दोस्त की चुदासी बीवी की गांड फाड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अरुण है। आज में आपको मेरा एक नया वाक्या सुनाने जा रहा हूँ। में जिस कंपनी में काम करता हूँ वहाँ हम सब हर रविवार को क्रिकेट खेलते है। उस फेक्ट्री के सामने बहुत बड़ी खाली जगह है, वहाँ हम सब क्रिकेट खेलते है। यह मैंने आपको इसलिए बताया है कि आज की इस स्टोरी इसी बात से जुड़ी हुई है। मेरी कंपनी में मेरा एक दोस्त भी है महेश। मेरा महेश के घर आना जाना लगा रहता है। महेश की शादी को 2 साल हुए है, उसकी बीवी सोनिया को जब मैंने पहली बार देखा तो उसको देखता ही रह गया था, उसका फिगर साईज 36-26-36 है, वो दिखने में बहुत गोरी है, लंबे बाल। उसको देखते ही मेरे लंड ने इशारा किया था, लेकिन अपनी किस्मत कहाँ? अब में जब भी महेश के घर जाता तो सोनिया को चोर नजरो से देखता रहता था। उसके बूब्स, होंठ, खासकर जब वो साड़ी पहनती थी तो उसकी नाभि देखने का मन करता था और फिर में घर आकर उसके नाम की मुठ जरूर मारता था, लेकिन ऊपर वाले के घर में देर है अंधेर नहीं।

अब उसे भी मेरी इस हालत पर शायद तरस आ गया था। फिर एक दिन में क्रिकेट खेलने गया तो मैंने देखा कि सब आए है, लेकिन महेश नहीं आया था। फिर मैंने उस दिन खेल ख़त्म करके महेश के घर की तरफ अपनी बाइक घुमा दी और महेश के घर पहुँचा। फिर बैल बजाने पर सोनिया ने दरवाजा खोला, उसने टॉप और स्कर्ट पहना हुआ था। उसका टॉप लो कट नेक वाला था, उसका टॉप टाईट होने की वजह से में उसकी सेक्सी फिगर को महसूस कर सकता था। अब मेरी नजर उसके अंगो पर घूम रही थी। तो यह देखकर उसने स्माइल दी और चुटकी बजाकर कहा कि जागो मोहन प्यारे कहाँ खो गये? फिर में तो हमेशा की तरह अंदर चला गया और सोनिया को हाए किया और महेश को आवाज लगाने लगा। तो तभी सोनिया ने बताया कि महेश तो कंपनी टूर पर 2 दिन के लिए बैंगलोर गया हुआ है। तो तब मैंने पूछा कब? कल तो मेरे साथ था। तो तभी सोनिया बोली कि रात में सर का फोन आया था कि वहाँ की फेक्ट्री में कुछ प्रोब्लम हो गयी है, तो उनको रात की फ्लाइट से जाना पड़ा। फिर मैंने कहा ठीक है तो में चलता हूँ, मैंने सोचा था कि आज महेश के घर भाभी के हाथ का नाश्ता मिलेगा। तो तभी सोनिया बोली कि महेश नहीं है तो क्या में तुम्हें नाश्ता नहीं दूँगी? तुम बैठो, में नाश्ता तैयार करती हूँ। तो मैंने कहा कि भाभी, में अकेला यहाँ बैठकर क्या करूँगा? आपको ऐतराज ना हो तो आपके साथ किचन में चलूँ? तो उसने मेरी तरफ देखकर स्माइल की और आने को कहा। फिर हम दोनों किचन में गये, फिर वो वहाँ हम दोनों के लिए नाश्ता और चाय बनाने लगी। अब कभी-कभी वो नीचे झुकती तो मुझे उसके बड़े-बड़े बूब्स नजर आ जाते थे।

फिर थोड़ी देर में नाश्ता तैयार हो गया। फिर हमने नाश्ता किया और फिर उसके बाद में में सोफे पर बैठा। फिर मैंने कहा कि ये क्रिकेट खेलने के बाद पूरा बदन दर्द होता है, महेश को तो आप मसाज कर देती होगी है ना? तो तभी सोनिया ने मेरे पास आकर मेरे कंधो पर मसाज देते हुए कहा कि नहीं महेश ने कभी ऐसी शिकायत की ही नहीं और फिर मुझे पीछे से खींचकर सोफे पर लेटा दिया और मेरी छाती पर मसाज करने लगी थी। अब उसके बूब्स सीधे मेरे मुँह पर आ रहे थे। फिर तभी मैंने कहा कि भाभी ये आप क्या कर रही है? आप मेरे दोस्त की बीवी है। तो उसने कहा कि अरुण मज़ाक मत करो, तुम भी मन ही मन में मुझे कितनी बार चोद चुके हो, में तुम्हारी इच्छा को हक़ीकत में बदलने जा रही हूँ, मैंने जब से तुम्हारे कसरती बदन को देखा है तब से तुम से तुम्हारे इस लंड से चुदवाने का मन कर रहा है, आज मौका मिला है, अब में इसे जाने नहीं देना चाहती हूँ, प्लीज तुम आज मुझे पूरा दिन अपने लंड से चोदो, प्लीज अरुण चोदोगे ना?

फिर मैंने उसकी नजरो में वासना भड़की हुई देखी तो में खड़ा हुआ और उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए। फिर उसके होंठ चूसते-चूसते में उसे बेडरूम में ले गया और बेडरूम में जाकर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और ऊपर से ही उसके हर एक अंग को चूमने लगा था। अब वो बोल रही थी कितना तड़पाया है तुमने मुझे अरुण? पूरे 2 साल तक सामने आते रहे और कुछ किया नहीं, में तो महेश के साथ भी तुम्हें सोचकर चुदवाती हूँ। फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया और उसकी स्कर्ट भी निकाल दी। अब वो मेरे सामने ब्रा पेंटी में थी। फिर मैंने अपना ट्रेकसूट निकाल दिया। अब में अंडरवेयर में ही था, तो उसने वो भी निकाल दिया और मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी थी। अब मेरा लंड पूरी तरह से तन गया था।

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फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकालकर कहा कि वाउ अरुण ये तो सच में बहुत मस्त है। फिर मैंने उसे धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और फिर उसकी ब्रा पेंटी निकाल दी और उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया था। अब में उसकी चूत चूसने लगा था। फिर मैंने करीब 20 मिनट तक उसकी चूत चाटी, चूसी। अब वो बेकाबू हो गयी थी, अब वो बोल रही थी अरुण अब मत तड़पाओ, प्लीज चोदो मुझे, अरुण प्लीज चोदो और ऐसा बोलकर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा रही थी। अब मैंने मेरी पूरी जीभ उसकी चूत में घुसा दी थी। अब उसकी चूत 2 बार अपना रस छोड़ चुकी थी। फिर में उसके ऊपर आया और उसके होंठो को चूसने लगा था। अब मेरे हाथ उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहे थे। अब में एकदम वहशी हो गया था। फिर में उसके होंठो को चूसने के बाद उसके बूब्स को चूसने लगा और फिर उसकी नाभि को सक करने लगा था।

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फिर मैंने उससे कहा कि सोनिया तुम्हारी इस नाभि को देखकर मैंने 2 साल में अपना 1 लीटर वीर्य बहा दिया होगा, इसने मुझे बहुत तड़पाया है, आज में इसे नहीं छोड़ूँगा और फिर में उसकी नाभि में अपनी जीभ डालकर उसे चूसने लगा। अब सोनिया काबू से बाहर हो गयी थी। अब मैंने देर करना ठीक नहीं समझा और उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। तो उसके मुँह से आआहह निकल गया। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए। अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। अब मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा रखे थे और धक्के मार रहा था। अब वो बोल रही थी अरुण आज मेरी चूत को शांति मिली है, चोदो मुझे और ज़ोर-जोर से चोदो मुझे, आज से जब तक तुम्हारी शादी नहीं होती तब तक मुझे अपनी बीवी समझो, जब चाहे चोदो मुझे, में हमेशा तैयार हूँ अरुण, मज़ा आ गया अरुण, चोदो मुझे। फिर 30 मिनट तक उसको चोदने के बाद में झड़ गया। अब इस दौरान वो 4 बार झड़ चुकी थी। अब में उसके ऊपर ही ढेर हो गया था।

अब वो मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी। फिर उसने कहा कि अरुण तुम हमेशा मुझे चोदने के बारे में सोचते थे, तो कभी इशारा क्यों नहीं किया? तो मैंने कहा कि डर लगता था, तुम मेरे दोस्त की बीवी हो, तुम बुरा मान जाओ या महेश को पता चले तो? इसलिए लेकिन तुम्हें पता था कि में तुम्हारे बारे में यह सोचता हूँ? तो तभी सोनिया बोली कि हाँ, क्योंकि तुम्हारी नजर हमेशा मेरी नाभि या मेरे बूब्स या मेरी कमर में पड़ते बल पर ही होती थी और इसी वजह से आज मैंने समय गंवाया नहीं। तो तब मैंने कहा कि अब में भी समय नहीं गंवाना चाहता हूँ और फिर में अपने होंठ फिर से उसके होंठो पर रखकर उसके होंठो को चूसने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा था। अब मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर था। अब हम दोनों फिर से गर्म हो गये थे। अब में एक बार फिर से उसकी चूत चाटने नीचे चला गया था और फिर मैंने मेरी जीभ उसकी चूत में घुसा दी। फिर थोड़ी देर के बाद वो उछलने लगी और कहने लगी अरुण आ जाओ ऊपर, अब डाल दो अपना लंड अंदर।

फिर में उसके बाजू में लेट गया और उसे अपने ऊपर बैठकर चुदवाने को कहा, तो उसने ऐसा ही किया। अब वो मेरे ऊपर आकर हॉर्स राइडिंग की तरह उछल-उछलकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी थी। अब में उसके दोनों बूब्स को दबाता, चूसता, उसकी गांड पर थप्पड़ मार रहा था। अब वो इतनी गर्म थी कि खुद ही अपने बूब्स को दबा रही थी। तो तभी मैंने अपनी 3 उंगलियाँ उसके मुँह में दे दी, तो वो उसे चूसने लगी, जैसे मेरा लंड चूस रही हो और फिर वो थोड़ी देर में ही शांत हो गयी। फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया। फिर मैंने उसका एक पैर अपने कंधे पर ले लिया और एक नीच बेड पर रखा। फिर मैंने अपना लंड फिर से उसकी चूत में डाला तो उसके मुँह सिसकारियां निकल गयी। अब में उसे धक्के देने लगा था। फिर में धक्के देते गया और वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने को कहती रही और अब में उसे चोद रहा था। मैंने मेरी जिंदगी में ऐसी सेक्सी औरत आज तक नहीं देखी, सही में ऐसी सेक्स की भूख किसी को नहीं होगी।

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फिर 30 मिनट तक उसको चोदने के बाद में झड़ गया। अब सोनिया भी 4-5 बाद झड़ चुकी थी। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने मोबाईल से खाने का ऑर्डर दिया और फिर वो नहाने चली गयी। फिर मैंने फोन रखा और देखा तो बाथरूम का दरवाजा खुला था, तो में भी उसके पीछे बाथरूम में चला गया। अब वो दूसरी तरफ अपना मुँह करके शॉवर के नीचे नहा रही थी। फिर तभी मैंने पीछे से जाकर उसके बूब्स को पकड़ लिया और उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा था। अब मेरे होंठ उसके होंठो को चूसने लगे थे। अब मेरा एक हाथ उसके को बूब्स दबा रहा था और एक हाथ उसके पेट और कमर पर था, जो उसकी नाभि को सहला रहा था।

अब मेरा लंड फिर से टाईट हो गया था। फिर मैंने साबुन लिया और उसके पूरे बदन पर साबुन मल दिया, उसकी गांड के छेद पर भी और मेरे लंड पर भी। फिर मैंने धीरे से उसके दोनों पैरो को फैला दिया और उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया तो उसके मुँह से चीख निकल गयी आह में मरररर गयी, हाइईईईईई माँ, आआ अरुण, ये क्या किया? फाड़ दी मेरी गांड। फिर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया और धक्के देने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ। अब वो भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी थी और उसके मुँह से आआअहह, आआआहह की आवाजें निकल रही थी। फिर 20 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद मैंने उसकी गांड मेरे वीर्य से भर दी। फिर मैंने जैसे ही अपना लंड उसकी गांड में से बाहर निकाला। तो तभी वो मेरी तरफ घुमी और बोली कि गांड मार ली और आग भड़का दी, अब इसे शांत करो। फिर तभी मैंने उसका एक पैर वाशबेसिन पर रखा और उसे आगे की तरफ झुका दिया और उसकी चूत में मेरा लंड डाल दिया।

अब वो ऐसा करके खूब इन्जॉय कर रही थी, मैंने इस बार उसका पानी 3 बार बहाया था। फिर में भी शांत हुआ और फिर हम दोनों साथ में नहाए और फिर हम नाहकर कपड़े पहनकर ड्रॉइग रूम में आए। फिर मैंने एक ब्लू फिल्म की सी.डी लगाई। फिर थोड़ी देर के बाद बेल बजी तो मैंने टी.वी बंद की और दरवाजा खोला तो बाहर होटल से खाना आ गया था। फिर हमने खाना खाया और खाना ख़ाने के बाद सी.डी फिर से शुरू की। अब सी.डी देखकर हम दोनों फिर से गर्म हो गये थे। अब सोनिया मेरी गोद में ही बैठी थी और में उसके बूब्स दबा रहा था। अब हम लोग वही शुरू हो गये थे। फिर उस दिन मैंने पूरे 24 घंटे उसे चोदा और दूसरे दिन ऑफीस से छुट्टी ले ली। फिर देर तक सोने के बाद में उठा तो मैंने देखा कि सोनिया मेरी बाँहों में नंगी ही सो रही थी। फिर हमने सोमवार के पूरे दिन भी सेक्स इन्जॉय किया। अब मंगलवार को महेश आने वाला था इसलिए में जल्दी सुबह 5 बजे ही अपने घर के लिए निकल गया था। फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने चुदाई का भरपूर आनंद लिया ।।



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