कर दिया.

फिर लंड से कॉंडम निकाल कर नया कॉंडम लगा लिया. उसके बाद शीतल भी मेरे उपर आ गयी, और लंड को अपनी छूट में तोड़ा सा मसल कर छूट के अंदर ले लिया. शीतल मुझे लीप-किस करते हुए अपनी गांद उपर-नीचे करने लगी. रूम में ठप-ठप की आवाज़ गूँज रही थी.

5 मिनिट बाद हमने पोज़िशन चेंज की. शीतल को मैने घोड़ी बनने को कहा. फिर मैने भी पीछे से उसकी छूट में लंड घुसा दिया, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट मारने लगा. मैं शीतल की गांद में दो उंगली डाल कर आयेज-पीछे करने लगा.

शीतल: आअहह ह्म.

डॉगी स्टाइल में करते-करते शीतल को मैने पेट के बाल लिटा दिया, और उसकी छूट पीछे से मारने लगा. करीबन 13-15 मिनिट बाद मेरा भी पानी निकालने वाला था. फिर मैने शीतल को सीधा किया, और कॉंडम निकाल दिया, और उसको लंड चूसने को कहा.

शीतल: स्पर्म मूह के अंदर मत निकालना बस.

मे: निकालना है, इसलिए तो लंड तेरे मूह में दिया हू. अब मुझे नाराज़ मत कर प्लीज़.

मैने जैसे-तैसे शीतल को राज़ी कर दिया. फिर मैने अपना लंड उसके मूह में डाल दिया, और उसके मूह को छोड़ने लगा. कुछ मिनिट बाद मैने अपना सारा पानी शीतल के मूह में निकाल दिया, और जल्दी से उसका मूह अपने हाथो से बंद कर दिया, ताकि वो पानी को अपने मूह से ना निकाले.

शीतल को भी मजबूरी में मेरा पानी पीना पढ़ा. थोड़ी देर बाद शीतल ने बॉटल से पानी पिया, और मुझे बोली-

शीतल: यार सोनू, ऐसा थोड़ी होता है. एक तो मेरे माना करने के बाद भी तूने मेरे मूह में स्पर्म निकाल दिया. फिर उसको थूकने भी नही दिया.

मे: हा तो जब तू अपनी छूट चटवा रही थी, तूने भी तो मेरे मूह में पानी निकाला ना. मैने भी अपना पानी तेरे मूह में निकाल दिया. वैसे कभी स्पर्म टेसटे किया है तूने?

शीतल: नही, पहली बार, वो भी तूने मेरे मूह के अंदर निकाला है. स्पर्म का कोई टेस्ट तो कुछ ख़ास नही लगा मुझे. बस तोड़ा सा नमकीन से लग रहा था.

मे: ओह अछा, शीतल सच बताना कैसा लगा तेरे को मेरे साथ सेक्स करके?

शीतल: आसम एक्सपीरियेन्स है यार सोनू तेरे साथ तो. मेरे एXस ने भी कभी मुझे इस तरीके से खुश नही किया है. लेकिन आज पहली बार ऐसा लगा की सेक्स किया है किसी के साथ मैने.

मे: ओह ऐसा है क्या? चल इसी बात पर आज का डिन्नर तेरी तरफ से फिर?

शीतल: हा ज़रूर यार.

फिर शीतल ने रात के 2 बजे ऑनलाइन फुड ऑर्डर किया. और फिर हम दोनो एक-दूसरे को प्यार करते हुए दारू पीने लगे. करीबन 3 बजे खाना आ गया. 3:30 बजे तक हमने खाना फिनिश कर दिया.

मे(अपना लंड मसालते हुआ): चल शीतल रेडी है तू सेकेंड रौंद के लिए?

शीतल: नही यार, मैं बहुत तक गयी हू. मुझे सोना है अब.

मे: यार अभी तू मेरे साथ है. बाद में सो लेना. अब बस हर मूव्मेंट का मज़ा ले. वैसे भी मैं अब प्यार से ही करूँगा.

शीतल: ठीक है जल्दी करना लेकिन.

फिर मैने शीतल की गर्दन पे किस करने चालू किए. धीरे-धीरे मैं उसकी बॉडी को चाटने लगा. शीतल ने अपनी आँखें बंद कर ली थी. ऐसे ही करते-करते मैं उसकी छूट पर आया और शीतल की छूट में उंगली डाल कर छूट को चाटने लगा. अपनी जीभ अंदर डाल कर ज़ोर-ज़ोर से उपर-नीचे करने लगा.

शीतल: ह्म सोनू, ऐसे ही करते रहो.

उसके बाद मैं शीतल के उपर आ गया, और उसके मूह के सामने अपना लंड रखा. शीतल लंड को मूह में ले रही थी, और मैं फिरसे उसकी छूट चाटने लगा (हम दोनो अब 69 पोज़िशन में थे).

15 मिनिट तक हमने ओरल किया. उसके बाद मैं उठा, और फिरसे एक नया कॉंडम अपने लंड पर लगाया. मैने थोड़ी सी थूक शीतल की छूट पर लगाई, और अपना लंड डाल दिया (हम तब मिशनरी पोज़िशन में थे).

आराम-आराम से मैं शीतल की छूट में झटके मारने लगा. वो मेरे पेट को और गांद पे अपने हाथ फेर रही थी.

शीतल: आहह आहह ह्म्‍म्म्म.

काफ़ी टाइम तक वैसे करते-करते मैं भी अब तक गया था. मैने शीतल को लंड की सवारी करने का इशारा किया. वो जल्दी से मेरे लंड के उपर आ गयी, और अपनी छूट के अंदर मेरा लंड लिया. अब शीतल मेरे उपर लेट गयी, और आराम-आराम से आयेज-पीछे होने लगी.

करीबन 20 मिनिट तक ऐसे ही करने के बाद मेरा भी होने वाला था. फिर मैने जल्दी से शीतल को लिटा दिया, और उसके उपर चढ़ गया और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा छूट में. फिर एक-दूं से मैने छूट के अंदर पानी निकाल दिया (कॉंडम लगा रखा था दोस्तों).

मैने टाइम देखा सुबा के 4:30 बाज रहे थे. फिर मैने कॉंडम निकाल कर साइड रख दिया, और अंडरवेर पहन लिया, और शीतल को मैने अपनी लोवर और त-शर्ट निकाल कर दी पहनने के लिए. शीतल मेरे बाजू में लेट गयी.

शीतल(धीमी आवाज़ में बोली): सच में सोनू, तूने आज बहुत मज़ा दिया मुझे, और साथ ही साथ तका भी दिया. और एक तरफ यार गान्डू कार्तिक से कुछ भी हुआ नही, और बस दारू पी कर सो गया. देख कैसे सांड़ की तरह सो रहा है.

मे: अभी स्टार्टिंग ही है उसकी. इतना एक्सपीरियेन्स नही है उसको. टाइम के साथ-साथ हो जाएगा. पहली बार तो उसने छूट के दर्शन किए है. अब उसको फालतू में तू कुछ बोलती मत बैठा, और ना ही किसी को बताना. क्यूंकी यार जैसे भी है, मेरा अछा दोस्त है कार्तिक.

शीतल: चल ठीक है. तेरी बात रखती हू मैं, और कुछ नही बोलूँगी उसको प्रॉमिस.

मे: ओक.

फिर शीतल ने मुझे लीप पर किस किया, और हम एक-दूसरे को हग करके सो गये. सुबा 10 बजे कार्तिक ने हम दोनो को उठाया, लेकिन वो कुछ ज़्यादा बात नही कर रहा था. फिर शीतल और कार्तिक फ्रेश हो कर मेरे रूम से निकल गये.

इसके बाद शीतल ने मुझे कॉलेज की सीनियर और जूनियर्स की छूट दिलवाने में हेल्प की, और हमने काफ़ी बार मिल कर थ्रीसम भी किया(वो सब कभी आने वाली स्टोरी में आपके साथ शेर करूँगा). शीतल ने कभी भी मुझे सेक्स के लिए माना नही किया.

तो यही थी दोस्तों मेरी ज़िंदगी की सॅकी घटना, जो की आपके साथ शेर की.

अगर देल्ही में किसी गर्ल, कपल्स, आंटी, भाभी को सॅटिस्फॅक्षन चाहिए, तो मुझे मैल कर सकते है. मुझे बस एक अछा एक्सपीरियेन्स और मज़े करने और सामने वालो को मज़े देने से ही मतलब होता है.

आपकी प्राइवसी का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा (अनसॅटिस्फाइड विमन को सॅटिस्फाइ करना मेरी स्पेशॅलिटी है). मुझे अपनी फीडबॅक ज़रूर देना


















यह कहानी भी पड़े  अंजान आदमी की बीवी की चुदाई


error: Content is protected !!